ELSS Full Form in Hindi




ELSS Full Form in Hindi - ELSS की पूरी जानकारी?

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ELSS Full form in Hindi

ELSS की फुल फॉर्म “Equity Linked Saving Scheme” होती है, ELSS को हिंदी में “इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम” कहते है. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) एक ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उत्पादों में निवेश करता है. वे म्यूचुअल फंड के बीच एक विशेष श्रेणी हैं जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत कर कटौती के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं. परिणामस्वरूप, उन्हें टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड के रूप में जाना जाता है.

Equity-Linked savings स्कीम को open-ended, diversified equity स्कीम के नाम से भी जाना जाता है है जो म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी से मिलता है. इसका मतलब Equity Linked Saving Scheme एक diversified Equity फण्ड है जो अपने अधिकतर सेक्टर को इक्विटी में इन्वेस्ट करता है. ELSS, आयकर नियम 80c के तहत होने वाली बहुत ही फेमस स्कीम है. जिसमे टैक्स की सेविंग भी होती है . तो यदि कोई भी इन्वेस्टर इसके अंदर इन्वेस्टमेंट करना चाहता है तो इसे स्कीम के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिएक्योंकि यह एक थोड़ा रिस्क वाला इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है लेकिन इसके अंदर इन्वेस्टमेंट करने के बहुत से बेनीफिट भी है. इसलिए आज बहुत से इन्वेस्टर इसके अंदर इन्वेस्टमेंट करते है. लेकिन अच्छी इनफार्मेशन के बाद ही इन्वेस्टमेंट करते है ELSS Details In Hindi

What Is ELSS In Hindi

अगर टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड ELSS में निवेश करना चाहते हैं तो पहले कुछ बातों को समझ लेना आपके लिए जरूरी है. ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम टैक्स बचाने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देती है. एक वित्त वर्ष में इन योजनाओं में आप 1.5 लाख रु तक निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि ईएलएसएस में निवेश की कोई लिमिट नहीं है. ELSS में टैक्स बचत के लिए दूसरे परंपरागत निवेश के साधनों मसलन FD, NSC, KVP के मुकाबले बेहतर रिटर्न भी मिल रहा है. पिछले 5 साल की तुलना करें तो ELSS स्कीम में औसत रिटर्न 13 फीसदी रहा है. जबकि अलग अलग फंड का रिटर्न 20 से 24 फीसदी तक रहा है. यानी किसी बड़े बैंक की एफडी की तुलना में करीब 4 गुना तक ज्यादा फायदा.

ELSS यानि Equity Linked Savings Schemeएक ऐसा म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जो इन्वेस्टमेंट के साथ एक टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है ELSS एक diversified equity म्यूच्यूअल फण्ड ऑप्शन है जो अपने corpus फंड का maximum पार्ट को इक्विटी में इन्वेस्टमेंट करता है और डाइवर्सिफाइड इक्विटी म्यूच्यूअल फंड होता है.और डाइवर्सिफाइड इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड का मतलब है की यहाँ अलग अलग इंडस्ट्रीज और साइज की कंपनी के शेयर में इन्वेस्टमेंट करता है. जिस से कि फण्ड में डाइवर्सिटी बनी रहे क्योंकि किसी भी इन्वेस्टमेंट के अंदर जितनी ज्यादा diversity होती है उतना ही उसे इन्वेस्टमेंट के अंदर रिस्क कम होता इसलिए इस इन्वेस्टमेंट के अंदर डाइवर्सिटी को ज्यादा रखा ज्यादा रखा जाता है ताकि इन्वेस्टर को लो रिस्क ऑप्शन प्रोवाइड किया जा सके ELSS Details In Hindi

ELSS के अंदर इन्वेस्टमेंट करना पर डिस्काउंट मिलता है इसकी इन्वेस्टमेंट करने पर इंटरेस्ट और इसके इंट्रेस्ट पर भी टैक्स में डिस्काउंट मिलता है. टैक्स में डिस्काउंट इनकम टैक्स के नियम 80 C के अंदर फाइनेंशियल ईयर में अपने टोटल इनकम से अपने ELSS इन्वेस्ट के 1 लाख तक डिस्काउंट के रूप में क्लेम कर सकते है. इस स्कीम से रिटर्न भी पूरी तरहे टैक्स फ्री है. टैक्स में डिस्काउंट के लिए जितने भी इन्वेस्ट के डिफरेंट प्लान है. जैसे बैंक डिपाजिट, NSC या PPF, ELSS sabse kam Lock-in period के साथ अवेलेबल है.

यदि आप ELSS में इन्वेस्टमेंट करते है तो डिवाइडेड और Growth sabhi Equity Mutual Fund स्कीम की तरह ELSS में भी डिवाइडेड और ग्रोथ के ऑप्शन मिलते है.इन्वेस्टर को ग्रोथ option में 3 years की आखिर में fixed अमाउंट मिलती है. और दूसरी तरफ प्रॉफिट के ऑप्शन में, इन्वेस्टर को रेगुलर फण्ड डिक्लेयर किया जाता है. यहाँ तक की लॉक-इन पीरियड के टाइम मिलती है.

ELSS स्कीम्स में आप आसानी से और systematically investmentकर सकते है और आप इसके अंदर Rs. 500 हर महीने तक इन्वेस्टमेंट कर सकते है जो कुछ दिन बाद आपकी अच्छी इन्वेस्टमेंट बन जाती है.और आपके एक लॉन्ग टाइम पीरियड के बाद आपके पास अच्छी सेविंग्स बन जाती है.

इस स्कीम के अंदर लॉक-इन पीरियड 3 साल का रहता है. इसका मतलब आप जब इस स्कीम में इन्वेस्ट करते है तो 3 साल तक अपने इन्वेस्ट को भुना नहीं सकते क्योकि ज्यादातर शेयर मार्किट में लॉन्ग टर्म के लिए ही इन्वेस्ट करना बेनिफिट्स में होता है. आप ELSS में SIP के throughइन्वेस्ट भी कर सकते है जिससे इन्वेस्ट करना आसान हो जाता है. और इन्वेस्टमेंट का रिस्क कम हो जाता है .

ELSS in Hindi, ईएलएसएस क्या है? ईएलएसएस यानि Equity Linked Savings Scheme इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एक डाइवर्सिफाइड diversified इक्विटी फण्ड है जो अपने अधिकतम कार्पस को इक्विटी में निवेश करता है. ELSS, इनकम टैक्स के अनुछेद 80C के अंतर्गत आने वाली बहुत ही लोकप्रिय स्कीम है जिसमें इनकम टैक्स की बचत भी होती है तथा निवेशित पूँजी में भी वृद्धि होती है. इस स्कीम में तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है. निवेश से पहले इस योजना को समझ लेना बहुत आवश्यक है. साथ ही पढ़ें ELSS में निवेश से पहले जानने योग्य बातें हमारी साइट पर.

निवेश आपको म्यूचुअल फण्ड Mutual Fund के बारे में तो पता ही होगा. ELSS एक ऐसा म्यूचुअल फण्ड Mutual Fund है जिसमें निवेश के साथ साथ टैक्स में बचत भी कर सकते हैं. ELSS ईएलएसएस एक डायवर्सिफाइड diversified इक्विटी म्यूचुअल फंड होता है जो अपने Corpus कोष का अधिकतर भाग इक्विटी में निवेश करता है.

डायवर्सिफाइड diversified का मतलब हुआ की यह फण्ड अलग अलग उद्योगों और आकार की कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है जिससे कि फण्ड में विविधिता बनी रहे. यहाँ यह समझना आवश्यक है कि निवेश में जीतनी अधिक विविधिता होगी उतना ही जोखिम कम होगा. चूंकि यह एक इक्विटी फंड है, ELSS ईएलएसएस फंड से रिटर्न इक्विटी बाजार से रिटर्न दर्शाते हैं. बेहतर फण्ड मेनेजर आपको बाजार से भी बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. यहां समझिये म्यूचुअल फंड्स कैसे खरीदें और साथ ही समझिये म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट प्लान क्या होते हैं.

अन्य सभी इक्विटी म्यूचुअल फण्ड Equity Mutual Fund योजनाओं की तरह ELSS में भी डिविडेंड तथा ग्रोथ के विकल्प मिलते है. निवेशकों को ग्रोथ विकल्प में 3 वर्ष की समाप्ति पर एक मुश्त राशि मिलता है. दूसरी ओर, लाभांश के विकल्प में, निवेशकों को नियमित रूप से लाभांश आय, जब भी लाभांश फंड द्वारा घोषित किया जाता है, यहां तक कि लॉक-इन अवधि के दौरान भी मिलती है.

इस योजना के अंतर्गत निवेश पर तीन साल का लॉक इन पीरियड रहता है अर्थात आप जब इस योजना में निवेश करते हैं तो तीन साल तक अपने निवेश को भुना नहीं सकते. क्यूंकि अधिकतर शेयर बाजार में लम्बी अवधि के लिए ही निवेश करना फायदेमंद रहता है इसलिए तीन साल में आपको अच्छा खासा रिटर्न मिलने की संभावना बन जाती है. आप ELSS में SIP के द्वारा भी निवेश कर सकते है जिससे निवेश करना आसान हो जाता है तथा निवेश का जोखिम भी कम हो जाता है.

आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत एक वित्तीय वर्ष में अपने सकल कुल आय से अपने ELSS निवेश के 1 लाख रुपये तक कटौती के रूप में क्लेम कर सकते हैं. ELSS स्कीम से रिटर्न भी पूरी तरह करमुक्त हैं. टैक्स में छूट के लिए जितनी भी निवेश की अन्य योजनायें उपलब्ध हैं जैसे की बैंक डिपाजिट, NSC या PPF, ELSS सबसे कम लॉक इन पीरियड के साथ उपलब्ध है. जानिये अन्य टैक्स सेविंग स्कीम कौन कौन सी हैं. निवेश के लिए उपलब्ध योजनाओं में ELSS एक बेहतरीन Mutual Fund निवेश योजना है मगर शेयर बाजार Share Market में निवेश की तरह इसमें भी उसी प्रकार जोखिम रहता है जैसा शेयर बाजार में रहता है. उम्मीद है की ELSS in Hindi आपको पसंद आया होगा और ईएलएसएस क्या है यह हिंदी में जानने में मदद मिली होगी.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश, रिटर्न के साथ टैक्स बचत भी -

Income Tax Saving Schemes: नया फाइनेंशियल ईयर आ रहा है. ज्यादातर लोग अपना टैक्स (Income Tax) बचाने के लिए टैक्स सेविंग्स प्लान की स्टडी और निवेश कर रहे हैं. ज़ी बिजनेस आपके लिए एक्सपर्ट की मदद से वो प्लान चुनकर लाता है जहां निवेश से टैक्स की बचत तो होती ही है साथ में रिटर्न भी अच्छा मिलता है. फिनफिक्स रिसर्च एंड एनालिटिक्स के फाउंडर प्रबलीन वाजपेयी इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.

ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity-linked saving schemes) एक डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड है. इस फंड का ज्यादातर हिस्सा इक्विटी में होता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत (Section 80C) आयकर में छूट मिलती है. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है. यह फंड डायवर्सिफाइड होने से इसमें जोखिम कम होता है. इसमें SIP के जरिए भी निवेश किया जा सकता है.

ईएलएसएस कर के लाभ ?

2005 में वित्त मंत्रालय एवं सेबी (SEBI) द्वारा ELSS Scheme को नई टैक्स सेविंग स्कीम के रूप में नोटिफाई किया गया था. वर्तमान में टैक्स प्लानिंग हम सब की जरूरत है. एक बेहतरीन तरीके से की गई टैक्स प्लानिंग से अधिकतम टैक्स बेनिफिट्स प्राप्त कर सकते हैं. ELSS Scheme में निवेश करके आप इनकम टैक्स एक्ट – 1961 की धारा 80(c) के अंतर्गत अधिकतम ₹1,50,000/- तक के निवेश पर छूट प्राप्त कर सकते हैं. इनकम टैक्स की छूट मात्र ELSS Mutual Funds पर ही प्राप्त होती हैं. यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि आपने जिस वित्त वर्ष (Financial year) में ELSS में निवेश किया होता है आप उसी वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स की छूट प्राप्त कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आपने ELSS स्कीम में F/Y 2020-21 में 50,000 रुपये निवेश किया है तो आप 2020-21 में 50,000 रुपये पर छूट प्राप्त कर सकते हैं.

ELSS में लॉक-इन-पीरियड कितना होता हैं – Lock-in-Period in ELSS

किसी भी टैक्स सेविंग स्कीम में lock-in-period जरूर होता हैं. Lock-in-period किसी स्कीम में कम तो किसी में ज्यादा हो सकता हैं. वर्तमान में सभी ELSS Mutual Funds में लॉक-इन-पीरियड 3 वर्ष का होता है. Lock-in-period का मतलब हैं की आप इस समय के पूरा होने से पहले अपने निवेश किये गए पैसे नहीं निकलवा सकते. अगर आपने अप्रैल- 2021 में ELSS में निवेश किया है तो वह पैसे आप अप्रैल – 2024 के बाद ही निकलवा सकते हैं. सरकार की सभी टैक्स सेविंग schemes के मुकाबले ELSS का Lock-in-period सबसे कम हैं.

ELSS में निवेश के विकल्प क्या हैं?

किसी भी ELSS Scheme में दो प्रकार से निवेश किया जा सकता है. पहला SIP और दूसरा lump-sum. अगर आप एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं तो आप अपनी पसंद की ELSS Scheme में लम सम के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. इसमें आपको बार-बार निवेश की जरूरत नहीं होती हैं. दूसरे विकल्प में आप SIP के माध्यम से भी ELSS में निवेश कर सकते हैं. SIP निवेश का एक बहुत लोकप्रिय तरीका है. SIP के माध्यम से आप सामान्यतः प्रत्येक महीने की किसी निश्चित तारीख को एक निश्चित राशि SIP में डालते रहते हो. SIP एक recurring deposit की तरह कार्य करता हैं. जितने भी SIP की इंस्टॉलमेंट 1 अप्रैल से 31 मार्च के मध्य जाएगी, उसके लिए आप उस फाइनेंसियल ईयर में टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.

ELSS में न्यूनतम कितना निवेश कर सकते हैं?

ELSS में आप न्यूनतम ₹500 से भी इन्वेस्ट शुरू कर सकते हैं. इसमें आप SIP या लम सम दोनों में कोई सा भी विकल्प चुन सकते हैं. अगर आपका एक मात्र उद्देश्य टैक्स बचाना हैं तो आपके सभी निवेशों को मिलाकर ₹1,50,000/- में जितनी भी राशि कम पड़ रही हो उतना निवेश आप ELSS में कर सकते हैं. ELSS में कोई भी ऊपरी सीमा नहीं हैं आप जितना चाहे निवेश कर सकते हैं.

ELSS में किसे निवेश करना चाहिए?

वैसे कोई भी व्यक्ति ELSS में निवेश कर सकता है परंतु कुछ व्यक्तियों को ELSS में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. Salaried Person – कोई भी वेतनभोगी व्यक्ति ELSS में टैक्स सेविंग के उद्देश्य के साथ-साथ अपने पोर्टफोलियो को थोड़ा डायवर्सिफाई करने के लिए निवेश कर सकता है. वेतनभोगी व्यक्ति का वैसे भी EPF या NPS में निवेश रहता है. इसलिए EPF में आने वाले वेतनभोगियों के लिए ELSS में निवेश उनके पोर्टफोलियो को Equity का एक्सपोजर भी देता है. नए निवेशक भी प्रारंभिक निवेश में ELSS के साथ शुरुवात कर सकते हैं.

ELSS के फायदे

बाकी टैक्स सेविंग स्कीम की तुलना में इसका लॉक इन पीरियड काफी कम होता है. पीपीएफ में यह 15 साल, एनएससी में 6 साल और एफडी में यह 5 साल का होता है. बाकी स्कीम्स के मुकाबले इसमें रिटर्न बेहतरीन होता है.

ईएलएसएस म्युचुअल फंड में निवेश के लाभ? ?

ईएलएसएस म्यूचुअल फंड उचित रिटर्न अर्जित करने और कर बचाने का अवसर प्रदान करते हैं. ये फंड स्कीम की संपत्ति का कम से कम 80% इक्विटी में निवेश करते हैं. इसलिए, आप उन पर जो रिटर्न कमा सकते हैं, वह सीधे शेयर बाजार के प्रदर्शन से जुड़ा है. यह एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है यदि आप लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए निवेश करना चाहते हैं जैसे सेवानिवृत्ति कोष बनाना या नया घर खरीदना. आप रुपये तक के निवेश पर कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं. हर साल 1.5 लाख. इन फंडों में तीन साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि भी होती है. यह सभी टैक्स सेविंग निवेश के उपलब्ध विकल्पों में सबसे छोटी लॉक-इन अवधि में से एक है. ये सभी लाभ ईएलएसएस फंड को निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय निवेश विकल्प बनाते हैं.

ईएलएसएस में निवेश करने का सबसे अच्छा समय क्या है?

कई निवेशक वित्तीय वर्ष के अंत में टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम फंड में निवेश करते हैं. इसे एक अच्छी रणनीति नहीं माना जा सकता है. इन फंडों में निवेश करने के लिए टैक्स सेविंग निश्चित रूप से एक आवश्यक विचार है. लेकिन उनमें निवेश करने पर विचार करने का प्राथमिक कारण होना चाहिए. ऐसे फंडों पर अधिकतम लाभ प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका लंबी अवधि के दृष्टिकोण के साथ निवेश करना है. इसलिए, वर्ष की शुरुआत में अपने निवेश लक्ष्यों की पहचान करें और उसी के अनुसार व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से निवेश करें. पूरे साल लगातार निवेश करने से बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रति आपके जोखिम को कम करने और समय के साथ धन का निर्माण करने में मदद मिल सकती है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस फंड) की विशेषताएं

इसकी कुछ लोकप्रिय विशेषताओं में शामिल हैं:

एक संक्षिप्त लॉक-इन अवधि - सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) या कर-बचत सावधि जमा (एफडी) जैसे लोकप्रिय कर-बचत उत्पाद विस्तारित लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं. उदाहरण के लिए, पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जबकि टैक्स सेविंग एफडी में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है. इसकी तुलना में, ईएलएसएस फंड में केवल तीन साल की छोटी लॉक-इन अवधि होती है. यह आपको किसी भी वित्तीय लक्ष्य की स्थिति में अपने फंड को पहले की तारीख में वापस लेने का विकल्प दे सकता है.

महंगाई को मात देने वाला रिटर्न - इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम फंड मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करते हैं. इस प्रकार, उनके पास अन्य पारंपरिक कर-बचत विकल्पों की तुलना में अधिक प्रतिफल अर्जित करने की क्षमता है.

कर उपचार - आप धारा 80C के तहत रुपये तक के निवेश पर टैक्स बचा सकते हैं. हर साल 1.5 लाख. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) रुपये तक. 1 लाख कर से मुक्त हैं. लेकिन अगर आपका रिटर्न रुपये से अधिक है. एक वर्ष के दौरान 1 लाख, आप अपने रिटर्न पर 10% एलटीसीजी कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं. इसके बावजूद, ईएलएसएस भारतीय निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय कर-बचत निवेश एवेन्यू बना हुआ है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम बनाम अन्य टैक्स सेविंग निवेश - आज टैक्स सेविंग निवेश के कई रास्ते उपलब्ध हैं. इसमें सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), कर-बचत सावधि जमा (एफडी), राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) शामिल हैं.

ईएलएसएस फंडों में न केवल अपेक्षाकृत कम लॉक-इन अवधि होती है, बल्कि उचित रिटर्न अर्जित करने की क्षमता भी होती है. हालांकि, वे जोखिम के उच्च जोखिम के साथ आते हैं. लेकिन लंबी अवधि के निवेश से इसे कम किया जा सकता है. इस तरह, आप अपने जोखिम को लंबी अवधि में फैलाते हैं और बेहतर पैदावार अर्जित करने की क्षमता का लाभ उठाते हैं. आप FD जैसे तरीकों के विपरीत SIP के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जिसमें आपको अनिवार्य रूप से एकमुश्त निवेश करना होता है. आप अपनी निवेश यात्रा केवल रु. 500 प्रति माह. जब आप एसआईपी के माध्यम से ईएलएसएस में निवेश करते हैं, तो आपके पास उचित रिटर्न अर्जित करने और निवेश अनुशासन प्राप्त करने का मौका होता है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम क्या है?

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) एक प्रकार की म्यूचुअल फंड योजना है जो मुख्य रूप से उच्च रिटर्न उत्पन्न करने के लिए इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश करती है. जो चीज ईएलएसएस को अन्य इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं से अलग बनाती है, वह यह है कि ईएलएसएस में ₹1.5 लाख तक का निवेश एक वित्तीय वर्ष में कर योग्य आय से कटौती के लिए पात्र है. यह योजना प्रत्येक SIP के लिए 3 वर्ष की वैधानिक लॉक-इन अवधि के साथ आती है. यह एकमात्र म्यूचुअल फंड योजना है जो आईटी अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत कर कटौती के लिए योग्य है.

ईएलएसएस में निवेश के लाभ -

उच्च रिटर्न

चूंकि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम अनिवार्य रूप से एक इक्विटी स्कीम है, इसमें लंबे समय में एक्सपोनेंशियल रिटर्न देने की क्षमता है. हालांकि जोखिम भरा, ईएलएसएस में निवेश पारंपरिक कर बचत साधनों की तुलना में काफी अधिक रिटर्न देने की क्षमता रखता है. इसके अलावा, ईएलएसएस में अन्य सभी टैक्स सेविंग तरीकों में सबसे कम लॉक-इन अवधि है.

कर में छूट

यदि आपकी म्यूचुअल फंड बचत उच्च निवेश वृद्धि के साथ-साथ कर बचत का अवसर प्रदान करती है, तो आप और क्या मांग सकते हैं. ईएलएसएस आपको कर बचाने की अनुमति देता है, क्योंकि इन योजनाओं में ₹1.5 लाख तक का निवेश कर छूट के लिए पात्र है.

विविधता

ईएलएसएस के निवेश पोर्टफोलियो में विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों जैसे इक्विटी और ऋण प्रतिभूतियों के लिए संतुलित आवंटन शामिल है. इसके अलावा, कई फंड इक्विटी श्रेणी के भीतर भी विविधता लाते हैं, संपत्ति को लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप इक्विटी शेयरों में आवंटित करते हैं. ईएलएसएस के माध्यम से, कोई भी आसानी से अपने समग्र निवेश पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है और बाजार के जोखिम को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है.

निवेश का व्यावसायिक प्रबंधन

चूंकि निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन पेशेवर विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, जो बाजार की धारणा और पूंजी बाजार के कामकाज के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, निवेशकों का पैसा सुरक्षित हाथों में है. भले ही आपको वित्तीय बाजारों के कामकाज के बारे में अधिक जानकारी न हो या बाजार को ट्रैक करने के लिए समय की कमी हो, फिर भी आप ईएलएसएस में निवेश के माध्यम से इक्विटी बाजारों से रिटर्न को भुना सकते हैं.

अनुशासित निवेश

ईएलएसएस में निवेश के लिए कम से कम 3 साल के लॉक-इन की आवश्यकता होती है, जो उपभोक्ताओं के बीच निवेश अनुशासन स्थापित करता है. अधिक कुशल अनुशासित निवेश दृष्टिकोण के लिए, आप ईएलएसएस में व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं, जिसके लिए पूर्व निर्धारित तिथि पर फंड में आवधिक किस्तों की आवश्यकता होती है. हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रत्येक एसआईपी किस्त 3 साल के लिए लॉक-इन रहती है.

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम पर कर प्रभाव ?

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, ईएलएसएस में ₹1.5 लाख तक का निवेश वित्तीय वर्ष में कर योग्य आय से कटौती के लिए पात्र है. हम निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से ईएलएसएस कराधान को समझ सकते हैं: मान लीजिए, किसी व्यक्ति के पास किसी वित्तीय वर्ष में ₹2 लाख डिस्पोजेबल कर योग्य आय है, और वह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड में राशि का निवेश करने का फैसला करता है. इस राशि में से केवल ₹1.5 लाख ही कटौती के पात्र होंगे, जिससे उस वर्ष आपकी कर योग्य आय कम हो जाएगी. ध्यान रखें कि यह लागू होता है यदि आपके पास आईटी अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत कटौती के लिए कोई अन्य कर बचत निवेश की अनुमति नहीं है. आपको कैपिटल गेन टैक्स के बारे में भी पता होना चाहिए जो इक्विटी म्यूचुअल फंड द्वारा उत्पन्न रिटर्न पर लागू होता है. इस फंड से मिलने वाले रिटर्न पर किसी अन्य इक्विटी म्यूचुअल फंड योजना की तरह ही कर लगाया जाता है. हालांकि, चूंकि यूनिट्स को निवेश के 3 साल से पहले रिडीम नहीं किया जा सकता है, इसलिए ₹1 लाख से अधिक के लाभ पर केवल 10% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगाया जाएगा. मान लीजिए कि एक निवेशक ने इस योजना में निवेश पर ₹1.5 लाख का पूंजीगत लाभ अर्जित किया है, तो उस वित्तीय वर्ष में ₹50,000 पर 10% का एलटीसीजी लगाया जाएगा. पूंजीगत लाभ में ₹1 लाख को कराधान से छूट दी गई है. देय कर ₹5,000 होगा. यदि किसी निवेशक ने आईटी अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत कर छूट के लिए पात्र उपकरणों में कोई निवेश नहीं किया है, तो वह टैक्स फाइलिंग सीजन के दौरान देय करों को बचाने के लिए ईएलएसएस में एकमुश्त निवेश कर सकता है.

ईएलएसएस में किसे निवेश करना चाहिए?

ईएलएसएस उन निवेशकों के लिए एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है जो उच्च पूंजी वृद्धि के साथ-साथ अपनी कर देयता को कम करना चाहते हैं. यदि आप इक्विटी निवेश के रास्ते तलाश रहे हैं जो लंबे समय में महत्वपूर्ण रिटर्न प्रदान करेगा, तो आप इस फंड का विकल्प चुन सकते हैं. यह योजना लंबी अवधि के निवेश क्षितिज (अधिमानतः 3 वर्ष से अधिक) वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि फंड की न्यूनतम लॉक-इन अवधि 3 वर्ष है. इसके अलावा, यह देखा गया है कि इक्विटी सिक्योरिटीज लंबे समय में अच्छा प्रदर्शन करती हैं, और यह अनिवार्य लॉक-इन अवधि सुनिश्चित करती है कि निवेशक निवेशित रहें. चूंकि अंतर्निहित परिसंपत्तियों में ज्यादातर इक्विटी प्रतिभूतियां शामिल होती हैं, जो काफी अस्थिर होती हैं, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक के पास ईएलएसएस में निवेश करने के लिए एक उच्च जोखिम लेने की क्षमता हो और एक दीर्घकालिक धन सृजन लक्ष्य हो. यदि आपने धारा 80 (सी) के तहत विभिन्न कर बचत साधनों में पहले से ही ₹1.5 लाख का निवेश किया है, तो अन्य इक्विटी फंडों को चुनने की सलाह दी जाती है, जिनमें कोई लॉक-इन अवधि नहीं है. या आप अन्य टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स पर भी विचार कर सकते हैं जो टैक्स बचाने के लिए अन्य वर्गों के तहत आ सकते हैं जैसे: स्वयं/पति/पत्नी/माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली.

ईएलएसएस फंड क्या हैं?

सभी म्यूचुअल फंडों में, इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम या ईएलएसएस ही एकमात्र म्यूचुअल फंड है, जो सेक्शन 80सी डिडक्शन के तहत कवर होता है. ईएलएसएस एक डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड है जो सालाना 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती की पेशकश करता है. पहले ईएलएसएस रिटर्न टैक्स फ्री होता था. हालांकि, बजट 2018 के बाद, 1 लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 10% पर कर योग्य हैं. निवेशक को इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. 10% टैक्स कटौती के बाद भी, ELSS में अन्य टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स की तुलना में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है. ईएलएसएस निवेश के लाभ बचाए गए करों तक ही सीमित नहीं हैं. कंपाउंडिंग की शक्ति यह सुनिश्चित करती है कि यदि आप पांच साल (टैक्स-सेविंग FD की अवधि) के लिए निवेश करते हैं तो आपका निवेश दोगुना हो जाता है. इसके अलावा, न्यूनतम लॉक-इन अवधि केवल तीन वर्ष है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट क्या हैं?

बैंकों के साथ सावधि जमा में निवेश करने से व्यक्ति और एचयूएफ एक वित्तीय वर्ष में 1,50,000 रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं. इन जमाओं में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है. हालाँकि, आप इस जमा राशि को समय से पहले नहीं निकाल सकते. लेकिन एक सकारात्मक बात यह है कि आप अपनी FD पर लोन ले सकते हैं. हालांकि, इन जमाओं पर अर्जित ब्याज व्यक्ति के टैक्स ब्रैकेट के अनुसार कर योग्य है.

क्या आपको ईएलएसएस या टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करना चाहिए?

नए निवेश उपक्रमों में आने से पहले, आपको अपनी उम्र, निवेश क्षितिज और जोखिम उठाने की क्षमता जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए. जो लोग धन संचय और कर लाभ के दोहरे लाभ चाहते हैं, उन्हें ईएलएसएस को प्राथमिकता देनी चाहिए. अधिक जोखिम लेने की क्षमता वाले लंबी अवधि के निवेशक ईएलएसएस को एक समझदार विकल्प मानते हैं. रिटायरमेंट के करीब आने वाले लोगों को टैक्स सेविंग FD में निवेश करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि उनमें जोखिम कम होता है और रिटर्न की गारंटी होती है. संक्षेप में, आपको हमेशा अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर एक निवेश योजना का चयन करना चाहिए. यदि आपको सही निवेश विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण लग रहा है, तो आप हमारे विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए चुनिंदा और आकर्षक फंडों के लिए ClearTax Invest से संपर्क कर सकते हैं. प्रक्रिया 100% कागज रहित है, और पूरी प्रक्रिया को 7 मिनट के भीतर पूरा किया जा सकता है. अभी निवेश करें!

ईएलएसएस और एफडी की करदेयता ?

टैक्स सेवर FD और ELSS दोनों ही इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80C के प्रावधानों के तहत टैक्स बेनिफिट प्रदान करते हैं. हालांकि, इन इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न पर अलग-अलग टैक्स लगता है. टैक्स बचाने वाली FD, ELSS की तरह कर-कुशल नहीं हैं क्योंकि ब्याज आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और आपकी आयकर स्लैब दर पर कर लगाया जाता है. यदि आप उच्चतम टैक्स ब्रैकेट के अंतर्गत आते हैं तो यह एक बड़ा नुकसान है. यहीं पर ईएलएसएस का स्कोर काफी बेहतर होता है. सालाना 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को टैक्स छूट दी गई है. इस सीमा से अधिक के किसी भी लाभ पर 10% की एक समान दर और लागू उपकर और अधिभार पर कर लगाया जाता है. सभी म्यूचुअल फंडों द्वारा दिए जाने वाले लाभांश को आपकी कुल आय में जोड़ दिया जाता है और आपकी आयकर स्लैब दर पर कर लगाया जाता है.

अवलोकन: ईएलएसएस म्यूचुअल फंड

ईएलएसएस का पूर्ण रूप स्व-व्याख्यात्मक है कि यह एक इक्विटी म्यूचुअल फंड है. टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड जो टैक्स कटौती का लाभ उठाने में आपकी मदद करते हैं, उन्हें ईएलएसएस के रूप में जाना जाता है. ये आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत बचत विकल्प हैं. ये म्युचुअल फंड होते हैं जिनमें लोग साल भर निवेश करते हैं. लेकिन कुछ लोग ईएलएसएस का फुल फॉर्म आखिरी समय में खोजते हैं, जल्दबाजी में, जब उनके पास मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए दिखाने के लिए पर्याप्त निवेश नहीं होता है.

ईएलएसएस के उपयोग-

ELSS उनके लिए है जो अभी अपना करियर शुरू कर रहे हैं. ग्राहक जो एक विनम्र जीवन जी रहे हैं और म्यूचुअल फंड के लिए जाना चाहते हैं जो जोखिम में अधिक नहीं हैं. यह उन लोगों के लिए भी है जिन्हें उच्च जोखिम वाले निवेशों में निवेश करने के लिए कई अन्य अवसर मिल रहे हैं और उन्हें किसी प्रकार के निवेश की आवश्यकता है जो उन्हें कर बचाने में मदद करे. ईएलएसएस एक तरह का निवेश है जिसमें उम्र की कोई सीमा नहीं होती है, आप अपनी इच्छानुसार युवावस्था में शुरुआत कर सकते हैं. ELSS भी उन लोगों के लिए है जो सभी अंडे एक टोकरी में रखने में विश्वास नहीं करते हैं. जैसे शीर्ष 3 या 4 उच्च प्रदर्शन करने वाले ईएलएसएस में निवेश करें और समय के साथ सर्वोत्तम प्रकार का रिटर्न प्राप्त करें. ईएलएसएस समय के साथ अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से छोटी राशि का निवेश करने का एक अच्छा तरीका है. टैक्स सेविंग के लिए सेक्शन 80C का इस्तेमाल करने और तीन साल के लिए अपने निवेश को लॉक करने से न केवल धन का सृजन होता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि आप कार्यकाल के दौरान अपने पैसे का उपयोग नहीं कर पाएंगे. तीन साल का कार्यकाल सार्वजनिक भविष्य निधि या बचत जमा की तरह बाध्यकारी नहीं है, जिसके लिए क्रमशः 15 और पांच साल की प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है. इस धारा के तहत, आप 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और अपनी कर योग्य आय राशि को कम कर सकते हैं.

ईएलएसएस के प्रकार-

ईएलएसएस फंड का चयन करते समय किसी के पास चुनने के लिए तीन विकल्प होते हैं, जिन्हें नीचे समझाया गया है: एक वृद्धि विकल्प है - जहां धारक को लाभांश के रूप में कोई लाभ नहीं मिलेगा. धारक को कार्यकाल के अंत में लाभ प्राप्त होंगे जो एनएवी में सुधार करने में मदद करेंगे और इस प्रकार आपके मुनाफे को गुणा करेंगे. साथ ही यह पूरी तरह से बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा. तो यह आपके पक्ष में काम कर सकता है या हो सकता है कि आपके लिए पूरी तरह से बुरा हो लेकिन यह संभव है कि मुनाफा अच्छा हो. लाभांश विकल्प - वह विकल्प जहां निवेशक को अंत में एक पूर्ण राशि की तुलना में लाभांश का समय पर लाभ मिलता है, लाभांश विकल्प कहलाता है. सबसे अच्छी बात यह है कि निवेशक को मिलने वाला कोई भी लाभांश सरकार द्वारा कराधान के लिए उत्तरदायी नहीं है और पूरी राशि प्राप्त करेगा. लाभांश पुनर्निवेश विकल्प - एक ईएलएसएस पॉलिसीधारक को प्राप्त होने वाला अंतिम विकल्प एक लाभांश पुनर्निवेश विकल्प है. जहां पॉलिसीधारक के पास प्राप्त लाभांश को एनएवी में जोड़ने के लिए वापस देने का विकल्प होता है. यदि लॉक-इन अवधि के 3 साल के कार्यकाल के दौरान बाजार बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो यह एक अच्छा विकल्प है. आप इससे काफी हद तक लाभान्वित होंगे और अंत में जब आप अपनी राशि को हाथ से निकालेंगे तो यह काफी अच्छा होगा.

ईएलएसएस में निवेश कैसे करें ?

ईएलएसएस निवेश प्रक्रिया बहुत सरल है, आपका केवाईसी फॉर्म और पैन कार्ड विवरण जगह में हैं. कोई बाद में परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों से संपर्क कर सकता है. ईएलएसएस के बारे में जाने के कई तरीके हैं, आप निवेश से संबंधित सभी प्रक्रियाएं खुद कर सकते हैं, या आप किसी बिचौलिए या म्यूचुअल फंड एजेंट को नियुक्त कर सकते हैं. अंतिम विकल्प यह है कि आप अपनी ओर से किसी तीसरे व्यक्ति को निवेश कर सकते हैं. अंतिम विकल्प में जोखिम यह है कि जब तीसरा व्यक्ति आपकी ओर से निवेश करेगा तो वह केवल उसी फंड का चयन करेगा जो भविष्य में बाद में किसी भी समय की तुलना में उसकी उच्च दर का रिटर्न प्रदान करेगा. वह प्राप्त होने वाले लाभांश से अधिकतम लाभ प्राप्त करने का प्रयास करेगा. कोई भी ईएलएसएस ऑनलाइन निवेश कर सकता है, बस ईएलएसएस में ऑनलाइन निवेश करने का तरीका देखें. आप किसी भी ऑनलाइन म्युचुअल फंड मैनेजर वेबसाइट जैसे कि वेल्थबकेट पर आसानी से अपना पंजीकरण करा सकते हैं और अपने ईएलएसएस से संबंधित निवेशों को तुरंत शुरू कर सकते हैं. आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा और आप किसी भी नियम और शर्तों के अधीन नहीं हैं.

ईएलएसएस के प्रकार-

ईएलएसएस फंड का चयन करते समय किसी के पास चुनने के लिए तीन विकल्प होते हैं, जिन्हें नीचे समझाया गया है:-

एक वृद्धि विकल्प है - जहां धारक को लाभांश के रूप में कोई लाभ नहीं मिलेगा. धारक को कार्यकाल के अंत में लाभ प्राप्त होंगे जो एनएवी में सुधार करने में मदद करेंगे और इस प्रकार आपके मुनाफे को गुणा करेंगे. साथ ही यह पूरी तरह से बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा. तो यह आपके पक्ष में काम कर सकता है या हो सकता है कि आपके लिए पूरी तरह से बुरा हो लेकिन यह संभव है कि मुनाफा अच्छा हो.

लाभांश विकल्प - वह विकल्प जहां निवेशक को अंत में एक पूर्ण राशि की तुलना में लाभांश का समय पर लाभ मिलता है, लाभांश विकल्प कहलाता है. सबसे अच्छी बात यह है कि निवेशक को मिलने वाला कोई भी लाभांश सरकार द्वारा कराधान के लिए उत्तरदायी नहीं है और पूरी राशि प्राप्त करेगा.

लाभांश पुनर्निवेश विकल्प - एक ईएलएसएस पॉलिसीधारक को प्राप्त होने वाला अंतिम विकल्प एक लाभांश पुनर्निवेश विकल्प है. जहां पॉलिसीधारक के पास प्राप्त लाभांश को एनएवी में जोड़ने के लिए वापस देने का विकल्प होता है. यदि लॉक-इन अवधि के 3 साल के कार्यकाल के दौरान बाजार बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो यह एक अच्छा विकल्प है. आप इससे काफी हद तक लाभान्वित होंगे और अंत में जब आप अपनी राशि को हाथ से निकालेंगे तो यह काफी अच्छा होगा.

ईएलएसएस के लाभ-

सिर्फ 3 साल के लिए पूंजी का न्यूनतम लॉक-इन जो अन्य म्यूचुअल फंड की तुलना में काफी कम है.

ईएलएसएस उस रिटर्न को अर्जित कर सकता है जो उस दर से काफी अधिक है जिस पर हम निवेश कर रहे हैं.

एक बार लॉक-इन अवधि समाप्त हो जाने पर, आय 100% कर-मुक्त हो जाती है.

कंपाउंडिंग की शक्ति आपको अपनी मूल राशि के गुणकों में कमाने में मदद करेगी.

निवेश करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.

ईएलएसएस फंड में सीमा-

यह तय करना बहुत मुश्किल है कि अपनी पूंजी किस फंड में लगाएं.

एक टन दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता है.

कोई गारंटीकृत रिटर्न नहीं है, क्योंकि यह एक इक्विटी-आधारित म्यूचुअल फंड है जो इसे बाजार रिटर्न के अधीन बनाता है, इसलिए यह पुष्टि करना संभव नहीं है कि आपको कोई रिटर्न मिलेगा या नहीं.

अधिकांश म्यूचुअल फंड कनाडा और अमेरिका में रहने वाले लोगों से निवेश स्वीकार नहीं करेंगे.

समय से पहले निकासी की अनुमति नहीं है.

एसआईपी के साथ ईएलएसएस का फुल फॉर्म

ईएलएसएस एक इक्विटी लिंक्ड बचत योजना है और एसआईपी एक व्यवस्थित निवेश योजना है. दोनों एक बहुत अच्छे कारण के लिए साथ-साथ चलते हैं. SIP निवेश भविष्य में धन के सृजन का आश्वासन देता है. निवेश में लचीलापन होने के कारण राशि अपने आप किसी के बैंक खाते से डेबिट हो जाती है. उस पैसे को म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश किया जाता है. प्रत्येक किस्त के साथ जो एक व्यक्ति करता है और योजनाओं की अतिरिक्त इकाइयाँ वर्तमान एनएवी पर सत्ता में आती हैं. एकमुश्त राशि आपके निवेश के बारे में जाने का विचार नहीं है क्योंकि यह आपके बटुए के लिए बहुत महंगा हो सकता है. यह एक बार का निवेश है जिसे आप एक वर्ष के लिए करते हैं, जैसे कि, रु. 12,000 सालाना. यदि आपके हाथ में एक बड़ी डिस्पोजेबल राशि है और आप उच्च जोखिम सहनशीलता रखते हैं, तो आप एकमुश्त निवेश का विकल्प चुन सकते हैं. एसआईपी ईएमआई के बराबर है, मुख्य अंतर यह है कि आप किसी ऐसी चीज के लिए भुगतान करने के बजाय जिस पर आप पहले ही खर्च कर चुके हैं, आप किसी ऐसी चीज में निवेश कर रहे हैं जो अंत में एक बहुत बड़ी राशि बन सकती है. SIP किसी भी प्रकार के अतिरिक्त कराधान को आकर्षित नहीं करता है और इसमें कोई कमियां नहीं हैं. यह उन लोगों के लिए अवसर खोलता है जो एक विनम्र जीवन यापन करते हैं और फिर भी निवेश के अवसरों का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहते हैं.