Generation of Computer in Hindi




Generation of Computer in Hindi - पूरी जानकारी इन हिंदी ?

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Generation of Computer हिंदी में अगर आप जानना चाहते हैं, तो हम आपको कहना चाहेंगे की आप बिलकुल सही पोस्ट पर है. क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको Generation of Computer की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. वर्तमान में Computer हमारी जिंदगी का अभिन्न भाग बन चुका है.जैसा की आप जानते है, कंप्यूटर हमारी दिनचर्या का एक हिस्सा भी है. इस पोस्ट में हमने हर वो जानकारी जो आप Generation of Computer के बारे में जानना चाहते है, बिल्कुल सरल व आसान शब्दों में बताई है, तो चलिए ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम सीधे देखते हैं, की Generations of Computer in Hindi और Computer का इतिहास क्या है. दोस्तों Generation of Computer की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को आप आखिर तक पड़े।

Generation of Computer Kya Hai

जिस कंम्यूटर का उपयोग हम आज के समय में करते है. कंम्यूटर आपने शुरूआती दौर के समय में ऐसा बिलकुल भी नहीं था. यह शुरूआत में काफी भारी, आकर में बहुत बडें और मॅहगें हुआ करते थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता गया कंम्यूटर में भी बदलाव होते गए. इन बदलवों के कारण कंप्यूटरों की नई पीढीयों का जन्म होने लगा, और हर पीढ़ी के बाद कंम्यूटर के आकार-प्रकार, और कार्य प्रणाली एवं कार्य क्षमता में काफी सुधार होता गया, कंम्यूटर में धीरे-धीरे बहुत से सुधार करने के बाद आज के समय के कंम्यूटर को विकसित किया गया. आप की जानकारी के लिए बता दे की सन् 1946 में प्रथम Electronic device, वैक्‍यूम ट्यूब युक्‍त एनिएक कम्‍प्‍यूटर की शुरूआत ने कम्‍प्‍यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया था. दोस्तों कम्‍प्‍यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्‍वपूर्ण Devices की सहायता से कम्‍प्‍यूटर ने एक बहुत लम्बी और शानदार यात्रा तय की।

अगर बात की जाये Computer के विकास की तो 16वीं शताब्दी से ही Computer का विकास होना शुरू हो गया था, और आज का आधुनिक कंप्यूटर्स भी इसका परिणाम है. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की Computer के विकास में बहुत तेज़ी के साथ कुछ बदलाव किये गए, और प्रत्येक generation के बाद, Computer के आकार, प्रकार, कार्य प्रणाली और यहॉ तक की Computer की कार्य शैली में भी काफी सुधार किया गया. आज के Computer काफी आधुनिक और विकशित है, कंम्यूटर आपने शुरूआती दौर के समय में ऐसा ना था. यह अपनी शुरूआत में बहुत बडें, भारी और मॅहगें हुआ करते थे, लेकिन Computer के डेवलपमेंट के समय में Computer में काफी परिवर्तन किये गए जिसने कंप्यूटरों की नई पीढीयों को जन्म दिया और धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार की Computer का आविष्कार होता गया, जिसे आमतौर पर लोग जनरेशन ऑफ कंप्यूटर के रूप में जानते है, Computer generation को पांच अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया है, जो निम्न है −

  • First Generation Computer(1946-1956)

  • Second Generation Of Computers(1956-1964)

  • Third Generation of Computer(1965-1971)

  • Fourth Generation Of Computers(1971-1985)

  • Fifth Generation of Computer(1985 – अब तक)

First Generation Computer(1946-1956)

फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटर को operate करने के लिए machine language का उपयोग इसकी programming language के रूप में किया जाता था, फर्स्ट जनरेशन के Computer एक समय में एक ही समस्या को हल करने में सक्षम थे. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहगे की फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटरों में Vacuum tube को use किया जाता था, क्या आप जानते है, वैक्यूम ट्यूब है क्या, यह एक नाजुक कांच का यंत्र(device) होता है।

उस समय Vacuum tube filaments का उपयोग electrons को source के रूप में  करता था. Vacuum tube फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर में electronic signal को control करके रखता था और जरुरत पड़ने पर उसको बढ़ने का काम भी इसके द्वारा किया जाता था. Vacuum tubes एक ख़ास बात ये थी इनका इस्तेमाल calculations के साथ-साथ storage और control के लिए भी किया जाता था. सबसे पहला Computer ENIAC (Electronic Numerical Integrator And Calculator) था, और इस कंप्यूटर को J.P. Eckert और John William द्वारा develop किया गया था।

कम्प्यूटर के प्रथम पीढ़ी की शुरुआत जैसा की हम जानते है, सन् 1946 हुई थी, सबसे पहले कंप्यूटर का नाम ENIAC रखा गया था, यह दुनिया का सबसे पहला General Purpose Fully Electronic Digital कम्प्यूटर था. ENIAC लगभग 30 से 50 फीट लंबा था, और इसका वजन लगभग 30 टन था, इस को चलाने के लिए 18,000 Vacuum tube, 70,000 रजिस्टरों, 10,000 कैपेसिटर्स और 150,000 वाट बिजली की जरूरत होती थी।

जैसा की आप जानते है फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े और भरी हुआ करते थे. इनको घर में रखने के लिए बहुत ही मुश्किल का करना पड़ता था, इन्हें रखने के लिए बड़े कमरे की आवश्यकता होती थी, फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर बड़ी मात्रा में गर्मी का उत्सर्जन भी किये करते थे. इसलिए इनके लिए एयर कंडीशन कमरे की आवश्यकता होती थीं, इस पीढ़ी के computers की निम्नलिखित विशेषताएँ होती थी −

  • First Generation Computer की speed बहुत कम होती थी।

  • यह Computer बिल्कुल भी Portable नहीं होते थे।

  • फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटर का मेमोरी डिवाईस Magnetic Drum होता था।

  • यह Computer Vacuum Tube से निर्मित होते थे।

  • फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए बहुत सारे AC की आवश्यकता होती थी।

Second Generation Of Computers(1956-1964)

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में Vacuum Tubes की जगह Transistors को इस्तेमाल में लाया जाता था, Transistors को Vacuum Tubes की जगह इसलिए इस्तेमाल में लाया जाता था क्योंकि Transistors Vacuum Tubes की अपेक्षा काफी छोटा होता है, जिसके कारण यह कम जगह घेरता है, और इसे एक जगह से दुसरे जगह ले जाने में आसानी होती है, कहने का मतलब यह portable होता था।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों भी काफी गर्मी प्रदान करते थे, लेकिन अगर इनकी तुलना First generation computer के साथ की जाये तो ये First generation computer की अपेक्षा बहुत कम गर्मी प्रदान करता थे, इनको भी ठंडा रखने के लिए Air Conditioner की जरुरत पड़ती थी. अगर बात की जाये computer की दूसरी पीढ़ी के टाइम पिरियड की तो इसकी शुरूआत सन 1959 से 1965 के बीच में हुई थी. दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, Transistor का इस्तेमाल इसलिए किया जाता था क्योकि Transistor उस समय बहुत सस्ते हुआ करते थे, और कम power का उपयोग करते थे. Transistor Vacuum tubes की पहली पीढ़ी के मशीनों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और fast थे, इस पीढ़ी के Computers की निम्नलिखित विशेषताएँ होती थी −

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों अधिक तेज एवं विश्‍वसनीय थे।

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों का आकार छोटा होता था और ये ऊर्जा की कम खपत करते थे।

  • Vacuum Tube के स्थान पर Transistor का उपयोग किया जाता था।

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में Memory के रूप में Magnetic Core का इस्तेमाल किया जाता था।

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों का निर्माण करने में कम लागत आती थी।

Third Generation of Computer(1965-1971)

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, Integrated Circuit का इस्तेमाल किया गया था, तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों का टाइम पिरियड सन 1965 से 1971 तक माना जाता है, जैसा की हमने भी बताया है की इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में Transistors की जगह Integrated Circuit की उपयोग किया जाता था, एक IC में कई Transistors, Resistors, और Capacitors Associated सर्किट्री के साथ काम करते थे, अगर बात की जाये Integrated Circuit की तो हम आपको बताना चाहेंगे की Integrated Circuit का आविष्कार Jack kelly ने किया था।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के निर्माण में Integrated Circuit ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, Integrated Circuit के इस्तेमाल से तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों का आकार में कमी आई, और इसकी सहायता से एक विश्वसनीय और कुशल Computer बनाया जा सका. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में रिमोट प्रोसेसिंग, टाइम-शेयरिंग, मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था ऐसा पहली बार हुआ था. इस पीढ़ी के कंप्यूटरों ने आईटी फील्ड में एक नई क्रांति ला दी थी, इस पीढ़ी के दौरान High level programming language का उपयोग किया गया था. दोस्तों ऐसा पहली बार हुआ था जब यूजर्स Computer का इस्तेमाल करने के लिए keyboard और monitor को use में ला सकते थे, इस पीढ़ी के Computers की निम्नलिखित विशेषताएँ होती थी −

  • Integrated Circuit का इस्तेमाल किया जाता था।

  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों का आकार छोटे होता था, दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के कॉम्पेरशन में।

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर कम गर्मी उत्पन्न करते थे।

  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की स्पीड बहुत फास्‍ट होती थी।

  • Electricity की कम खपत करते थे।

  • इनकी विश्‍वसनीयता बहुत अधिक होती थी।

  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर Portable होते थे, एवं इनका रख-रखाव भी आसान होता था।

Fourth Generation Of Computers(1971-1985)

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, Micro Processor का इस्तेमाल किया गया था. आज के समय में भी इस generation के computer को उपयोग में लाया जाता है. एक कंप्यूटर सिस्टम में, Micro Processor central unit होती है, Micro Processor एक single chip है, जिसका उपयोग Computer में Arithmetical और logical calculation को perform करने के लिए किया जाता है, और इसका आविष्कार Ted Hoff के द्वारा किया गया था. Ted Hoff एक बहुत बड़े वैज्ञानिक है इन्होंने सबसे पहला जिस Micro processor को develop किया था उसका नाम Intel 4004 रखा था, Ted Hoff उस समय Intel Corporation के लिए काम किया करते थे. चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों का टाइम पिरियड सन 1971 से 1980 तक है, आज भी इस पीढ़ी के Computer में Micro processor का इस्तेमाल होता है, चतुर्थ पीढ़ी के आने से कंप्यूटर के युग में एक नई क्रान्ति आई।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों की एक खास बात यह है, की इस जनरेशन के कंप्यूटर को आप network के द्वारा एक दुसरे से जोड़ा सकते है. फोर्थ जनरेशन के कंप्यूटर बहुत ही छोटे और वजन में काफी हलके और बहुत ही तेजी के साथ काम करने वाले होते हैं, इस पीढ़ी के Computer बहुत ही कम गर्मी प्रदान करते है, और इन्हें A.C की आवश्यकता नहीं पडती है. इस Generation में High level language को develop किया गया था, उदाहरण के तौर पर C, C++. आपकी जानकारी के लिए बात दे चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में V.L.S.I Technology का उपयोग किया गया है, इसलिए इसे Micro processor के नाम से भी जाना जाता था, इस generation में सबसे पहला Personal Computer IBM Company के द्वारा develop किया गया था. चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों को वर्तमान में उपयोग लाया जाता हैं और इन्हें आगे भी विकसित किए जा रहे हैं, इस पीढ़ी के Computers की निम्नलिखित विशेषताएँ होती थी −

  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में LSI और VLSI वाले Integrated Circuit का इस्तेमाल किया गया है।

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत सस्ते होते है ।

  • DOS, Windows, UNIX तथा Apple OS का विकास।

  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों का साइज बहुत छोटी होता है।

  • कम्‍प्‍यूटरों के विभिन्‍न नेटवर्क LAN, WAN आदि का विकास।

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर पोर्टेबल और विश्वसनीय होते है।

  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों की मेमोरी व प्रोसेसिंग क्षमत बहुत अधिक होती है।

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का आकार एवं वजन बहुत ही कम होता है।

Fifth Generation of Computer(1985 – अब तक)

कम्प्यूटरों की पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1980 से हुई, पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक पर आधारित है. जिसके परिणाम स्वरूप Microprocessor Chips में लगभग 10 लाख Electronic components होते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे की कम्प्यूटरों की पांचवी पीढ़ी समानांतर Processing Hardware और Artificial Intelligence Software पर आधारित है. जैसा हम जानते है वर्तमान में AI कंप्यूटर विज्ञान की एक उभरती हुई शाखा है, Artificial Intelligence की मदद से ऐसे कम्प्यूटर बनाने के तरीकों के बारे में खोज की जा रही हैं. जो मनुष्य की तरह सोचते हैं, और मनुष्य तरह हर चीज को फील करेंगे, C and C++, Java, .Net Python जैसी सभी High level language का उपयोग इस पीढ़ी में किया जाता है।

दोस्तों 1985 से अब तक के कंप्यूटर पांचवी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं. कंप्म्प्यूटरों की पॉंचवीं पीढ़ी में आज के समय के शक्तिशाली और उच्‍च तकनीक वाले कम्‍प्‍यूटर से लेकर भविष्‍य में आने वाले कम्‍प्‍यूटरों तक को शामिल किया गया हैं. जैसा की हमने ऊपर भी बताया है, इस पीढ़ी के Computer में स्वयं सोचने की क्षमता को पैदा की जा रहा है. इस पीढ़ी के Computer को इतना पावर फुल बनाया जा रहा है, की आने वाले समय में ये हर क्षेत्र में कार्य करने के लिए सक्षम बन सकेंगे, और कुछ हद तक इसमें सफलता भी मिल चुकी है, जैसा की Windows Cortana, Google Assistant, Apple Siri इत्यादि इसके कुछ उदाहरण हैं, पॉंचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों की प्रोसेसिंग पावर को बढ़ाने के लिए साइंटिस्ट्स लगातार काम कर रहे हैं. वर्तमान में कई देशो की प्रयोगशाला में साइंटिस्ट्स Advance programming और technology की सहायता से वास्तविक बुद्धि के साथ एक Computer बनाने की कोशिश कर रहे है, इस पीढ़ी के Computers की निम्नलिखित विशेषताएँ होती थी −

  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ULSI टेक्नोलॉजी का use किया गया है।

  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में Artificial Intelligence का उपयोग किया गया है।

  • पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर भिन्न-भिन्न आकार में आते है, जैसे-Desktop, Laptop, Palmtop आदि।

  • एडवांस Parral प्रोसेसिंग।

  • पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों की प्रोग्रामिंग जरूरतों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास किया गया है,जैसे Java, Visual Basic, C, C++, LISP, C#, HTML, JavaScript, MySQL आदि।

  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर multimedia Features के साथ अधिक यूजर फ्रेंडली इंटरफेस प्रदान करते है।