History of Computer in Hindi




History of Computer in Hindi - पूरी जानकारी इन हिंदी ?

History of Computer in Hindi, What is Computer History in Hindi, History and Development of Computer, कंप्यूटर का इतिहास हिंदी में, Computer History Kya Hai, Learn History Of Computer In Hindi, कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं, Introduction of Computer History in Hindi, कंप्यूटर का विकास और इतिहास पढ़ें हिंदी में, कंप्यूटर का इतिहास और विकास ?

कंप्यूटर का इतिहास हिंदी में अगर आप जानना चाहते हैं, तो हम आपको कहना चाहेंगे की आप बिलकुल सही पोस्ट पर है. क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको कंप्यूटर History की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. यह आर्टीकल कंप्यूटर का इतिहास History Of Computer In Hindi के बारे में है. इस पोस्ट में कंप्यूटर बनने का रोचक इतिहास और कंप्यूटर जनरेशन के बारे में बात की गई है. दोस्तों कंप्यूटर इतिहास के बारे में आप जो कुछ भी जानना चाहते है, वो सब हमने इस पोस्ट में बिल्कुल सरल व आसान शब्दों में बताया है, तो चलिए ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम सीधे देखते हैं, की कंप्यूटर का इतिहास और विकास क्या है. कंप्यूटर के इतिहास की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस लेख को आखिर तक पड़े।

कंप्यूटर का इतिहास और विकास?

कंप्यूटर का इतिहास बहुत समय पहले से शुरू होता है. Computer scientist और शोधकर्ता के द्वारा वर्तमान समय के कंप्यूटर का निर्माण करने के लिए और गणना के कार्य को आसान बनाने के लिए कंप्यूटर का निर्माण किया था, शुरुआती दिनों मैं लोगों को गणना करने के लिए बहुत ही मुश्किल का सामना करना पड़ता था. उस समय लोग आपने सामान की गणना करने के लिए पथरो और लकड़ियों का सहारा लिया करते थे।

आपको जानके हैरानी होगी की कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है. इसकी शुरूवात उस समय से मानी जाती है, जब चीन में एक Calculation Machine Abacus का अविष्कार हुआ था. आपकी जानकारी के लिए बात दे की Abacus एक Mechanical Device है, जिसे आज के समय में भी चीन, जापान, बहरीन, हांगकांग, सहित एशिया की अनेक countries में अंको की गणना के करने के लिए उपयोग में लाया जाता है. अगर बात की Abacus की तो यह तारों का एक frame हैं, इन तारो में बीड को बहुत ही smartly तरीके से पिरोया गया हैं, प्रारंभ में इस Machine को व्यापारी लोग गणना करने के लिए उपयोग में लाया करते थे, Abacus Machine अंको को जोड़ने, घटाने, गुणा करने तथा भाग करने में सक्षम है।

Computer मानव जाति सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से है. अगर बात की जाये Computer के विकास की तो Mathematical calculations को बड़ी संख्या में करने के लिए इसका आविष्कार किया गया था. जिन गणनाओं को करने के लिए एक व्यक्ति को कई-कई दिन का समय लग जाया करता था Computer की सहायता से कुछ ही सेकंड के अंदर उन गणनाओं को करना संभव हो सका है, अगर आप Computer के इतिहास पर एक नज़र डालेंगे तो आप देखोगें की काफी Hard work करने के बाद इसका विकास किया जा सका. इस प्रक्रिया में विभिन्न प्रणालियों को जन्म दिया जैसे बेबीलोनियन प्रणाली, यूनानी प्रणाली, रोमन प्रणाली और भारतीय प्रणाली. लेकिन गर्व करने की बात यह इन सब में से भारतीय प्रणाली को स्वीकार कर लिया गया है. कंप्‍यूटर और Data store करने की क्षमता ने हमें ऐसे काम को भी करने में सक्षम बनाया हैं. जो इसके विकास होने से पहले असंभव लगता था, अगर देखा जाये तो हम-सब पिछले लगभग 40 वर्षों से Computer का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन computation के बुनियादी concepts, algorithm और development के बारें में अभी भी बहुत से लोग अनजान हैं।

Computer का अविष्कार करने का मुख्य कारण लोगों का मनोरंजन करना नहीं था. इसका अविष्कार गंभीर संख्याओं की गणना करने के लिए या गणना को आसान बनाने के लिए किया गया था. U.S. की बढती आबादी को गंभीर संख्याओं के गणित कारण माना जाता था. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की उस समय U.S. की सरकार को U.S. की जनगणना करने के लिए बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता था इसमें बहुत ज्यादा समय भी लगा करता था. जिसको कम करना उस समय लगभग नामुमकिन था, U.S. सरकार को लगभग 7 साल से ज्यादा का समय इस जनगणना का गणित करने में लगता था।

U.S. की सरकार ने गणना को आसान बनाने के लिए कोई तेज तरीका माँगा की, उस तेज तरीके के कारण पंच-कार्ड का निर्माण हुआ, जैसा की हम जानते है, ये पंच-कार्ड पूरे कमरे लगे थे. आज के समय में हम अपनी जेब में भी Computing devices को लेकर कही भी घुम सकते है. शुरुआती computer एक बड़े कमरे के आकार के होते थे. वर्तमान में computer आपके हाथ मे है जिसे mobile कहते है. Computer को वर्तमान स्वरूप में आने के लिए कई generation से गुजरना पड़ा था. वर्तमान समय की machines जो internet को surf करती है, गेम्स और Videos दिखाने की क्षमता रखती है।

कंप्यूटर का इतिहास - What is Computer History In Hindi?

कंप्यूटर के निर्माण से पहले ही कंप्यूटर शब्द का उपयोग होता आ रहा है, आपकी जानकरी के लिए बता दे की कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के “कम्प्यूट” शब्द से हुई है. दुनिया के सबसे पहले कंप्यूटर का नाम ENIAC था, और इसका पूरा नाम “Electronic Numerical Integrator and Computer” था, इस कंप्यूटर को सन 1946 में बनाया गया था, अगर हम सन 1946 से पहले की बात करे तो उस समय गणना करने के लिए बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता था. उस समय गणना करने के कोई भी Electronic device मौजूद नही था. दोस्तों पहले के समय में Mechanical devices को संचालित करने वाले विशेषज्ञ व्यक्ति को ही “कंप्यूटर” नाम से जाना था. जैसे-जैसे समय बदलता गया इन यंत्रो में अनेक प्रकार के बदलाव तथा सुधार किये गए. इन यंत्रो को कम करने के लिए और ज्यादा एडवांस बनाया गया, तब कही जा कर आज के समय का कंप्यूटर वज़ूद में आया, जिससे हम “कंप्यूटर के इतिहास” के रूप में जानते है।

आइये अब हम कुछ ऐसे ही computing devices के विषय में discuss करते हैं जिनकी इस दिशा में बड़ी योगदान है −

Abacus

कंप्यूटर का इतिहास 3000 वर्ष पुराना है, जैसा की हमने ऊपर भी बताया है. इस श्रृंखला में सबसे पहला कॅल्क्युलेटिंग डिवाइस का नाम ABACUS. इस Machine का अविष्कार सबसे पहले चीन में हुआ था, Abacus एक Mechanical Device है. इस device को आज भी अंको की गणना के लिए चीन, जापान, इस्राएल, जोर्डन, मलेशिया , सहित एशिया के कई देश में इसका इस्तेमाल किया जाता है. क्या आप जानते है Abacus तारों का एक फ्रेम होता हैं, और इन तारो में पकी हुई मिट्टी के गोले को बहुत ही होशियारी के साथ पिरोये गया हैं, जब इस Machine अविष्कार हुआ था तो उस समय व्यापारी लोग आपने कम की Calculation करने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे. Abacus का कम अंको को जोड़ने, घटाने, गुणा करने तथा भाग देने है, Abacus का मतलब या अर्थ होता है, Calculating Board।

Blase Pascal

Blase Pascal यह भी एक Machine है, जिसे कई Centuries में अन्य यांत्रिक मशीने अंकों की गणना के लिए Develop किया गया था. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की 17 Centuries में फ्रांस के एक बहुत ही महान गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने एक यांत्रिक Mechanical Digital Calculator को विकसित किया था, और इस मशीन का नाम एंडिंग मशीन रखा गया. उस समय इस Machine की सहायता से जोड़ या घटाव करने कम किया जाता था, घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धान्त पर यह मशीन कार्य करती थी, इस मशीन में कई दाँत की तरह दिखने वाली चकरियाँ को लागया गया था, जो हर समय घूमती रहती थी, चक्रियों के दाँतो पर 0 से 9 तक के अंक को छपा गया था. ऐसा इसलिए किया गया था जिससे की प्रत्येक चक्री का एक स्थानीय मान रहे, जैसे – इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि इसमें एक चक्री के घूमने के बाद दूसरी चक्री घूमती थी Blase Pascal की इस Adding Machine को आमतौर पर लोग Pascaline भी कहते हैं।

Napier’s Bones

इस Machine को John Napier ने सन 1617 में develop किया था, यह एक mechanical device है, और इस device को multiplication करने द्देश्य से डिज़ाइन किया गया था. सर जॉन नेपियर ने गणना करने के लिए इस Machine को डिज़ाइन किया था. दोस्तों इस mechanical device को multiplication के उद्देश्य से बनाया गया था. इस मशीन का नाम नैपियर बोन्स उन्ही के नाम पर रखा गया था. इस मशीन की मदद से आसानी के साथ जोड़, घटाव, गुणा, और भाग, की जा सकती थी. यह डिवाइस आयताकार छड़ का एक सेट से बना है. जैसा की हम जानते है. कंप्यूटर के विकास में नेपियर बोन्स ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका नीभाई है, क्या आप जानते है सर जॉन नेपियर एक गणितज्ञ थे, जिन्हें लोगारिथ्म्स के आविष्कार के लिए सम्मानित भी किया है, Logs का उपयोग सबसे पहले सर जॉन नेपियर ने ही किया था, लॉग्स के उपयोग से आप किसी भी गुणा की समस्या को बहुत ही कम समय के अंदर हल कर सकते है।

Jacquard’s Loom

वहीँ 18th century में, एक French weaver Joseph Marie Jacquard ने इस मशीन को develop किया था. उस समय उहोंने एक ऐसा programmable loom develop किया था जो जजों की large cards और holes का इस्तेमाल करता था, और उन्हें punch करता था. आपकी जानकारी के लिए बता दे की सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर (Weaver) जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard) ने कपड़े बुनने के लिए इस मशीन को develop किया था. उस समय इस मशीन के लिए ऐसे loom को बनाया गया जो कपड़ो में डिजाईन या पैटर्न को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्डो से controlled करता था. इस loom की एक खास बात यह थी की यह कपडे के Pattern को Cardboard के छिद्र युक्त punch card से controlled करता था, punch card पर चित्रों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था।

Step Reckoner

Step Reckoner एक Calculating मशीन हैं, इस मशीन को जर्मन Mathematition Philosopher Gottfried Wilhelm von Leibniz के द्वारा सन 1671 में डिजाइन किया था, उसके बाद सन 1673 में इस मशीन को बनाया गया था. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की यह मशीन, पिछले Blaise Pascal की आइडिया का एक्‍सपांशन था, जिसमें एडिशन और शिफ्टिंग को बार-बार कर multiplication भी किया जा सकता था. Step Reckoner गियर Mechanism पर आधारित था, जिसे Leibniz ने आविष्कार किया था, और अब इसे Leibniz wheel कहां जाता हैं।

Leibniz बाइनरी सिस्टम का एक मजबूत समर्थक था, बाइनरी नंबर मशीनों के लिए आदर्श हैं. क्योंकि उन्हें केवल दो अंकों की आवश्यकता होती है, जिसे आसानी से एक स्विच के on और off states द्वारा दर्शाया जा सकता है, जब कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक हो गए, तो बाइनरी सिस्टम विशेष रूप से उपयुक्त था, इस मशीन के मुख्य feature इस प्रकार है −

  • यह मशीन 16- Digit नंबर से / 8 Digit नंबर को एड या Subtract कर सकती हैं।

  • यह मशीन 8 Digit नंबर को मल्टीप्‍लाय कर 16- Digit रिजल्‍ट प्राप्‍त कर सकती हैं।

  • यह मशीन 16- Digit नंबर को 8 Digit नंबर से divide किया जा सकता हैं।

Leibniz, बाइनरी सिस्टम का बहुत ही दृढ़ता के साथ समर्थन करता है, बाइनरी नंबर को मशीनों के लिए आइडियल माना जाता हैं. क्योंकि उनके लिए केवल दो ही digit की आवश्‍यकता होती हैं, जिन्‍हे स्विच के ऑन और ऑफ की state से आसानी से representative किया जाता हैं।

Charles Babbage

जैसा की हम जानते है, कप्यूटर के इतिहास में 19th century के प्रारम्भिक समय को स्वर्णिम युग माना गया है. आपको पता ही होगा English एक महान Mathematicians Charles Babbage ने एक Mechanical Calculation Machine Develop करने की आवश्यकता तब महसूस की जब गणना करने के लिए बनी हुई सारणियों में बहुत ज्यादा Error आती थी. जिसके कारण गणना करते समय बहुत ही मुश्किल का सामना करना पड़ता था. इससे समय की बहुत ज्यादा बर्बादी होता थी, गणना करते समय Error आने का मुख्य कारण इस Tables का हस्त निर्मित होना था।

Charles Babbage ने सबसे पहले सन् 1822 में एक मशीन को डिज़ाइन किया था. जिसको ब्रिटिश सरकार ने वहन भी किया था, उन्होंने उस समय मशीन का नाम डिफरेंस इंजिन रखा था. आपकी जानकारी के लिए बता दे इस मशीन में गियर और साफ्ट लगे थे. इस मशीन को चालाने के लिए भाप का इस्तेमाल किया जाता था. Charles Babbage ने इस मशीन के विकसित करने के कुछ ही साल बाद Analytical Engine तैयार किया यह एक बहुत ही शक्तिशाली मशीन थी, जैसा की हम जानते है, Charles Babbage का computer के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा हैं, उनका analytical इंजिन आधुनिक computer का आधार बना और यही कारण है कि Charles Babbage को computer science का जनक कहा जाता हैं।