Aitbaar Shayari




तुम्हें jab kabhi मिले फ़ुरसत तो mere dil से बोझ उतार do मैं bahut दिनों से उदास हूँ mujhe koi तो शाम उधार दो.!!


एक baar उसने kha tha मेरे सिवा kise से pyaar ना करना bas फिर kya था तब से mohabbat की नजर से humne खुद को भी नहीं देखा!


छोड़ diy hum ने ऐतबार किस्मत की लकीरों पे वासी jo dilo में bas जाएँ वो लकीरों में nahi मिला करते.


अब मैं roj इक ताज़ा शेऱ कहां tak लिखूं tere लिए, तुझमें तो roj ही एक नयी baat हुआ करती है.


क्या खूब mere क़त्ल का tareka तूने इजाद kiya मर जाऊं हिचकियों से, is कदर tune yaad किया !!


क्यों kise से itna pyaar हो जाता है! ek pal का इंतज़ार भी दुश्वार हो jata है! लगने lgta hai अपने भी पराये! or ek अजनबी pr ऐतबार ho जाता है!


तुम mujhe मौक़ा to do ऐतबार banae का फ़राज़’ thak जाओगे meri wafa के sath चलते चलते


कुछ मैं B Thak Gya उसे Dhondte Hoye कुछ ज़िंदगी K Pas B मुहलत नहीं Rahi Us Ki हर एक Ada Se Jahlakne लगा Khloos Jab Muj Ko ऐतबार Ki Aadat नहीं Rahi


हम bhulege और wo bhi तुम्हें, उफ्फ badi ही अजीब भूल है tumaree.


अगर muj pr ऐतबार kiya hota तो आपको जाने kya diya होता गमो की गहराई में ager छोड़ aate hame तो भरी महफ़िल me na ज़हर पिया होता


दफन sirf छ: फीट के गड्ढे में kar diya उसे ज़मीन jiske नाम.. कईं करोड़ो में थी. !!


कोई rishta nahi दुआ के सिवा, koi सुनता नही khuda के सिवा, maine भी ज़िंदगी को करीब se dekha hai मेरे दोस्त, मुस्किल मे कोई


यूँ तो तुमसे jeet pana मुश्किल है, lekin ये आँखे तुमसे ladana चाह रही है.


किसी ने kaha aapki आंखें बड़ी खूबसूरत है, maine कह diya कि, बारिश के baad अक्सर मौसम suhana हो जाता है।


कुछ baat thi unme जिस वजह से दफअतन hum khud से भी ज्यादा unpe ऐतबार कर बैठे


ना कर mujse बेइंतहा मोहब्बत तू। गर do घुट sharab के baad बेवफाई करनी है।।


माना ki tum जीते हो zamaane के लिये, ek baar जी के to dekho हमारे लिये, dil की kiya औकात aapke सामने, हम


अच्छे लगते है mujhe ये दो kam, ek तुमसे बातें करना दूसरा tumari बातें करना.


आदत unki कुछ is तरह हो गई, unki बेरुखी se bhee mohabbat हो गई।


आदत se ho चली है, teri बेरुखी की ab तो तू mohabbat से पेश आये to, अजीब लगता है ...!!


शतरंज खेलते rhe wo हमसे kuch इस कदर kabhi उनका इश्क़ मात deta तो kabhi उनके लफ्ज़!


नींद me bhi गिरते हैं meri आँख से आंसू jab भी तुम ख्वाबों में mera hath छोड़ देती हो..


ग़ज़ब kiya तेरे वादे पे aitbaar kiya तमाम raat क़यामत ka इन्तज़ार किया।


सिलवटें हैं mere चेहरे पे तो हैरत kyu hai ज़िन्दगी me mujhe कुछ तुमसे ज़्यादा पहना है...!


मुझसे milne का aaj तू भी इरादा kar ले अपने dil से आज ek बहाना कर ले krna पड़ेगा aaj तुझे सामना meri mohabbat का अपने दिल-ऐ-ज़ज़्बात को आज तू thoda ज्यादा कर ले


दिल ke बाग़ में aaj ek और फूल खिला, ज़िन्दगी की राह me aaj तुम्हे भी ek हमसफ़र मिला.


छोड दो तन्हाई मे mujko यारो, साथ मेरे रहकर क्या पाओगे, ager हो गई आपको भी mohabbat कभी, मेरी तरह tum भी पछताओगे…।।


न होगे hum तो किसी ने ,tum ये खुद कहोगे, miloge बहुत से lekin कोई hum सा पागल ना होगा


माना आज उन्हें hamara koi ख़याल नहीं, जवाब dene को hum राज़ी है, पर koi सवाल नहीं! पूछो unke दिल से क्या


इतना बेताब na ho मुझसे बिछड़ने ke liye तुझे आँखों से नहीं mere dil से जुदा होना है।