Ajnabi Shayari




पसंन्द aaya तो dil में, nahi तो दिमाग me bhee नही.


हमको तो bas तलाश new रास्तों की है hum हैं मुसाफ़िर aise जो मंज़िल से आए हैं...


तेरे दीदार की talaash में आते है teree गलियों में varna आवारगी के liye पूरा shahar पड़ा हे।


बेझिझक muskuraaye जो भी गम है, Zindage में टेंशन kisko कम है, अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है, Zindagee का naam ही कभी ख़ुशी कभी गम है।


सुलझ jaye तो बिछुङने ka डर उलझे rhe to जीना मुश्किल


उसने कहा mat dekho मेरे सपने, mujhe पाने की तेरी औकात nahi, मेंने bhee हस kar कहा, पगली aana हो तो आजा, mere सपनो मे,हकीकत मे आने की teree औकात नही.


आँखों से barasaat होती हैं जब आपकी yaad साथ होती है, jab भी busy रहे मेरा cell तो समझ lena आपकी होने walee भाभी से मेरी बात होती हैं


यादों से koi सरोकार नहीं inka पानी पी ले "बे" ये batatee है हिचकियाँ


मुझे इस baat का गम nahi कि badal गया ज़माना; meri जिंदगी तो sirf तुम हो, कहीं tum ना बदल जाना!


ना वक्त itna हैं कि सिलेबस pura किया जाए; ना तरकीब koi की एग्जाम paas किया जाए; na jane कौन सा दर्द diya है इस पढ़ाई ने; ना रोया जाय और ना सोया जाए।


मैं तो मर के भी बज्म-ए-वफा के jida हूं गालिब तलाश kar मेरी महफिल mera मज़ार न पूछ..!!


बड़ी अजीब hotee है, ये ख़्वाहिशों की udaan उड़ना चाहती है wha, jha आसमाँ ही नहीं होता...


तुम्हारी याद के baadal हमारे साथ जायेंगे, hume तुम भूलना chaaho तो अश्कों में बहा देना ।


जहाँ याद na aaye तेरी वो तन्हाई kis kaam की बिगड़े रिश्ते na bane तो खुदाई kis kaam की बेशक aapnee मंजिल tak जाना है हमें लेकिन jha से अपने न दिखें वो ♦️ ऊंचाई kis kaam की


उसने मिलने की ajeeb शर्त रखी… gaalib चल के aaoo सूखे पत्तों पे lekin कोई आहट न हो!


खून अभी wo hee है, ना ही sok बदले ना ही जूनून, sun लो fir से, रियासते गयी है rutba नही, रौब ओर khof aaj भी वही हें |


मंजिल का naraj होना भी जायज tha hum भी तो अजनबी raho से दिल लगा बैठे थे…!


सारी उम्र आँखों में ek sapna याद रहा, सदियाँ beet गयी पर वो 🍇 लम्हा yaad रहा, na jane क्या बात थी un मे और हम मे, saree महफिल भूल गए बस वही ek चेहरा yaad रहा..


झूठे इल्जाम, meri जान, लगाया na karo dil हैं नाजूक, ise तुम ऐसे दुखाया na karo झूठे इल्जाम meri jaan लगाया ना करो.......


ये kis तरह की jid दिल mujse करने laga, जिसे maine भूलना चाहा use वो yaad करने लगा


कागज़ पे likhe गज़ल, बकरी चबा गयी ! चर्चा pure शहर में हुई, के बकरी शेर kha गयी.


हम है wafa के पुजारी , har दम वफ़ा करेंगे, ek jaan रह गयी है , isse भी तुम पर fida करेंगे. अल्लाह kare तुमको भी हो चाह kisee की, फिर मेरी trh तू भी, राह देखे रहा किसी की..


ज़िंदगी uski जिसकी mot पे ज़माना अफसोस करे, गालिब yu to हर शख्स aata है इस duniya में मरने के लिए!


तनहाई ले jatee है जहाँ tak याद तुम्हारी; wahee से शुरू hotee है जिंदगी हमारी; nahi socha था हम चाहेंगे tumhe इस कदर; पर ab तो बन गए हो tum किसमत हमारी!


कुछ तो kar मेरा इलाज ऐ हकीम-ए-मोहब्बत, har रात वो yaad आता है और mujse सोया नहीं जाता


खुद को itna अकेला kar diya है ab तो साया बी साथ न chle तो परवाह नहीं


हमसे मत puche जिंदगी के बारे मे , अजनबी kya जाने अजनबी के bare मे ….


मुझे रेत से kya लेना dena जहाँ तू nahi वो har जगह *रेगिस्तान* है


सच की haalat किसी तवायफ सी है, talabgar बहुत हैं तरफदार koi नही!!


मत तरसा kisee को इतना अपनी mohabbat के liye क्या पता तेरी ही mohabbat पाने के liye जी रहा हो कोई


दुनिया में सब cheez मिल jatee है केवल apnee ग़लती nahi मिलती...!!


आसमां में mat ढूँढ apne सपनों को सपनों के liye तो ज़मीं जरूरी है


चुपचाप gujaar देंगे तेरे bina भी ये ज़िन्दगी, logo को सिखा देंगे mohabbat ऐसे भी होती है.