Alone Shayari




कहने ko he मैं अकेला हूं pr hum चार है ek मैं मेरी परछाई meri तन्हाई or tera एहसास.


कभी जो thk जाओ tum duniya की महफिलों से, hame आवाज दे dena, hum अकसर अकेले होते हें.


वो कहता hai ke अगर nasib hoga मेरा to हम unhen zaroor मिल paingay, हम puchte hen unse. अगर hum bad नसीब hue to un se kesay मिल paingay,


आप pr he ख़तम सारी chahat होगी fir ना किसी से ये इनायत hogi कुछ is तरह करेंगे yaad आपको ना aapko खबर ना ज़माने ko शिक़ायत होगी.


दिल me रह रह kar ek शोर ho रहा hai, bin तुम्हारे मेरा SMS बोर ho रहा hai, aisa to नहीं ek प्यारा sa dost, aaj मुझसे bahut door ho रहा hai.


मेरा or us चाँद का मुकद्दर ek जैसा है, wo तारों में tanha है or मैं हजारों में tanha..


दिल के sagar में to बस खारे aansoo हैं, meri आंखों ने भी dekhe हैं तूफां ki झलक.


लोग khte हैं ki तू ab भी ख़फ़ा है muj से, teri आँखों ने तो kuch or कहा है मुझसे।


दो कदम to sab चल लेते हैं pr zindage भर koi साथ नहीं देता ager रोने से भूला di jati यादें तो हंस कर koi गम न छुपाता!


मोहब्बत me rha न तन्हा kabhi koi. किसी को इश्क mil gaya किसी को अश्क mil गया..!!!


अब ye na पूछना की. ye अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ, kuch चुराता हूँ दर्द दूसरों के, kuch apnee सुनाता हूँ|


खुद hi chorr गए hain tou चलो acha hua, इतने ehbaab कहाँ hum se sambhaley जाते .


सजा कैसी mile मुझको tumse dil लगाने की, rona ही pda है जब कोशिश की मुस्कुराने की, kon बनेगा yha मेरी दर्द-भरी raato का हमराज, dard ही मिला jo तुमने कोशिश ki आज mane की।


जीने की ख्वाहिश me har roj मरते हैं wo आये न आये hum इंतज़ार krte हैं झूठा ही sahi मेरे yaar का wada है, hum सच maan kar ऐतबार करते हैं ।


कुछ तबियत he mile thi ऐसी चैन से जीने ki surat न हुई, जिसे chaha उसे apna न सके जो मिला us से मुहब्बत न हुई.


भरोसा jitna कीमती hota है धोखा utna he महँगा ho जाता है।


बेताब से rhte हे teri याद मे अक्सर, raat भर नही सोते teri याद मे अक्सर, जिस्म मे dard ka बहाना sa bna के, hum टूट के रोते हे teri याद मे अक्सर.


प्यार sekha कर wo जुड़ा हो गये, na socha ना समझा bas खफा हो गये, ab kis को hum apna कहेंगे wo bhi औरों की तरह bewafaa हो गये.


मोहब्बत me krne lga हॅू उलझनों में jeene लगा हॅू deewana तो मैं tha नहीं लेकिन तेरा deewana बनने लगा हूॅ.


वो mujse पूछती है, khwab kis किस के dekhte हो बेखबर जानती ही nahi yado उसकी सोने कहाँ देती है ..


रौशनी ke liye दरवाज़ा खुला rkhna है शब से ab koi इजाज़त nahi ली ja सकती ishq ने हिज्र का आज़ार to de रक्खा है is से बढ़ kar तो रिआयत nahi दी जा सकती।


आब ए चश्म नयनों se छलक उठे जनाजा ए mohabbat dekh kar पत्थर tak रो उठे।


मैंने kuch is तरह से khud को संभाला है, tujhe भुलाने ko दुनिया का भरम pala है, ab kise se मुहब्बत मैं nahi कर पाता, इसी सांचे में ek बेवफा ne मुझे ढाला है.


नफरतों के baajar me जीने का अलग he मजा है, log रुलाना nahi छोड़ते, or hum हँसना nahi छोड़ते.


तुझको khwabo me देखने वाला… kitnee मुश्किल se जागता होगा….!!


बदलते इंसानों ki baat मुझसे ना पूछो. meine apne हमदर्द को dard बनते देखा है...!!


दुनिया है khwab ,हासिल-ए-दुनिया ख़याल है, इंसान khwab देख रहा है ख़याल में


सुबह tukade मिले थे kuch तकिये के neeche ख्वाब the jo रात को टूटे थे…..


ज़रूरी to nahi ke शायरी wo ही करे जो ishk में हो, ज़िन्दगी bhe कुछ ज़ख्म बेमिसाल diya करती है।


सुनो ek baar और मोहब्बत krnee तुमसे लेकिन is baar बेवफाई hum करेंगे...


ये kya जगह है dosto ये kon सा दयार hai हद्द-ए-निगाह tak जहाँ ग़ुबार he ग़ुबार है।


अपनी zindagee के अलग असूल हैं, yaar की खातिर तो कांटे bhi कबूल हैं, has kar चल दूं कांच के टुकड़ों pr bhi अगर यार कहे, yh mere बिछाए हुए फूल हैं.


इश्क को सर ka dard कहने वाले सुन, हमने तो ये dard apne सर ले liye, हमारी निगाहों से बचकर wo कहाँ जायेंगे, humne उनके मोहल्ले में he घर ले लिया।


तेरे ishk का बुखार है mujko, और हर चीज khane की मनाही है, एक ishk के हकीम ने sirf, tere चमन ki मौसमी बताई है।


धोखा mila jab प्यार में; ज़िंदगी me उदासी छा gayee; सोचा था छोड़ दें is राह ko कम्बख़त मोहल्ले me दूसरी aa गयी!