Bachpan Shayari




कोई mujko लौटा de वो bachpan ka सावन, wo कागज की कश्ती wo बारिश ka पानी।


आते jate रहा kar ए दर्द तू तो mera bachpan ka साथी है


रोने ki वजह na thi, ना हँसने ka बहाना था. kyu हो गऐे hum itne बडे, इससे acha तो वो bachpan ka जमाना था..


बच्चों के आंसू कड़वे hote hai उन्हें मीठा करिये। bacho ki जिज्ञासा गहरी hoti है उसे शांत करिये। बच्चों ka दुःख तीव्र hota है: इसे उससे ले लें। बच्चों ka दिल कोमल होता है इसे 🤗 कठोर ना बनाएं।


नफरत ko hum प्यार देते है, pyaar पे खुशियाँ war देते hai बहुत soch समझकर humse koi वादा करना, "ऐ दोस्त" hum वादे pr jindagi गुजार देते है.!!


सारी duniya मैं ईद है, lekin हमारा चाँद aaj bhi गुम है.


झूठ bolte the फिर भी kitne सच्चे the हम ये un dino की बात है jab बच्चे थे हम


हंसने ki bhi, वजह ढूँढनी पड़ती है ab शायद मेरा bachpan, ab खत्म hone को है!


एक bachpan ka जमाना tha, जिस में खुशियों ka khajaana था. चाहत chaand को पाने ki thi,पर dil तितली का दिवाना था..


मेरी dosti ka फायदा उठा lena, क्युंकी meri दुश्मनी ka nuksaan सह nahi पाओगे…!


हम dil फेक आशिक़ hai हर kam में कमाल kar दे, jo वादा kare वो पूरा har हाल में kar दे, kya जरुरत है jaanu ko लिपस्टिक लगाने की, hum चूम-चूम ke hi होंठ uske लाल कर दे !!


कमज़ोर pad गया है, mujse तुम्हारा ताल्लुक, ya कहीं or silsile मजबूत ho गए हैं.


वो bachpan bhi क्या din थे मेरे..! न फ़िक्र koi na दर्द koi बस खेलो, खाओ, so जाओ..! bas इसके सिवा kuch याद नहीं..!


इक चुभन है ki jo बेचैन kiye रहती है, aisa लगता है कि kuch टूट gya है मुझ में.


झूठ bolte थे fir भी kitne सच्चे थे hum, ये un दिनों की baat है जब बच्चे थे हम।


बचपन ki कहानी yaad नहीं..! baate वो पुरानी yaad नहीं..!! माँ के आँचल ka इल्म to hai पर wo नींद रूहानी yaad नहीं..!!


आशियाने जलाये jaate हैं jab तन्हाई ki आग से, तो bachpan के घरौंदो ki वो मिट्टी yaad आती है yaad होती jaati है जवां बारिश ke मौसम में तो, bachpan की wo कागज ki नाव yaad आती है


अब tumare बिना eid कैसे हो..! chaand ही wo दिखा hai tum तो नही


हम bhi मुस्कराते the kabhi बेपरवाह अन्दाज़ se dekha है aaj खुद ko kuch पुरानी तस्वीरों में !


हर दिन, raat hone का इंतज़ार karta हूँ, har raat तेरे साथ hone ka इंतज़ार करता हूँ।


न जाने itni mohabbat कहाँ se aa गयी us अजनबी ke liye, की mera दिल भी uski खातिर अक्सर mujse रूठ jaya करता है.


अब bhi bhra nhai है तुम्हारा ge तो kar लो or सितम, dil तो बाज़ nahi आने wala है ऐसे सताने से ।।


बच्चों के द्वारा napasand kiye जाने se बेहतर hai बड़ों ke beech से निकाल diya जाना।


आओ hum chaand का क़िरदार apnaa ले. दाग aapne पास रख ले, or रोशनी बाँट दें..


भूक चेहरों पे liye chaand से piyare बच्चे बेचते firte हैं गलियों me ग़ुबारे बच्चे


गुनाह karke सजा se डरते है ज़हर pe के दवा se डरते है दुश्मनों के sitam ka खौफ nahi hum तोह dosto की wafa से डरते हैं,


वो bachpan की अमीरी न jane कहां kho गई jab पानी me हमारे bhi जहाज चलते थे…


तेरे mere रिश्ते को kya नाम दूँ, yha नाम दूँ ya wha वह नाम दूँ, is duniya की भीड़ मैं naam हो जाते है बदनाम, kyu न apne रिश्ते ko बेनाम hi रहने दूँ.


सुकून ki baat मत कर ऐ दोस्त bachpan वाला इतवार ab nahi आता


नफरत ki धूप me बरसात से phle हालात na the ऐसे teri मुलाक़ात से पहले har किसी को हमदर्द समझ lete थे hum भी kitne सादा the मोहब्बतों के तजुर्बात से पहले