Bewafa Shayari




तु bhi आईने की tarah बेवफा nikla, जो सामने aaya उसी ka हो गया.


सपना kabhi साकार nahi होता mohabbat का koi आकर nahi होता sab कुछ ho jata है इस duniya में मगर दुबारा kise से सॅचा pyaar nahi होता


तुम kya सोचते हो, tum मुझे ऐसे he भूल जाओगे me is तरह सताऊंगा tujhe, kabhi टीवी पर तो kabhi अख़बारों ki सुर्ख़ियों me नजर आऊंगा तुझे


उस क चेहरी pr is क़दर नूवर tha क उस ki याद में rona भी मंज़ूर था bewafa bhi नही कह सकती us ko फ़राज़ प यार तो hum ने काइया है वो तो बेकसूर था.


हर भूल teri माफ़ की.. हर खता ko teri भुला दिया. गम है कि, mere pyaar का.. तूने bewafa बनके सिला दिया|


मेरा sath छोड़कर, दौलत wale ka haath थामा tha तूने ab मैं रोज itnee दौलत kamaata हूँ, ki हर din तुझे दौलत se तौल दूँ


आग dil में लगी jab वो खफ़ा हुए, महसूस hua tab, jab वो जुदा हुए, करके wafa कुछ दे na सके wo पर बहुत kuch दे गए jab वो बेवफ़ा हुए!


कभी ग़म to kabhi तन्हाई मार gayi kabhi याद aa kar unki जुदाई मार gayi, bahut टूट कर चाहा jisko हमने, आखिर में unki ही बेवफाई मार गयी।


आग dil me लगी jab वो खफा हुए, mahsoos हुआ tab, जब wo जुदा हुए, kar ke wafa कुछ दे na सके वो ,पर bahut कुछ दे गये जब वो bewafa हुए.


अब na wo आती है, na uski yaad आती है अब न unse हमारा सामना हो, dil से bas यही फरियाद aati है…


उल्फत ka aksar यही दस्तूर hota है, जिसे चाहो wahi अपने से दूर hota है, dil टूटकर बिखरता है is कदर, जैसे koi कांच ka खिलौना चूर-चूर hota है!


ना_जाने_क्यों ये dil इतना नादान bewafa के लिए ही रोता है अश्क बहाता है आँखों से पर लब खामोश


कतरा katra आग ban ke जला rhi है यादे teri बरस के इश्क तू भी dil ki लगी बुझा•


ये bhi ek दौर है तन्हाई ka ye दौर bhi गुजर जायेगा kal mera भी koi अपना hoga किसी की आँखों me mere प्यार ka सपना होगा….


उसके chle jane के बाद hum mohabbat नहीं करते kise se छोटी सी जिन्दगी है.. kis kis को अजमाते रहेंगे|


बिछड़ के tumse ज़िन्दगी saza लगती है ye सांस bhi जैसे मुझसे khafa लगती है ager उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ to kis se करूँ mujko तो meri ज़िंदगी भी bewafa लगती है.


मेरे dil ki उम्मीदों ka हौसला to dekho, इंतज़ार uska है जिसे mera एहसास तक नहीं।


इन्सान sab कुछ भूल sakta हैं सिवये un पलों ke jab उसे अपनो ki ज़रूरत thi और wo साथ नहीँ थे .....


सब के hote हुवे भी तन्हाई miltee हे, yado me भी गम ki परछाई miltee हे, जितनी भी dua करते हे kisee को pane की, utnee ही उनसे बेवफाई मिलती हे.


कैसे यकीन kare हम teri मोहब्बत ka, jab बिकती hai बेवफाई tere ही नाम से।


जिन्दगी dene वाले मरता छोड gaye, apna पन जताने wale तन्हा छोड गए, jab पडी जरूरत hame अपने hum सफर ki, वो jo sath चलने wale रास्ता मोड गये।


हर वक़्त tere आने ki आस रहती है! har pal तुझसे मिलने ki प्यास रहती है! sab कुछ है यहाँ bas तू नही! इसलिए शायद ye zindagi उदास रहती है!


हुमारे मुस्कुराने ki वजह tum हो, हमारे zindagi का मतलब tum हो, अगर चोर diya साथ हमारा तो समझ lena ki हमारी मौत ki वजा भी tum हो.


कभी ग़म to kabhi तन्हाई मार गयी, kabhi yaad आ कर unki जुदाई मार गयी, bahut टूट कर चाहा jisko हमने, आखिर में unki ही बेवफाई मार गयी।


क्या अजीब se ज़िद है.. hum दोनों ki, तेरी मर्ज़ी humse जुदा होने ki.. और meri teri पीछे तबाह होने ki..


हर भूल teri माफ़ ki.. हर खता ko तेरी भुला diya गम है कि, मेरे pyaar का.. तूने बेवफा बनके सिला दिया|


दुनिया me kise से kabhi प्यार mat करना, apne अनमोल आँसू is तरह बेकार mat करना, कांटे to fir भी दामन थाम lete हैं, फूलों पर kabhi is तरह tum ऐतबार मत करना..


सितम ko हुँने बेरूख़ी samjha, pyaar को हुँने बंदगी samjha, tum चाहे ह्यूम jo bhi समझो, हुँने to तुम्हे अपनी zindagi समझा.


चलो यूँ he sahi hum बेवफ़ा हैं, मगर ye to बताएँ आप क्या हैं.


भुला के mujko अगर tum भी हो सलामत, to भुला ke तुझको संभलना mujko भी aata है, nahi है मेरी फितरत me ye आदत वरना, teri तरह बदलना mujko भी आता है..


कभी ग़म तो kabhi तन्हाई मार गयी, kabhi yaad आ कर unki जुदाई मार गयी, bahut टूट कर चाहा jisko हमने, आखिर में unki ही बेवफाई मार गयी..


तू तो haas हँसकर ge रही है, जुदा ho kar भी.. कैसे जी पाया hoga वो, जिसने tere सिवा जिन्दगी kabhi सोची hi नहीं..


मत ज़िकर kijiye meri अदा के बारे में, me bahut कुछ जानता हूँ wafa के बारे में, suna है वो bhi मोहब्बत का शोक़ rkhte हैं, जो जानते ही nahi वफ़ा ke बारे में।


जरा parde मेँ रहकर bahon मेँ समाओ kise गैर की, कहीँ koi dekh ना ले तुम्हेँ, meri खुशियोँ का कत्ल करते हुये...!!


हर kise के नसीब me kha लिखी होती हे चाहतें kuch लोग duniya में आते हे sirf तन्हाइयों के लिए.


बाहेती hui नाड़ी में unka पेआस हैं जलती हुई शमा में unki घार्मी का एहेसास हैं kise or के sath घर बसा liya हुँने सीने में बसी wahi बेवफा pyaar का ज़हेर की रास हैं


तेरी Yaad आती Hai To आँख Bhar Hi Aati Hai, वार्ना Her बात Par Yun रोने Ki आदत Nahi मुझे ..!!!


काँटों me हाथ daale ful तोड़ने ko unki रहो me बिछाने ko, जिंदगी bhar jalte rase उन्हें roshni दिखने ko, ab wo kahtw he apne बेवाफ़ाई ki,ab आप hi batai क्या kahe is ज़माने ko


दिल todakar हमारा tumko राहत na मिलेगी, हमारे जैसी tumko चाहत na मिलेगी, यूँ itni बेरुखी na दिखाया karo हमसे, वरना kabhi hamari आहट bhi na मिलेगी..


सेहमी सेहमी Si क्यों हो तुम , Soyi हो Phir भी Jagi Jagi क्यों हो तुम , Jab Hum Tere करीब Hai Toh दरी दरी Si क्यों Ho तुम , O Sanam Mere Sanam Teri Raah Hum Hai Phir भी Akeli क्यों हो तुम


किसी Ko आँखों me basa ke देखा Tha किसी ko Dil me बैठा ke देखा tha Ab tak ruke नहीं Hai आंसू Ek बेवफा Se Dil लगा ke Dekha Tha


मेरे खवाबो me aana aapka कसूर tha, आपसे dil लगाना hamara कसूर tha, aap आए थे जिन्दगी मे pal दो pal के liye, आपको Zindagi समझ lena हमारा कसूर था..