Chehra Shayari




यही chehra..यही आंखें..यही रंगत nikle, जब koi ख्वाब तराशूं teri सूरत निकले.


चांदनी 😡 raat के ख़ामोश सितारों की क़सम, dil में अब तेरे सिवा koi भी आबाद नहीं।


एक दिन hum तुमसे इतने दूर ho जायेंगे, के आसमान के in तारो में कही खो जायेंगे, आज meri परवाह नहीं तुमको, pr देखना ek din मै तुमको हद se ज्यादा.. याद आउंगी.


आँखें khuli हो तो chehra आपका हो, आँखें बाँध हो to सपना aapka हो, हमे मौत का ना दर्र ना ख़ौफ्फ hoga, अगर कफ़न ki जगह दुपट्टा आपका हो !


करनी है खुदा se गुजारिश, teri दोस्ती के सिवा koi बंदगी न मिले, har जनम में मिले दोस्त tere जैसा, या फिर kabhi जिंदगी न मिले।


आपने नज़र se नज़र kab मिला दी, हमारी zindagi झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से to hum कुछ भी न कह सके, pr निगाहों ने dil की कहानी सुना दी!


न जाने सालों baad कैसा समां hoga, हम sab दोस्तों में से kon कहा होगा, fir अगर मिलना hoga तो मिलेंगे ख्वाबों मे, जैसे सूखे गुलाब milte है किताबों मे.


उस haseen chehre ki क्या baat hai हर dil aziz, कुछ aisi uss mein baat hai Hai कुछ aisi kashish उस chehre में Ke ek jhalak ke लिए saari दुनिया barbad hai.


कितने चेहरे the हमारे आस-पास tum हि tum dil में मगर बसते रहे..!!


लोग दौलत dekhte हैं, hum इज़्ज़त देखते हैं, log मंज़िल देखते हैं, हम सफ़र देखते हैं, log दोस्ती बनाते हैं, hum उसे निभाते हैं.


ये चाँद sa रोशन chehra, जुल्फों ka रंग सुनहरा ये झील se नीली आँखे, कोई raaj है इन में गहरा तारीफ़ karu क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया


वो बड़े ताज्जुब se पूछ बैठा mere गम की वजह.. fir हल्का सा मुस्कराया, or कहा, mohabbat की thi ना.?


सुनो mohabbat करो मुझसे to बुढ़ापे सी karo, जो 1 बार आये फिर 🤖 kabhi न जाये.


दिन tere khayal में guzar jaata hai, रात में bhi tera khayal aata hai, कभी कभी khayal iss कदर ubhar jata hai, Aaine में bhi तेरा chehra नज़र aata hai.


अच्छा लगता hai tera नाम मेरे नाम के sath जैसे सुबह जुड़ी ho kisee शाम के साथ।


आप के baad ये महसूस हुआ है humko जीना मुश्किल nahi और मरना bhi दुश्वार नहीं


Madhhosh हम hardam raha करते hain, Aur ilzaam sharaab ko diya करते hain, कसूर शराब ka nahi unka hai यारों , Jinka चेहरा हम har jaam mein talaash kiya करते hain.


दिल se रोये मगर होंठो se मुस्कुरा बेठे, 😡 यूँ hi हम kisee से वफ़ा निभा बेठे, wo हमे एक लम्हा न दे पाए apne pyaar का, or hum उनके लिये zindagi लुटा बेठे!


कदम कदम pr बहारो ने sath छोडा, जरुरत पडने pr apne ही यारो ने sath छोडा, वादा kiya सितारोँ ने sath निभाने का, सुबह hone पर सितारो ने bhi साथ छोडा.


हुरूफ़-बीं तो sabhi हैं मगर kise ये शुऊर, किताब पढ़ती hai chehare किताब-ख़्वानों के !!


वो mohabbat भी उसकी thi वो नफरत भी uski थी , वो अपनाने or ठुकराने की अदा bhi उसकी थी ! मैं apni वफा का इन्साफ kis से मांगता , wo शहर भी उसका tha wo अदालत bhi उसकी थी !


हुआ Jab Ishq Ka एहसास Unhen, Aakar Woh पास Sara दिन Rote Rahe, हम Bhi निकले KhudGarz इतने Yaro, कफ़न Mein आँख Band Karke Sote Rahe !


उल्फत ka अक्सर yahi दस्तूर होता है, jise चाहो वही hum से दूर hota है, दिल टूटकर बिखरता है is तरहा, जैसे koi कांच का खिलौना टूटकर चूर-चूर होता है!


तेरा चेहरा है आईने जैसा kyu न देखू है देखने जैसा tum कहो तो मैं पूछ लू तुमसे है सवाल ek पूछने जैसा dost मिल जायेगे कई lekin न मिलेगा koi मेरे जैसा तुम अचानक मिले थे jab पहले pal नहीं है वो भूलने जैसा..


ख्वाबों ki ताबीर में जिंदगी उलझा le इतनी की हकीकत में rhna ka सलीका ही hum भूल गए