Deedar Shayari




हमारी तडप तो कुछ भी नही है हुजुर.! सुना है आपके दीदार के लिऐ तो आईना भी इंतजार करता है..!!!


जीने की तमन्ना तो बहुत है पर कोई आता ही नही ज़िंदगी में ज़िंदगी बन कर


याद नहीं क्या क्या देखना था सारे मंज़र भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए


जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है कभी हंसती है तो कभी रुलाती है पर जो हर हाल में खुश रहते हैं जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है…


कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज, ए खुदा उसके इस अंदाज को नज़र ना लगे||


दीवानगी मे कुछ एसा कर जाएंगे। महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे। वादा है तुमसे । दिल बनकर तुम धड़कोगे और सांस बनकर हम आएँगे।।।


जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी रखता है. दूर बैठे आसमाको कभी जुकना भी पड़ता है. अगर तू बेवफा है तो सुन मेरा कोई दूसरा भी इंतिजार करता है.


अगर मै हद से गुज़र जाऊ तो मुझे माफ़ करना, तेरे दिल में उत्तर जाऊ तो मुझे माफ़ करना, रात में तुझे देख के तेरे दीदार के खातिर, पल भर जो ठहर जाऊ तो मुझे माफ़ करना.


क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है! एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है! लगने लगते है अपने भी पराये! और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!


मेरी ज़िन्दगी से खेलने वाले सुन तेरा भी एक दिन यही हाल होगा क्या मिलेगी नहीं कभी मुझे मोहोब्बत तेरे होंठों पर भी एक दिन यही सवाल होगा..!!


तलब ऐसी कि बसा लें अपनी साँसो में तुझे हम, और किस्मत ऐसी कि दीदार के भी मोहताज हैं हम।


तेरे हर दुख को अपना बना लूँ. तेरे हर गम को दिल से लगा लूँ. मुझे करनी आती नहीं चोरी वरना. मैं तेरी आँखों से हर आँसू चुरा लूँ.


चंद साँसें बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो, झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो, ज़िन्दगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो, मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।


पत्थर की है दुनिया, जज्बात नहीं समझती, दिल में है क्या वो बात नहीं समझती, तनहा तो चांद भी है सितारों के बीच, मगर चांद का दर्द बेवफा रात नहीं समझती।


कुछ भी ना बचा कहने को हर बात हो गयी; आओ चलो शराब पियें रात हो गयी!


मेरी साँस मेरी धड़कन मेरी जान हो तुम इश्क़ की शुरुआत हूँ मैं और अंजाम हो तुम


हाथों में उसका हाथ था दिल में उसकी तस्वीर किये वादे थे साथ ज़िंदगी बिताने के हाथो की लकीरो को कुछ और मंज़ूर था


सारा जहान उसी का है, जो मुस्कुराना जानता है, रौशनी भी उसी की है, जो शमा जलाना जानता है, हर जगह मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारे हैं, लेकिन ईश्वर तो उसी का है, जो सिर झुकाना जानता है!


ज़िन्दगी में कुछ गम जरुरी है वर्ना खुदा को कौन याद करता मिलता नसीब चाहने से तो खुदा से फरियाद कौन करता होता सुकून हर निगाह में तो खुदा का दीदार कौन करता


तुझे देखु तो सारा जहाँ रंगीन नज़र आता है, तेरे बिना दिल को चेन किसको आता है! तुम ही हो मेरे दिल की धड़कन, तेरा बिना यह संसार आवारा नज़र आता है!


बिना देखे, बिना जाने, कितना चाहा तुझ को हम ने. नहीं जान पाये आज तक यह मोहोबब्त है या इबादत है चाही तो मोहोबत थी हम ने अब तक लेकिन न मिल पाएंगे तुझे तो इबादत ही समझ लेंगे.


प्यार सभी को जीना सिखा देता है, वफ़ा के नाम पे मरना सीखा देता है, प्यार नहीं किया है तो करके देखो, ज़ालिम हर दर्द को सहना सीखा देता है …. |