Evergreen Shayari




हमने ‪‎दिल‬ वापस ‪‎मांगा‬ तो वो सर झुका कर ‪बोली‬, वो तो ‪टूट‬ गया ‪‎खेलते‬ खेलते.


उनका भी कभी हम दीदार करते है, उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी, पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!


आदत सी हो चली है, तेरी बेरुखी की अब तो तू मोहब्बत से पेश आये तो, अजीब लगता है ...!!


किसी को इतना याद न कर कि जहा देखो वोही नज़र आये राह देख देख कर कही ऐसा न हो जिन्दगी पीछे छूट जाये


घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली सारी गली उनके पीछे निकली इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली…


इश्क अभी पेश ही हुआ था इंसाफ के कटघरे में, सभी बोल उठे यही कातिल है.. यही कातिल है।


आँखों से बरसात होती हैं जब आपकी याद साथ होती है, जब भी busy रहे मेरा cell तो समझ लेना आपकी होने वाली भाभी से मेरी बात होती.


दिल के बाग़ में आज एक और फूल खिला, ज़िन्दगी की राह में आज तुम्हे भी एक हमसफ़र मिला.


किसी को इतना अपना न बना कि उसे खोने का डर लगा रहे इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये तु पल पल खुद को ही खोने लगे.


लोग रूप देखते है ,हम दिल देखते है , लोग सपने देखते है हम हक़ीकत देखते है, लोग दुनिया मे दोस्त देखते है, हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.


सारे सपने और उम्मीदें बस जुड़ी है तुमसे हमने तो ये मान लिया है कि हमारी हस्ती है बस तुम्हारे दम से


न होगे हम तो किसी ने ,तुम ये खुद कहोगे, मिलेगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होगा


सके चले जाने के बाद…हम महोबत नहीं करते किसी से, छोटी सी जिन्दगी है…किस किस को अजमाते रहेंगे.


तकलीफो का कारवाँ इतनी धूम से निकला हर जख्म की आह पे आँखों से आँसू निकला बदन से रूह रुखसत हो सकी ना कहने को मेरी मय्यत पे सारा जहा साथ निकला.


वो तो शायरों ने लब्जों से सजा रखी है वरना मोहब्बत इतनी भी हसीन नही होती है


लम्बी बातचीत से मुझे कोई सरोकार नहीं, मुझे उसका 'ह्म्म्म्म्' भी अच्छा लगता है


जख्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत, दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!


उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी, उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी।


उनकी मोहब्बत का अभी तक निशान बाकी हैं, नाम लब पर हैं मगर अभी जान बाकी हैं, क्या हुआ देख कर मूंह फेर लेते हैं वो.. तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं..


हकीकत जान लो आप जुदा होने से पहले, मेरी सुन लो आप अपनी सुनाने से पहले, ये सोच लेना आप भूल जाने से पहले, बहुत रोई हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले …


अगर तुम्हें यकीं नहीं, तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास, अगर तुम्हें यकीं है, तो मुझे कुछ कहने की जरूरत नही !


छू गया जब कभी ख्याल तेरा, दिल मेरा देर तक धड़कता रहा, कल तेरा जिक्र छिड़ गया घर में, और घर देर तक महकता रहा !


बिन बात के ही रूठने की आदत है; किसी अपने का साथ पाने की चाहत है; आप खुश रहें, मेरा क्या है; मैं तो आइना हूं, मुझे तो टूटने की आदत.


हकीकत जान लो जुदा होने से पहले, मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले, ये सोच लेना भूलने से पहले, बहुत रोई हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले.


जिंदगी मै सिर्फ़ दो ही नशा करना, जीने के लिए यार और मरने के लीये प्यार


हम ज़ाहिर नहीं करना चाहते है अपने दिल की आशिकी को के हमने अपने यार को ही अपना रब्ब बनाया है


सबसे तेज वही चलता है, जो अकेला चलता है, लेकिन दूर तक वही जाता है, जो सबको साथ लेकर चलता है


किसी के इतने पास न जा के दूर जाना खौफ़ बन जाये एक कदम पीछे देखने पर सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये


घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली सारी गली उनके पीछे निकली इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली.