सच की हालत किसी तवायफ सी है, तलबगार बहुत हैं तरफदार कोई नही!!
हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा.
ढूंढता रहता हूं ऐ ‘इकबाल’ अपने आप को, आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूं मैं।
रुलाने मेँ अक्सर उन्ही का हाथ होता है , जो कहते हैँ तुम हँसते हुए अच्छे लगते हो |
मोहब्बत हमने सीखी है चराग़ों की शमाओं से कभी तो रात आएगी कभी तो लौ जलाओगे,.!!
खुदा के बन्दे तो हैं हजारों बनो में फिरते हैं मारे-मारे मैं उसका बन्दा बनूंगा जिसको खुदा के बन्दों से प्यार होगा
तमन्ना यही है मेरी, कि मेरे हाथों में हाथ तेरा हो जिंदगी चाहे पल भर की हो, या हो सदियों की सारी जिंदगी बस साथ तेरा हो
पडेगा हम सभी को अब खुले मैदान मे आना. घरों मे बात करने से ये मसले हल नही होंगे,.,!!!
हम सभी किसी न किसी को प्यार करते हैं भले हीं वह व्यक्ति अच्छा हो या बुरा.
दुनिया में सब चीज़ मिल जाती है केवल अपनी ग़लती नहीं मिलती...!!
क़त्ल हुआ हूँ जब से तेरी अदा से. पहली बार किसी क़ातिल से मुहोब्बत हुई हैं.
ज़रा सा झूठ ही लिख दो के तुम बिन दिल नहीं लगता. हमारा दिल बहल जाए तो, फिर तुम भी मुकर जाना.
जो उङ गए परिदें उनका अफसोस क्या करुँ. यहाँ तो पाले हुए भी गैरों की छत पर उतरते हैं।
खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा* क्या है
कितने सालों के इंतज़ार का सफर खाक हुआ, उसने जब पूछा.. कहो कैसे आना हुआ।
ज़िंदगी में मोहबत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती दोस्तो।
मत तरसा किसी को इतना अपनी मोहब्बत के लिए. क्या पता तेरी ही मोहब्बत पाने के लिए जी रहा हो कोई
बहुत ज़रूरत होती है उन्हें आपकी जो रो कर कहते हैं लीव मी अलोन.
जी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात मे, और रब करे.. उसके बाद तुझे इश्क़ का बुखार हो जाए।
वही संभालेगा हमे भी हर मुसीबत में, जो तेज बारिश में भी पेड़ से घोसला गिरने नहीं देता |