Fasla Shayari




जानते हो सभी क्या पूछो हो इस सफ़र ने थका दिया कैसे


चुपचाप गुज़ार देंगे तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी, लोगो को सिखा देंगे मोहब्बत ऐसे भी होती है.


मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।


अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।


धड़कनों को पयाम भेजा है शोर इतना मचा दिया कैसे


न वो आ सके न हम कभी जा सके! न दर्द दिल का किसी को सुना सके! बस बैठे है यादों में उनकी! न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!


भरोसा तो खुद पे ही करना पड़ेगा हथेली पे ग़र चाहते हो सितारे


हमने ‪‎दिल‬ वापस ‪‎मांगा‬ तो वो सर झुका कर ‪बोली‬, वो तो ‪टूट‬ गया ‪‎खेलते‬ खेलते.


आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को सपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है


जख्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत, दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!


तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था, शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी जिन्दगी.


काश कि वो लौट आयें मुझसे यह कहने, कि तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले..!!!


कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे, समझे ना जिसे तुम आखो से, वो बात जुबानी कह देंगे ।


तुम जाग रहे हो मुझको अच्छा नहीं लगता चुपके से मेरी नींद चुरा क्यों नहीं लेते


बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’ शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।


जब दो जवां दिल एक दूजे के दिल में रहे क्यों लोग उन्हें देख कर बेबजह जलते रहे.


मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती सब जानते है मैं नशा नही करता, मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!


किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम चाहा था सिर्फ एक तुमको और अब तुम से ही दूर है हम।


अलग बैठे थे फिर भी आँख साकी की पड़ी मुझ पर अगर है तिश्नगी कामिल तो पैमाने भी आयेंगे।


बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब तो पैग बना के दिया करूंगा.