Ghar Shayari




घर 🌽 उसने क्या बनाया मस्जिद के सामने,😶 चाहत ने उसकी हमें 🍲 नमाजी बना दिया..!!!


दीवारो 😶 पर बस एक नाम लिखा था मुहब्बत 😶 बारिश की बूंदों ने उसे चूम चूम 😣 के मिटा दिया…!!


नए 🍱 अमीरों के घर भूलकर भी मत 🌶️ जाना हरेक चीज़ की 🍿 क़ीमत बताने लगते हैं…


लगता 🍘 नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार में किसकी बनी है 🌶️ आलम-ए-ना पैदार में कह दो इन हसरतों 🍱 से कहीं और जा बसें इतनी जगह 🍿 कहाँ है दिल-ए-दागदार में


नफरतों 🍲 के बाजार में जीने का अलग ही मजा है, 🌽 लोग रुलाना नही छोड़ते, और 🌯 हम हँसना नही छोड़ते.


पत्नी 😶 घर की रानी है करती अपनी मनमानी है 😶 काम बताओ तो चिड जाएगी 🍘 शॉपिंग कराओ तो खिल जायेगी!!


कोई 🙄 भी घर में समझता न था मिरे दुख 🌽 सुख एक अजनबी की 🍘 तरह मैं ख़ुद 🍲 अपने घर में था


इस 😶 दिल को किसी की आस रहती है, निगाहों को 😶 किसी सूरत की प्यास रहती है, तेरे बिना 😣 किसी चीज़ की कमी तो नही, 🍟 पर तेरे बेगैर जिन्दगी बड़ी 🍧 उदास रहती है.


अब 🌶️ कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ 🍱 शाम आ गई है लौट के घर 🍿 जाएँ हम तो क्या


वो नाराज़ हैं 🍲 हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं कहाँ 🌯 से लाएं लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं दर्द की ज़ुबान होती 🌽 तो बता देते शायद वो ज़ख्म 🍧 कैसे दिखाए जो दिखते नहीं।


मेरी 🌽 मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही, वो मुझे 🍲 चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही, 🌮 ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो, 🌭 सामने हो मेरी आँखों के 🍕 जरूरी तो नही!


खुद को 🍘 औरों की तवज्जो का तमाशा न करो, 🍱 आइना देख लो 🍕 अहबाब से पूछा न करो, शेर 🍿 अच्छे भी कहो, सच भी 🍟 कहो, कम भी कहो, 🌮 दर्द की दौलत-ए-नायाब 🌭 को रुसवा न करो।


हुए जिस 😥 पे मेहरबां तुम कोई खुशनसीब होगा 😑 मेरी हसरतें तो निकली मेरे 😣 आँसुओं में ढलकर।


तहजीब 😑 की मिसाल गरीबों के घर पे 😥 है, दुपट्टा फटा हुआ है 🍘 मगर उनके सर पे है।


होने 🌽 वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं. 🍲 किसी को कहकर, अपना 🌯 बनाया नही जाता..!!


बिखरे 😑 अरमान, भीगी पलकें और ये तन्हाई, 😥 कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत 😣 में कुछ भी नहीं।


कभी फुर्सत 😥 मिले तो सोचना जरूर एक 😣 लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह 😑 करता था.


दिल के 🌶️ जख्मों को उनसे छुपाना पड़ा, 🍘 पलके भीगीं थी पर मुस्कुराना पड़ा, 🍱 कैसे उल्टे हैं महोब्बत के ये रिवाज? रूठना 🍿 चाहते थे पर उनको 🌯 मनाना पड़ा.


कोई छुपाता है, 🌶️ कोई बताता है, कोई रुलाता है, तो कोई 🍘 हंसाता है, प्यार तो हर किसी को ही 🍱 किसी न किसी से हो जाता है, फर्क 🍿 तो इतना है कि कोई 🌭 अजमाता है 🌮 और कोई निभाता है!


तन्हा 🍱 रहना तो सीख लिया 🍕 हमने, लेकिन खुश कभी ना 🍘 रह पाएंगे, तेरी दूरी 🍧 तो फिर भी सह लेता 🍿 ये दिल, लेकिन तेरी मोहब्बत 🌮 के बिना ना जी पाएंगे.,


वो रोए 🌽 तो बहुत, पर 🌭 मुझसे मूह मोड़ 🍲 कर रोए, कोई मजबूरी होगी 🌯 तो दिल तोड़ कर रोए,