Girlfriend Impress Shayari




सिलवटें हैं मेरे चेहरे पे तो हैरत क्यूँ है, ज़िन्दगी ने मुझे कुछ तुमसे ज़्यादा पहना है...!


जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा, बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता, जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।


शब्द चाहे जितने हो मेरे पास, जो तुम तक न पहुँचे, सब व्यर्थ हैं.


दिल में चाहत का होना जरूरी है. वरना याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं…!!


आप हमे रुला दो हमे गम नही आप हमे भुला दो हमे कोई गम नही जिस दिन हमने आप को भुला दिया समज लेना इस दुनिया मे हम नही !!!


मैं ये नहीं कहता की तुम भी प्यार करो हमसे मैं कितना प्यार करता हूँ ,, ये महसूस तो कर।.


तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर


कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी , हज़ारों अपने हैं मगर, याद तुम ही आते हो..


मिटाने की कोशिश तुमने भी की, हमने भी की हमने फासला और तुमने हमारा वजूद


एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!


पढकर मेरे लफ्जों को यूँ ना मुस्कराओ आँखें फिर भीगी मिलेगी तुम्हें सोते हुए हमारी


वो वक़्त वो लम्हे कुछ-कुछ अजीब होंगे, दुनिया में हम सबसे खुश नसीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते है आपको तो फिर, क्या होगा जब आप हमारे बिलकुल करीब होंगे.


हिसाब-किताब हम से न पूछ अब, ऐ-ज़िन्दगी. तूने सितम नही गिने,तो हम ने भी ज़ख्म नही गिने..!!


चाहत वो नहीं जो जान देती है, चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है, ऐ दोस्त चाहत तो वो है, जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं.


रिश्ते उन्ही से बनाओ जो निभानेकी औकात रखते हो, बाकी हरेक दिल काबिल-ऐ-वफा नही होता.


लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है ये बेचैनियां मोहब्बत की मैंने तो हर बार दिल की गहराईयो से पुकारा है तुम्हे....!!


ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल्लगी से, देख कर मेरी चाहत को अक्सर तराजू टूट जाते हैं ।


चेहरा ढल ही जायेगा, एक उम्र के बाद, हम मिलते रहेंगे ता'उम्र, यूँहीं लफ़्ज़ों के साथ


यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है, यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है, जलकर हसरत की राह पर चिराग, हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते है.


बहुत भीड़ है मोहब्बत के इस शहर में, एक बार जो बिछड़ा, वो दोबारा नहीं मिलता..


ऐब ही ढूँढना, जिनकी फितरत में है, क्यों गिनाऊँ उन्हें मैं, अपनी खूबियाँ.


जाने क्यूँ लोग हमें आज़माते है, कुछ पल साथ रह कर भी दूर चले जाते है, सच्च ही कहा है कहने वाले ने, सागर के मिलने के बाद लोग बारिश को भूल जाते है |


कितनी आसानी से कह दिया तुमने, की बस अब तुम मुझे भूल जाओ, साफ साफ लफ्जो मे कह दिया होता, की बहुत जी लिये अब तुम मर जाओ.


तेरी आवाज़ सुनकर ही दूर हो जाती तकलीफ़े मेरी ए सुनो...तुम इश्क़ करते हो या इलाज़


नाम तेरा जुबाँ पर आते आते रुक जाता है, जब कोई मुझसे मेरी आखरी ख्वाहिश पूछता है.


पढकर मेरे लफ्जों को यूँ ना मुस्कराओ. आँखें फिर भीगी मिलेगी तुम्हें सोते हुए हमारी


हर किसी को मोहब्बत में यूँ खुदा न कहिये. मिलावट का जमाना है जरा होशियार रहिये...!!


इस शहर के अंदाज़ भी अजब हैं साहब, गूंगों से कहा जाता है बहरों को पुकारो..!


वो आँखों से यूँ शरारत करते हैं, अपनी अदा से भी कयामत करते हैं, निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं, और वो हमारी नजरों से शिकायत करते हैं।