एक मुद्दत 😦 से मेरे हाल से बेगाना है, जाने ज़ालिम 😭 ने किस बात का बुरा माना है, मैं 😨 जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं, 😈 मेरे कहने पर कहाँ 👺 उसने चले आना है।
हाथ जख्मी 😝 हुआ तो कुछ मेरी ही खता थी. 😭 लकीरों को बदलना चाहा था 😦 किसी को पाने के लिए.
मेरी चाहत 😕 को मेरे हालात के तराजू में कभी मत तोलना, ☹️ मेने वो ज़ख्म भी खाए है जो मेरी 😓 किस्मत में नहीं थे.
आज मुस्कुराने 😕 की हिम्मत नहीं है, 😓 आज बस टूट कर मुझे तेरी याद ☹️ आ रही है,"
हालात 🙃 के साथ वों बदलते हे जो कमज़ोर होते हें, 👹 हम तो हालात को ही बदल 💀 के रख देते हैं.
वो वक़्त वो 😝 लम्हे कुछ अजीब होंगे, दुनिया में हम खुश 😦 नसीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते है 😭 आपको, क्या 👹 होगा जब आप 😈 हमारे करीब होंगे!
ज़िंदगी में 🙃 मोहबत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन 😨 परख लेना, हर एक मिटटी की फितरत 😈 में वफ़ा नहीं होती दोस्तो।
लहरों से 🙃 डर कर नौका पार नहीं होती, 😨 कोशिश करने वालों की कभी 😈 हार नहीं होती।
हाथों की 😕 लकीरे पढ़ कर रो देता है दिल, 😓 सब कुछ तो है मग़र तेरा नाम ☹️ क्यूँ नहीं है।
ऐ ख़ुदा मेरे 😦 रिश्ते में कुछ ऐसी बात हो, मैं सोचूँ 😝 उसको और वो मेरे 💀 साथ हो, मेरी सारी 😭 ख़ुशियाँ मिल जाएं उसको, एक लम्हें के 👹 लिए भी अगर वो उदास हो।
कोई ☹️ दिल की ख़ुशी के लिए, तो कोई दिल्लगी 😕 के लिए. हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ, 😝 अपनी तनहा सी 😓 ज़िन्दगी के लिए!
सोचता हूँ 😦 कि वो कितने मासूम थे, क्या से क्या हो गए 😝 देखते देखते, हमने पत्थर से जिनको बनाया 😭 सनम, वो खुदा हो 😈 गए देखते देखते।
चुभता 😨 तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर 😈 की तरह! मगर ख़ामोश रहता हूँ, 🙃 अपनी तक़दीर की तरह!
तु चल 😦 मेरे साथ आसमां तक 😭 इस चाँद का 😝 गुरूर तोडना है
मिरे हालात 😝 को बस यूँ समझ 😭 लो परिंदे पर शजर 😦 रक्खा हुआ है
मचल ☹️ के जब भी आँखों से छलक जाते हैं 😕 दो आँसू सुना है आबशारों को 😓 बड़ी तकलीफ़ होती है.
एक ही ☹️ ख्वाब देखा है कई बार मैने कि तेरी साड़ी मे ऊलझी हैँ 😕 चाबियां मेरे घर की.
प्यार कहो तो दो ढाई लफज़, मानो तो बन्दगी , सोचो तो गहरा सागर,डूबो तो ज़िन्दगी , करो तो आसान ,निभाओ तो मुश्किल , बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो ” तुम “
दर्द का ☹️ मेरे यकीं आप करें या न करें, 😓 इल्तजा इतनी सी है 😕 बस दुआओं में याद रखें!
गुलाब 😌 खिलते रहें ज़िंदगी की राहों में, हँसी चमकती रहे आपकी निगाहों में, खुशियाँ ही मिलें हर कदम पर आपको, निकलती है मेरे दिल से बस मेरे यही दुआ,
लोग मन्दिर और मस्जिदों में जन्नत 🙃 तलाश करते हैं. फुर्सत इतनी 😓 नहीं होती की क़दम 😌 माँ के चूम लें!!
उस की हसरत 😜 है जिसे दिल से मिटा भी 😈 न सकूँ।। ढूँढने उस को चला हूँ जिसे 🙃 पा भी न सकूँ।।
कब तक दूर भागोगी एक दिन तो बात होनी है खुश्बू की भावरों से 😜 मुलाकात तो होनी है तडपकर कर यूँ ना रोको अपनी मोहब्बत 😦 को प्यार के मौसम की बरसात तो होनी है….
शौंक 😜 नहीं है मुझे अपने 😦 जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का 😨 मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का
बहुत दिनों 😦 बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है , 😜 मगर नजरो से सलामी देने का 😨 तेरा अंदाज़ नही बदला