Khwab Shayari




पंख 😂 लगा कर मेरे ख्वाबो को ले जाओ कहीं दूर, 😍 नालायक रात में आते है और 😥 सोने भी नहीं देते…


तू 😐 हकीकत-ए-इश्क है या कोई फरेब 😡 ज़िन्दगी में आती नहीं, ख़्वाबों 😴 से जाती नहीं…!!


सोचता 😎 हूँ इस दिल मे एक कब्रिस्तान बना 😜 लूँ , सारे ख्वाब मर रहे हैँ एक 😰 एक करके..!!


मैंने 😍 देखा है बहारों में चमन को जलते, 😥 है कोई ख्वाब की ताबीर 😂 बताने वाला?


बिछङकर 😴 फिर मिलेगें यकिन कितना था 😡 मेरा ख्वाब ही सही मगर हसिन 😐 कितना था !!!!


वो 😰 मुझसे पूछती है, ख्वाब 😒 किस किस के देखते हो 😜 बेखबर जानती ही नही 💀 यादें उसकी 😎 सोने कहाँ देती है ..


ख़्वाब-ओ-उम्मीद 😂 का हक़, आह का फ़रियाद 😥 का हक़, तुझ पे वार आए हैं ये तेरे 😍 दिवाने क्या क्या !!


बुला 😐 रही हैं हमें तल्ख़ियाँ हक़ीक़त 😡 की ख़याल-ओ-ख़्वाब की दुनिया से 😴 अब निकलते हैं


सुबह 😎 टुकड़े मिले थे 💀 कुछ तकिये के 😜 नीचे….. ख्वाब थे जो 😰 रात को टूटे थे…..


ख़्वाबों 😍 को तो अक्सर हकीकत 😒 की ज़मीन पर ही रक्खा है, 😂 ये बदबख्त अरमान 👻 चले गए आसमानों 😥 की दहलीज़ परे !!


ये 😴 क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा 😐 दयार है, हद्द-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार 😡 ही ग़ुबार है।


कब 😰 तलक ख़ुद को समेटा 😜 जाये, चल कोई ख़्वाब 😎 निचोड़ा जाये…


दुनिया 😂 है ख़्वाब,हासिल-ए-दुनिया ख़याल 😥 है, इंसान “ख़्वाब” देख रहा 😍 है ख़याल में


आज 😐 ख्वाब में आना 👻 जरूर, सिर्फ 😴 तुमसे मिलने के लिए 😒 रोज सोता हूँ.


मौजों 😎 से खेलना तो सागर का शौक है, 😡 लगती है कितनी चोट 😰 किनारों से पूछिये।


वो 😍 जो मुमकिन न हो 💀 मुमकिन ये बना देता है, 😥 ख़्वाब दरिया के किनारों 😂 को मिला देता है!!


सुबह 😴 उठते ही तेरे जिस्म 😒 की खुशबु आई 😜, शायद रात भर तूने मुझे 😐 खवाब मे देखा है…


कहानियाँ 😰 हीं सही सब मुबालग़े ही सही 😡 अगर वो ख़्वाब है ताबीर कर 😎 के देखते हैं


है 😂 शहर-ए-ख़्वाब 👻 का हर शख़्स साहिबे 😥 गुफ़तार, है तुम में भी 💀 ये हुनर तो 😍 हमारे साथ चलो


तुझको 😐 ख्वाबो में देखने वाला… 😜 कितनी मुश्किल से 😴 जागता होगा….!!


सुपुर्द 😎 कौन से क़ातिल को ख़्वाब 😰 करना है, फिर एक 😒 बार हमें इन्तख़ाब 😡 करना है !!


खिड़की, 😍 चाँद, क़िताब और मैं, मुद्दत से एक 😥 बाब और मैं ।। शब भर खेलें आपस में , 😂 दो आँखें इक ख़्वाब 👻 और मैं


Door 😴 ho kar bhi roz milta ha mujhy 😐 wo KHUWAB nagar me, 👽 Agar yeh neend bhi 😢 na hoti to mar gaye 💀 hoty ham...!!!


kabhi 😰 milna ho gar unse , toh bass 😎 ye hi puchna hai. zindagi se toh 😡 kab k chale gye ho 😒 Khwaabo se 👻 kab jaoge ??


Meri 😂 aankhein aur deedaar aap ka,😍 Ya qayaamat aagayiee yaa 😥 khwab hai


Arzu 😐 thi Aisa huva hota meri kami ne 😴 Tujhe rula diya hota Hum laut 😢 aate tere pas 1 Bas 1 💀 bar tere Hontho 👻 ne mera nam liya 👽 hota.


Hamary 😎 khuwab ki tabir mumkin hi nahi shayad, 😡 Magar ye bhi nahi ky KHUWABON sy 😰 mukar jaein...!!!


Matlab 😍 Ki Duniya Thi 👽 Is Liye Chor 😥 Diya Sub Se Milna, Warna 😒 Ye Choti Si Umar Tanhai Ke Qabil 😂 To Na Thi.


Raatein 😴 gumnam hoti hai Din kisike naam hota hai 😐 Hum zindagi kuch is tarah jite hai 😢 Ki har lamha sirf doston 💀 ke hi naam hota hai.


Neendon 😰 ki bagawat sy 👻 ye nuqsan howa ay dost 😎 Ik shakhs ky 👽 KHUWAB ko tarasti 😡 rahi aankhein...!!!