Manzil Shayari




मंज़िल 💥 उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में 🐶 जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, 🐶 हौसलों से उड़ान होती है !


एक 💨 ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंज़िल, 🐕 ठोकरे ज़हर तो नहीं , जो खा 🐺 कर मर जाऊंगा.


जो 💫 अपनी कमजोरियों मे आग लगा सकते है, 😌 उन्हें हक है वो सूरज से आंख मिला सकते है, 🐅 बुलंदिया ही जिनका मकसद बन गई हों, 🐯 वो मुश्किलों से अपनी मंजिल 🐀 छीन सकते है।


जिंदगी 🐶 की असली 😛 उड़ान अभी बाकी है,🐄 मंजिल के कई इम्तिहान अभी बाकी है, 😜 अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने, अभी तो सारा 💥 आसमान बाकी है।


रख हौसला, 🐕 वो मंज़र भी आएगा प्यासे के पास चल के, 💨 समंदर भी आयेंगा थक कर ना बैठ, 😌 ए मंजिल के मुसाफिर मंजिल 😛 भी मिलेगी और मिलने 🐺 का मज़ा भी आएगा.


आप 🐯 की मंज़िल हूँ मैं मेरी मंज़िल 🐅 आप हैं क्यूँ मैं तूफ़ान से डरूँ मेरे 💫 साहिल आप हैं


ये भी 💥 क्या मंज़र है बढ़ते हैं न रुकते 😜 हैं क़दम तक रहा हूँ दूर से मंज़िल को 🐶 मैं मंज़िल मुझे


मन्ज़िल 💨 न दे चराग़ न दे हौसला तो 🐺 दे तिनके का ही सही तू मगर 🐕 आसरा तो दे


क्या कुछ 💫 न किया है और क्या कुछ नहीं करते कुछ करते हैं 😌 ऐसा ब-खुदा कुछ नहीं 😛 करते अपने मर्ज़-ए-गम का 🐯 हकीम और कोई है हम और तबीबों की दवा 🐅 कुछ नहीं करते।


हमारे 🐶 इश्क का 😛 अंदाज कुछ 🐄 अजीब सा था दोस्तों, लोग इन्सान 😜 देखकर मोहब्बत करते है, हमनें मोहब्बत करके 💥 इन्सान देख लिया


हस्ती 🐕 मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,🐀 बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे, एक पल 🐺 मे किसी को भुला ना देना, ज़िंदगी लग जाती 💨 है किसी को अपना बनाने मे..


बस 😌 एक छोटी सी दुआ है. 🐯 जिन लम्हों में आप मुस्कुराते हो, वो लम्हे 💫 कभी ख़त्म ना हो.


वफ़ा 💥 ढूढने निकला था ग़ालिब 🐅 WiFi मिल गया , 🐶 उधर ही बैठ गया.


हम 💨 उम्मीदों की 😛 दुनियां बसाते रहे वो भी पल 🐺 पल हमें आजमाते रहे जब मोहब्बत में 😌 मरने का वक्त आया हम मर गए 🐕 और वो मुस्कुराते रहे।


हम 💫 आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते 😜 हैं, क्योंकि दोस्तों के खिलाफ चाल 🐯 चलना हमे आता नही.


तुम 🐶 बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है हर पल 🐄 अधूरी सी लगती है अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से 🐅 जोड़ दे क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की 💥 मेहमान सी लगती है।


लगे है 🐕 फोन जबसे तार भी नहीं आते ,🐀 बूढी आँखों के अब 😌 मददगार भी नहीं आते गए है जबसे 🐺 शहर में कमाने को लड़के हमारे गाँव में 💨 त्यौहार भी नहीं आते।