Mulaqat Shayari




बदन 👾 में आग सी है चेहरा गुलाब 😧 जैसा है, कि ज़हर-ए-ग़म का 🏋️‍♂️ नशा भी शराब जैसा है, इसे कभी कोई देखे कोई पढ़े तो सही, 🚴 दिल आइना है तो चेहरा 🎪 किताब जैसा है।


दिल 🕴️ का रिश्ता है हमारा दिल के कोने में नाम है 🎪 तुम्हारा हर याद मैं है चेहरा 😧 तुम्हारा हम साथ नहीं तो 🎭 क्या हुआ ज़िन्दगी 🙄 भर प्यार निभाने 🎨 का वादा है हमारा..


अपनी ⛷️ हर सांस पर उनको जिया करते थे हम 🎰 तो जुदाई का भी ग़म पिया करते थे हम जानते थे की वो बेवफा है 🎗️ मगर फिर भी मुस्कुरा कर उनका वेलकम किया करते थे ||


सुकून 🏋️‍♂️ अपने दिल का 🙄 मैंने खो दिया खुद को तन्हाई के 🚴 समुन्दर में डूबो दिया जो थी मेरे कभी मुस्कुराने 🎪 की वजह आज उसकी कमी ने मेरी पलकों 👾 को भीगो दिया


लाजवाब 🎪 हैं वो इन्सान जो सदा हंसते 🎭 है गम छुपा कर अपने औरों 🕴️ के दिल मे बसते है...


हिसाब-किताब 🎗️ हम से न पूछ अब, ऐ-ज़िन्दगी ⛷️ तूने सितम नही गिने,तो हम ने भी 🎨 ज़ख्म नही गिने..!!


छोड़ 👾 दिया है हमने..तेरे ख्यालों में जीना,, 🏋️‍♂️ अब हम लोगों से नहीं..लोग 🚴 हमसे इश्क करते हैं !!


तलब 🕴️ ये नहीं, कि मैं तुम्हारा हो जाऊँ.. 🎪 ख़्वाहिश है, तुम्हारी दुआ बनूँ और 🎪 क़ुबूल हो जाऊँ


बहुत ⛷️ कुछ है पास लेकिन कुछ भी न रहा उसकी ही 🎨 जुस्तजू थी और वो ही न रहा कहता था कि इक 🎰 पल न रहेंगे तेरे वगैर हम दोनो रह गये 🎭 बस वो वादा ही न रहा


आग 🏋️‍♂️ लगाना मेरी फितरत में नही है, 🚴 मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा 👾 क्या कसूर।


अपनी 🎪 हर सांस पर उनको जिया करते थे हम तो जुदाई 🎪 का भी ग़म पिया करते थे हम जानते थे की वो 🎰 बेवफा है मगर फिर भी मुस्कुरा कर उनका 🕴️ वेलकम किया 🎗️ करते थे ||


ज़िंदगी 🚴 लहर थी आप 🙄 साहिल हुए ना जाने कैसे हम 🎭 आपकी दोस्ती के काबिल हुए ना भूलेंगे हम उस 🎨 हसीन पल को जो आप हमारी छोटी ⛷️ सी जिंदगी में शामिल हुए


वहम 👾 से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते.🏋️‍♂️. कसूर हर 😧 बार गल्तियों का नही होता🎻


सब 🕴️ तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हम 🎪 पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने 🎰 भर में ना था !!


सब ⛷️ तरह की 🙄 दीवानगी से मुखातिब हुए हम..🚴.. पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने भर 🎪 में ना था !!


मुझे 🏋️‍♂️ आज़माती है तेरी कमी 🎭 मेरी हर कमी को है तुँ 👾 लाज़मी


नाम 🎪 तेरा ऐसे लिख चुके है अपने वजूद पर, 🎨 कि तेरे नाम का भी कोई मिल जाए…🕴️.तो भी दिल धड़क जाता है.


तेरे 🚴 इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ मेरी सादगी देख क्या 🎪 चाहता हूँ सितम हो कि हो 🎗️ वादा-ए-बेहिजाबी कोई बात ⛷️ सब्र-आज़मा चाहता हूँ”


जब 👾 तक जिंदगी है दीपक 🙄 बन के जिउंगा 🎭 मरने के बाद भले ही दुनिया मेरे कब्र को कोई 🏋️‍♂️ और नाम दे दे ||


गम 🕴️ में हंसने वालो को रुलाया नहीं जाता लहरो 🎰 को पानी से मिलाया नहीं जाता होने वाले खुद ही 🎨 अपने हो जाते है किसी को कहकर 🎪 अपना बनाया नहीं जाता


सीख ⛷️ जाओ वक्त ⌚पर किसी की चाहत की कदर 🎪 करना, कहीं कोई थकनाजाये तुम्हें 🚴 एहसास दिलाते दिलाते.!!..


तेरी 🏋️‍♂️ आवाज़ सुनकर ही दूर हो जाती 🎭 तकलीफ़े मेरी ए सुनो...तुम इश्क़ करते 👾 हो या इलाज़ 😍😍


हर बात, 🎪 "ख़ामोशी" से मान लेना 🎨 यह भी अन्दाज़ होता है, 🕴️ नाराज़गी का.....!!!!


खूबसूरती 🚴 न सूरत में होती है न लिबास में 🎪 बस निगाहें जिसे चाहे उसे ⛷️ हसीन कर दें


दोस्तों 👾 मत लगाना बोली हमारे अल्फाजो की, 🎭 हमने लिखना शुरू किया तो तुम 🏋️‍♂️ नीलाम हो जाओगे.


ऐसा 🕴️ वादा न करना जो निभा न सको 🎰 उस से दिल मत लगाना जिसे अपना बना न सको 🎪 दोस्ती सब से करना मगर….! 🎨 उस एक को खुश रखना जिसके बिना 🎗️ आप मुस्कुरा न सको !!


इससे ⛷️ बड़ा सबूत और क्या दूँ अपनी मोहब्बत का कि 🎪 तेरे बगैर भी जिंदा हूँ गर 🙄 दिल में तू न होती 🎗️ तो मेरा धडकन तो कब 🚴 का थम गया होता ||


अब 🏋️‍♂️ तो वक्त ही उसे बतायेगा 🎭 की कितने कीमती थे 👾 हम !!