Shiddat Shayari




ज़रा ❣️ शिद्दत से चाहो तभी होगी आरज़ू पूरी। 💤 हम वो नहीं जो तुम्हे खैरात में 💟 मिल जायेंगे .


Kitni ❣️ shiddat se mere 💤 dil mein samai 💟 hai woh ae khuda ab mehakta mera aangan 💤 rakhna.!!!


इतनी 💟 शिद्दत से वो हि नफरत कर सकता है. 💤 जिसने प्यार भी उतनी शिद्दत ❣️ से किया हो


जरा 💤 मुस्कुराना भी सीखा दे ऐ जिंदगी ❣️ रोना तो पैदा होते ही सीख 💟 लिया था??


ज़ख्म 💟 देकर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत. ❣️ दर्द तो दर्द होता है, थोड़ा क्या और 💤 ज़्यादा क्या.


लोग 💟 कहते है कि बड़ी शिद्दत से पाया था उनको पर 💤 उनको कैसे बताए कि हम कुछ नही है वो शिद्दत ❣️ ही उनकी थी.


कल ❣️ एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया, और करोड़ों 💟 कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, 💤 गरीब वो था की मैं.


मोहब्बत 💤 खुद बताती है, कहाँ किसका ठिकाना है ❣️ किसे आँखों में रखना है, किसे दिल 💟 में बसाना है.


तेरी 💟 हर अदा मोहब्बत सी लगती है ❣️ एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है 💤 पहले नहीं अब सोचने लगे है हम की 💤 जिंदगी के हर लम्हे में तेरी ज़रूरत ❣️ सी लगती है..


पहाड़ ❣️ चढऩे का एक उसूल है झुककर चलिए 💟 दौडिय़े नही जिंदगी भी बस इतना ❣️ ही मांगती है??


काश ❣️ कि वो लौट आयें मुझसे यह कहने, 💤 कि तुम कौन होते हो मुझसे 💤 बिछड़ने वाले..!!!


सांसो 💟 की सीढ़ियों से उतर आई जिंदगी, बुझते हुए दिये की 💟 तरह जल रहे हैं हम, उम्रों की धूप ❣️ जिस्म का दरिया सुखा गई, हैं हम भी 💤 आफ़ताब मगर ढल रहे हैं 💤 हम।


शिकायते ❣️ तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी पर चुप 💤 इसलिये हु कि, जो दिया तूने वो भी बहुतो को 💟 नसीब नहीं होता ...!!


मत 💟 कर हिसाब किसी के प्यार का, 💤 कहीं बाद में तू खुद ही कर्ज़दार ❣️ न निकले।


ख़ूबसूरती 💤 ना चेहरे में होती है ना लिबास में, ❣️ निगाहे जिसे चाहे उसे 💤 हसीन कर दे|


कुछ ❣️ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं 💟 जब खुश हुआ तो खफा होकर 💤 चल दिये


हम 💟 उन सवालों को लेकर उदास 💤 कितने थे जवाब जिनके ❣️ यहीं आसपास कितने थे.


तन्हा 💤 रहना तो सीख लिया हमने लेकिन खुश 💟 कभी ना रह पाएंगे तेरी दूरी तो फिर 💤 भी सह लेता ये दिल लेकिन तेरी मोहब्बत ❣️ के बिना ना जी पाएंगे.


काग़ज़ 💤 पे तो अदालत चलती है. ❣️ हमने तो तेरी आँखो के फैसले 💟 मंजूर किये।


मुझसे 💟 नफरत करनी है तो इरादे मजबूत 💤 रखना वरना जरा सी भी चुके तो मोहब्बत 💤 हो जायेगी.


तेरी-मेरी ❣️ राहें तो कभी एक थी ही नहीं, 💤 फिर शिकवा कैसा और शिकायत 💟 कैसी


सारा 💤 जहां है जिसकी शरण 💟 में, नमन है उस माँ ❣️ के चरण में.