What is Protocol in Hindi




What is Protocol in Hindi - पूरी जानकारी इन हिंदी ?

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Protocol क्या है और ये कितने प्रकार के होते हैं, और इसके क्या फायदे है, अगर आप जानना चाहते हैं, तो हम आपको कहना चाहेंगे की आप बिलकुल सही पोस्ट पर है. क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. इस लेख की सहायता से आप जान सकते है की प्रोटोकॉल क्या है और यह कितने प्रकार के होते है, इस पोस्ट में हमने हर वो जानकारी जो आप प्रोटोकॉल के बारे में जानना चाहते है, बिल्कुल सरल व आसान शब्दों में बताई है, तो चलिए ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम सीधे देखते हैं, की प्रोटोकॉल क्या है और ये कैसे काम करता है, दोस्तों प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को आप आखिर तक पड़े।

Protocol Kya Hai - What is Protocol In Hindi

Computer network में सूचनाओं को सही तरीके से एक computer से दूसरे computer में ट्रांसमिट या प्रेषित करने के लिए कुछ नियम(Rule) बनाये गये हैं. इन नियमों के समूह को ही हम Protocol कहते है. यह एक तरह के “set of rules” है, और इनका उपयोग digital communication में किया जाता है. किसी network के द्वारा आपस में जुड़े हुए डिवाइस कैसे communicate करेंगे, या उनके बीच data किस format में ट्रान्सफर होगा, और data receive होने के बाद क्या होगा यह सब काम एक Protocol द्वारा ही निर्धारित किये जाते है. आपकी जानकारी के लिए बता दे Protocol के बिना इंटरनेट की कल्पना भी नही की जा सकती, इसके बिना हमारा computer network ठीक तरह से काम नही कर सकता, एक computer network पर data कैसे transmit होगा और कैसे data कैसे receive होगा. यह सब काम Protocol के द्वारा ही तय किये जाते है।

कंप्यूटर प्रोटोकॉल communication के नियम के एक संग्रह को कहते हैं, जैसा की हम जानते है. Computing में प्रोटोकॉल को digital language भी कहते है. प्रोटोकॉल के बिना आप internet के माध्यम से एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर के साथ सवांद नही कर सकते, और ना ही आप Data को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक transfer कर सकते है. यदि आप internet के द्वारा Communication करना चाहते है, तो आपके कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को प्रोटोकॉल के set of rules के तहत ही काम करना होगा।

Internet पर आपके द्वारा भेजी(send) गई कोई भी file या mail या फिर किसी भी तरह के text internet protocol के अनुसार ही कार्य करते है. दोस्तों आपने देखा होगा आपके Web browser की address bar में किसी भी URL से पहले http:// या फिर https:// लिखा होता है. क्या आप जानते है, ये होता क्या है, दरअसल यह भी एक प्रकार का नेटवर्क प्रोटोकॉल है, जिसका काम आपकी request के आधार पर किसी भी सर्वर से या फिर वेबसाइट और वेबपेज से हर वो जानकारी जो आपको इंटरनेट के माध्यम चाहिए, उसको लाकर आपके computer screen पर show करना है।

अगर हम इसको और आसान शब्दों में कहे तो यह Communication करने का एक अच्छा साधन है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में किया जाता है. प्रोटोकॉल का इस्तेमाल दो या दो से अधिक devices के बीच में Connection बनाने के लिए किया जाता है. Protocol को हम access method भी कहते है, एक Protocol डेटा संचार के लिए नियमों और दिशा निर्देशों का एक group है, दो या दो से अधिक Computers के बीच संचार के दौरान प्रत्येक चरण और प्रक्रिया के लिए नियमों को परिभाषित किया गया है. किसी भी नेटवर्क को डेटा को सफलता पूर्वक प्रसारित(extended) करने के लिए इन नियमों का पालन करना होगा।

Protocol एक Standard है, और इसका इस्तेमाल करके हम किसी भी तरह के डेटा को computer network जैसे local area network, Internet, आदि मे exchange करते है. आपको पता ही होगा हर protocol का एक अपना अलग method होता है. जिसकी सहायता से यह decide किया जाता है, की data कैसे send या ट्रांसफर किया जायेगा, और जब data को receive किया जायेगा तब क्या करना है. किसी भी data को कैसे compress किया जा सकता है और यदि इन सबके बीच में किसी भी तरह का कोई errors आ जाये तो उसको कैसे manage किया जाये, ये सब काम Protocol के set of rules के अन्दर ही आता है, इस प्रकार प्रोटोकॉल, uniform set of rules होता है. जिसकी सहायता से दो devices को आपस में successful connect किया जा सकता है और data transmit करने के लिए भी इसकी सहायता ली जा सकती है. Protocol यह भी ensure करता है, की कैसे डाटा नेटवर्क एवं computing device के बीच मे transmit कैसे करना है।

प्रोटोकॉल का क्या उपयोग है?

जैसा की आप जानते है, Protocol कई प्रकार के होते हैं, और इन सभी का काम करने का तरीका भी अलग-अलग है, आपकी जानकारी के लिए बताना चाहगे की जरूरत के अनुसार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार के Protocol को इस्तेमाल में लाया जाता हैं, Protocol के कुछ आम उपयोग इस प्रकार हैं −

  • प्रोटोकॉल के द्वारा डाटा ट्रान्सफर method को तय किया जाता है.

  • प्रोटोकॉल के द्वारा डाटा structure और format को निर्धारित किया जाता है.

  • किसी भी तरह का एरर के आने के बाद उस एरर को मैनेज करने का काम भी प्रोटोकॉल ही करता है.

  • प्रोटोकॉल का काम transmission की speed तय करना है

  • प्रोटोकॉल को दो डिवाइस के बीच में एक अच्छा कनेक्शन बनाने के लिए यूज़ किया जाता है.

  • एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस तक डाटा ट्रान्सफर करने के लिए Protocol का यूज़ किया जाता है.

  • प्रोटोकॉल का उपयोग आप e-mail recieve करने के लिए भी कर सकते है.

  • प्रोटोकॉल की मदद हम इन्टरनेट का इस्तेमाल कर पाते है.

प्रोटोकॉल काम कैसे करते है?

प्रोटोकॉल काम कैसे करते है आइये जानते है,जब दो व्यक्ति आपस में मिलते है, और एक दूसरे से बातचीत करते है, तो जैसा की आप जानते है. बातचीत करने के लिए उनको किसी ना किसी भाषा का इस्तेमाल तो करना ही होगा, जब वह दोनों आपस में communicate करते है, तो उन्हें सामने वाले की बात को समझने के लिए जरूरी नहीं है, की उन्हें व्याकरण(Grammer) के सभी rules का पता हो, या पूरी तरह से वो Grammer का इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन फिर भी वे एक दूसरे की बात को समझ जाते या समझने का प्रयास करते है. आमतौर पर लोग Lightweight rules और कम dictionary के जरिये भी अंदाजा लगा लेते है, की सामने वाला व्यक्ति क्या बोल रहा है या वे क्या कहना चाहता है।

लेकिन आपको पता होना चाहिए कंप्यूटर प्रोटोकॉल में इसके बिलकुल उल्टा होता है. यदि आप दो कंप्यूटर या मशीन के बीच में संचार करा रहे है, तो उनके बीच में आपको 100 प्रतिशत सही जानकारी जिसे की डाटा फिगर, आकार इत्यदि का संचार(Communications) होना बहुत ही जरूरी है. तभी एक कंप्यूटर या मशीन आपके द्वारा दिए गये डाटा को समझ पता है, और उसके बाद कंप्यूटर आपकी दी हुई कमांड पर कार्य करके आपको उसका परिणाम देंगे, अन्यथा कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहगे की किसी भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस या कंप्यूटर के बीच संचार(communication) की प्रक्रिया को सही तरह से करने के लिए प्रोटोकॉल को डिज़ाइन किया गया है, और यह अनेक प्रकार होते है. प्रोटोकॉल की सहायता से दो कंप्यूटर या मशीन के बीच में चाहे कितनी भी दुरी क्यों ना हो, यदि उनके बीच में सही प्रोटोकॉल का use किया गया तो वे सामान जानकारी को आसानी से प्राप्त कर सकते है।

प्रोटोकॉल कितने प्रकार के होते हैं?

Protocols के बहुत सारे प्रकार होते है, कंप्यूटर networking के लिए software तथा hardware लेवल पर कई प्रकार के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता हैं, जिनमें से कुछ common network protocols निम्न है −

  • Transmission Control Protocol

  • Internet Protocol

  • HyperText Transfer Protocol

  • File Transfer Protocol

  • Simple Mail Transfer Protocol

  • Ethernet Protocol

  • Telnet

  • User Datagram Protocol

Transmission Control Protocol

TCP एक तरह का internet communication प्रोटोकॉल है, Internet के माध्यम से किसी भी तरह का Communications करने के लिए हमको TCP की जरुरत पड़ती है. इसका का काम दो device के बीच connection स्थापित करने है, और दो मशीन में बीच में data का आदान-प्रदान इसी प्रोटोकॉल की अनुमति से किया जाता है. जैसा की हम जानते है यह IP protocol के साथ मिलकर काम करता है. TCP यूजर द्वारा send किये गये डाटा की delivery की गारंटी देता है, और यह भी गारंटी देता है कि packets उसी क्रम में वितरित किये जाएंगे जिसमे उन्हें भेजा गया था.

Transmission control protocol का उपयोग नेटवर्क पर communication करने के लिए किया जाता है, TCP में डेटा को small packets में तोड़ दिया जाता है, और उसके बाद डाटा को डेस्टिनेशन पर send किया जाता है, हालांकि, IP सुनिश्चित करने का काम करता है की packets को सही पते पर transmitted किए जाएं।

Internet Protocol

Internet Protocol के बारे में आपने शायद पहले भी कभी सुना हो, यह Protocol TCP के साथ मिलकर कार्य करता है, packets को ट्रान्सफर करने के लिए IP का उपयोग एक तरह से addressing करने के लिए होता है, इसकी मदद से final destination तक data को पहुँचाया जाता है, पैकेट में IP पते नेटवर्क में विभिन्न नोड्स के माध्यम से उन्हें रूट करने में सहायता करते हैं, जब तक कि यह destination system तक नहीं पहुंच जाता है, टीसीपी/आईपी networks को जोड़ने वाला सबसे लोकप्रिय Protocol है।

HyperText Transfer Protocol

वेब पेज को किसी भी एक भाषा का इस्तेमाल करके डिज़ाइन किया जाता है, जिसे Hyper Text Markup Language कहा जाता है. यदि आप उसी वेब पेज को all world में show करना चाहते है, तो इसके लिए आपको वेब पेज को इन्टरनेट वेब पर डालना होता है. जिसके लिए एक सामान्य तरीके या प्रोटोकॉल को इस्तेमाल में लाया जाता है. जिसे HTTP के नाम से भी जाना जाता है. ये प्रोटोकॉल भी इन्टरनेट पर काम करने और अपने कार्य को मैनेज करने के लिए TCP और IP का ही use करता है. इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल client और server के बीच में connection स्थापित करने के लिए होता है, और world wide web पर document exchange करने का काम HyperText Transfer प्रोटोकॉल के द्वारा ही किया जाता है. यदि आप आपने browser पर किसी website को access कर चाहते है, तो आपको इसी प्रोटोकॉल की मदद लेनी पड़ेगी।

File Transfer Protocol

FTP यूजर को एक मशीन से दूसरे मशीन में फ़ाइलों को स्थानांतरित करने की अनुमति देता है, अगर बात की जाये फ़ाइलों के प्रकार की तो इसमें कई तरह की फाइलें शामिल है, जैसे प्रोग्राम फाइलें, मल्टीमीडिया फाइलें, text files, और documents आदि, इस protocol का उपयोग आमतौर पर यूजर किसी भी फाइल को एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में ट्रान्सफर करने के लिए करते है, आपकी जानकारी के लिए बता दे की Website Manager अपनी सभी Files को Web Server पर Web Hosting के माध्यम से Store कर देते है. और उसके बाद जब भी कोई यूजर उस Website को open करता है या उसका इस्तेमाल करता है, तो FTP यानि File Transfer Protocol ही उसे यह अनुमति देता है, की वह user web server से उस file को आसानी के साथ download कर सके।

Simple Mail Transfer Protocol

जैसा की इस Protocol के नाम से ही पता चल रहा है, की इसका उपयोग इन्टरनेट पर ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए होता है. SMTP(Simple mail transfer protocol) इंटरनेट पर ट्रांसमिशन और आउटगोइंग मेल का प्रबंधन करता है।

Ethernet Protocol

इस Protocol को स्कूल, कॉलेज, पोस्ट ऑफिस, बैंक आदि में LAN connection करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है, और इस प्रकार के कनेक्शन के लिए Ethernet का उपयोग किया जाता है, यदि आप किसी भी Computer को LAN से connect करना चाहते है तो इसके लिए उसमे Ethernet Network Interface Card का होना बहुत आवश्यक है, इस Protocol का इस्तेमाल वर्तमान में बहुत ज्यादा किया जाता है।

Telnet

Telnet Protocol एक system को दूसरे system के साथ जोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए नियमों का एक समूह है. इसी कनेक्ट करने की प्रक्रिया को रिमोट लॉगिन कहा जाता है, connection के लिए अनुरोध करने वाली प्रणाली local computer, है, और कनेक्शन को स्वीकार करने वाला सिस्टम remote computer है, यदि आप किसी local computer में एक कमांड देते हैं, जो remote computer में कमांड को एक्सेक्यूट करता है, Telnet भी क्लाइंट और सर्वर मॉडल पर आधारित है।

User Datagram Protocol

UDP Protocol भी लगभग TCP Protocol की तरह ही similar होता है. लेकिन इस Protocol में उतनी capability नही होती जितनी TCP Protocol में होती है. इस Protocol का इस्तेमाल small size के data packets को transmit करने के लिए किया जाता है. क्या आप जानते है इन कम size के डाटा पैकेट को डाटा ग्राम भी कहा जाता है. यदि आप किसी डाटा का स्थानांतरण कर रहे है, और आपका data packet स्थानांतरण के दौरान खो जाता है, तो हम आपको बता दे की इसमे उसे regenerate करने की क्षमता नही होती है. इसलिए यदि आप इसका इस्तेमाल करते है तो आपको बहुत सावधानी के साथ इसका इस्तेमाल करना चाहिए जिससे की आपका डाटा लॉस ना हो. यह IP protocol के साथ मिलकर काम करता है।

Advantages of Protocol in Hindi?

  • प्रोटोकॉल की सहायता से maintenance और installation का काम बहुत आसान हो जाता है।

  • किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर develop करने के लिए आप प्रोटोकॉल का उपयोग कर सकते हैं।

  • प्रोटोकॉल की मदद से अलग-अलग हार्डवेयर को network से जोड़ने में और उनके बीच में किसी भी तरह की जानकारी को साझा करने और instruction देने में काफी सहायता मिलती है।

  • कोई भी यूजर अंतर्राष्ट्रीय मानक की वजह से कई सारे computers को एक साथ जोड़ा सकता है, और उनके बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान भी आसानी के साथ कर सकता है।

Disadvantages of Protocol in Hindi?

  • प्रोटोकॉल का international standard होना यूजर के कफी फायदेमंद हैं, जैसा की हम जानते है, लेकिन इसके standard में कुछ कमियां हों जो की यूजर के लिए एक international समस्या भी बन सकता है।

  • वर्तमान में इसका use बहुत सी कम्पनीज कर रही है क्योंकि यह एक Fixed standard है इसी वजह से सभी कम्पनीज और निर्माताओं को इसे follow करना होता है, और इसकी वजह से खुद की कोई नयी तकनीक का उपयोग करने में परेशानी आ सकती है।