ATM Full Form in Hindi




ATM Full Form in Hindi - एटीएम की पूरी जानकारी हिंदी में

ATM Full Form in Hindi, ATM Full Form, एटीएम फुल फॉर्म इन हिंदी, दोस्तों क्या आपको पता है ATM की full form क्या है, और ATM का क्या मतलब होता है, और क्या आपको पता है ATM का use कैसे किया जाता है,अगर आपका answer नहीं है तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है क्यूंकि आज हम इस post में आपको ATM की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है तो फ्रेंड्स ATM Full Form in Hindi में और ATM की पूरी history जानने के लिए इस post को लास्ट तक पढ़े.

ATM Full Form in Hindi

ATM की फुल फॉर्म “Automated Teller Machine” होती है, ATM का हिंदी में मतलब स्वचालित लेनदेन करने वाली मशीन होता है. आइये अब हम इसके बारे में थोड़ी और जानकारी हिंदी भाषा में प्राप्त करते है.

ATM एक Electro-mechanical मशीन है, जिसका इस्तेमाल बैंक अकाउंट से वित्तीय लेन-देन के लिये किया जाता है. अगर और सिंपल भाषा में कहें तो ATM एक स्वचालित लेन देन करने वाली मशीन है, दोस्तों ATM एक ऐसी Automated computerized machine जिसकी help से बैंक कस्टमर्स बिना किसी teller की help से banking ऑपरेशन्स कर सकता हो.

ATM एक तरह की electronics मशीन है, ATM का अविष्कार सन 1960 में जॉन शेफर्ड-बर्रोंन ने किया. ATM का सबसे बड़ा फयदा यह है की आप इसकी मदद से बिना बैंक जाये भी पैसे निकल सकते हो. ATM भी two types के होते है पहला टाइप ATM का उपयोग आप सिर्फ पैसे निकालने और account balance की information लेने के लिए कर सकते है और दुसरे टाइप ATM का उपयोग से आप पैसे जमा कर सकते हो, credit card भुगतान कर सकते हो और खाता की information भी प्राप्त कर सकते हो. ATM का use केवल बैंक ग्राहकों द्वारा पैसो के लेन देन के लिए किया जाता है.User अपने खता को एक विशेष प्रकार के प्लास्टिक card से access कर सकते है.

ATM से पैसे निकालने के लिए मुख्यतः दो तरह के card का उपयोग किया जाता है डेबिट card और credit card, लेकिन डेबिट card का ज्यादा use होता है credit card के मुकाबले दोस्तों credit card का उपयोग काम किया जाता है.

एटीएम का फुल फॉर्म क्या है?

दोस्तों यदि आपका किसी Bank में अकाउंट है तो कभी न कभी आप का ATM से वास्ता पड़ा ही होगा और आपने अवश्य ही ATM कार्ड का प्रयोग कर ATM मशीन से कैश निकलवाया होगा. कैश अर्थात नगदी बैंकों से निकालने के बजाय आज लोग ATM से निकालना ज्यादा सरल समझते हैं लेकिन शायद बहुत ही कम लोगों को पता है कि ATM की फुल फॉर्म क्या है और यह किसने इज़ाद किया था. दुनिया का पहला ATM कब और कहाँ लगाया गया और इसका पूरा History क्या है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ATM की फुल फॉर्म क्या है और इसका पूरा सफर कहां से शुरू हुआ और आज दुनिया में कुल कितने ATM हैं आपसे अनुरोध है की पूर्ण जानकारी के लिए पेज को अंत तक पढ़े -

ATM की फुल फॉर्म होती है Auromatic Teller Machine जिसे हिंदी में Automatic money dispenser कहा जाता है, अर्थात वह यंत्र या वह मशीन जिसे मुद्रा निकासी के लिए प्रयोग किया जाता है यानी कि पैसा निकालने के लिए जिस यंत्र का प्रयोग किया जाता है उसे ATM कहा जाता है. इसे स्वचालित इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपने आप कार्य करता है टेलर यानि कि यह अपने आप पैसे गिनता है और machine का मतलब होता है यंत्र. लेकिन ऐसा नहीं है कि ATM को हर जगह इसी नाम से जाना जाता है कई देशों में जैसे कि कनाडा में ATM को ABM कहा जाता है जिसका मतलब होता है, ऑटोमेटिक बैंकिंग machine और यहां बैंकिंग शब्द से तात्पर्य है "पैसों का लेनदेन" तो इसी प्रकार स्थानों और देशों के साथ-साथ ATM के अलग-अलग नाम मिलते हुए हैं Examples के तौर पर कई देशों में इसे कैश पॉइंट कहा जाता है और कई देशों में इसे Hole in the Wall (होल इन द वॉल) भी कहा जाता है. होल इन द वॉल का मतलब होता है, दीवार में छेद होना क्योंकि आपने देखा होगा कि कहीं-कहीं दीवार में छोटा सा छेद करके ATM की machine की जो स्क्रीन है वो निकली हुई होती है जहाँ से पैसे निकाले जा सकते हैं. दीवार में छेद कर ATM लगाए जाने से क्या होता है कि machine की थोड़ी सेफ्टी हो जाती है.

ATM का लेखा जोखा: विश्व भर में जहां जहां ATM लगे हैं या जितने देशों में भी ATM स्थापित किए जा चुके हैं उन सबके लिए Joint रुप से एक संस्था बनाई गई है जिसका नाम है ATMIA जिस की फुल फॉर्म होती है ATM इंडस्ट्री एसोसिएशन. इस association का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में है तथा इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी. इस संस्था को स्थापित किए मुख्य कारण यही है कि पूरे विश्व में जहां-जहां भी ATM है उनमें यदि कोई प्रॉब्लम आती है या कोई टेक्निकल इश्यू (Technical fault) है तो उसका रिव्यू करके व देख परख कर डेवलप करती है यह संस्था पूरे विश्व भर में लगे ATM का लेखा जोखा रखती है. ATMIA के अनुसार पूरे विश्व में इस समय 35 लाख से ज्यादा ATM है. आपको शायद यह सँख्या थोड़ी कम लगे लेकिन दुनिया में कुल 195 देश है और 195 देशों में 35 लाख ATM एक बहुत ही बड़ी मात्रा हो जाती है और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ेगी. इन ATM को समय के साथ-साथ विकसित किया जा रहा है जिससे पैसे निकलवाने के साथ-साथ पैसे जमा करवाने के लिए कीओस्क और पासबुक पर लेन-देन का प्रिंट छपवाने के लिए अलग से मशीने लगाई जा रही हैं इसलिए आने वाले समय में बैंकिंग सिस्टम बहुत हद तक पेपरलेस हो जाएगा.

ATM Full Form in Hindi

ATM का मतलब है ऑटोमेटेड टेलर मशीन. ATM एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसका इस्तेमाल वित्तीय लेनदेन के लिए किया जाता है. ATM ग्राहकों को उनके बैंक शाखा में जाने के बिना उनके संबंधित बैंक खातों से नकद निकासी की अनुमति देता है. यह एक सुविधाजनक और परेशानी से मुक्त मंच है जहां ग्राहक अपने सभी लेनदेन जैसे नकद निकासी, नकद जमा, किसी भी बैंक के प्रतिनिधि की मदद के बिना राशि transfer कर सकते हैं. लेनदेन पर, ATM के ऑपरेटर द्वारा एक मामूली शुल्क लिया जाता है जो हमारा खाता नहीं रखता है. यदि हम संबंधित बैंक के ATM का उपयोग करते हैं जिसमें हमारा खाता मौजूद है, तो इस शुल्क से बचा जा सकता है. ATM दुनिया भर में और कुछ हिस्सों में एक बहुत अधिक उपयोग किया जाने वाला विकल्प है, इसे स्वचालित बैंक मशीनें भी कहा जाता है.

ATM का पूर्ण रूप आटोमेटेड टेलर मशीन है, यह एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल मशीन है जिसमें स्वचालित बैंकिंग प्लेटफॉर्म होते हैं जो ग्राहकों को शाखा प्रतिनिधि या टेलर की सहायता के बिना सुचारू लेनदेन करने की अनुमति देते हैं. एक Debit कार्ड या क्रेडिट कार्डधारक अधिकांश ATM में नकदी निकालने में सक्षम होना चाहिए. ATM लाभकारी हैं, जिससे ग्राहकों को नकद निकासी, जमा, बिल भुगतान और खाता-टू-खाता transfer जैसे तेजी से स्व-सेवा लेनदेन करने की अनुमति मिलती है. आमतौर पर बैंक द्वारा नकद निकासी के लिए शुल्क का भुगतान किया जाता है, जहां खाता, ATM ऑपरेटर या दोनों द्वारा आयोजित किया जाता है. इनमें से कुछ शुल्कों को एक ATM का उपयोग करके टाला जा सकता है जो सीधे खाता धारक बैंक द्वारा संचालित होता है. ATM को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में एबीएम (स्वचालित बैंक मशीनें), या कैश मशीन के रूप में मान्यता प्राप्त है.

ATM एक इलेक्ट्रॉनिक दूरसंचार उपकरण है जिसका उपयोग वित्तीय लेनदेन जैसे कि नकद निकासी, जमा, स्थानांतरण निधि और अन्य बैंक से संबंधित किसी भी समय अन्य लेनदेन से संबंधित लेनदेन करने के लिए किया जाता है. यह बैंकिंग प्रक्रिया को बहुत आसान बनाता है क्योंकि ये मशीनें स्वचालित हैं और बैंक कर्मचारियों के साथ सीधे संपर्क की कोई आवश्यकता नहीं है. ज्यादातर हम ऑटोमेटेड टेलर मशीन एटीएम से पा सकते हैं, जिसमें सिर्फ नकद निकासी का काम होता है. कुछ एटीएम हमें कैश डिपॉजिट के साथ-साथ कैश डिपॉजिट, चेक डिपॉजिट जैसे उन्नत कार्य करने की अनुमति देते हैं.

प्रक्रिया

बैंक अधिकारी कार्ड तक पहुंचने के लिए ग्राहक को एटीएम कार्ड और पिन कोड प्रदान करते हैं. जब यह एटीएम कार्ड किसी भी एटीएम मशीन में डाला जाता है, तो मशीन एक पिन दर्ज करने के लिए कहती है. ग्राहक को पिन दर्ज करना होगा जो कार्ड के चिप में संग्रहीत पिन से मेल खाना चाहिए. एक बार सही पिन दर्ज करने के बाद, ग्राहक अपने बैंक खाते तक पहुँच प्राप्त करते हैं और इस प्रकार वे अपने लेन-देन के साथ आगे बढ़ सकते हैं.

ATM का इतिहास -

आज की Digital दुनिया में ATM Machine सभी ने देखा और use किया होगा. लेकिन क्या आपको पता है ATM machine की खोज कब और कैसे हुई थी अगर नहीं तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें. दोस्तों ATM का आविष्कार सौप्रथम भारत में हुआ था. ATM बनाने वाले स्कॉटलैंड के John Shepherd-Barron का जन्म 23 जून 1925 में मेघालय के शिलॉन्ग में हुआ था. उस समय उसके स्कोटेस्ट पिता उस समय North Bengal में चटगांव पोर्ट कमिश्नर्स के चीफ इंजीनियर थे. ATM बनाने का आईडिया नहाते समय आया था. उन्होंने सोचा अगर चॉकलेट निकालने वाली Machine की तरह पैसे निकालने वाली Machine हो जिससे 24 घंटे Case निकले जा सके तो कितनी सहुलियत होगी. इसके बाद उसने ATM मशीन का निर्माण किया.

पहली ATM machine 27 जून 1967 को लंदन के बार्कलेज बैंक में लगाई गई. पूरी दुनिया में लगभग एक Machine है पूरी दुनिया में ३०लख ATM Machine है जिनमे से ढाई लाख ATM Machine भारत में है. भारत में पहला ATM Machine सन 1987 में लगाया गया था. भारत में पहला ATM Machine हांगकांग और शंघाई की बैंकिंग कॉरपोरेशन ने मुंबई में लगाया था. ATM machine बनाने वाले बैरन कभी अपने Machine का पैटर्न नहीं करवाया क्योकि वह अपने टेक्नोलॉजी को Secret रखना चाहते थे अगर वह पैटर्न करवाते तो उन्हें अपने कोड सिस्टम को पैटर्न एजेंसियों से साझा करना पड़ता इसलिए उन्होंने पैटर्न ना करवाने का फैसला किया. खास बात यह थी कि बैरन ATM के पिन 6 Digit के रखने के पक्ष में थे लेकिन उनकी पत्नी ने उनसे कहा की 6 Digits ज्यादा है और लोग उसे याद नहीं रख पाएंगे इस कारण बाद में उन्हें 4 Digit का ATM Pin बनाया और आज भी 4 Digit का ATM पिन चलता है. आप बिना बैंक खाते के भी ATM प्रयोग कर सकते हैं लेकिन ऐसा भारत में संभव नहीं है. दरअसल युरोप के देश को रूमानिया में 84% जनसंख्या के पास बैंक खाता नहीं है लेकिन वो फिर भी ATM प्रयोग करते हैं. पहला तैरने वाला ATM Machine केरल के कोची में लगाया गया था. यह Machine स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ढंकार में लगाई थी इसके मालिक केरला शिपिंग एंड इनलैंड नेविगेशन कॉरपोरेशन कंपनी थी.

पहला उपकरण जो चालू था, उसे 'कंप्यूटर ऋण मशीन' के रूप में जाना जाता था. इस उपकरण की आपूर्ति जापानियों द्वारा वर्ष 1966 में की गई थी. मशीन में क्रेडिट कार्ड डालने के बाद मशीन ऋण के रूप में नकदी को निकालती थी. कैश मशीन को पहली बार 1967 में उत्तरी लंदन के बार्कलेज़ बैंक की शाखा में इस्तेमाल किया गया था. इस मशीन का उद्घाटन अभिनेता रेग वर्नी ने किया था. बाद में वर्ष 1970 में, अन्य बैंकों के साथ चर्चा के बाद, एक बैंक के कार्ड को लेनदेन के लिए दूसरे बैंक के ATM में इस्तेमाल किया जा सकता था. अब ATM दुनिया भर में इस्तेमाल की जाने वाली सुविधा है जो लोगों के जीवन को बहुत सरल बना देती है. लगभग 3 मिलियन से अधिक ATM हैं, जो दुनिया भर में उपयोग किए जाते हैं.

एटीएम मशीन के पुर्जे

दुनिया भर में एटीएम को अलग तरह से डिज़ाइन किया गया है लेकिन उनके पास कुछ बुनियादी हिस्से हैं.

  • एक डिस्प्ले स्क्रीन है जो कंप्यूटर मॉनीटर की स्क्रीन की तरह दिखती है.

  • एक स्पीकर जिसके माध्यम से मशीन तक पहुंच के बारे में निर्देशों को सुना जा सकता है.

  • एक कार्ड रीडर मौजूद है जिसमें कार्ड को जल्द ही डाला जाना है जिसके बाद डिस्प्ले में कुछ विकल्प जैसे भाषा, लेनदेन का विवरण और ग्राहक आईडी या पिन दिखाया जाता है, जिसके बाद व्यक्ति अपने खाते तक पहुंच सकता है.

  • कीपैड मौजूद है जिसमें ग्राहक को मशीन को लेन-देन के लिए पूछी जाने वाली जानकारी टाइप करनी होती है.

  • कैश डिस्पेंसर मौजूद है जिसके माध्यम से कैश एकत्र किया जा सकता है. ग्राहक के लेन-देन के लिए बैंक अधिकारियों द्वारा मशीन में नकदी सुरक्षित रूप से सुरक्षित रखी जाती है.

  • एक रसीद प्रिंटर मौजूद है जो एक शीट प्रिंट करता है जो लेनदेन विवरण प्रदर्शित करता है.

ATM फुल फॉर्म -

ATM का Full form आटोमेटेड टेलर मशीन है. ATM एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल मशीन है जिसका उपयोग बैंक खाते से वित्तीय लेनदेन करने के लिए किया जाता है. इन मशीनों का उपयोग व्यक्तिगत बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए किया जाता है. जैसे बैंक शाखा में cashier, जिसे आधिकारिक तौर पर टेलर के रूप में जाना जाता है, नकदी को गिनता है और इसे ग्राहक को सौंपता है, उसी तरह मशीन आपके लिए करती है. इसलिए, इसे "स्वचालित टेलर मशीन" कहा जाता है.

यह कार्ड धारक को अपने Individual bank खाते से बैंक जाने के बिना पैसे खींचने की अनुमति देता है. यह बैंकिंग प्रक्रिया को बहुत आसान बनाता है क्योंकि ये स्वचालित टेलर मशीनें स्वचालित हैं और लेनदेन के लिए मानव खजांची की कोई आवश्यकता नहीं है. ATM मशीन दो प्रकार की हो सकती है; एक बुनियादी कार्यों के साथ जहां आप नकदी निकाल सकते हैं और दूसरा एक और उन्नत कार्य के साथ जहां आप नकदी जमा कर सकते हैं. अब एक दिन, ATM में नकद वितरण के बुनियादी उपयोग के साथ-साथ बहुत सारी Functionalities हैं. उनमें से कुछ नकद और चेक जमा, फंड ट्रांसफर, कैश निकासी और बैलेंस पूछताछ, नई पिन पीढ़ी और पिन परिवर्तन, मिनी स्टेटमेंट, बिल भुगतान और मोबाइल रिचार्ज आदि हैं. पहला ATM केमिकल बैंक द्वारा न्यूयॉर्क (यूएसए) में पेश किया गया था. 1969.

ATM की सम्पूर्ण जानकरी -

यदि आपका किसी बैंक में अकाउंट है तो कभी न कभी आप का ATM से वास्ता पड़ा ही होगा और आपने अवश्य ही ATM कार्ड का प्रयोग कर ATM मशीन से कैश निकलवाया होगा. कैश अर्थात नगदी बैंकों से निकालने के बजाय आज लोग ATM से निकालना ज्यादा सरल समझते हैं .. ATM की फुल फॉर्म होती है Auromatic Teller Machine (ऑटोमेटिक टेलर मशीन) जिसे हिंदी में self drive मुद्रा वितरण यंत्र कहा जाता है अर्थात वह यंत्र या वह मशीन जिसे मुद्रा निकासी के लिए प्रयोग किया जाता है यानी कि पैसा निकालने के लिए जिस यंत्र का प्रयोग किया जाता है उसे ATM कहा जाता है. इसे self drive इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपने आप कार्य करता है टेलर यानि कि यह अपने आप पैसे गिनता है और मशीन का मतलब होता है यंत्र.,

एक स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) एक इलेक्ट्रॉनिक दूरसंचार उपकरण है जो वित्तीय संस्थानों के ग्राहकों को वित्तीय लेनदेन करने में सक्षम बनाता है, जैसे कि नकद निकासी, जमा, धन हस्तांतरण, या खाता जानकारी प्राप्त करना, किसी भी समय और बैंक के साथ सीधे संपर्क की आवश्यकता के बिना. कर्मचारी. एटीएम को कई नामों से जाना जाता है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम, अमेरिकी, ब्रिटिश, ऑस्ट्रेलियाई, मलेशियाई, दक्षिण अफ्रीकी, सिंगापुर, भारतीय, मालदीवियन, हाइबरनो, फिलीपींस और श्रीलंका की अंग्रेजी) शामिल हैं, अक्सर एटीएम मशीन , स्वचालित बैंकिंग मशीन (ABM, कैनेडियन इंग्लिश), कैश प्वाइंट (ब्रिटिश इंग्लिश), कैशलाइन, मिनीबैंक, कैश मशीन, टायम मशीन, कैश डिस्पेंसर, बैंकोमेट या बैंकोमेट. कई एटीएम में उनके ऊपर एक चिन्ह होता है, जो उस बैंक या संगठन के नाम का संकेत देता है जो एटीएम का मालिक है, और संभवतः उन नेटवर्क को भी शामिल करता है जिनसे वह जुड़ सकता है. कनाडा में, एबीएम जो एक वित्तीय संस्थान द्वारा संचालित नहीं होते हैं, उन्हें "व्हाइट-लेबल एबीएम" के रूप में जाना जाता है.

ATM Industry Association (ATMIA) के अनुसार, अब दुनिया भर में करीब 3.5 मिलियन ATM स्थापित हैं. हालांकि, एटीएम का उपयोग धीरे-धीरे कम हो रहा है - विशेष रूप से खुदरा प्रवृत्ति में. अधिकांश आधुनिक एटीएम में, ग्राहकों को एटीएम में एक प्लास्टिक एटीएम कार्ड (या कुछ अन्य स्वीकार्य भुगतान कार्ड) डालकर पहचाना जाता है, ग्राहक के पास एक व्यक्तिगत पहचान संख्या (पिन) दर्ज करने के लिए प्रमाणीकरण होता है जो चिप में संग्रहीत पिन से मेल खाना चाहिए कार्ड (यदि कार्ड बहुत सुसज्जित है) या जारी करने वाले वित्तीय संस्थान के डेटाबेस में. एटीएम का उपयोग करके, ग्राहक विभिन्न प्रकार के वित्तीय लेनदेन जैसे कि नकद निकासी, चेक बैलेंस, या क्रेडिट मोबाइल फोन बनाने के लिए अपने बैंक जमा या क्रेडिट खातों तक पहुंच सकते हैं. एटीएम का इस्तेमाल किसी विदेशी देश में नकदी निकालने के लिए किया जा सकता है. यदि एटीएम से निकाली गई मुद्रा उस से अलग है, जिसमें बैंक खाते को दर्शाया गया है, तो धन को वित्तीय संस्थान की विनिमय दर पर बदल दिया जाएगा.

एटीएम का उपयोग कहां किया जाता है?

ATM एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल मशीन है और इसका इस्तेमाल वित्तीय लेनदेन करने के लिए किया जाता है और इन मशीनों का इस्तेमाल व्यक्तिगत बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए किया जाता है. जैसा कि हमने बैंक शाखा में कैशियर को देखा है, उसी तरह एटीएम को कैशर के रूप में भी जाना जाता है और इसे ग्राहक को सौंप देता है. तो यही कारण है कि इसे स्वचालित टेलर मशीन के रूप में भी जाना जाता है. इस एटीएम मशीन का मुख्य कार्य यह है कि कार्डधारक अपने बैंक खाते से मुख्य बैंक शाखा में जाए बिना नकदी निकाल सकता है. इसलिए यह बैंकिंग प्रक्रिया को बहुत आसान बनाता है क्योंकि ये स्वचालित टेलर मशीन जो एटीएम हैं, स्वचालित हैं इसलिए लेन-देन के लिए मानव खजांची की कोई आवश्यकता नहीं है और हम कह सकते हैं कि बैंक में जाने के बिना हमारे बैंक खाते से पैसे निकालना बहुत फायदेमंद है .

विभिन्न प्रकार के ए.टी.एम.

एटीएम मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं -

  • मूल इकाइयाँ ग्राहकों द्वारा केवल नकद निकासी की अनुमति देती हैं और अद्यतन खाता शेष प्रदान करती हैं.

  • अधिक जटिल मशीनें जिनमें आप नकद जमा कर सकते हैं, क्रेडिट लाइन भुगतान और स्थानांतरण की सुविधा दे सकते हैं, और खाते के विवरण तक पहुंच सकते हैं.

ATM के मूल भाग -

एटीएम का उपयोग करना आसान है. इसमें इनपुट और आउटपुट टूल शामिल हैं, जिससे लोग आराम से पैसे जमा कर सकते हैं या निकाल सकते हैं. नीचे एटीएम के आवश्यक आउटपुट और इनपुट डिवाइस हैं.

इनपुट डिवाइस

कार्ड रीडर - कार्ड रीडर चुंबकीय पट्टी में एटीएम कार्ड पर संग्रहीत कार्ड डेटा को पहचानता है, जो पीठ पर स्थित है. कार्ड का विवरण कार्ड रीडर द्वारा एकत्र किया जाता है और एक बार निर्दिष्ट स्थान पर कार्ड डालने के बाद सर्वर पर भेज दिया जाता है. कैश डिस्पेंसर खाते की जानकारी और उपयोगकर्ता सर्वर से प्राप्त आदेशों के आधार पर नकदी को निकालने की अनुमति देता है.

कीपैड - कीपैड मशीन से व्यक्तिगत डेटा जैसे कि व्यक्तिगत आईडी नंबर, नकद राशि, रसीद की आवश्यकता या कोई अन्य जानकारी और अन्य जानकारी के साथ उपयोगकर्ता की मदद करता है. एन्क्रिप्टेड रूप में, पिन सर्वर पर भेजा जाता है.

आउटपुट डिवाइस, एक बटन दबाए जाने पर ऑडियो इनपुट उत्पन्न करने के लिए स्पीकर - एटीएम में उपलब्ध है.

डिस्प्ले स्क्रीन - लेनदेन के विषय में स्क्रीन पर विवरण प्रदर्शित करता है. यह नकदी निकासी के चरणों को इंगित करता है, क्रम में एक-एक करके. स्क्रीन CRT या LCD हो सकती है.

रसीद प्रिंटर - एक रसीद आपको उस पर मुद्रित लेनदेन के बारे में जानकारी दिखाती है. यह आपको लेन-देन के समय और तारीख, शेष राशि और निकासी की राशि, आदि की सूचना देता है.

कैश डिस्पेंसर - कैश डिस्पेंसर ATM का आवश्यक आउटपुट टूल है क्योंकि यह कैश को हैंड आउट करता है. एटीएम में प्रदान किए गए अत्यधिक सटीक सेंसर, कैश डिस्पेंसर को उपयुक्त नकदी राशि का प्रबंधन करने की अनुमति देते हैं, जैसा कि उपभोक्ता को चाहिए.

एटीएम का कार्य सिद्धांत -

एटीएम का संचालन शुरू करने के लिए आपको एटीएम के अंदर प्लास्टिक के एटीएम कार्ड डालने होंगे. आपको कुछ मशीनों पर अपने कार्ड को छोड़ना होगा और कुछ मशीनों को कार्ड स्वैपिंग की आवश्यकता होगी. इन एटीएम कार्ड में चुंबकीय पट्टी पर आपके खाते का विवरण और अन्य सुरक्षा जानकारी होती है. जब आप अपना कार्ड छोड़ते हैं या स्वैप करते हैं, तो कंप्यूटर आपके खाते के बारे में विवरण प्राप्त करता है और आपके पिन नंबर के लिए अनुरोध करता है. प्रमाणीकरण मान्य होने के बाद, मशीनें लेनदेन की अनुमति देगी.

एटीएम के कार्य -

  • नकद जमा करना

  • नकदी की निकासी

  • नकदी का हस्तांतरण

  • खातों का विवरण

  • मिनी स्टेटमेंट

  • बिल का नियमित भुगतान

  • खाता शेष विवरण

  • प्रीपेड मोबाइल का रिचार्ज

  • पिन कोड बदलें

एटीएम के दुसरे फुल फॉर्म्स -

अब चलिए ATM के कुछ अन्य Full Form के विषय में जानते हैं जो निचे दिए गए हैं. Air traffic Management (Aviation terminologies में) Asynchronous Transfer Mode (I.T. Sector में ) यह एक telecommunications concept होता है जिसे की define किया गया है ANSI और ITU के द्वारा, Association of Teachers of Mathematics (यह एक Non-profit organization और registered charity है UK की) Angkatan Tentera Malaysia (Malaysian Armed Forces)

ATM कैसे काम करता है?

ATM का कामकाज शुरू करने के लिए, आपको ATM machines के अंदर प्लास्टिक एटीएम कार्ड डालने होंगे. कुछ मशीनों में आपको अपने कार्ड drop करने पड़ते हैं, कुछ मशीनें कार्ड स्वैप करने की अनुमति देती हैं. जैसा कि मैं पहले ही बता चुका हूं इन ATM Card में एक Magnetic पट्टी के रूप में आपके Account का विवरण और अन्य सुरक्षा Information होती है. जब आप अपना कार्ड Drop/Swap करते हैं, तो मशीन को आपके खाते की Information मिल जाती है और वह आपका पिन नंबर मांगता है. सफल Authentication के बाद, मशीन Transaction की अनुमति देता है.

ATM को और क्या क्या नाम से जाना जाता है?

आपको अपनी दैनिक गतिविधियों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए. हमें पैसे निकालने के लिए या किसको पैसे भेजने हैं, इसके लिए हमें हर काम के लिए एटीएम का इस्तेमाल करना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ATM का फुल फॉर्म क्या है? यह प्रश्न अक्सर कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है, सही जानकारी न होने के कारण, कई उम्मीदवार यहां पराजित हो जाते हैं और इस प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ होते हैं. इस पोस्ट में हम ATM के फुल फॉर्म और ATM से जुड़ी जानकारी के बारे में जानेंगे. हम में से कई लोग सोचते हैं कि ATM फुल फॉर्म Any Time Money है लेकिन यह सही नहीं है. आज हम ATM के फुल फॉर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. ATM को दुनिया के अन्य हिस्सों में विभिन्न नामों से जाना जाता है. कनाडा में, एटीएम को एबीएम (स्वचालित बैंकिंग मशीन) के रूप में भी जाना जाता है. अन्य देशों में, कैश प्वाइंट, कैश मशीन, मिनी बैंक और "दीवार में छेद" शब्द का उपयोग किया जाता है. इसलिए आज मैंने सोचा कि आप यह क्यों नहीं जानते कि ATM का पूर्ण रूप क्या है? सही उत्तर बताया जाना चाहिए, ताकि आप इस प्रश्न के बारे में कभी भी तनावग्रस्त न हों. तो फिर शुरू करते हैं.

आप ATM Card / Debit Card के लिए कैसे Apply कर सकते है?

दोस्तों आप ATM Card के लिए Online व Offline दोनों तरीको से application कर सकते है हालांकि सभी बैंको में ATM Card Online application का तरीका अलग अलग होता है इसलिए हम इस पोस्ट Offline तरीके के बारे में जानेंगे, सबसे पहले जिस Bank में आपका खाता है उसके नजदीकी ब्रांच में आपको जाना होगा. बैंक ब्रांच में पहुंचने के बाद आप ATM Card के लिए एप्लीकेशन फॉर्म ले सकते है. अब आप से Form में पूछी गयी सभी Details जैसा की (Name, Date of Birth, Address, Mobile, Email, Account No. आदि जैसी Information) को आपको भरना होगा और फॉर्म भरने के बाद आप फॉर्म को Bank में जमा कर सकते है. इसके बाद आपको किंतने दिन का इंतज़ार करना पड़ता है यह आपके Bank पर निर्भर करता है यदि आप Bank एटीएम कार्ड पर अपना नाम नहीं चाहते तो कुछ Bank तो आपको उसी वक़्त या फिर एक दिन के अंतराल में आपको ATM Card दे देते है और यदि आप अपना नाम Bank कार्ड ATM में देखना चाहते है तो आपको 15 या उससे भी ज्यादा दिनों तक का इंतज़ार करना पड़ता है और उसके बाद आपको आपके घर या फिर दिए हुए Address पर ATM Card पहुंचा दिया जाता है

ATM के प्रमुख कार्य

  • एटीएम का use करके आप shopping एवं खरीददारी और अपनी फीस भी जमा कर सकते है.

  • एटीएम का इस्तेमाल करके आप mobile number को रजिस्टर कर सकते है और massage अलर्ट प्राप्त किया जा है.

  • एटीएम का इस्तेमाल करके आप पिन कोड एवं नया पिन प्राप्त कर सकते है.

  • ATM का उपयोग करके आप कभी भी और कहीं पर भी अपनी bank account details पता कर सकते हैं.

  • ATM का use करने से हमको एक बड़ा फयदा यह होता है हमको जरूरत से ज्यादा पैसे को कही भी ले जाने की जरूरत नही पडती है, और इससे हमारी money की सुरक्षा बनी रहती है.

  • ATM का उपयोग करके आप अपनी money को कभी भी और कही पर भी अपने bank account से निकाल सकते है और जमा कर सकते हैं.

ATM Card / Debit Card के लिए कैसे Apply करते है?

अगर आप चाहे तो ATM Card के लिए Online व Offline दोनों ही तरीको से Apply कर सकते है. आपको जो भी तरीका आसान और सरल लगे आप उस तरीके का इस्तेमाल कर सकते है. हालंकि Online तरीका सभी का एक जैसा नही होता इसलिए मैं आपको इस पोस्ट में Offline तरीके के बारे में बताने जा रहा हु −

  • सबसे पहले आपका अकाउंट जिस Bank में है उसके किसी भी नजदीकी ब्रांच में जाये.

  • वहाँ जाकर आप ATM Card के लिए एप्लीकेशन फॉर्म के लिए मांग कर सकते है या आप इसे ऑनलाइन भी Download कर सकते है.

  • आप Form में पूछी गयी Details (Name, Date of Birth, Address, Mobile, Email, Account No. आदि जैसी Information) को सही तरीके से Fill करके Bank में जमा कर सकते है.

  • इसके बाद आपको 15 या ज्यादा दिनों तक इंतज़ार करना होगा और उसके बाद आपके घर तक आपका ATM Card पहुंचा दिया जायेगा.

ATM Kya Hai - एटीएम के फायदे

तो चलिए अब जानते है की ATM का पूरा नाम “Automatic Teller Machine” atm अंग्रेजी में क्या होता है अगर हम हिंदी में atm का मतलब देखते है तो “Automatic Currency Distribution” का एटीएम हिंदी में बोला जाता है. दोस्तों ATM एक मशीन हो सकती है जिसके साथ हम अपनी मुद्रा में पैसा देंगे. दोस्तों, आपको यह भी जानना चाहिए कि जिस उपकरण का उपयोग हमने अपनी मुद्रा से पैसे निकालने के लिए किया है, वह एटीएम कहलाता है. ATM अपने आप काम करता है, इसलिए इसे हिंदी में कैश मशीन और स्वचालित मुद्रा स्टेटमेंट कहा जाता है. दोस्तों, इसे स्वचालित कहा जाता है क्योंकि यह अपने आप काम करता है. ATM A मशीन को पहली बार लंदन में पाया गया था या 1967 में स्थापित किया गया था. ATM का आविष्कार किसने किया: - यदि कोई आपसे पूछता है कि आपने ATM की खोज की है, तो आप क्या जवाब देंगे, तो आपको बता दें कि जॉन शेफर्ड बैरॉन ने ATM का आविष्कार किया था.

ATM का फुल फॉर्म आटोमेटेड टेलर मशीन है. ATM एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल मशीन है, जिसका उपयोग बैंक खाते से वित्तीय लेनदेन करने के लिए किया जाता है. इन machines का उपयोग व्यक्तिगत बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए किया जाता है. जैसे बैंक शाखा में कैशियर, जिसे आधिकारिक तौर पर टेलर के रूप में जाना जाता है, नकदी को गिनता है और इसे ग्राहक को सौंपता है, उसी तरह मशीन आपके लिए करती है. इसलिए, इसे "स्वचालित टेलर मशीन" कहा जाता है. यह कार्ड धारक को अपने व्यक्तिगत बैंक खाते से बैंक जाने के बिना पैसे खींचने की अनुमति देता है. यह बैंकिंग प्रक्रिया को बहुत आसान बनाता है क्योंकि ये स्वचालित टेलर मशीनें स्वचालित हैं और लेनदेन के लिए मानव खजांची की कोई आवश्यकता नहीं है.

ATM मशीन दो प्रकार की हो सकती है; एक बुनियादी कार्यों के साथ जहां आप नकदी निकाल सकते हैं और दूसरा एक और अधिक उन्नत कार्यों के साथ जहां आप नकदी जमा कर सकते हैं. अब एक दिन, ATM में नकद वितरण के अपने मूल उपयोग के साथ-साथ बहुत सारी कार्यक्षमताएं हैं. उनमें से कुछ नकद और चेक जमा, फंड ट्रांसफर, कैश निकासी और बैलेंस पूछताछ, नई पिन पीढ़ी और पिन परिवर्तन, मिनी स्टेटमेंट, बिल भुगतान और मोबाइल रिचार्ज आदि हैं. पहला ATM न्यूयॉर्क (यूएसए) में रासायनिक बैंक द्वारा पेश किया गया था. 1969.

ATM कैसे काम करता है

ATM का इस्तेमाल करने के लिए, आपको ATM machines के अंदर प्लास्टिक ATM कार्ड डालने होंगे. कुछ machines में आपको अपने कार्ड गिराने पड़ते हैं. कुछ मशीनें कार्ड स्वैप करने की अनुमति देती हैं, इन ATM कार्ड में एक चुंबकीय पट्टी के रूप में आपके खाते का विवरण और अन्य सुरक्षा जानकारी होती है. जब आप अपना कार्ड ड्रॉप / स्वैप करते हैं, तो मशीन को आपके खाते की जानकारी मिल जाती है, और वह आपका पिन नं. सफल प्रमाणीकरण के बाद, मशीन वित्तीय लेनदेन की अनुमति देगा.