NAAC Full Form in Hindi




NAAC Full Form in Hindi - NAAC की पूरी जानकारी?

NAAC Full Form in Hindi, NAAC Kya Hota Hai, NAAC का Full Form क्या हैं, NAAC का फुल फॉर्म क्या है, Full Form of NAAC in Hindi, NAAC किसे कहते है, NAAC का क्या कार्य है, NAAC का फुल फॉर्म इन हिंदी, NAAC का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, NAAC की शुरुआत किस लिए की गयी, दोस्तों क्या आपको पता है NAAC की Full Form क्या है, और NAAC होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस पोस्ट में आपको NAAC की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स NAAC Full Form in Hindi में और NAAC की पूरी इतिहास जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।

दोस्तों हम उम्मीद करते है आपने UGC के बारे में जरूर सुना होगा. अगर आपने UGC के बारे में नही सुना है तो हम आपको बताना चाहेंगे की यह एक Comission है. जिसका काम Universities को अनुदान प्रदान करना है. NAAC ऐसी ही एक संस्था है, और इसका काम भी लगभग UGC के जैसा भी है. वर्तमान समय में हमारे देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र NAAC एक अहम भूमिका निभा रहा है, जी हां हमारे भर देश में शिक्षा के स्तर को आगे बढ़ाने में NAAC का एक अहम योगदान रहा है. तो आइये जानते है कि NAAC फुल फॉर्म क्या होती है और NAAC क्या होता है।

NAAC Full Form in Hindi

NAAC की फुल फॉर्म “National Assessment and Accreditation Council” होती है, जिसका हिंदी में अर्थ “राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद” होता है. यह एक Autonomous Body है, जो हमारे भारत में उच्च शिक्षा का आकलन और मान्यता प्राप्त करता है. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

NAAC एक institute है, जिसका कार्य हमारे देश में उच्च शिक्षा संस्थानों(Institutions) का आकलन करना और उन्हें मान्यता प्रदान करना है. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे NAAC की स्थापना 1994 में की गई थी, और इसका मुख्यालय Bangalore में है. अगस्त 2015 से अगस्त 2017 तक प्रो. धीरेंद्र पाल सिंह राष्ट्रीय आकलन और प्रत्यायन परिषद के निदेशक हैं. प्रो. वेद प्रकाश जनरल परिषद के अध्यक्ष हैं, और डॉ. विंदर एस चौहान, NAAC की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष हैं. यह शिक्षा में राष्ट्रीय नीति (1986) की सिफारिशों के बाद भारत की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित है. जिसने भारत में उच्च शिक्षा(Education) की गुणवत्ता पर जोर दिया, इसको स्थापित करने का मुख्य लक्ष्य भारत देश में शिक्षा के level को ऊपर उठाना था।

NAAC की स्थापना 1994 में यूजीसी स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी जैसा की हमने ऊपर भी बताया है. कॉलेजों के लिए NAAC मान्यता भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों के काम-काज का एक अभिन्न अंग माना जाता है. भारत में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए NAAC की मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है, और भारत में केवल NAAC- मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ही UGC अनुदान के लिए पात्र हैं।

NAAC की मान्यता का महत्व

आज के समय में लगभग सभी उच्च शिक्षण संस्थानों, विशेषकर राज्य विश्वविद्यालयों के लिए NAAC की मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है. NAAC मान्यता के बिना, विश्वविद्यालय यूजीसी अनुदान, रूसा अनुदान, वित्तीय सहायता आदि के लिए पात्र नहीं हैं. दूसरी और, NAAC मान्यता शिक्षा, बुनियादी ढांचे, अनुसंधान, शिक्षण और शिक्षण आदि के संदर्भ में संस्थान की गुणवत्ता का निर्धारण करती है, 'A ++', 'A +' और 'A' जैसे ग्रेड सबसे अधिक मांग वाले संस्थान हैं. क्योंकि वे उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं, दूसरे पर, यूजीसी के सभी मान्यता प्राप्त संस्थान पहले या दूसरे बैच के पाठ्यक्रमों के पूरा होने के बाद NBA/ NAAC/ किसी भी अन्य मान्यता के लिए आवेदन करना चाहिए।

Assessment के लिए Criteria

NAAC के द्वारा Assessment के लिए सात Criteria को निर्देशित किया है

  • Curricular Aspects

  • Research, Innovations & Extension

  • Teaching-Learning & Evaluation

  • Infrastructure & Learning Resources

  • Student Support & Progression

  • Governance, Leadership & Management

  • Institutional Values & Best Practices

Students के लिए NAAC प्रत्यायन के लाभ

सरल शब्दों में कहें तो NAAC मान्यता या उच्च शिक्षण संस्थान का ग्रेड छात्र को संस्थान के बारे में सभी विवरणों जैसे कि शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान उत्पादन, शिक्षण-शिक्षण, बुनियादी ढांचे आदि का पता लगाने में मदद करता है. NAAC ग्रेड छात्रों को सर्वश्रेष्ठ चुनने में मदद करता है. संस्थान NAAC मान्यता प्रक्रिया में अपने NAAC ग्रेड / प्रदर्शन के आधार पर। NAAC ग्रेड उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा दी जाने वाली डिग्री के मूल्य को भी निर्धारित करता है।