IL&FS Full Form in Hindi




IL&FS Full Form in Hindi - IL&FS की पूरी जानकारी?

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IL&FS Full Form in Hindi

IL&FS की फुल फॉर्म “Infrastructure Leasing & Financial Services” होती है, IL&FS की फुल फॉर्म का हिंदी में अर्थ “इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज” है. इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL & FS) एक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और फाइनेंस कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में है. चलिए अब आगे बढ़ते है और आपको इसके बारे में थोडा और विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाते है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड यानी IL&FS 30 साल पुराना फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन है,जो इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी देश की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को कर्ज देता है. अपनी वेबसाइट में इसने दावा किया है इसने देश में एक 1.8 खरब रुपये की परियोजनाओं को विकसित करने और फाइनेंस करने में मदद की है. इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डरों में हैं- एलआईसी ,एसबीआई और जापान का ओरिक्स कॉरपोरेशन. समूह की 169 सब्सिडियरी, सहायक कंपनियां और ज्वाइंट वेंचर हैं और विश्लेषकों का कहना है।

IL और FS का अर्थ है इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज, यह भारत में एक प्रमुख अवसंरचना विकास और वित्त कंपनी है. इसका उद्देश्य नवीन World class infrastructure को विकसित करके और मूल्य वर्धित वित्तीय सेवाएँ प्रदान करके देश के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाना है. यह 1987 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HDFC) और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) द्वारा पदोन्नत किया गया था, अक्टूबर 2017 तक, रवि पार्थसारथी IL & FS के अध्यक्ष हैं।

What is IL&FS in Hindi

Infrastructure Leasing & Financial Services Limited भारत वर्ष की प्रमुख अवसंरचना विकास और वित्त कंपनियों में से एक है। इसका केंद्रीय जनादेश देश में नवीन World class infrastructure के विकास को उत्प्रेरित कर रहा है. 25 वर्षों के लिए, हमने भारत की विकास कहानी में एक सक्रिय भागीदार बनने के लिए अवसंरचना परियोजनाओं के व्यावसायीकरण और मूल्य वर्धित वित्तीय सेवाएं बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है. भारत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के अग्रणी के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है, IL & FS ग्रुप ने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से, भारत में बुनियादी ढाँचे के विकास में निजी क्षेत्र की भूमिका और प्रतिबद्धता के बारे में बताया है।

यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की वर्ष 2011 तक, विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के लिए लगभग 250 समूह की कंपनियां हैं. इनमें से कुछ सेक्टर और संबंधित कंपनियां इस प्रकार हैं −

अपने कर्ज उतारने में नाकाम होने पर IL&FS ने अपने Share-holders से बेलआउट मांगा. लेकिन Share-holders ने उसे अपनी परिसंपत्ति बेच कर संकट से निकलने को कहा. अगर IL&FS दिवालिया हुई तो इसके Shareholders का पैसा डूब जाएगा. इसमें सबसे बड़ी Shareholders (25.34 फीसदी शेयर) एलआईसी है. ऐसा हुआ तो एलआईसी को करारा झटका लगेगा, जिसमें भारी मात्रा में आम लोगों का पैसा लगा है. IL&FS के इस संकट ने क्रेडिट मार्केट में दहशत फैला दी . शुक्रवार को कई Financial कंपनियों और बैंकों के शेयर इस संकट की वजह से जबरदस्त ढंग से गिर गए और शेयर बाजार में इसने कोहराम मचा दिया.IL&FS का संकट सरकार के लिए अब भारी चिंता बन गया है।

दरअससल यह बड़ा वित्तीय संकट शुक्रवार को उसी वक्त शुरू हो गया था जिस दिन इसने कहा था कि यह आईडीबीआई का कर्ज नहीं चुका सकता. इसके पहले भी वह कई Commercial पेपर के मामले में डिफॉल्ट कर चुका था. IL&FS के इस कैश संकट की वजह से बड़ी रेटिंग एजेंसियों ने इसे डाउनग्रेड करना शुरू किया. दरअसल IL&FS समूह की कंपनी IL&FS यानी IFIN के सीईओ रमेश बावा और पांच डायेक्टरों के इस्तीफा देने से यह संकट और बढ़ गया. चूंकि यह बड़ा वित्तीय संकट ऐसे वक्त में उभर कर सामने आया है, जब दुनिया ग्लोबल वित्तीय फर्म लेहमैन ब्रदर्स के ध्वस्त होने ग्लोबल वित्तीय संकट में फंस गई थी. इसलिए इसे भारतीय लेहमैन ब्रदर्स क्राइसिस कहा जा रहा है।

इस संकट से भारतीय क्रेडिट मार्केट में फंड यानी कर्ज की लागत बढ़ गई है. अब बढ़ी लागतों की वजह से पीएम नरेंद्र मोदी के कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के सामने संकट पैदा हो गया है. इनमें हर साल 20,000 किलोमीटर नेशनल हाईवे और 28 बड़े शहरों में वित्त वर्ष के आखिर तक रिंग रोड बनाना शामिल है. अब इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के लिए फंड की कमी पैदा हो जाएगी।

दरअसल IL&FS ने अगस्त से कर्ज अदा करने में देरी शुरू की.पहले Commercial पेपर और फिर शॉट टर्म कर्ज डिफॉल्ट करने शुरू किए. इससे Commercial पेपर का मार्केट खराब हो जाएगा. दरअसल Commercial पेपर म्यूचुअल फंड कंपनियां पैसा लगाती हैं, जिनमें आम निवेशक पैसा लगाते हैं. बैंक में जमा पैसे कम ब्याज और महंगाई में निवेश रिटर्न कम होने की वजह से म्यूचुअल फंड में आम निवेशकों का निवेश बढ़ा है. इस संकट ने मनी मैनेजरों को सावधान किया और IL&FS से प्रभावित कुछ फंडों में निवेश प्रवाह कम कर दिया. दरअसल इस संकट से उन सभी वित्तीय कंपनियां और बैंक प्रभावित होंगे जो IL&FS से जुड़े हैं. इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग मार्केट में कर्ज महंगा हो जाएगा।

अब IL&FS को बचाना सरकार की जिम्मेदारी है.बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने IL&FS के साथ प्रोजेक्ट में भी पैसा लगाया है. मूडी का अनुमान बैंकिंग सिस्टम में IL&FS का कर्ज 1 से 2% के बीच है. हालांकि इस पर किसी तरह के फ्रॉड के आरोप नहीं लगे हैं. लेकिन मिस मैनेजमेंट का मामला तो निश्चित तौर पर है. यह अपने एसेट बेच कर पैसा जुटाना चाहती है. और कई कंपनियां इसकी हिस्सेदारी खरीदना भी चाहती है. लेकिन रिजर्व बैंक इसे फेल नहीं होने देगा क्योंकि उसकी निगाह में इसे बचाना जरूरी है. अगर यह फेल हुई तो कई कंपनियों को नुकसान पहुंचेगा. केयर रेटिंग का कहना है कि IL&FS को अपना एसेट बेच कर स्ट्रेटजिक पार्टनर को समय रहते ले आना चाहिए. भारत में मूडीज की यूनिट ने IL&FS की Asset quality पर सवालिया निशान लगाया है. ब्लूमबर्गक्विंट के Openian columnist Andy Mukherjee का कहना है कि म्यूचुअल फंड के आम निवेशकों में दहशत न फैले इसके लिए एलआईसी को इसे बचाने के लिए आगे आना होगा. क्योंकि यह इसकी सबसे बड़ा हिस्सेदार है।

यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की वर्ष 1987 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी और यूटीआई ने मिलकर IL&FS की स्थापना की थी. अभी इसके बड़े शेयरहोल्डर्स में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (LIC), एसबीआई, जापान की ऑरीक्स (ORIX) कॉरपोरेशन और दुबई की आडिया (ADIA) शामिल हैं. IL&FS को बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को पूरी करने में विशेषज्ञता हासिल है. बड़ी-बड़ी का मतलब रोड बनाना, पुल बनाना, फ़्लाइओवर बनाना आदि. वैसे तो इसका मुख्य काम इन सरकारी, ग़ैर सरकारी प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करना है. लेकिन केवल पैसा लगाने भर से इसका कार्य पूर्ण नहीं हो जाता. ये प्रोजेक्ट की पूरी प्रक्रिया में निर्माताओं के साथ होते हैं.

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की बनारस के घाटों की सफाई से लेकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तक में अपना पैसा बर्बाद करने वाली कंपनी यही है. IL&FS गुजरात एंटरप्राइज़ फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT) की को-डेवलपर. लेह को कश्मीर से जोड़ने के लिए 14.2 किलोमीटर की सुरंग बनाने का कॉन्ट्रैक्ट इसकी सिस्टर कंपनी ITNL के पास है. इसकी एक और सिस्टर कंसर्न राजस्थान सरकार के साथ मिलकर विद्युत् संयंत्र विकसित कर रही है.

IL&FS एक गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है. यह लोन देने के लिए अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट के जरिए बाजार से पैसा जुटाती है. Credit rating agencies इन इंस्ट्रूमेंट्स को रेटिंग प्रदान करती हैं. इस समूह की वित्तीय स्थिति में आई कमजोरी का असर सरकारी बैंकों पर पड़ सकता है. ये पहले से ही NPA के बोझ के नीचे दबे हैं. इस सूची में पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक शामिल हैं. इनकी लोन बुक्स में समूह की कुल हिस्सेदारी आधा से एक फीसदी तक है. भारतीय स्टेट बैंक, यस बैंक और एक्सिस बैंक जैस दिग्गज बैंकों ने भी कंपनी को कर्ज दिया है. मगर इनका कर्ज बहुत कम है. इससे पहले क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने नकद की कमी का हवाला देते हुए कंपनी के डेट के बड़े हिस्से की रेटिंग को नौ पायदान घटा दिया था.

एजेंसी ने IL&FS के 5,225 करोड़ रुपये के नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCD) और 350 करोड़ रुपये के कर्ज की रेटिंग को AA+ श्रेणी से निकाल कर BB श्रेणी में डाल दिया था. इससे पहले सात अगस्त को इक्रा ने अपनी रेटिंग को AAA से घटाकर AA+ किया था. इसी के साथ कदमताल करते हुए एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने मंगलवार को कंपनी के NCD की रेटिंग को 'IND AA+' से बदल कर 'IND BB' कर दिया है. रेटिंग घटने की प्रक्रिया का असर करीब 35 म्यूचुअल फंड स्कीमों पर भी पड़ेगा.

इंडिया रेटिंग्स ने कहा, "बैंकों के साथ हुई हमारी चर्चा से लगता है कि IL&FS समूह का बड़ा हिस्सा ज्यादातर बैंकों के Standard assets में शामिल होगा. समूह के पावर सहयोगी से NPA के रूप में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं." ब्रोकरेज को इस हिस्सेदारी के default होने से संभावित नुकसान के विषय में ज्यादा अंदाजा नहीं है. हालांकि, एजेंसियों द्वारा रेटिंग घटाए जाने से उसका मानना है कि इसका जोखिम काफी अधिक हो गया है.

अवसंरचना सेवाएं

  • आईएल एंड एफएस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड.

  • आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड: राजमार्ग, फ्लाईओवर, पुल आदि जैसे सतही परिवहन परियोजनाओं के विकास और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार.

  • आईएल एंड एफएस एनवायरनमेंटल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड.

  • शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आईएल एंड एफएस एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड.

  • नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एक एसपीवी जो नोएडा को दिल्ली से जोड़ने के लिए डीएनडी फ्लाईवे के निर्माण, विकास, संचालन और रखरखाव के लिए स्थापित है.

Financial Services

  • आईएल एंड एफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड: आईएल एंड एफएस का निवेश बैंकिंग शाखा.

  • IL & FS निवेश प्रबंधक लिमिटेड.

  • ORIX ऑटो इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड.

  • आईएल एंड एफएस ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड (ITCL)

Projects

IL & FS ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे परिवहन, ई-गवर्नेंस, बिजली, वित्त, पानी, शिक्षा, Urban Basic Infrastructure आदि में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा किया है, इसकी कुछ लोकप्रिय परियोजनाएँ इस प्रकार हैं −

  • नॉर्थ ईस्ट में दुनिया की सबसे बड़ी सीडीएम बिजली परियोजना को लागू करने में मदद की।

  • भारत की पहली बड़े पैमाने पर पीपीपी जलापूर्ति परियोजना और दुनिया की सबसे बड़ी ZLD प्रणाली।

  • K-Yan विशेष रूप से ग्रामीण भारत में सामुदायिक-सीखने की सुविधा के लिए एक पोर्टेबल मल्टीमीडिया डिवाइस।

  • जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के साथ भारत की सबसे लंबी और सबसे सुरक्षित सड़क सुरंग।

  • राजस्थान में एक 300 साल पुराने जल महल (जल महल) को बहाल करने में मदद की।

IL & FS को 1987 में, शुरू में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HDFC) और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) द्वारा प्रवर्तित किया गया था. इन वर्षों में, हमारे पास भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम, ओरिक्स कॉर्पोरेशन जापान, और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) सहित हमारे शेयरधारक और संस्थागत शेयरधारक हैं।

IL&FS इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इनिशिएटिव सेक्टर और भौगोलिक रूप से विविध रहा है, 22 राज्यों और केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न विभागों में सरकारों के साथ रणनीतिक संबंधों ने IL & FS समूह के राष्ट्रीय पदचिह्न को चौड़ा करने में मदद की है. इसकी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति में सिंगापुर, स्पेन, लंदन और दुबई के कार्यालय शामिल हैं, साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका, टोक्यो, फिलीपींस और अबू धाबी में मजबूत नेटवर्क भागीदार हैं।

IFIN इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग लेनदेन में माहिर है, जिसमें निवेश बैंकिंग कौशल सेट के संयोजन के साथ ऋण सिंडिकेशन, कॉर्पोरेट सलाहकार और ऋण क्षमताओं का समावेश है, IFIN ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी IL & FS Global Financial Services Pvt Ltd. को सिंगापुर, IL & FS Global Financial Services (UK) Ltd पर लंदन और IL & FS Global Financial Services (ME) लिमिटेड की दुबई और IL & FS वित्तीय वित्तीय सेवा HK लिमिटेड में अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति स्थापित की है। - हॉगकॉग