TIN Full Form in Hindi




TIN Full Form in Hindi - TIN की पूरी जानकारी?

TIN Full Form in Hindi, TIN Kya Hota Hai, TIN का Full Form क्या हैं, TIN का फुल फॉर्म क्या है, Full Form of TIN in Hindi, TIN किसे कहते है, TIN का फुल फॉर्म इन हिंदी, TIN का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, TIN का क्या Use है, दोस्तों क्या आपको पता है TIN की Full Form क्या है, और TIN होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस पोस्ट में आपको TIN की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स TIN Full Form in Hindi में और TIN की पूरी इतिहास जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।

Entrepreneurs को हमेशा वैट या सीएसटी या टिन नंबर जैसी कानूनी शर्तों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. तो आज हम आपको इस पोस्ट में Entrepreneurs को टिन नंबर पर जानकारी देने जा रहे हैं. हम भारत में वैट/सीएसटी या टिन नंबर के बारे में बहुत अनुरोध प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन लोग हमेशा इस बारे में भ्रमित होते हैं. तो आइए जानें टिन नंबर आखिर होता क्या है।

TIN Full form in Hindi

TIN की फुल फॉर्म “Taxpayer Identification Number” होती है, TIN को हिंदी में “करदाता पहचान संख्या” कहते है. यह एक Unique registration number है, इसकी जरुरुत खास कर उन लोगों को होती है जो व्यापार करते है. इस TIN नंबर के जरिये ही वैट कानून के तहत किसी डीलर की पहचान की जाती है और इस नंबर का इस्तेमाल टैक्‍स से सबंधित जानकारी प्राप्‍त करने के लिए किया जाता है TIN नंबर हमेशा 11 अंको का होता है. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

जैसा की हमने आपको ऊपर भी बताया है, यह करदाता की पहचान संख्या या Taxpayer Identification Number है. यह एक unique registration number है, और इसे VAT के तहत पंजीकृत डीलरों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की इसमें ग्यारह अंक होते हैं, जो की पूरे देश में unique होते है. इसके सबसे पहले दो अंक राज्य कोड को दर्शाते हैं और अगले 9 अंक राज्य से भिन्न हो सकते हैं. TAN को विभिन्न परिस्थितियों में VAT number, CST number और Sales Tax Number के रूप में भी जाना जाता है. यह number किसी भी राज्य सरकार के Commercial Tax Department द्वारा जारी किया जाता है. इस नंबर को एक राज्य किसी दूसरे राज्य के व्यक्ति के लिए जारी कर सकता है।

Tin नंबर का उपयोग वैट के तहत पंजीकृत डीलरों की पहचान करने के लिए किया जाता है. Tin के पहले दो अंक जारी किए गए राज्य कोड को इंगित करते हैं. हालाँकि, TIN निर्माण के अन्य 9 अंक राज्य सरकारों द्वारा भिन्न हो सकते हैं. Tin एक राज्य के भीतर या दो या अधिक राज्यों के बीच की गई बिक्री के लिए लागू किया जाता है. आयकर जैसे अधिनियम के तहत मूल्यांकनकर्ताओं की पहचान करने के लिए, पैन की तरह ही डीलरों की पहचान करने के लिए भी टिन का उपयोग किया जा रहा है।

Tin नंबर क्यों जरूरी है?

वर्तमान समय में यह नंबर हर तरह के व्यापारी को लेना आवश्यक होता है, दोस्तों अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन व्यापार करता है. तो उसके लिए भी Tin नंबर बहुत जरुरी है, इस यह नंबर लेना इसलिए जरूरी है, क्योंकि राज्य सरकार अपने राज्य के व्यापारियों से सामान के क्रय-विक्रय पर VAT या सेल्‍स टैक्‍स वसूलती है. दोस्तों यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की उसी के लिए Tin नंबर जरुरी पड़ती है. Generally 5 से 10 लाख तक की सालाना आय करने वाले व्यापारियों पर VAT लागू नहीं होता. लेकिन एक धियान रहे की यह सीमा हर राज्य की अलग हो सकती है. जैसा की हम जानते है, राज्य की तय सीमा से ज्यादा कमाई करने वाले व्यापार पर VAT लागू होता है. उस समय उन व्यापारियों के लिए Tin नंबर लेना जरुरी हो जाता है।

State government द्वारा वस्‍तुओं के क्रय-विक्रय पर वैट या सेल्‍स टैक्‍स लगाया जाता है. जिसके लिए Tin number की आवश्‍यकता होती है, ज्‍यादातर राज्‍यों में 5 से 10 लाख तक की Annual income करने वाले व्‍यापारियों पर वैट नहीं लगाया जाता है. लेकिन सामान्‍य तौर पर टिन नंबर तभी आवश्‍यक होता है जब सेल की छूट सीमा ज्‍यादा हो. साथ ही यह उस राज्‍य पर भी निर्भर करता है कि वहां पर अधिकतम कितनी वार्षिक आय के बाद वैट लगाया जाता है. कभी-कभी business के दौरान माल खरीदने पर आपको seller को भी Tin number देना होता है।

Tin नंबर के लिए जरूरी दस्तावेज

Tin नंबर के लिए जरूरी दस्तावेज चलिए जानते है, इस नंबर के लिए अप्लाई करने से पहले आपके पास कुछ बहुत ही जरुरी दस्तावेज होने चाहिए जिससे की आप इस नंबर को आसानी से प्राप्त कर सके, ताकि आपको कोई रूकावट ना आये, Tin नंबर के लिए ये दस्तावेज जरुरी होते हैं −

  • व्यापारी की 6 फोटो

  • बिजनेस प्रूफ आईडी

  • पैन कार्ड

  • परचेज इनवॉइस

  • पहचान पत्र (Aadhar Card/Voter Card/PAN Card)

  • व्यापार के पते का प्रूफ

  • रेफ़्रेन्स ऑफ सेक्‍योरिटी

  • LR/GR की कॉपी

  • Payment collection proof और इसका Bank statement

यहां कर सकते हैं अप्‍लाई

इस नंबर के लिए ज्‍यादातर लोगों ऑनलाइन आवेदन करते है. अगर आप भी इस नंबर के लिए आवेदन करना चाहते है तो आप इसके लिए राज्‍य सरकार के Commercial tax department या Sales tax department की Website पर जाकर अपने व्‍यापार से संबंधित जानकारी भरकर आवेदन कर सकते हैं. सामान्‍य रुप से टिन नंबर के रजिस्‍ट्रेशन के लिए कोई चार्जेज नहीं लगते है, यह प्रक्रिया फ्री में होती है. लेकिन कुछ राज्‍यों जैसे कि Maharashtra sales tax registration के समय सरकार को कुछ Security deposit भी देने का नियम है. GST लागू हो जाने के बाद से वैट, सर्विस टैक्‍स जैसे अप्रत्‍यक्ष कर में केवल GST ही लगेगा. इसलिए GST लागू हो जाने के बाद से टिन नंबर के जगह केवल GST नंबर या रजिस्‍ट्रेशन की ही जरुरत पड़ेगी। साथ ही वर्तमान के टिन नंबर लोगों के GST में Transfer करके GST नंबर जारी कर दिए जाएंगे।