DRDO Full Form in Hindi




DRDO Full Form in Hindi - DRDO की पूरी जानकारी?

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DRDO Full form in Hindi

DRDO की फुल फॉर्म “Defence Research and Development Organization” होती है, DRDO का हिंदी में मतलब “रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन” होता है. यह एक Indian organization है, जो कि India के रक्षा से जुड़े सभी कार्यों को manage करता है यह organization भारतीय रक्षा मंत्रालय से काफी हद तक जुड़ा हुआ है, एवं Indian government या भारतीय रक्षा मंत्रालय के द्वारा ही monitor किया जाता है. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

DRDO को वर्ष 1958 में शुरू किया गया था उस समय India में लगभग 70% रक्षा संबंधी वस्तुएं बाहर से खरीद फरोख्त करता था पर इतने समय बीत जाने के बावजूद भी वर्तमान में स्थिति कुछ ज्यादा अलग नहीं है, DRDO में वर्तमान समय 52 प्रयोगशाला है जिनमे लगभग 30 हजार से ज्यादा कर्मी कार्य करते हैं और उन 30,000 कर्मचारियों में लगभग 4500 से ज्यादा scientist है. अगर DRDO के सालाना बजट की बात की जाए तो यह लगभग 16000 करोड़ के आसपास होता है जो Indian government इसे provide करती है, ताकि यह संगठन अपने काम बहुत अच्छी तरीके से कर पाए, DRDO तीनों रक्षा सेवाओं जैसे कि थल सेना, जल सेना एवं Air Force तीनों के लिए मजबूत एवं विश्वस्तरीय हथियारों का निर्माण करता है, एवं उन हथियारों को technology रूप से और मजबूत बनाने की कोशिश में लगा रहता है. यह सैन्य प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम कर रहा है. जैसे कि शस्त्र और defense के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले vehicles एवं electronics, missiles, सामग्री एवं बहुत अच्छी कंप्यूटिंग और कई विमान को बेहतर बनाने के कार्य में जुटा रहता है. इस संस्था का कार्यभार रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान विभाग के secretary डॉ. एस. क्रिस्टोफर के हाथ में है।

What is DRDO in Hindi

DRDO 50 से अधिक प्रयोगशालाओं का एक समूह है. जो विभिन्न प्रकार के शिक्षणों जैसे वैमानिकी, आयुध, Electronics, युद्धक वाहन, इंजीनियरिंग प्रणाली, उपकरण, मिसाइल, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन, विशेष सामग्री, नौसेना प्रणालियों, जीवन विज्ञान, प्रशिक्षण, Information Systems और कृषि को सुरक्षा देने वाली रक्षा Technologies का विकास करता है, और भारत को विश्व के सामने एक शक्ति के रूप में दिखाने के कार्य पर प्रयत्नशील है. DRDO मिसाइलों, हथियारों, हल्के लड़ाकू विमानों, रडार, Electronic युद्ध प्रणालियों को लगातार विकसित कर रहा है, जिससे सेना को मजबूती प्रदान की जा सके।

DRDO की स्थापना सन 1958 मे की गयी थी उस समय इसे रक्षा विज्ञान संस्थान के technology विभाग के रूप मे स्थापित किया गया था. उस समय DRDO 10 प्रतिष्ठानों अथवा प्रयोगशालाओं वाला छोटा संगठन था. वर्तमान समय में DRDO एक व्यापक संगठन के रूप में विकसित हो चुका है. इसके अंतर्गत 5000 से अधिक वैज्ञानिक कार्य कर रहे है. इसके अतिरिक्त यहाँ पर 25,000 अन्य Technology Staff कार्य कर रहा है जो की देश की सेना को मजबूती दे रहे है।

DRDO का लक्ष्य रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन है. यह भारत गणराज्य की एक एजेंसी है, जो सेना के अनुसंधान और विकास के लिए जिम्मेदार है. इसकी स्थापना 1958 में तत्कालीन तकनीकी विकास प्रतिष्ठान और रक्षा विज्ञान संगठन (DSO) के साथ तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय के विलय से हुई थी, इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है. नवंबर 2016 तक, डॉ। एस क्रिस्टोफर DRDO के महानिदेशक हैं और डॉ। जी.एस. रेड्डी रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार हैं।

DRDO का उद्देश्य विश्व स्तरीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधार प्रदान करके भारत को समृद्ध बनाना है, और प्रतिस्पर्धी प्रणाली और समाधान प्रदान करके देश रक्षा सेवाओं को निर्णायक बढ़त प्रदान करना है।

DRDO Mission in Hindi

हमारी रक्षा सेवाओं के लिए अत्याधुनिक सेंसर, हथियार प्रणाली और संबद्ध उपकरण विकसित करना।

रक्षा सेवाओं के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करना ताकि युद्ध की प्रभावशीलता का अनुकूलन किया जा सके और सैनिकों की भलाई को बढ़ावा दिया जा सके।

बुनियादी ढांचा, गुणवत्ता जनशक्ति और मजबूत स्वदेशी प्रौद्योगिकी आधार विकसित करना।

आज, इसमें 50 से अधिक प्रयोगशालाएँ हैं, जो रक्षा तकनीकों को विकसित करने में गहराई से शामिल हैं. जिसमें विभिन्न विषयों जैसे कि शस्त्रागार, वैमानिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग सिस्टम, मिसाइल, इंस्ट्रूमेंटेशन, इंजीनियरिंग सिस्टम, नौसेना प्रणाली आदि शामिल हैं, वर्तमान में, संगठन के पास है, 5000 से अधिक वैज्ञानिक और लगभग 25,000 अन्य तकनीकी और सहायक कर्मी।

प्रमुख कार्य / गतिविधियाँ

  • राष्ट्रीय सुरक्षा पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरते विकास के प्रभाव के बारे में रक्षा मंत्री को सलाह और सलाह देना।

  • रक्षा मंत्रालय को सलाह और हथियार, हथियार-प्लेटफॉर्म, सैन्य संचालन आदि के सभी वैज्ञानिक पहलुओं पर तीन सेवाओं के लिए सलाह।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित प्रासंगिक क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास के कार्यक्रमों को तैयार करना और उन पर अमल करना।

  • विभाग की एजेंसियों, प्रयोगशालाओं, सुविधाओं, श्रेणियों, परियोजनाओं और कार्यक्रमों को प्रत्यक्ष और प्रशासित करें।

  • रक्षा मंत्रालय द्वारा अधिग्रहण की जाने वाली प्रस्तावित सभी हथियार प्रणालियों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण और मूल्यांकन की कार्यवाही में भाग लें।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के पहलुओं पर जनशक्ति के अध्ययन और प्रशिक्षण के लिए संस्थानों, विश्वविद्यालयों आदि को वित्तीय और अन्य सामग्री सहायता।

DRDO की स्थापना कब हुई थी

DRDO की स्थापना वर्ष 1958 में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के technology department के रूप में की गयी थी. वर्तमान में DRDO का Headquarters भारत की राजधानी यानि नई दिल्ली में स्थित है।

DRDO का अध्यक्ष कौन है

डीआरडीओ के वर्तमान अध्यक्ष है, जी.सतीश रेड्डी डीआरडीओ के महानिदेशक है, सेल्विन क्रिस्टोफर

DRDO के लिए Eligibility Criteria

दोस्तों आइये अब हम जानते है कि DRDO के लिए आपके पास क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिये, आवेदन करने के लिए इच्छुक सभी उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त University/Institute से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में बेचलर डिग्री के साथ Science, Maths, Psychology में कम से कम 60% अंकों से साथ Master डिग्री होना अनिवार्य है. आवेदक की उम्र 18 से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिये, जबकि आरक्षित वर्ग की आयु में छूट सरकारी निर्देशों के अनुसार होगी।