BDS Full Form in Hindi




BDS Full Form in Hindi - बीडीएस क्या है?

BDS Full Form in Hindi, BDS की Full Form क्या हैं, बीडीएस की फुल फॉर्म क्या है, Full Form of BDS in Hindi, BDS Form in Hindi, BDS का पूरा नाम क्या है, BDS Ka Poora Naam Kya Hai, BDS Kya Hota Hai, दोस्तों क्या आपको पता है BDS की Full Form क्या है, और BDS होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं क्यूंकि आज हम इस article के माध्यम से ये जानेंगे की BDS क्या होता है, और इसकी Full Form क्या होती है? चलिए BDS के बारे में सभी प्रकार की सामान्य information आसान भाषा में इस article की मदद से प्राप्त करते हैं.

BDS की full form "Bachelor Of Dental Surgery" होती है. BDS एक dental डॉक्टरी की एक graduate degree है. BDS की degree प्राप्त करने के बाद आप dental डॉक्टरी आराम कर सकता है. इस degree को प्राप्त करने और अगर आप चाहे तो अपना क्लिनिक भी open करके सकते है, और लोगो की सेवा कर सकता है.

BDS को एक dental Surgery graduation degree course के रूप में जाना जाता है. BDS का course internship के साथ 4-5 साल का होता है. BDS का course को 2 या 2 से अधिक semester में बंटा हुआ है. इस कोर्स को full time graduation degree कोर्स या part time graduation के रूप में या फिर distance learning के माध्यम से भी किया जा सकता है. ये आप पर निर्भर करता है आप किस तरह से इस course को करना चाहते है.

BDS में प्रवेश प्रक्रिया क्या हैं

BDS course के लिए अगर आप किसी भी संस्थान में admission लेते हैं. तो दोस्तों आपको पता होना चाहिए की सबसे पहले आपको एक प्रवेश परीक्षा देनी होती है. और अगर आप इस परीक्षा को पास कर लेते हैं तब जा कर आप का दाखिला BDS course में हो जाता है. इन प्रवेश परीक्षाओं में जैसे AIPMT, DMAT, NEET, COMDK होती है. ध्यान रहे ये परीक्षा समय समय पर स्टेट एवं central government या उनके कई department द्वारा प्रति वर्ष संचालित की जाती हैं.

BDS Full Form in Hindi - बीडीएस फुल फॉर्म & डिग्री की जानकारी -

यह मुंह से संबंधित सर्जरी का एक Medical field है, और दांतों, जबड़े, और मसूड़ों(Gums) से संबंधित चोटों को संभालने के लिए है. यह दंत Medical में पांच साल के स्नातक डिग्री कार्यक्रम है, ताकि छात्रों को एक दंत चिकित्सक के रूप में सफल कैरियर के लिए तैयार किया जा सके. BDS कोर्स केवल दाँत क्षय के इलाज के लिए ही सीमित नहीं है.इसमें दंतावली, शल्यचिकित्सा और डेंटल समस्याओं पर भी जोर दिया जाता है. विज्ञान स्ट्रीम में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान में 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र इस पाठ्यक्रम के लिए पात्र हैं.इन विद्यार्थियों को BDS प्रवेश परीक्षा देनी होती है जो राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर हो सकती है.ये प्रवेश परीक्षा विभिन्न कॉलेजों और Universities द्वारा की जाती है, जो BDS पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं. यह एक आदर्श कैरियर केंद्रित पाठ्यक्रम है. BDS की डिग्री पूरी करने के बाद, छात्र किसी भी निजी या Government dental hospital में इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव हासिल कर सकता है.व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के बाद वह दंत Medical क्लीनिक चला सकता है.

जैसा की हमने आपको ऊपर भी बताया है की BDS Dental Doctor की एक स्नातक डिग्री होती है . इस कौर्स को करने के दौरान आप कॉलेज में दांतों से जुड़ी हर तरह की बीमारी एवं उसका इलाज करना सिखाया जाता है , जैसे – रेडियोलॉजी, दंत Medical सामग्री, पेडोडोंटिक्स, सर्जिकल प्रक्रियाओं, ओरल पैथोलॉजी, ओरल हिस्टोलॉजी , डेंटल एनाटॉमी और सामुदायिक दंत चिकित्सा जैसे विभिन्न उपचार सिखाया जाता है . MBBS के बाद BDS की Medical धारा में सबसे अधिक मांग है .

दोस्तों यदि आप किसी भी तरह के काम को करते हैं, तो उस काम के बारे में पहले आपको पूरी Information होना बहुत ही आवश्यक है और यदि आपके पास उस चीज के बारे में Information नहीं है तो आपको आगे जाकर बहुत दिक्कत हो सकती है, तो हम आपको आज इस Post में बताएंगे कि BDS Course क्या होता है. बैचलर ऑफ डेंटल साइंस (BDS) यह एक अंडर ग्रेजुएट Course है जिसे आप 12वी पास करने के बाद कर सकते है. इस Course में आपको दांतों से संबंधित सभी बीमारियों के बारे में Information दी जाती है और उन बीमारियों के इलाज के बारे में भी आप को पढाया जाता है. कई प्राइवेट कॉलेज में BDS पूरा होने के बाद Dental Hospital में 1 वर्ष या उससे ज्यादा की Intership कराई जाती हैं, इस Course को पूरा करने के बाद आप को किसी भी तरह की सरकारी एवं Private Hospital में जॉब आसानी से मिल सकती है.

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What is the Full Form of BDS?

BDS शब्द बैचलर ऑफ डेंटल स्टडी के लिए है. यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे सम्मानित पाठ्यक्रमों में से एक है. इसके अतिरिक्त, डिग्री उम्मीदवारों द्वारा बेहद पसंद की जाती है क्योंकि यह उम्मीदवारों को बहुत सारे रोजगार के अवसर प्रदान करता है. हालांकि, बीडीएस फुल फॉर्म वाले कोर्स के इच्छुक छात्रों को अपने व्यापार को बेहद कुशल और सटीक तरीके से सीखना होता है. यह मुख्य रूप से है क्योंकि पाठ्यक्रम को साफ करने के बाद, उन्हें मुंह से संबंधित मुद्दों को संभालना होगा. इस प्रकार उनके पास त्रुटि की कोई गुंजाइश नहीं है.

बीडीएस कोर्स की अवधि -

बीडीएस के पूर्ण अर्थ के बारे में जानकारी होने के बाद, हमें पाठ्यक्रम अवधि पर एक नजर डालनी चाहिए. खैर, छात्रों को लगभग साढ़े पांच साल की समयावधि के बाद डिग्री मिल सकती है. इनमें से, उम्मीदवारों को शुरुआती साढ़े चार साल के पाठ्यक्रम के सैद्धांतिक भागों का अध्ययन करना होगा. इस खंड के माध्यम से प्राप्त करने के बाद, वे अंतिम वर्ष में एक इंटर्नशिप पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.

बीडीएस कोर्स के लिए आवेदन करना -

बीडीएस फुल फॉर्म परीक्षा वाले पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार को पात्र होने के लिए एक परीक्षा देनी होगी. नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट बीडीएस कोर्स के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए जरूरी है. परीक्षा देने के बाद, उम्मीदवार 315 कॉलेजों या विश्वविद्यालयों से लगभग 26000 सीटें प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे.

विषयों में बीडीएस डिग्री विशेषज्ञता

एम. बी.बी.एस. के बाद, बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की मेडिकल साइंस के क्षेत्र में सबसे ज्यादा मांग की गई है. बी.डी.एस. एक डेंटिस्ट बनने के लिए सक्षम बनाता है. नैदानिक पाठ्यक्रम में व्याख्यान, प्रदर्शनियां, समूह चर्चा, सेमिनार, नैदानिक कार्य और सम्मेलन शामिल हैं. उम्मीदवार शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, दंत चिकित्सा सामग्री, दंत शरीर विज्ञान और मौखिक ऊतक विज्ञान, मौखिक विकृति, सामुदायिक दंत चिकित्सा, पैओडोन्टिक्स, मौखिक दवा और रेडियोलॉजी आदि सहित विभिन्न प्रकार के उपचार के बारे में सीखते हैं. हिंदी में बैचलर का मतलब

दंत शल्य चिकित्सा में स्नातक डिग्री शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने वाले विभिन्न दंत चिकित्सा विद्यालय और कॉलेज हैं. बीडीएस डिग्री कोर्स, छात्रों को मौखिक रोगों का उपचार, रोकथाम और निदान करने के लिए सामान्य दंत चिकित्सा सर्जरी के लिए संबंधित ज्ञान और कौशल के साथ प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है. कुछ कॉलेज पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में इंटर्नशिप प्रदान करते हैं. हालांकि, अंतिम B.D.S परीक्षा पास करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के लिए अनिवार्य है कि वे डेंटल कॉलेज में एक वर्ष के लिए भुगतान किए गए इंटर्नशिप का भुगतान करें. यह बीडीएस डिग्री कोर्स के छात्रों को विभिन्न उपचार जैसे ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी, डेंटल मटीरियल्स, सर्जरी प्रक्रिया, पेडोडॉन्टिक्स, ओरल पैथोलॉजी, डेंटल एनाटॉमी और ओरल हिस्टोलॉजी एंड कम्युनिटी डेंटल सर्जरी को सिखाता है. इस कोर्स के छात्र की पसंद के अनुसार पूर्णकालिक और अंशकालिक दोनों उपलब्ध हैं वे निम्नलिखित है -

  • मानव मनोविज्ञान

  • ऑर्थोडॉन्टिक्स

  • दंत चिकित्सा में प्रयुक्त सामग्री

  • ओरल पैथोलॉजी और ओरल माइक्रोबायोलॉजी

  • ह्यूमन ओरल एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, हिस्टोलॉजी और टूथ मॉर्फोलॉजी

बीडीएस प्रवेश प्रक्रिया

BDS प्रवेश के लिए NEET प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है. एनईईटी योग्य छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से भारत भर के कॉलेजों में से किसी भी पसंदीदा कॉलेज को चुनने का अवसर मिलता है. काउंसलिंग के दौरान, अधिकांश छात्र सूचना डेंटल कॉलेज में प्रवेश पाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि सरकारी डेंटल कॉलेज की फीस कम है, जबकि निजी डेंटल कॉलेज की फीस बहुत अधिक है. इस कोर्स का शुल्क सरकारी कॉलेज के लिए हर साल for 100000 तक है, वही निजी कॉलेजों के लिए 200000 से लेकर is 1000 प्रतिवर्ष.

बीडीएस कोर्स का स्कोप -

बीडीएस भारत में एकमात्र दंत शल्य चिकित्सा से संबंधित कोर्स है, इसलिए किसी भी दंत रोग के इलाज या सुझाव के लिए बीडीएस पाठ्यक्रम लेना आवश्यक है. जैसे-जैसे भारत में लोगों की शिक्षा का स्तर बढ़ता है, मौखिक स्वच्छता की समझ भी बढ़ी है, जिसके कारण अधिक से अधिक लोग अपने दांतों की उचित देखभाल और उपचार के लिए दंत चिकित्सक के पास जा रहे हैं. इसने दंत चिकित्सक की मांग और उनकी कमाई के बीच एक सकारात्मक अंतर भी बनाया है. BDS कोर्स करने वाले छात्रों को आज सरकारी और निजी क्षेत्र में अच्छा वेतन मिलता है. बीडीएस कोर्स की इंटर्नशिप के दौरान, एक छात्र 15 से and 25000 तक कमा सकता है और स्थायी काम करने के बाद, 50 हजार से शुरू होकर. 100000 तक का वेतन भी प्राप्त कर सकता है. कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए भी जाते हैं जिसका अर्थ है मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स, जिसके बाद उनकी नौकरी का मौका और वेतन बहुत अच्छा हो जाता है. कई बीडीएस डॉक्टर भी अपना क्लीनिक शुरू करके बहुत अच्छी कमाई करते हैं.

बीडीएस कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज -

भारत में कुछ शीर्ष बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कॉलेजों की सूची इस प्रकार है-

  • मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली.

  • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई

  • मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, मणिपाल

  • श्री राम चंद्र डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, चेन्नई.

  • दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, बीएचयू वाराणसी

  • दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ.

  • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु.

  • नायर हॉस्पिटल डेंटल कॉलेज, मुंबई

  • पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, रोहतक.

  • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, औरंगाबाद

बीडीएस कैसे करे पूरी जानकारी

12th पास करे बीडीएस कोर्स के लिए

बीडीएस की पढाई करने के लिए सबसे पहले आपको 12th Physics Chemistry Biology और इंग्लिश सब्जेक्ट से पास करना होगा जो एक बहुत बड़ी कोर्स होती है कोई भी कोर्स करने के लिए 12th पास करना ही होगा ये पुरे 2 साल का होता है तो अगर आप BDS का कोर्स करना चाहते है, तो आपको अच्छे मार्क्स के साथ पास होना होगा अगर आप एक अच्छे डेंटिस्ट डॉक्टर ही बनना चाहते हो तो तो आप 12th complete करे अच्छे मार्क्स से.

बीडीएस कॉलेज के लिए इंट्रेंस एग्जाम दे और क्लियर करे

अब आपको 12th पूरा करने के बाद Entrance exam देना है. BDS कोर्स करने के लिए और इस एग्जाम को देने के बाद आप BDS कॉलेज में एडमिशन ले सकते हो जो पुरे 5 साल का होता है जैसे ही आप एंट्रेंस एग्जाम देते है इसके बाद आपको क्लियर करना होता है जैसे ही आपका एंट्रेंस एग्जाम क्लियर हो जाता है इसके बाद आपके एंट्रेंस के मार्क्स के अनुशार आपको BDS कॉलेज दिया जाता है तो आपको बीडीएस में एडमिशन लेना होगा तो आप एडमिशन ले.

बीडीएस (BDS) की पढाई पूरी करे

तो जैसे ही आपको एडमिशन BDS में हो जाता है आपको पूरी लगन और धेयान से पढाई करना है, और आपको पास करना है लेकिन एक बाद याद रहे आपको पूरी दिल से पढाई करना है एडमिशन लेने के बाद तभी आपको अच्छे Salary के साथ डेंटिस्ट डॉक्टर बन सकते है और आप एक अच्छे और सच्चे वकील (Doctor) बन सकते हो, तो आप अपना BDS की पढाई इस तरह से पूरी कर सकते है.

BDS करने के क्या फ़ायदे हैं -

आज के समय में दुनिया भर में दांतो की बहुत सी Diseases इन बीमारियों के उपचार के लिए दंत doctor की जरूरत होती है, तो यदि आप एक बार (BDS )बैचलर ऑफ डेंटल साइंस का कोर्स करते हैं तो उसके बाद आप एक अच्छे दंत doctor के रूप में किसी भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में जॉब कर सकते है. BDS कोर्स करने के बाद छात्रों को ओरल पैथोलोजिस्ट, डेंटल सर्जन, डेंटल असिस्टेंट, प्रोफेस्सोर्स आदि जॉब आसानी से मिल जाती हैं. BDS कोर्स की डिग्री प्राप्त करने के बाद आपको एक लाइसेंस मिल जाता है जिससे की आप कुछ ही वर्षों के Experience के बारे में किसी भी तरह का छोटा या बड़ा क्लीनिक खोल सकते हैं.

BDS करने के क्या फ़ायदे हैं

BDS course की degree अच्छे से करने के बाद आपको एक लाइसेंस मिल जाता है. जिसके बेस पर आप कुछ ही वर्षों के experience के बाद किसी भी तरह का छोटा या बड़ा clinic खोल सकते हैं.

BDS degree को करने के बहुत से फ़ायदे हैं, आइये जानते है. आज के समय में पूरी दुनिया में दांतो की बहुत सी बीमारियों ने जन्म ले लिया है, और अब इन बीमारियों treatment करना बहुत जरुरी है. दांतो की बीमारियों के treatment के लिए dentists की जरूरत होती है. और यदि आप एक बार bachelor of dental science का course अच्छे से कर लेते है तो उसके बाद आपको एक अच्छे dentists के रूप में किसी भी government या private hospital में जॉब  मिल सकती है. BDS course करने के बाद छात्रों को ओरल pathologist, डेंटल सर्जन, dental असिस्टेंट, प्रोफेस्सोर्स आदि जॉब आसानी से मिल जाती हैं.

बीडीएस क्या है? BDS विषय क्या हैं और BDS पाठ्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम क्या है, जानने के लिए पढ़ते रहिये, बैचलर ऑफ डेंटल साइंस (BDS) बीडीएस या बैचलर ऑफ डेंटल साइंस एक अंडर ग्रेजुएट डेंटिस्ट्री कोर्स है. पाठ्यक्रम की अवधि 1 वर्ष की इंटर्नशिप सहित 5 वर्ष है. एमबीबीएस के बाद, बीडीएस चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सबसे अधिक मांग वाला कोर्स है.

दंत चिकित्सा दवा की एक शाखा है जो मौखिक गुहा के रोगों, विकारों और स्थितियों के अध्ययन, निदान, रोकथाम और उपचार से संबंधित है. बीडीएस कोर्स को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जहां सभी दंत चिकित्सकों को अपने अध्ययन के पूरा होने के बाद अभ्यास करने में सक्षम होने के लिए पंजीकरण करना होता है.

बीडीएस पाठ्यक्रम मौखिक रोगों के उपचार, रोकथाम और निदान के लिए सामान्य दंत प्रथाओं से संबंधित ज्ञान और कौशल के साथ छात्रों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है. कोर्स को विभिन्न उप-विषयों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे कि एंडोडॉन्टिक, ओरल रेडियोलॉजी, ओरल पैथोलॉजी, ओरल इंप्लांटोलॉजी, ओरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री आदि.

जिन छात्रों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50% अंकों के साथ 10 + 2 विज्ञान (पीसीबी) उत्तीर्ण किया है, वे इस पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए पात्र हैं. इसके अलावा, उम्मीदवारों को बीडीएस प्रवेश के लिए आवेदन करने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी यूजी) की गुणवत्ता की आवश्यकता होती है

BDS Kya Hai

BDS का पूर्ण रूप बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी होता है. BDS भारत में दंत शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में शैक्षिक और व्यावसायिक कार्यक्रम है. यह दंत चिकित्सकों की सबसे निर्दिष्ट डिग्री है. यह मुंह से संबंधित सर्जरी और मनुष्यों के दांत, मसूड़ों और जबड़े से संबंधित समस्याओं को संबोधित करने का एक चिकित्सा क्षेत्र है. यह उन छात्रों के लिए पांच साल का स्नातक डिग्री कार्यक्रम है जो दंत चिकित्सा में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, और एक दंत चिकित्सक के रूप में. इस course की अवधि पांच साल की है. जिसमें चार साल का प्रशिक्षण और एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल है. केवल दांतों के क्षय का इलाज करने के अलावा, BDS course भी डेन्चर, सर्जरी और कई दंत समस्याओं पर जोर देता है.

दोस्तों जिन छात्रों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ विज्ञान स्ट्रीम में 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे इस विषय के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं. इन छात्रों को BDS प्रवेश परीक्षा को मंजूरी देनी होगी जो राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर हो सकती है. ये प्रवेश परीक्षा देश भर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित की जाती है, जो BDS पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं. BDS course के विषयों में ऑर्थोडॉन्टिक्स, डेंटिस्ट्री, ह्यूमन फिजियोलॉजी, ओरल पैथोलॉजी और ओरल माइक्रोबायोलॉजी, ह्यूमन ओरल एनाटॉमी, हिस्टोलॉजी और टूथ मॉर्फोलॉजी और ओरल और मैक्सिलोफैक्शियल सर्जरी में प्रयुक्त सामग्री शामिल हैं.

बीडीएस प्रवेश प्रक्रिया क्या है?

यहां वह सब कुछ है जो आपको बीडीएस के बारे में जानना है जिसमें बीडीएस पाठ्यक्रम की फीस, प्रवेश परीक्षा आदि शामिल हैं. BDS में प्रवेश आमतौर पर देश भर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के NEET परीक्षा के माध्यम से होता है. 2016 के बाद से यह अनिवार्य कर दिया गया है कि एमबीबीएस, बीडीएस आदि जैसे मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों को NEET के लिए उपस्थित होना आवश्यक है. पाठ्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, छात्र को 10 + 2 योग्यता परीक्षा में न्यूनतम 50% प्राप्त करना चाहिए. पात्रता मानदंडों को पूरा करने पर ही उम्मीदवारों को कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है. एक बार जब छात्र परीक्षा के लिए कट-ऑफ सेट को मंजूरी दे देते हैं, तो वे कॉलेज में प्रवेश के लिए परामर्श सत्र के साथ आगे बढ़ सकते हैं.

कोर्स के लिए पात्र होना एक विशेष कॉलेज और पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक शर्त है. बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए मूल पात्रता मानदंड निम्नानुसार हैं, इच्छुक उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से न्यूनतम 50% कुल के साथ 10 + 2 योग्यता परीक्षा या समकक्ष डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए. उन्होंने अपने 10 + 2 में अनिवार्य रूप से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विषयों का अध्ययन किया होगा. इस पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले लगभग हर कॉलेज में प्रवेश NEET के परिणाम पर आधारित होते हैं. छात्र को प्रवेश के लिए पात्र होने के लिए परीक्षा की कट-ऑफ साफ़ करनी चाहिए. यदि छात्र प्रवेश को अर्हता प्राप्त करने का प्रबंधन करते हैं, तो उन्हें कॉलेजों द्वारा आयोजित परामर्श सत्र के लिए उपस्थित होना होगा. आमतौर पर काउंसलिंग सेशन के तीन राउंड होते हैं.

BDS Entrance Exams

भारत में, BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश केवल राष्ट्रीय स्तर के NEET परीक्षा पर आधारित है. परीक्षा से पहले कुछ और जानकारी प्रस्तुत है -

  • बीडीएस में प्रवेश के लिए एक नहीं कई प्रवेश द्वार संचालित किए जाते हैं. राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा NEET, BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली एकमात्र परीक्षा है.

  • NEET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जो एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, आदि जैसे स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है.

  • इच्छुक उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत करने और अपने व्यक्तिगत विवरण भरने की आवश्यकता है.

  • फिर उन्हें वहां उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा.

  • छात्रों को ईमेल के जरिए एडमिट कार्ड भेजे जाएंगे. आवेदकों से अनुरोध है कि वे निर्धारित तिथि पर ही परीक्षा में उपस्थित हों.

  • परीक्षा में प्राप्त अंकों के अनुसार परिणाम घोषित किए जाते हैं.

  • यदि छात्र परीक्षा के लिए निर्धारित कट ऑफ को साफ करने का प्रबंधन करता है, तो वे कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित परामर्श सत्र के लिए आगे बढ़ सकते हैं.

  • 2016 के बाद से, यह अनिवार्य कर दिया गया है कि एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस और किसी भी अन्य मेडिकल कोर्स जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश केवल राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा एनईईटी के माध्यम से ही होगा.

  • राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) एमबीबीएस, बीडीएस, आदि जैसे स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है.

  • बीडीएस दाखिले पूरी तरह से NEET के माध्यम से होते हैं हर संस्थान में यह एक सरकारी कॉलेज या एक निजी कॉलेज होता है.

  • भारत में आयोजित सबसे अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक होने के नाते, NEET देश में मान्यता प्राप्त डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए पर्याप्त है.

NEET 2020 को 13 सितंबर 2020 को सफलतापूर्वक चल रही महामारी की स्थिति के दौरान आयोजित किया गया है. परीक्षा का मोड ऑफ़लाइन था और कुल पंजीकृत उम्मीदवारों में से 85% उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे. उम्मीद है कि परिणामों की घोषणा सितंबर के अंतिम सप्ताह में की जाएगी.

क्यों अध्ययन बीडीएस?

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से छात्र अपना करियर बनाने के लिए इस कोर्स को चुनते हैं. पाठ्यक्रम के कुछ फायदे नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं -

  • मौखिक स्वच्छता के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण, देश में दंत रोगियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. इन रोगियों का इलाज करने के लिए, किसी के पास बीडीएस की डिग्री होनी चाहिए क्योंकि भारत में यह अनिवार्य है कि बीडीएस पूरा होने पर ही दंत चिकित्सा का अभ्यास किया जा सकता है.

  • छात्रों को निकट भविष्य में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है. इसका कारण यह है कि दंत रोगियों के साथ-साथ डॉक्टरों और सरकार की तेजी से वृद्धि हुई है, जिसका उद्देश्य रोजगार के अवसरों में वृद्धि करके दंत चिकित्सकों को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना है.

  • सशुल्क इंटर्नशिप की अवधि के दौरान, छात्र INR 15,000 तक कमा सकते हैं - 40,000 (लगभग) जो कि बढ़ी हुई विशेषज्ञता और अनुभव के साथ बढ़ता है.

  • यहां तक कि छात्र अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में अपने कौशल का अभ्यास कर सकते हैं ताकि भारत में उन्हें मिलने वाली आय की तुलना में अधिक आय प्राप्त हो सके. हालाँकि, इसके लिए, उन्हें NBDE या NDEB जैसी परीक्षाओं को पास करने की आवश्यकता होती है.

  • यह उन छात्रों के लिए एक अविश्वसनीय पाठ्यक्रम है जो अपने कैरियर के रूप में दंत चिकित्सा का चयन करना चाहते हैं.

बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस): इसके बारे में क्या है?

बीडीएस एमबीबीएस के बाद छात्रों के बीच सबसे अधिक वांछनीय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में से एक रहा है. विषय का संक्षिप्त परिचय नीचे दिया गया है -

  • बीडीएस उन छात्रों के लिए 5 साल का स्नातक पाठ्यक्रम है जो दंत विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं.

  • यदि वे सरकारी या निजी अस्पतालों में दंत चिकित्सकों के रूप में काम करना चाहते हैं तो छात्रों के लिए यह अनिवार्य कोर्स है.

  • बीडीएस एमबीबीएस के बाद सबसे लोकप्रिय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में से एक है.

  • छात्रों को अपने अंतिम वर्ष में 1 वर्ष का भुगतान इंटर्नशिप अनिवार्य रूप से करने की आवश्यकता होती है, जो कि रोटेशन पर आधारित होता है, जिसमें उन्हें विभिन्न विभागों में 2-3 रोटेशन लेने होते हैं.

  • 5 वर्ष की अवधि के दौरान छात्रों को मौखिक पैथोलॉजी, डेंटल हाइजीन, डेंटल हिस्टोलॉजी, पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री आदि विषय पढ़ाए गए.

  • इन विषयों का अध्ययन उन्हें पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद अपने पेशे के रूप में दंत चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए स्पष्ट ज्ञान और कौशल प्रदान करता है.

  • स्नातक पूरा होने के बाद, छात्र आमतौर पर सरकारी या निजी अस्पतालों में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में अपने कौशल का अभ्यास करते हैं.

  • उपरोक्त सूचीबद्ध विवरणों के अलावा, बीडीएस छात्रों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई अवसर प्रदान करता है.

  • जो लोग नौकरी करने के लिए तैयार नहीं हैं वे एमडीएस (मास्टर्स ऑफ डेंटल सर्जरी) के लिए चयन करके अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि को और बढ़ा सकते हैं. यह उन्हें बेहतर कैरियर के अवसर भी प्रदान करेगा.