NDRF Full Form in Hindi




NDRF Full Form in Hindi - NDRF की पूरी जानकारी?

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NDRF Full Form in Hindi

NDRF की फुल फॉर्म “National Disaster Response Force” होती है, NDRF की फुल फॉर्म का हिंदी में अर्थ “राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल” है. इसका कार्य आपदा प्रभावित इलाकों मे लोगों की जान बचना और राहत कार्य करना होता है, यह एक Special Police Force होती है जिसे इन कार्य के लिए Special Training दी जाती है. चाहे नेपाल का भूकंप हो या फिर बिहार की बाढ़, उत्तराखंड में जंगलों की भीषण आग हो या ट्रेन दुर्घटना या कोई अन्य आपदा हर जगह NDRF की टीम ही लोगों की मदद को आती है. चलिए अब आगे बढ़ते है और आपको इसके बारे में थोडा और विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाते है।

यह एक Special Police Force होती है, और इसका गठन Disaster Management Act of 2005 के तहत किया गया. भारत मे आपदा प्रबंध का जिम्मा State Government का होता है. लेकिन जब कोई गंभीर आपदा होती है तो State Government Central Government को Military Force, Ndrf, Scientific Equipment, Central Paramilitary Force और अन्य प्रकार की और भी मदद के लिए गुजारिश कर सकती है, NDRF एक पुलिस फ़ोर्स है, और इस फ़ोर्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है, किसी भी आपात हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार किया जाता है. देश में किसी भी आपदा प्रभावि‌त क्षेत्र में सहायता या संकट से जूझने में यह हमेशा तत्पर रहती है. जिस तरह सेना सरहद पर देश की हिफाजत करती है, उसी तरह देश के भीतर Natural या अन्य संकट आने पर NDRF हमेशा मदद के लिए तैयार रहती है, इसके जवान बड़े ही साहसी होते हैं।

यह 12 बटालियन की Paramilitary Lines Force होती है, जिसमें तीन बीएसएफ, दो सीआरपीएफ दो सीआईएसएफ दो आइटीबीपी और दो एसएसबी के जवान शामिल होते हैं. ये जो आपदा के समय, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर वहां पर राहत कार्य करते है. इस स्पेशल फोर्स का गठन साल 2005 में किया गया था. इस Force में शामिल होने वाले व्यक्तियों को आपदा से निपटने के लिए Special training दी जाती है, जिसकी मदद से वह बचाव कार्य कर सकते हैं. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, भारत में आपदा प्रबंधन का जिम्मा राज्य सरकार का होता है. परन्तु यदि कोई गंभीर आपदा आ जाती है, तो इस स्थिति में राज्य सरकार, Central government से Military force, NDRF, Scientific equipment, Central Paramilitary Force एवं अन्य प्रकार की सहायता मांग सकती है।

What is NDRF in Hindi

आपने कई बार news या टीवी पर देखा या सुना होगा की बाढ़ या फिर आपदा से पीड़ित जगह पर NDRF ने आकर सबकी जान बचाई. जी हां NDRF एक बल है जिसका काम आपदा से परेशान लोगों की मदद करना है, NFRD का पूरा नाम “National Disaster Response Force” होता है जिसको हिंदी में “राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल” कहते है. NDRF एक Force होती है जो Natural Calamity आने पर काम करती है जैसे भूकम्प, बाढ़ जैसे हालत होने पर NDRF Force की Team को बनाकर लोगो की मदद के लिए भेजा जाता है. और साथ ही हम आपको बता दे की NDRF 12 बटालियन की पैरामिलिट्री लाइन्स फोर्स होती है. इसमें तीन BSF, दो CRPF दो CISF दो ITBP और दो SSB के जवान शामिल होते हैं. ये टीम जहाँ पर भी किसी भी प्रकार की प्राक्रतिक आपदा आती हैं वह पर फंसे लोगो के लिए राहत के कार्य करती है।

एनडीआरएफ का मतलब है राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, जैसा कि नाम से पता चलता है, यह एक प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति जैसे बाढ़, भूकंप, भूस्खलन, आदि के लिए त्वरित और विशेष प्रतिक्रिया के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 44 के तहत स्थापित एक विशेष बल है. आमतौर पर NDRF यह नाम आपको टीवी खबरों और अखबारों में सुने को मिल जाता हैं क्योंकि जब भी हमारे देश के किसी भी राज्य में प्राकृतिक आपदाएँ आती है तो सबसे पहले NDRF की टीम लोगों की मदत करने के लिए पहुँच जाती है, क्योंकि Natural Disasters का सामना करने की सामान्य citizens के बस की बात नही होती है इसलिए एक पुलिस बल का निर्माण किया गया है जिसें NDRF कहा जाता हैं।

NDRF Force की स्थापना

NDRF Force की स्थापना 2005 में की गई थी. NDRF गृह मंत्रालय के समर्थक में आती है. NDRF Force पैरा-सैन्य लाइनों पर आयोजित 12 बटालियनों का एक बल है और भारत की Paramilitary Forces से Deputation पर व्यक्तियों द्वारा निर्मित है. NDRF बल 2005 में स्थापित किया गया था। यह गृह मंत्रालय के समर्थन में आता है. NDRF बल 12 सैन्य बटालियनों की एक टुकड़ी है, जो पैरा-मिलिटरी तर्ज पर आयोजित की जाती है और भारत के अर्धसैनिक बलों के प्रतिनियुक्ति पर मौजूद लोगों द्वारा संचालित की जाती है, NDRF बल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के लिए एक समग्र, सक्रिय, बहु-आपदा और प्रौद्योगिकी संचालित रणनीति विकसित करके एक सुरक्षित और प्रलयकारी भारत बनाना है।

NDRF में प्रवेश कैसे करें

NDRF में प्रवेश पाने के लिए, उम्मीदवार को 12 वीं की परीक्षा पास करने के बाद सबसे पहले एसएसबी, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के किसी भी बल में भर्ती होना होता है, इन बलों में तीन से चार साल की सेवा के बाद, इसके इच्छुक उम्मीदवार NDRF के लिए आवेदन कर सकते हैं. जिसके बाद एक विशेष प्रशिक्षण पूरा करना होगा। इसके बाद ही उम्मीदवार NDRF के लिए पात्र होंगे, NDRF में प्रवेश लेने के लिये उमीदवार को मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वी में पास होना जरूरी है. SSB, ITBP, या CRPF में से किसी भी फ़ोर्स में भर्ती होना होता है।

NDRF की क्षमता क्या है?

अगर हम बात करे NDRF की क्षमता की यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की 14 फरवरी 2008 से आज के समय में NDRF की क्षमता 12 बटालियनों की है. हर बटालियन में 1149 जवान होते हैं. इन सभी जवानों को पूरी तरह से केवल आपदा संबंधी स्थितियों से निपटने के लिए तैनात किये जाते हैं।

आज, NDRF की 12 बटालियन की क्षमता है, प्रत्येक बटालियन में 1149 जवान हैं. ये सभी जवान आपदा से संबंधित स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैनात हैं. हालांकि पहले वे कभी-कभी कानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए तैनात किए जाते थे, बाद में NDRF के नियमों को बदल दिया गया, इसके बाद, 14 फरवरी 2008 से, यह केवल आपदा से संबंधित जिम्मेदारियों के लिए तय किया गया है।

NDRF की भर्ती

NDRF के लिए कोई सीधी भर्ती नहीं है, NDRF में, अर्धसैनिक बलों की बटालियनों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात किया जाता है. आज NDRF में तैनात अर्धसैनिक बलों की बटालियनें इस प्रकार हैं

  • सीमा सुरक्षा बल – तीन बटालियन

  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल – तीन बटालियन

  • इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस – दो बटालियन

  • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल – दो बटालियन

  • शस्त्र सीमा बल – दो बटालियन

भारत एक ऐसा देश है जिसमें विभिन्न प्रकार की ऋतुओ का आगमन होता हैं. दोस्तों भारतवर्ष में अलग अलग मौसम होती जो इस देश को और प्यारा बनाते है, जैसा की हम सभी जानते है, यह हमें प्राकृतिक के कई प्रकार के स्वरूपो का आभास कराती हैं परन्तु अक्सर मानसून के समय प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल की हानि भी होती है, जिसके चलते लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है और लाखों लोगों इसके चलते जान भी चली जाती है, इसलिए NDRF पुलिस बल का निर्माण किया गया है. हमारे देश में किसी भी प्रकार की आपदा से हमारी रक्षा करने के लिए NDRF का निर्माण किया गया है जो प्राकृतिक आपदाओं के भयावह होने की स्थिति में प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती है और जान-माल की रक्षा करती है. NDRF एक ऐसा पुलिस बल है जो अपनी जान की परवाह न करते हुवे लोगों सुरक्षित जगह पर पोचाता है, भारत में आपदा की प्रबंधन संस्था राष्टीय आपदा Authority है जिसका मुखिया हमारे देश का प्रधानमंत्री होता है भारत के किसी भी स्थान पर आने वाली आपदा की ज़िम्मेदारी वहाँ की Government की होती है परंतु अत्यंत गंभीर स्थिति होने पर भारतीय Government की ज़िम्मेदारी होती है।

NDRF बल में शामिल सभी को आपदा से निपटने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती हैं और आपदाओं से निपटने के लिए फाॅर्स के पास इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के 310 तरह के इंस्ट्रूमेंट्स उपलब्ध हैं। अब तक, इसमें 12 बटालियन शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 1149 कर्मचारी शामिल हैं. ये बटालियन भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं, जिनमें असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं. NDRF कर्मियों को विनाशकारी परिस्थितियों के जवाब में प्रशिक्षित और सुसज्जित किया जाता है।

NDMA का अध्यक्ष भारत का प्रधान मंत्री होता है, और इसके प्रमुख को महानिदेशक के रूप में नामित किया जाता है. NDRF के महानिदेशक प्रतिनियुक्ति के आधार पर एक आईपीएस अधिकारी हैं, देश में आपदा स्थितियों की 70 से अधिक प्रतिक्रियाओं में, NDRF ने 1 लाख से अधिक मानव जीवन को बचाया है और देश में आपदा पीड़ितों के 2500 से अधिक शवों को पुनः प्राप्त किया है, NDRF के कुछ प्रमुख प्रतिक्रिया संचालन निम्नानुसार हैं:

  • गुजरात के राजकोट और भावनगर में बाढ़ के दौरान, इसने 291 लोगों को बचाया और 3700 भोजन पैकेट वितरित किए.

  • जब गुजरात के अहमदाबाद में होटल शकुंत का पतन हुआ, तो इसने 10 लोगों को बचाया और 6 शवों को बरामद किया.

  • जब बाढ़ लखीमपुर, असम में पहुंची तो उसने 2500 नागरिकों को बचाया.

  • 2008 में, बिहार में कोसी के उल्लंघन के दौरान, इसने 105000 मानव जीवन को बचाया, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे, और पानी की बोतलें, भोजन के पैकेट, दवाइयाँ आदि वितरित कीं.

  • पश्चिम बंगाल में चक्रवात आलिया के दौरान, इसने 2000 लोगों की जान बचाई, 30000 पीड़ितों को दवाइयां और 16000 बेघर पीड़ितों को भोजन के पैकेट वितरित किए.

  • जब अक्टूबर 2009 में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बाढ़ आई, तो इसने 10000 से अधिक लोगों को बचाया.

  • इसने 20 मानव जीवन बचाए और 27 शवों को बरामद किया जब कर्नाटक के बेल्लारी में एक इमारत ढह गई

  • आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में चक्रवात लैला के दौरान, इसने कई लोगों को बचाया.