ICICI Full Form in Hindi, ICICI की full form क्या है, आईसीआईसीआई का फुल फॉर्म क्या है ? ICICI Full Form in Hindi, ICICI Full Form, ICICI Net Banking क्या होती है, ICICI Bank क्या है? ICICI का क्या मतलब है, आईसीआईसीआई की फुल फॉर्म इन हिंदी, ICICI Bank की Services क्या है, दोस्तों क्या आपको पता है ICICI की full form क्या है, ICICI का क्या मतलब होता है, ICICI Hota Kya Hai, अगर आपका answer नहीं है तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि आज हम इस post में आपको ICICI की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है, तो फ्रेंड्स ICICI Full Form in Hindi में और ICICI की पूरी history जानने के लिए इस post को लास्ट तक पढ़े.
ICICI की फुल फॉर्म “Industrial Credit and Investment Corporation of India” होती है, ICICI को हिंदी में “भारत का औध्योगिक ऋण और नीवेश निगम” कहते है. ICICI bank को India का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर का bank माना जाता है. ICICI bank प्राइवेट फील्ड में काम करने वाला सबसे बड़ा bank है. इस bank की स्थापना सन 1994 में की गयी थी. इस bank में कमा करने वाले कर्मचारियों की संख्या सन 2017 में लगभग 84096 थी, इस bank का business आज के समय में पूरे विश्व में है. ICICI bank भारत के साथ- साथ विश्व भर में banking से जुडी हुई सुविधा provide करता है.
ICICI Full Form हिंदी में भारतीय “Industrial Credit and Investment Corporation”होती है. सन 1955 से आईसीआईसीआई limited एक कंपनी थी जो cement के क्षेत्र में clothes के क्षेत्र में और कई क्षेत्रों में काम करती थी. इसके बाद आईसीआईसीआई limited कंपनी ने सोचा की वह एक रिटेल Bank भी बन सकती है. इसके बाद आईसीआईसीआई कंपनी ने सन 1993 में Bank स्थापित करने के लिए एक टीम बनाई. और फिर आखिरकार सन 1994 में आईसीआईसीआई Bank की स्थापना हुई. इसके बाद आईसीआईसीआई Bank ने सन 1998 में इंटरनेट बैंकिंग को शुरू किया. इसके बाद सन 1998 में भारत में शेयरों की एक सार्वजनिक पेशकश के बाद आईसीआईसीआई Bank में आईसीआईसीआई की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत तक कम हो गई थी. इसके बाद 2000 में NYSE पर American Depository Receipts के रूप में equity की पेशकश की गई थी. आईसीआईसीआई Bank ने 2001 में ऑल-स्टॉक सौदे में Bank ऑफ मदुरा limited का takeover किया और 2001-02 के दौरान संस्थागत निवेशकों को अतिरिक्त दांव बेचा. इसके बाद अक्टूबर 2001 में, आईसीआईसीआई और आईसीआईसीआई Bank के निदेशक मंडल ने आईसीआईसीआई और उसके दो पूर्ण स्वामित्व वाली retail finance सहायक कंपनियों, आईसीआईसीआई पर्सनल फाइनेंशियल सर्विसेज limited और आईसीआईसीआई कैपिटल सर्विसेज limited को आईसीआईसीआई Bank में विलय को मंजूरी दे दी. अगर आपको नहीं पता है की विलय क्या होता है तो मैं आपको बता दू जब एक कंपनी को दूसरी कंपनी में मिलाया जाता है तो इसे विलय कहते है. अब क्योकि आईसीआईसीआई limited कंपनी ने बैंक कोभारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम बैंक के रूप में स्थापित किया गया था. इसीलिए मूल कंपनी आईसीआईसीआई limited को Bank में मिला दिया गया और इसका संक्षिप्त नाम आईसीआईसीआई Bank रखा गया.
दोस्तों आजकल के digital जमाने में हर किसी का bank account होता है, एक या दो बैंको में account होना आज के समय में normal सी बात हैं. आप के भी ना जाने कितने बैंको में खाते खुलवाते होंगे. Account खुलवाते वक्त आप केवल उस Bank के द्वारा अपने customers को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में पता कर लेते हैं. लेकिन क्या कभी आप ने उस Bank की History के बारे में जानना चाहा है, यहां तक की कई Bank तो ऐसे होत हैं जिसमें आपता Account होता है लेकिन लोगों से अगर उस Bank के नाम का फुल फार्म तक नहीं पता होता है. ऐसा ही एक Bank हैं ICICI जो लोग इस Article को पढ़ रहे होंगे उनमें से भी कुछ का Account इस Bank में जरूर होगा लेकिन उनको भी शायद ही इसका फुल फार्म पता हो. अगर नहीं पता तो ज्यादा सोचिए नहीं, हम आपको ICICI full form के साथ इसकी हिस्ट्री तक के बारे में पूरी जानकारी देंगे.
आईसीआईसीआई का गठन 1955 में विश्व बैंक, भारत सरकार और भारतीय उद्योग के प्रतिनिधियों की पहल पर किया गया था. मुख्य उद्देश्य भारतीय व्यवसायों को मध्यम अवधि और दीर्घकालिक परियोजना वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक विकास वित्तीय संस्थान बनाना था. 1980 के दशक के अंत तक, आईसीआईसीआई ने मुख्य रूप से परियोजना वित्त पर अपनी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया, विभिन्न प्रकार की औद्योगिक परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक धन उपलब्ध कराया. 1990 के दशक में भारत में वित्तीय क्षेत्र के उदारीकरण के साथ, आईसीआईसीआई ने अपने व्यवसाय को एक विकास वित्तीय संस्थान से एक विविध वित्तीय सेवा प्रदाता के रूप में केवल परियोजना वित्त की पेशकश की, जिसने अपनी सहायक कंपनियों और अन्य समूह कंपनियों के साथ, विभिन्न प्रकार के उत्पादों की पेशकश की और सेवाएं. जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था अधिक बाजार-उन्मुख और विश्व अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत होती गई, आईसीआईसीआई ने ग्राहकों के व्यापक स्पेक्ट्रम को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने के नए अवसरों का लाभ उठाया. आईसीआईसीआई बैंक को 1994 में आईसीआईसीआई समूह के एक हिस्से के रूप में शामिल किया गया था. 1999 में, ICICI पहली भारतीय कंपनी बन गई और गैर-जापान एशिया से न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला पहला बैंक या वित्तीय संस्थान बन गया.
सार्वभौमिक बैंकिंग का मुद्दा, जिसका भारतीय संदर्भ में अर्थ था, आईसीआईसीआई जैसे दीर्घकालिक ऋण देने वाले संस्थानों का वाणिज्यिक बैंकों में रूपांतरण, 1990 के दशक के अंत में विस्तार से चर्चा की गई थी. बैंक में रूपांतरण ने आईसीआईसीआई को कम लागत वाली मांग जमा स्वीकार करने और उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने की क्षमता प्रदान की, और बैंकिंग शुल्क और कमीशन के रूप में गैर-निधि आधारित आय अर्जित करने के अधिक अवसर प्रदान किए. भारतीय बैंकिंग उद्योग में उभरते प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के संदर्भ में विभिन्न कॉर्पोरेट संरचना विकल्पों पर विचार करने और सार्वभौमिक बैंकिंग की ओर बढ़ने के बाद, आईसीआईसीआई और आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंधन ने यह विचार बनाया कि आईसीआईसीआई बैंक के साथ आईसीआईसीआई का विलय इष्टतम होगा. दोनों संस्थाओं के लिए रणनीतिक विकल्प, और आईसीआईसीआई समूह की सार्वभौमिक बैंकिंग रणनीति के लिए इष्टतम कानूनी संरचना तैयार करेगा. विलय से आईसीआईसीआई शेयरधारकों के लिए कम लागत वाली जमा तक पहुंच, शुल्क-आधारित आय अर्जित करने के अधिक अवसर और भुगतान प्रणाली में भाग लेने और लेनदेन-बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने की क्षमता के माध्यम से मूल्य में वृद्धि होगी. विलय से आईसीआईसीआई बैंक के शेयरधारकों के लिए एक बड़े पूंजी आधार और संचालन के पैमाने के माध्यम से मूल्य में वृद्धि होगी, पांच दशकों में आईसीआईसीआई के मजबूत कॉर्पोरेट संबंधों तक सहज पहुंच, नए व्यापार क्षेत्रों में प्रवेश, विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में उच्च बाजार हिस्सेदारी, विशेष रूप से शुल्क-आधारित सेवाओं, और आईसीआईसीआई और इसकी सहायक कंपनियों के विशाल प्रतिभा पूल तक पहुंच.
अक्टूबर 2001 में, आईसीआईसीआई और आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल ने आईसीआईसीआई बैंक के साथ आईसीआईसीआई और इसकी दो पूर्ण स्वामित्व वाली खुदरा वित्त सहायक कंपनियों, आईसीआईसीआई पर्सनल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और आईसीआईसीआई कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के विलय को मंजूरी दी. विलय को जनवरी 2002 में आईसीआईसीआई और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरधारकों द्वारा, मार्च 2002 में अहमदाबाद में गुजरात के उच्च न्यायालय द्वारा और अप्रैल 2002 में मुंबई के उच्च न्यायालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित किया गया था. विलय के परिणामस्वरूप , आईसीआईसीआई समूह के वित्तपोषण और बैंकिंग संचालन, थोक और खुदरा दोनों, एक ही इकाई में एकीकृत किए गए थे.
आईसीआईसीआई बैंक भारत की प्रमुख बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा संस्थान है. पहले पूरा नाम इंडस्ट्रियल क्रेडिट ऐण्ड इन्वेस्टमेन्ट कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया (हिन्दी अनुवाद: भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम) है. यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है. बाजार कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से भारत के निजी क्षेत्र का यह सबसे बड़ा बैंक है. इस बैंक की भारत में 2883 शाखाएँ हैं एवं 10021 एटीएम हैं. यह 19 अन्य देशों में भी मौजूद है. आईसीआईसीआई बैंक 31 मार्च 2010 को 3,634.00 अरब रुपये (81 अरब अमेरिकन डॉलर) की कुल आस्तियों तथा 40.25 अरब रुपये (8,960 लाख अमेरिकन डॉलर) के कर-पश्चात् लाभ वाला भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है.
बैंक के पास भारत में 2883 शाखाओं तथा लगभग 10021 ए.टी.एम. का नेटवर्क है तथा 19 देशों में इसकी उपस्थिति है. आईसीआईसीआई बैंक कॉरपोरेट तथा रिटेल ग्राहकों को अनेक प्रकार के सेवा चैनलों तथा निवेश बैंकिंग, जीवन तथा साधारण बीमा, वेंचर कैपिटल तथा एसेट प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी विशेषीकृत सहायक संस्थाओं के माध्यम से अनेकानेक बैंकिंग उत्पाद और वित्तीय सेवाएं देता है. वर्तमान में बैंक की सहायक संस्थाएं युनाइटेड किंगडम, रूस तथा कनाडा में, शाखाएं युनाइटेड स्टेट्स, सिंगापुर, बहरीन, हाँग काँग, श्रीलंका, कतार, दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर में तथा प्रतिनिधि कार्यालय युनाइटेड अरब एमिरेट्स, चीन, दक्षिण अफ्रीका, बांगलादेश, थाइलैंड, मलयेशिया तथा इंडोनेशिया में हैं. यू॰के॰ की हमारी सहयोगी संस्था ने बेलजियम तथा जर्मनी में शाखाओं की स्थापना की है. ICICI बैंक के इक्विटी शेयर भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया limited और इसके अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स (ए.डी.आर.) न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एन.वाय.एस.ई.) में सूचीबद्ध हैं.
ICICI Bank की स्थापना मूल रूप से स्थापना सन् 1994 ई. में ICICI limited द्वारा भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में हुई थी. ICICI का गठन 1995 में विश्व Bank, भारत सरकार और भारतीय उघोग के representatives की पहल से किया गया था. भारतीय व्यवसायों के लिए मध्यम अवधि और long term परियोजना वित्तपोषण प्रदान करने के उद्देश से इस वित्तीय संस्था की स्थपाना की गई थी. ICICI एक प्राइवेट Bank होने के साथ ही यह Bank भारत में तीसरा सबसे बड़ा Bank हैं. इस Bank की पूरे देश में लगभग 5000 शाखाएं (ब्रांचेस) हैं, और पूरे देश में लगभग 15,000 एटीएम मशीनें मौजूद हैं. इतना ही नहीं यह भारत सहित अन्य 19 देशों में भी इस Bank की मौजूदगी है. इस Bank में कर्माचीरियों की संख्या की बात करे तों 2017 के आंकड़ों के अनुसार ICICI Bank में लगभग 84,096 staff कार्यरत थे, जो अब बढ़कर लगभग 87,000 तक पहुंच गए होंगे. साल 2000 में ICICI Bank न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में अपने 5 लाख अमेरिकन डिपाजिटरी शेयरों की सूची में सूचीबद्ध होने वाला पहला indian bank बना था. ICICI Bank के पहले अध्यक्ष Mr.A.Ramaswami Mudaliar चुने गए थे. ICICI Bank का Headquarters Mumbai, Maharashtra में हैं और इसका registered office वडोदरा में स्थित है.
ICICI Bank को लेकर Controversy इस बैंक की Farmer CEO रही चंदा कोचर पर कई ऐसे allegation लगे जिसके बाद ये Bank खबरों में आ गया. चंदा कोचर पर videocon समूह को करीब 4 हजार करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में irregularity बरतने का आरोप लगा है.चंदा कोचर पर videocon ग्रुप को 4000 करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में कथित ‘भाई-भतीजावाद’ दिखाने और हितों के टकराव के आरोपों को लेकर उंगली उठ रही है. ICICI Bank और videocon ग्रुप के निवेशक अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर बैंक के ऋण देने के तौर तरीकों पर सवाल उठाया. उन्होंने चंदा कोचर पर वेणुगोपाल धूत के videocon कारोबारी समूह को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है.इस मामले के चलते Chanda Kochhar को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और 3 अक्टूबर 2018 को ICICI Bank के नए सीइओ संदीप बख्शी को बनाया गया है.
यह Bank भारत देश के साथ-साथ 19 अन्य countries में भी मौजूद है. ICICI bank corporate पूरे देश के साथ अन्य countries में रिटेल ग्राहकों को बैंकिंग, जीवन तथा साधारण बीमा, वेंचर कैपिटल तथा asset प्रबंधन आदि के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देता है.
जी हां, ICICI केवल एक abbreviation है ”भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम” नाम का. इतनी बड़ी नाम किसी को याद और लिखने में कोई परेशानी न हो इसलिए इसका इस्तेमाल short form के रूप में किया जाता है.
ICICI बैंक के स्थापना की बात की जाये तो 5 जनवरी 1994 में हुआ था तभी से icici अपने कार्यो कोRetail Banking, Corporate Banking, Investment Bunning, Personal Banking, Mortgage Loans, Credit Cards, धन प्रबंधन, और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्रो में विस्तार से कार्य कर रहा है. भारत से शुरुआत होने के बाद कई बड़े देशो में ICICI से अपनी उपस्थिति बनायीं है यूनाइटेड किंगडम, रूस, कनाडा, यूनाइटेड स्टेट, सिंगापुर, बहरीन, होन्ग कोंग, श्रीलंका, कतार, दुबई, जैसे अन्य देशो मे शाखाये उपस्थित है.
आईसीआईसीआई का फुल फॉर्म इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया है. मुंबई (महाराष्ट्र) में मुख्यालय, आईसीआईसीआई एक भारतीय बहुराष्ट्रीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा कंपनी है. 2014 में, यह संपत्ति के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बैंक था और भारत में बाजार पूंजीकरण के मामले में तीसरा सबसे बड़ा बैंक था. इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (या आईसीआईसीआई) की स्थापना 1955 में हुई थी और 1994 में, आईसीआईसीआई बैंक का गठन इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी के रूप में किया गया था. इसलिए, हमारे पास इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन नामक एक कंपनी थी. इंडिया लिमिटेड, और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड नामक एक कंपनी, 31 मार्च, 2002 से, "रिवर्स मर्जर" के माध्यम से, इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को आईसीआईसीआई बैंक में विलय कर दिया गया था, केवल आईसीआईसीआई बैंक को छोड़कर. संयुक्त इकाई और इकाई इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड अब अस्तित्व में नहीं थी. कॉर्पोरेट और खुदरा ग्राहकों के लिए, यह निवेश बैंकिंग, उद्यम पूंजी, जीवन, गैर-जीवन बीमा और परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्रों में विभिन्न वितरण चैनलों और विशेष सहायक कंपनियों के माध्यम से बैंकिंग उत्पादों और वित्तीय सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है. वर्तमान में, बैंक का पूरे भारत में 4867 शाखाओं और 14417 एटीएम का नेटवर्क है. भारत सहित 19 देशों में भी बैंक की उपस्थिति है.
1955 में आईसीआईसीआई की स्थापना हुई थी. आईसीआईसीआई बैंक की वित्तीय शाखा के रूप में आईसीआईसीआई बैंक की स्थापना के माध्यम से 1994 में आईसीआईसीआई वित्तीय क्षेत्र में शामिल हो गया.
1998 में, ICICI बैंक इंटरनेट बैंकिंग शुरू करने वाला भारत का पहला बैंक बना.
यह 2000 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में उल्लेखित होने वाला पहला भारतीय बैंक था.
आईसीआईसीआई ने 2001 में बैंक ऑफ मदुरा को खरीदा था जिसकी स्थापना 1943 में हुई थी.
आईसीआईसीआई बैंक की सहायक कंपनी में पिछड़ी विलय मूल कंपनी 2002 में बैंक निदेशकों द्वारा स्वीकार की गई थी.
आईसीआईसीआई बैंक ने 2003 में कनाडा, यूके और सिंगापुर में अपनी शाखाएं शुरू कीं. इसने दुबई और शंघाई में प्रतिनिधि बैंक शाखाएं भी स्थापित कीं.
2004 में, इसने बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के व्यापक बैंकिंग उद्योग के लिए बांग्लादेश में एक कार्यालय स्थापित किया.
आईसीआईसीआई बैंक ने 2005 में एक रूसी सहायक आईकेबी (इनवेस्टिशननो-क्रेडिटनी बैंक) खरीदा और इसका नाम आईसीआईसीआई बैंक यूरेशिया रखा. इसने उसी वर्ष हांगकांग और दुबई में एक शाखा भी स्थापित की.
इसने 2006 में बेल्जियम, एंटवर्प और जकार्ता, बैंकॉक और कुआलालंपुर में प्रतिनिधि कार्यालयों में एक शाखा स्थापित की.
सांगली बैंक, जिसकी महाराष्ट्र में 158 सहायक और कर्नाटक में 31 शाखाएँ हैं, की स्थापना 2007 में हुई थी.
2008 में, इसने यूएस फेडरल रिजर्व की मंजूरी के साथ अपनी न्यूयॉर्क शाखा को आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा में बदल दिया. उसी वर्ष इसने फ्रैंकफर्ट में भी एक कार्यालय खोला.
यह 2013 में एटीएम के साथ महाराष्ट्र में मोबाइल शाखा खोलने वाला पहला निजी क्षेत्र का बैंक था.
मार्च 2020 में, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के बोर्ड ने यस बैंक लिमिटेड में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी. इस निवेश के कारण आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के पास यस बैंक की पांच प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी.
आईसीआईसीआई समूह खुदरा और कॉर्पोरेट बैंकिंग में माहिर है. बैंक अपने ग्राहकों को निवेश बैंकिंग, बीमा, धन प्रबंधन और अन्य वित्तीय सेवाओं की एक विस्तृत विविधता भी प्रदान करता है. इसके अलावा, यह एनआरआई बैंकिंग सेवाओं जैसे होम लोन, एनआरआई एफडी, और एनआरई, एनआरओ और एफसीएनआर खातों आदि का भी विस्तार करता है. यहां बैंक द्वारा पेश किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद और सेवाएं हैं.
आईसीआईसीआई बैंक की कुछ मानक सेवाएं और उत्पाद नीचे दिए गए हैं.
कार्ड में डेबिट और क्रेडिट कार्ड और व्यवसाय कार्ड शामिल हैं.
लोन में होम, पर्सनल, ऑटो और टू-व्हीलर लोन शामिल हैं.
कर रणनीतियों, म्यूचुअल फंड और पीपीएफ से निवेश.
बीमा में स्वास्थ्य, जीवन और सामान्य बीमा शामिल हैं
जमा योजनाओं में एफडी (सावधि जमा) और आरडी (आवर्ती जमा) योजनाएं शामिल हैं.
व्यावसायिक बैंकिंग जिसमें चालू खाते, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के लिए विविध प्रकार के आइटम शामिल हैं
इस सवाल को काफी लोग खोजते है और जानने की कोशिश करते है की ICICI बैंक के मालिक का नाम क्या है, तो इस सवाल का जवाब मैं आपको बताता हूँ. MD और CEO के पद कार्य कर रहे चंदा कोर के इस्तीफे के बाद इसी पद को Sandeep Bakshi के द्वारा अक्टूबर 2018 से सभाला जा रहा है बख्शी इस पद पर 5 साल तक सेवा करते रहेंगे october 2023 पूरा होगा. चंदा कोर पर लगे दूषित भाराष्ट्राचार के आरोपो की जाँच के दौर छुट्टी दे दी गयी उसी के बाद कोर उस पद को इस्तीफा दे दिए थे तभी से MD CEO के पद पर संदीप बख्शी कार्यरत है ICICI का पूर्ण जिम्मेदारी कार्य भार बख्शी के निर्देशानुसार पूरा किया जाता है.
ICICI Bank के अध्यक्ष गिरीश चंद्र चतुर्वेदी है गिरीश चंद्र रिटायर्ड 1977 बैच के एक IAS अधिकारी है 2011 – 13 तक भारत सरकार के अंतर्गत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के सचिव भी रह चुके है.
अब जानते है की आईसीआईसीआई बैंक का मुख्यालय कहा है या Headquarter कहा पर स्थित है. ICICI बैंक का पुराना पादरा रRoad Vadodara Gujarat India में स्थित है यही ICICI की बात करे तो यह मुंबई महाराष्ट्र भारत में स्थित है.
ICICI बैंक को अपने ऋणों की वसूली में inappropriate behavior करने के allegations का भी सामना करना पड़ा था. ये आरोप तब शुरू हुए जब वसूली Agent और बैंक कर्मचारियों ने बकायेदारों को धमकाना शुरू कर दिया. कुछ आत्महत्या के मामलो में suicide नोट मिले जिसमें बैंक की वसूली के तरीकों को आत्महत्या का कारण बताया. इसके कारण बहुत सारी कानूनी लड़ाई हुई और icici bank को भारी भरपाई चुकानी पड़ी. 14 मार्च 2013 को online magazine cobrapost ने ऑपरेशन रेड स्पाइडर से उच्च-श्रेणी के अधिकारियों और ICICI बैंक के कुछ employees को काले धन को सफेद में बदलने के लिए सहमत करते हुए Video फुटेज जारी किया. Indian government और भारतीय रिजर्व बैंक ने खुलासे के बाद एक जांच का आदेश दिया. 15 मार्च 2013 को ICICI बैंक ने 18 employees को निलंबित कर दिया. 11 अप्रैल 2013 को RBI के उप-गवर्नर, एच आर खान ने कथित तौर पर कहा कि केंद्रीय बैंक मनी लॉन्ड्रिंग के allegations के संबंध में ICICI बैंक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर रहा है.
ICICI bank की स्थापना मूल रूप सन् 1994 में ICICI limited द्वारा भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में की गई थी. ICICI bank का गठन सन 1995 में विश्व bank, भारत सरकार और भारतीय उघोग के प्रतिनिधियों की पहल से किया गया था. भारतीय व्यवसायों के लिए medium term और long term परियोजना वित्तपोषण प्रदान करने के उद्देश से इस bank की स्थपाना की गई थी. ये bank एक private bank होने के साथ ही हमारे भारत का तीसरा सबसे बड़ा bank हैं. ICICI bank की पूरे देश में लगभग 5000 शाखाएं हैं, और पूरे देश में लगभग 15,000 ATM मशीनें मौजूद हैं. इतना ही नहीं यह भारत सहित अन्य 19 देशों में भी इस bank की मौजूदगी है.
ICICI Bank कौन-कौन सी Service प्रोवाइड करता है आइये जानते है, ICICI Bank भारत के साथ-साथ दुनिया के लगभग सभी बड़े देशो में bank से जुडी हुई बहुत सी services प्रोवाइड करता है. ICICI Bank द्वारा प्रोवाइड कराई जाने वाली कुछ service के नाम इस प्रकार है −
Credit Cards
Mortgage Loans
Personal Loans
Consumer Banking
Private Banking
Corporate Banking
Wealth Management
Finance And Insurance
Investment Banking
Trade And Retail Forex
Payment Solutions
ICICI Bank की स्थापना सन 1994 ई. में हुई, और यह एक private bank हैं.
ICICI Bank भारत का तीसरा सबसे बड़ा bank हैं.
सन 1994 में आईसीआईसीआई बैंक की स्थापना ICICI Limited द्वारा की गयी थी जो की एक भारतीय वित्तीय संस्थान है.
आईसीआईसीआई बैंक का वर्तमान में पूरे भारत में 4,874 शाखाओं और 14,367 एटीएम का एक बड़ा नेटवर्क है.
ICICI Bank के बोर्ड के सदस्यों में International Business, Management Consulting, Banking और वित्तीय सेवाओं में अनुभव के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं.
ICICI Bank की यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में बैंक की सहायक कंपनियां हैं.
आईसीआईसीआई बैंक की शाखाएं सSingapore, Bahrain, Hong Kong, Sri Lanka, USA, Qatar, Oman, दुबई अंतर्राष्ट्रीय वित्त केंद्र, चीन और दक्षिण अफ्रीका में है और आईसीआईसीआई बैंक के प्रतिनीधि संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, मलेशिया और इंडोनेशिया में है.
1999 में आईसीआईसीआई बैंक NYSE पर लिस्ट होने वाली पहली Indian company और गैर-जापान एशिया से पहला बैंक या वित्तीय संस्थान बन गया.
आईसीआईसीआई बैंक भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर का बैंक है जिसकी कुल समेकित संपत्ति 31 मार्च, 2018 को 11,242.81 बिलियन (यूएस $ 172.5 बिलियन) और टेक्स के बाद लाभ.
31 मार्च, 2018 को समाप्त वर्ष के लिए 67.77 बिलियन (US $ 1.0 बिलियन) है.
ICICI Bank के कर्मचारियों किस संख्या 2017 के आकड़ो के अनुसार, लगभग 84,096 थी.
ICICI Bank की भारत में लगभग 4,850 शाखाएँ हैं और ATM की संख्या लगभग 14,404 है, यह 19 अन्य देशों में भी मौजूद है.
1. क्या हम आईसीआईसीआई में जीरो-बैलेंस खाता खोल सकते हैं?
ए: हां, आईसीआईसीआई के साथ जीरो-बैलेंस खाता खोलना संभव है. आपको इस मूल बचत खाते के साथ न्यूनतम मासिक शेष राशि बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है. डेबिट कार्ड रखने के लिए भी आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा. नवीनतम विवरण के लिए कृपया अपनी निकटतम शाखा में जाएँ.
2. आईसीआईसीआई सेविंग्स अकाउंट के लिए आपको न्यूनतम बैलेंस कितना रखना होगा?
ए: आईसीआईसीआई में बचत खाता खोलने की कम राशि मेट्रो और शहरी स्थानों में 10000 रुपये है. यह अर्ध-शहरी के लिए 5000 रुपये और ग्रामीण स्थानों में 2000 रुपये है. नवीनतम विवरण के लिए कृपया अपनी निकटतम शाखा में जाएँ.
3. आईसीआईसीआई का पूर्ण रूप क्या है?
ए: आईसीआईसीआई संक्षिप्त नाम भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम के लिए है. वित्तीय संस्थान की स्थापना 1955 में और बैंक की स्थापना 1994 में हुई थी.
हम आशा करते है की यह Article आपको पसंद आया होगा इस Article में बताया गया है की ICICI बैंक फुल फॉर्म क्या है. इसके अतिरिक्त भी कई सवालो के जवाब इस आर्टिकल में जोड़े गए है जिन्हे पढ़कर आप समझ सकते है और ICICI बैंक से जुडी अधिक जानकारी जान सकते है. जैसे कि हमने इस Post में जाना कि ICICI का फुल फ़ॉर्म क्या हैं और साथ ही इस Bank की product और सेवाएं के साथ कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की. अगर आप ICICI का full form पहले से नहीं जानते थे तो उम्मीद है अब आपकों यह पता हो चुकी है. ICICI Bank के पूरे देश, विदेश में लाखों Customers है लेकिन उन्हे इसके बारे में जानकारी नहीं होती हैं इसलिए इस post को अपने दोस्तों, परिवार, समाज एवं रिश्तेदारों के साथ share जरूर करें ताकि वे भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सके.