BE Full Form in Hindi, BE Kya Hota Hai, BE का Full Form क्या हैं, BE का फुल फॉर्म क्या है, Full Form of BE in Hindi, BE किसे कहते है, BE का फुल फॉर्म इन हिंदी, BE का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, दोस्तों क्या आपको पता है BE की Full Form क्या है और BE होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस पोस्ट में आपको BE की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स BE Full Form in Hindi में और BE की पूरी इतिहास जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।
BE की फुल फॉर्म “Bachelor of Engineering” होती है, BE को हिंदी में “यन्त्रशास्त्र स्नातक” कहते है, BE एक इंजीनियरिंग कोर्स है यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय Courses में एक है, BE चार साल का कोर्स होता है. जिसके अंतर्गत कई ब्राँच होती हैं जिनमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर साइंस, आई टी, सिविल ये प्रमुख हैं. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।
BE का मतलब बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग होता है, जैसा की हमने ऊपर भी बताया है, की यह इंजीनियरिंग में चार साल का स्नातक डिग्री कार्यक्रम है. यह भारत, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई जैसे कई देशों में प्रदान किया जाता है. BE की डिग्री को दोस्तों B.tech की डिग्री के बराबर माना जाता है और इंजीनियरिंग की कई शाखाओं में IIT, NIT, राज्यों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कई अन्य निजी संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जाता है।
BE में Admission लेने के लिए Students को Entrance Exam पास करना होता है. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की कुछ Entrance एग्जाम तो राज्य स्तर पर होते हैं और कुछ कॉलेज अपना एक अलग ही एग्जाम कराते हैं. इसके बाद मेरिट के आधार पर ही Students को कॉलेज मिलता है, जिन Students के अच्छी रैंक होती है उन्हें Government college मिल जाते हैं जिनमें फ़ीस भी कम होती है और जिन Students की रैंक अच्छी नहीं होती उनको Private college में Admission मिलता है।
दोस्तों BE में प्रवेश लेने के लिए छात्र में निम्न योग्यताएं होनी चाहिए
BE में प्रवेश लेने के लिए छात्र का भारतीय नागरिक होना आनिवार्य है.
BE में प्रवेश लेने के लिए छात्र का 12 वीं क्लास को पास करना बहुत ही जरूरी माना गया है.
इस कोर्स को करने के लिए छात्र की मान्यता प्राप्त बोर्ड से इंटर और हाईस्कूल होनी चाहिए.
BE में प्रवेश लेने के लिए छात्र के पास 12 वीं में कम से कम 55% मार्क्स हों (हालाँकि कुछ कॉलेज केवल 70% मार्क्स वाले छात्रों को ही लेते हैं)
एक छात्र अपनी रुचि के अनुसार निम्नलिखित में से किसी भी शाखा में BE की डिग्री प्राप्त कर सकता है:
Electrical Engineering
Computer Science and Engineering
Mechanical Engineering
Civil Engineering
Chemical Engineering
Information Technology
Aerospace Engineering
Textiles Engineering
Mining Engineering
Electronics and Telecommunication Engineering
Automotive Engineering etc.
इन पाठ्यक्रमों की अवधि भारत में 4 वर्ष है, लेकिन यह देश के अनुसार भिन्न हो सकते हैं. देश के आधार पर इसकी अवधि 3 वर्ष से 5 वर्ष तक भिन्न हो सकती है. हर शाखा का अपना विषय निर्धारित होता है।
Indian Institute of Technology, Guwahati
Indian Institute of Technology, Kanpur
Indian Institute of Technology, Delhi
Indian Institute of Technology, Kharagpur
Indian Institute of Technology, Roorkee
Indian Institute of Technology, Madras
Indian Institute of Technology, Guwahati
Indian School of Mines, Dhanbad
Birla Institute of Technology and Science, Pilani
Institute of Chemical Technology, Mumbai
Bharati Vidyapeeth Deemed University College of Engineering, Pune
दिल्ली विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (DUCEE)
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET), पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
गुजरात कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (GUJCET)
बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा (BCECE)
गोवा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (GCET)
उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (UPSEE)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT-JEE)
इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट)
अखिल भारतीय इंजीनियरिंग / फार्मेसी / वास्तुकला प्रवेश परीक्षा (AIEEE)
राजस्थान प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (REPT)
BE करने के बाद आपको किस काम मिलता है और कितनी सैलरी मिलती है आइये जानते है. दोस्तों जैसा की हम जानते है, BE करने के बाद छात्रों को कॉलेज से ही प्लेसमेंट आसानी से मिल जाता है, अगर किसी छात्र को किसी कारण वश प्लेसमेंट नहीं मिलता तो प्राइवेट कम्पनी में आप इंटरव्यू देकर आसानी से जॉब ले सकते हैं. BE करने से छात्रों को सिविल इंजिनियर, मैकेनिकल इंजिनियर, कंप्यूटर इंजिनियर की नौकरी मिलती है. शुरुआत में छात्रों को 15 से 20 हजार की नौकरी मिलती है और इसके बाद जब अनुभव काफी हो जाता है तो सैलरी लाखों में भी पहुंच जाती है. कुछ लोग अपनी खुद की कम्पनी भी स्टार्ट करते हैं।