MLT Full Form in Hindi




MLT Full Form in Hindi - MLT की पूरी जानकारी?

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MLT Full Form in Hindi

MLT की फुल फॉर्म “Medical Lab Technician” होती है, MLT को हिंदी में “मेडिकल लैब तकनीशियन ” कहते है. मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में रोगों के निदान और इलाज में तकनीकों का अनुप्रयोग शामिल है. इसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है जैसे क्लिनिकल लेबोरेटरी साइंस या क्लीनिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी या मेडिकल लेबोरेटरी साइंस. चलिए अब आगे बढ़ते है और आपको इसके बारे में थोडा और विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाते है।

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में क्लिनिकल प्रयोगशाला एक महत्वपूर्ण रोल अदा करती है. जैसा की हम सभी जानते है, वर्तमान समय में हर कोई बहुत बिजी लाइफ गुजार रहा और इस busy schedule के चलते है लोग अपनी सेहत का ख्याल भी नहीं रख पते है. दोस्तों इसीलिये हमारे देश में चिकित्सा की तरह बहुत ज्यादा धियान दिया जा रहा है. छोटी सी छोटी बीमारी के लिए डॉक्टर मरीजो को विभिन्न तरह की जांचे कराते है ताकि असली मर्ज और उसकी स्तिथि का पता चल सके, ऐसे में सही इलाज और दवा के लिए क्लिनिकल प्रयोगशाला की भूमिका अहम हो जाती है. ऐसी प्रयोगशालाओ पर काम करने के लिए प्रशिक्षित Technician की जरूरत होती है. इन प्रशिक्षित Technician को चिकित्सा के क्षेत्र में Medical Lab Technician कहते है. Medical Lab Technician यह चिकित्सा विज्ञान का पूरक है। इसमें शरीर के द्रव्य जैसे द्रव, ऊतक और रक्त का विश्लेषण शामिल है. शरीर में खून , खून के प्रकार ,सैल और अन्य अवस्थाओ का विश्लेष्ण करता है. विज्ञान के इस क्षेत्र में, सभी प्रकार के मानव तरल पदार्थ, जैसे रक्त, मूत्र, मल, स्पुतम, श्लेष-द्रव, सेरेब्रो-स्पाइनल द्रव आदि सूक्ष्म परीक्षण के तहत आते हैं, जो डॉक्टरों को रोग का सही निदान करने में सहायता करते हैं।

What is MLT in Hindi

Medical Lab Technician डॉक्टरो के निर्देशों पर काम करते है. उपकरणों की रख रखाव और कई तरह के काम इनके जिम्मे होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की Lab में नमूनों की जांच और विश्लेष्ण में काम आने वाला घोल Lab Technician ही बनाते है. इन्हें Medical Science के साथ साथ लैब सुरक्षा नियमो और जरुरतो के बारे में पूरा ज्ञान होता है. Lab Technician नमूनों की जांच का काम करते है लेकिन वे इसके परिणामो के विश्लेषण Pathologist या Lab Technologist ही कर सकता है. जांच के दौरान MLT कुछ सैंपलों को आगे की की जांच या फिर जरूरत के अनुसार उन्हें सुरक्षित भी रख लेता है. यहाँ आपका यह जानना बहुत जरूरी है की, MLT का काम बहुत ही जिम्मेदारी और चुनौती भरा होता है | इसमें धैर्य और निपुणता की बड़ी आवश्कता होती है. जमा किये गये डाटा की सुरक्षा और गोपनीयता की भी जिम्मेदारी उसकी होती है |

यह एक नौकरी उन्मुख चिकित्सा क्षेत्र है। इन दिनों कई छात्र मेडिकल प्रयोगशाला तकनीशियन के रूप में अपना करियर बना रहे हैं. एक प्रयोगशाला तकनीशियन / टेक्नोलॉजिस्ट सभी प्रकार की चिकित्सा मशीनरी का विश्लेषण करता है जैसे विश्लेषक और एक नमूना तैयार करते हैं. वह तकनीशियनों को उसी के अनुसार काम करने की दिशा देता है. लगभग सभी शीर्ष क्रम के चिकित्सा संस्थान चिकित्सा प्रयोगशाला तकनीशियनों की पेशकश करते हैं। कोई डिप्लोमा, यूजी और पीजी कोर्स कर सकता है. एमएलटी पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले शीर्ष-रैंक वाले संस्थान

  • AIIMS

  • The University of Medical Science, GTB Hospital, New Delhi.

  • Post Graduate Institute of Medical Education and Research, Chandigarh.

  • Punjab Technical University, Punjab.

  • Kerala Institute of Medical Science, Thiruvananthapuram.

बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी सबसे पसंदीदा कोर्स में से एक है. अधिकांश छात्र इस कोर्स का विकल्प चुनते हैं. इस पाठ्यक्रम में, छात्र कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकता है. विशेषज्ञता के क्षेत्र में से कुछ हैं - माइक्रोबायोलॉजी, हेमेटोलॉजी, क्लिनिकल केमिस्ट्री, क्लिनिकल बायो-केमिस्ट्री, क्लिनिकल पैथोलॉजी, बायोस्टैटिस्टिक्स, इम्यून पैथोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और इम्यूनोलॉजिकल टेक्नीक, पैरासिटोलॉजी, बायोमेडिकल टेक्निक्स, सेरोलॉजी, सिटोलॉजिस्ट, फेलोबॉटमी, हिस्टोलोजी, यूरीनालिसिस रेडियोलॉजी, वायरोलॉजी, टॉक्सिकोलॉजी, जीवाणु विज्ञान, अल्ट्रासोनोग्राफी, हिस्टोपैथोलॉजी, हिस्टोकम्पैटिबिलिटी, वायरोलॉजी, माइकोलॉजी, साइटोपैथोलॉजी, जेनेटिक्स, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, साइटोजेनेटिक्स।

Eligibility criteria for MLT

इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एक छात्र को विशेष रूप से जीव विज्ञान में कक्षा 12 वीं के विज्ञान विषयों को पूरा करना चाहिए. अंडरग्रेजुएट या डिप्लोमा कोर्स के लिए पात्र बनने के लिए उसके पास कुल अंक में न्यूनतम 45% अंक होने चाहिए. CMLT छह महीने का कोर्स है जिसके लिए योग्यता है, 10 वी पास वही मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा के लिए 12वी पास होना जरुरी है. इस कोर्स की अवधि है दो वर्ष | 12वी प्रमुख विषय के रूप में PCB अथवा PCM के साथ पास होना अनिवार्य है. बीएससी चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में के लिए 12 वी विज्ञान विषयों के साथ पास होना अनिवार्य है. BSC in M.L.T. की अवधि तीन वर्ष है. एमएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट में प्रोग्राम के में प्रवेश करने के लिए अभ्यर्थी के पास पहले हाई स्कूल डिप्लोमा होना चाहिए ,इसके बाद 2 साल का एसोसिएट प्रोग्राम करना होते है. यह प्रोग्राम कम्युनिटी कॉलेज , टेक्निकल स्कूल ,वोकेशनल स्कूल या विश्वविद्यालय द्वारा कराया जाता है. इनमे से किसी भी कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा हो भी सकती है या नही भी , ये संस्थान पर निर्भर करता है. जाने माने कॉलेज में तो प्रवेश परीक्षा होती है बाकि सामान्यत: बिना प्रवेश परीक्षा के मेरिट के आधार पर ही चयन हो जाता है।

Job opportunity for MLT

Medical Lab Technician को काम की निपुणता और जरूरत के अनुसार प्रशिक्ष्ण की जरूरत पडती है. छात्र इस तरह के प्रशिक्ष्ण लबोरट्री कार्यो के दौरान ही साथ साथ प्राप्त कर सकते है. अधिकतर प्रान्तों में Medical Lab Technician के लिए कोई प्रमाण पत्र की जरूरत नही होती है. लेकिन कुछ राज्यों ने इन Medical Lab Technician के पास काम करने के लिए प्रमाण पत्र होना जरुरी है. प्रमाण पत्र वाले Medical Lab Technician के लिए इस क्षेत्र में बेहतर सम्भावनाये है. आप किसी भी Medical Lab ,Hospital , Pathologist के साथ काम कर सकते है।

Blood बैंक में इनकी खासी मांग रहती है. आप बतौर Researcher एवं सलाहकार के अलावा खुद का क्लिनिक भी खोल सकते है. सामान्य तौर पर MLT का वेतन 8000 से शुरू होता है जबकि पैथोलोजिस्ट को तीस से चालीस हजार रूपये तक सैलरी मिल जाती है. साथ हे योग्यता और अनुभव के आधार पर उनके वेतन में इजाफा होता चला जाता है. देश के साथ साथ विदेशो में भी इनके खासी मांग है।

B.Sc मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (MLT) अमृता सेंटर फॉर एलाइड हेल्थ साइंसेज द्वारा प्रस्तुत एक अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है. मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी एक संबद्ध स्वास्थ्य विशेषता है जो नैदानिक ​​प्रयोगशाला tests के उपयोग के माध्यम से रोगों के निदान, उपचार और रोकथाम से संबंधित है. हालांकि मेडिकल लैब Technologist डॉक्टरों और नर्सों की तुलना में रोगियों के साथ कम समय बिताते हैं, लेकिन मेडिकल लैबोरेटरी पेशेवर मरीज के स्वास्थ्य के लिए समर्पित हैं।

स्वास्थ्य देखभाल टीम के महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में, चिकित्सा प्रयोगशाला पेशेवर एक बीमार या घायल रोगी को सबसे अच्छी देखभाल देने के लिए आवश्यक जानकारी एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तथ्य यह है कि प्रयोगशाला में किए गए tests के बिना आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास असंभव होगा. चिकित्सा प्रयोगशाला पेशेवरों के पास अभ्यास सेटिंग्स के असीमित विकल्प हैं। अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, और व्यावसायिक प्रयोगशालाएं सभी अभी योग्य प्रयोगशाला पेशेवरों के लिए खुले हैं।

इन सेटिंग्स में, संचार और Research skills अत्यधिक मूल्यवान हैं. नैदानिक ​​प्रयोगशाला श्रमिकों के रोजगार बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि जनसंख्या वृद्धि और नए प्रकार के tests के विकास के साथ प्रयोगशाला tests की मात्रा बढ़ जाती है. अब मेडिकल फील्ड में भी राहों की कमी नहीं है. बायोलॉजी के हर स्टुडेंट की ख्वाहिश होती है कि वह डॉक्टर बने. लेकिन अगर वह उसमें सफल नहीं होते, तो निराश होने की जरूरत नहीं है. मेडिकल में अन्य फील्ड भी हैं जहां जॉब की अच्छी संभावनाएं हैं. उनमें से एक है- मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी. मेडिकल लैबोरेटरी Technologist की डिमांड निजी और गवर्नमेंट फील्ड्स में भी खूब है।

जैसा की हम सभी जानते है, जनसंख्या वृद्धि कारण हमारे देश में कई तरह तरह की बीमारीयों ने जानम ले लिए है, लोगों की हेल्थ के लिए वर्तमान समय में हमारे देश में ज्यादा से ज्यादा LMT को ओपन किया जा रह रहा है. Lab Technologist के रूप में करियर बनाने के लिए कई रास्ते खुल गए हैं. इसके लिए Certificate इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन Medical Laboratory Technology जैसे कोर्स किए जा सकते हैं. आम तौर पर ऐसे कोर्स 12वीं के बाद किए जा सकते हैं. डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं में बायोलॉजी सब्जेक्ट होना जरूरी है. जिसकी अवधि दो वर्ष की होती है. ऐसे इंस्टीट्यूट में एडमिशन लें, जहां अच्छे लैब उपकरण हों।

इस फील्ड में जॉब तो बीएससी या डिप्लोमा करके ही हासिल किया जा सकता है. लेकिन किसी अच्छे सब्जेक्ट से पोस्ट ग्रेजुएशन कर लेने से ऑप्शन बढ़ जाते हैं और डिमांड एक स्पेशलिस्ट के रूप होने लगती है. इस फील्ड में दो तरह के प्रोफेशनल्स काम करते हैं. एक Medical laboratory technician और दूसरे मेडिकल लैबोरेटरी Technologist. आम तौर पर टेक्निशियन के काम को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है- नमूना तैयार करना, जांच की मशीनों को ऑपरेट करना और उनका रखरखाव तथा जांच की रिपोर्ट तैयार करना. वहीं मेडिकल लैबोरेटरी Technologist रोगी के खून की जांच, टीशू, Microorganism screening, केमिकल एनालिसिस और सेल काउंट से जुड़े परीक्षण को अंजाम देता है।