PGDM Full Form in Hindi




PGDM Full Form in Hindi - पीजीडीएम क्या है?

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PGDM Full Form in Hindi

PGDM की फुल फॉर्म "Post Graduate Diploma in Management" होती है. और इसका हिंदी में अर्थ/मतलब "प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा" होता है. PGDM भारत में कई संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले दो साल का Full Time Management Course है. आइये अब इसके बारे में कुछ अन्य जानकारी प्राप्त करते हैं.

PGDM का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है. हिंदी में PGDM का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है. यह भारत में दो साल का full time प्रबंधन पाठ्यक्रम है. PGDM पाठ्यक्रम अर्थशास्त्र, संगठन और व्यवहार, वित्त और लेखा, प्रबंधन नियंत्रण, विपणन, मानव संसाधन प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में आवश्यक कौशल और ज्ञान विकसित करने पर केंद्रित है. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (PGDM) पाठ्यक्रम को चार या छह सेमेस्टर में विभाजित किया जा सकता है. विभिन्न संस्थानों और उनके पाठ्यक्रम पर निर्भर करता है. भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत AICTE द्वारा भारत में PGDM पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों को मंजूरी दी जाती है. PGDM का full form Post Graduate Diploma in Management है. हिंदी में PGDM का Full Form Post Graduate Diploma इन मैनेजमेंट है. यह भारत में दो साल का full time प्रबंधन पाठ्यक्रम है. PGDM पाठ्यक्रम अर्थशास्त्र, संगठन और व्यवहार, वित्त और लेखा, प्रबंधन नियंत्रण, विपणन, मानव संसाधन प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में आवश्यक कौशल और ज्ञान विकसित करने पर केंद्रित है. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (PGDM) पाठ्यक्रम को चार या छह सेमेस्टर में विभाजित किया जा सकता है. विभिन्न संस्थानों और उनके पाठ्यक्रम पर निर्भर करता है. भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत AICTE द्वारा भारत में PGDM पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों को मंजूरी दी जाती है.

PGDM क्या है? What is PGDM in Hindi?

PGDM स्नातक के बाद करने वाली एक कोर्स है. इस कोर्स की पढ़ाई भारत के अधिकतर इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी में होती है. इस कोर्स को पूरा करने के लिए 2 वर्ष का समय लगता है. हर साल भारत में PGDM के कोर्स करने वाले छात्रों की वृद्धि होती ही जा रही है क्योंकि इसकी मदद से प्रबंधन या व्यवसाय क्षेत्र में आसानी से लोग नौकरी करके अपना करियर बना सकते हैं.

PGDM क्या है व यह कोर्स कैसे करते है इन सब के बारे में बताने से पहले हम आपको इसका पूरा नाम क्या होता है इसके बारे में जानकारी बता रहे है. देश में कई सारी संस्था हाल में PGDM कोर्स करवाती है व इस कोर्स के लिए किसी भी संस्था को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् AICTE के द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है व यह एक फुल टाइम का management course होता है व इसमें आपके पाठ्यक्रम के आधार पर आपके अलग अलग सेमीनार हो सकते है जैसे की 4 अथवा 6 सेमीनार में इसकी विभाजित किया जा सकता है. जो जो संस्था PGDM का कार्स करवाती है उन सभी संसथान को AICTE से मान्यता प्राप्त करनी जरुरी है तभी वो आपको यह कोर्स करवा सकते है व यह काफी हद तक MBA के समान हो होता है जैसे की MBA में आपको डिग्री दी जाती है वैसे ही PGDM में आपको पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा दिया जायेगा व यह किसी भी प्रकार के विश्वविधालय से सम्बंधित नहीं होते है इनको डिप्लोमा कोर्स के रूप में ही माना जाता है.

अगर आप इस कोर्स को करना चाहते है तो इसके लिए आपके पास सबसे पहले तो बेचलर डिग्री होनी जरुरी है व इसके साथ ही आपके डिग्री में 50 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है अगर आपकी रूचि PGDM कोर्स को करने में है तो इसके लिए आपको सबसे पहले तो बाहरवीं उत्तीर्ण करनी होगी उसके बाद आपको ग्रेडुएशन में admission लेना होता है व उसके बाद आपको 3 वर्ष की collage की पढाई करनी होती है व इसके बाद आप PGDM कर सकते है व इस बात का भी आपको ध्यान रखना जरुरी है की उसमे किसी भी आवेदक के 10वी, 12वी और ग्रेजुएशन के पिछले शैक्षणिक Performance के आधार पर गणना की जाती है. PGDM करने से पहले आपको इसके Entrance Exam देने होते है व इसके Entrance Exam को उत्तीर्ण करने के बाद ही आप इसकी परीक्षा को दे सकते है व इसमें आप आवेदन कर सकते है व इसके अलावा कई सारे संसथान ऐसे भी है जो CAT स्कोर और Group Discussion एवं Personal Interview के आधार पर कैंडिडेट को इसमें एडमिशन देते है पर अधिकांश संसथान में आपको इसमें एडमिशन लेने के लिए Entrance Exam देना जरुरी होता है.

PGDM उन छात्रों के बीच एक बहुत ही उच्च मांग वाला कोर्स है जो प्रबंधन क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं. लगातार बदलती दुनिया के साथ, संगठनों, संस्थानों, कंपनियों आदि की आवश्यकताएं भी बदल रही हैं. दुनिया भर में प्रबंधकों, नेताओं, कार्यात्मक प्रमुखों और विशिष्ट कार्यकारी अधिकारियों की भारी मांग है. किसी भी स्ट्रीम के छात्र इस कोर्स को चुन सकते हैं: PGDM सिलेबस को किसी भी क्षेत्र के छात्रों के करियर को आकार देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. आवश्यक प्रतिशत के साथ किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री रखने वाले छात्र अपने समग्र विकास के लिए पीजीडीएम पाठ्यक्रम के लिए जा सकते हैं. अंतःविषय पाठ्यक्रम: पीजीडीएम उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रबंधन, लेखा, अर्थशास्त्र आदि जैसी धाराओं के संलयन के साथ एक अंतःविषय पाठ्यक्रम है. पीजीडीएम पाठ्यक्रम छात्रों को केवल एक विषय में कुशल होने के बजाय व्यापक ज्ञान प्रदान करता है. फ्यूचर मैनेजर्स की तैयारी: देश में क्वालिटी मैनेजर्स की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. अक्सर संगठनों ने उद्योग मानकों को पूरा करने के लिए अपने प्रशिक्षण और विकास के लिए एक बड़ी राशि खर्च की. पीजीडीएम पाठ्यक्रम छात्रों को उद्योगों और बाजारों की वर्तमान आवश्यकता के साथ खुद को स्थापित करने में मदद करता है. वर्तमान वेतन या नौकरी की स्थिति पर लाभ: पीजीडीएम पाठ्यक्रम उम्मीदवारों को पिरामिड में सीढ़ी चढ़ने में मदद करता है. यह मौजूदा बाजार की आवश्यकताओं के साथ खुद को अपडेट करके वेतन वृद्धि, पदोन्नति, सीवी वृद्धि आदि प्रदान करता है.

कॉर्पोरेट संस्कृति के उदय के साथ-साथ भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहन के साथ, अधिक से अधिक छात्र प्रबंधन अध्ययन का विकल्प चुन रहे हैं. प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले संस्थानों और विश्वविद्यालयों की कोई कमी नहीं है. वास्तव में, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्रों में करीब 3,500 प्रबंधन संस्थान हैं, जो दिल्ली में एक ही शैक्षणिक श्रेणी - एमबीए पाठ्यक्रम के तहत सभी पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं. हालांकि, भारतीय छात्रों को अक्सर ऐसे दो पाठ्यक्रमों जैसे एमबीए और पीजीडीएम के चुनाव का सामना करना पड़ता है. उम्मीदवार अक्सर शीर्षक के साथ-साथ सामग्री में अंतर के बारे में अनिश्चित होते हैं. इससे बहुत भ्रम होता है कि किस कोर्स को चुनना चाहिए और क्यों. भारत में MBA और PGDM पाठ्यक्रमों के बीच अंतर को समझने के लिए आपकी मार्गदर्शिका यहां दी गई है.

PGDM का मतलब प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा है जो प्रबंधन के क्षेत्र में दो साल का PG डिप्लोमा पाठ्यक्रम है. शीर्ष स्तर से लेकर क्षेत्रीय संस्थान तक लगभग हर प्रबंधन संस्थान यह डिप्लोमा प्रदान करता है. छात्र इस प्रबंधन पाठ्यक्रम को पूर्णकालिक या अंशकालिक रूप से कर सकते हैं. PGDM कोर्स की अवधि दो वर्ष है. छात्रों को कैट, मैट, एक्सएटी और अन्य जैसे राष्ट्रीय या राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के लिए अर्हता प्राप्त करनी होती है. छात्र अपनी रुचि और कौशल के अनुसार पीजीडीएम में विशेषज्ञता का चयन कर सकते हैं. PGDM में विशेषज्ञता में वित्तीय प्रबंधन, विपणन, मानव संसाधन आदि शामिल हैं.

पीजीडीएम एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त स्वायत्त बी-स्कूलों द्वारा पेश किया जाने वाला 2 साल का डिप्लोमा कार्यक्रम है जो प्रबंधन का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने पर केंद्रित है. PGDM का फुल फॉर्म पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है और अगर कॉलेज AIU द्वारा मान्यता प्राप्त है तो MBA के बराबर है. पीजीडीएम पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्ष है और पाठ्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, उम्मीदवारों को प्रबंधन से अधिमानतः स्नातक पूरा करना होगा. लेकिन किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं. PGDM प्रवेश ज्यादातर MAT, CAT, XAT, और अधिक जैसे प्रवेश परीक्षाओं पर आधारित है. बहुत सारे कामकाजी पेशेवर और छात्र इस प्रबंधन पाठ्यक्रम को पसंद करते हैं क्योंकि पीजीडीएम पाठ्यक्रम बाजार और उद्योग उन्मुख है. यह बाजार में मौजूदा रुझानों का अनुसरण करता है और उसी के अनुसार अपने पाठ्यक्रम को ढालता है.

PGDM का फुलफॉर्म Post Graduate Diploma in Management होता है. यह कोर्स भारत में कई संस्थानों द्वारा कराया जाता है जो दो साल का पूर्णकालिक प्रबंधन पाठ्यक्रम है. इस कोर्स को विभिन्न संस्थानों और उनके पाठ्यक्रम के आधार पर चार या छह सेमेस्टर में विभाजित किया जा सकता है.भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत AICTE द्वारा भारत में PGDM पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों को मंजूरी दी जाती है. PGDM के कोर्स संरचना और विषय लगभग MBA के समान है. PGDM और MBA बीच एकमात्र अंतर यह है कि एमबीए एक डिग्री प्रदान करता है जबकि पीजीडीएम एक स्नातकोत्तर डिप्लोमा है. PGDM कार्यक्रम किसी भी विश्वविद्यालय से संबद्ध नहीं हो सकते हैं, इसलिए इसे डिग्री पाठ्यक्रम नहीं माना जाना चाहिए.

PGDM का मतलब पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है.

पीजीडीएम का क्या मतलब है?

PGDM प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा का प्रतिनिधित्व करता है. यह भारत में कई फाउंडेशनों द्वारा पेश किया जाने वाला दो साल का पूर्णकालिक कार्यकारी पाठ्यक्रम है. इस पाठ्यक्रम को विभिन्न प्रतिष्ठानों और उनकी शैक्षिक योजना के आधार पर चार या छह सेमेस्टर में विभाजित किया जा सकता है. भारत में पीजीडीएम पाठ्यक्रम चलाने वाले फाउंडेशन, भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत एआईसीटीई द्वारा समर्थित हैं. पीजीडीएम की पाठ्यक्रम संरचना और विषय व्यावहारिक रूप से एमबीए की तरह हैं. उनके बीच मुख्य अंतर यह है कि एमबीए डिग्री देता है जबकि पीजीडीएम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा है. पीजीडीएम परियोजनाओं को किसी भी कॉलेज के साथ भागीदारी नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसे डिग्री कोर्स के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. पीजीडीएम पाठ्यक्रमों को दूरस्थ शिक्षा शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाया जा सकता है जिसे पूर्णकालिक पाठ्यक्रम के समान माना जाता है.

PGDM में कौन से विषय शामिल हैं?

यदि आप पीजीडीएम पाठ्यक्रम का चयन करने के बारे में सोच रहे हैं, तो नीचे कुछ विषयों की सूची शामिल है-

  • विपणन

  • मानव संसाधन

  • वित्त

  • लेखांकन

  • संचालन प्रबंधन

  • सूचान प्रौद्योगिकी

  • आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन आदि.

पीजीडीएम के अंतिम सेमेस्टर में आप उनकी रुचि के अनुसार विशेषज्ञता के लिए एक विषय चुन सकते हैं.

पीजीडीएम कोर्स की अवधि ?

यह (पीजीडीएम) भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त फाउंडेशनों द्वारा पेश किया जाने वाला एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम है और जो स्वशासी हैं और किसी कॉलेज से संबद्ध नहीं हैं. पीजीडीएम कोर्स की लंबाई दो साल है. पीजीडीएम पाठ्यक्रम की शैक्षिक योजना व्यवसाय के सामान्य ज्ञान पर केंद्रित है, न कि एमबीए पाठ्यक्रम की तरह जो व्यवसाय के काल्पनिक पक्ष की ओर प्रेरित है. एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) द्वारा लाइसेंस प्राप्त होने पर, यह पीजीडीएम पाठ्यक्रम को एमबीए के समान बनाता है. यह एफपीएम या डॉक्टरेट जैसी आगे की परीक्षाओं को चुनने की संभावना को सक्षम बनाता है जिसके लिए एमबीए की डिग्री की आवश्यकता होती है, डिप्लोमा की नहीं. PGDM व्यवहार और सॉफ्ट स्किल्स और वैचारिक ज्ञान विकसित करने की एक योजना है. PGDM पाठ्यक्रम एक सामान्य व्यक्ति को उत्तरोत्तर उद्योग-व्यवस्थित बनने में सक्षम बनाता है.

भारत में शीर्ष विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठान जो अपनी शैक्षिक योजनाओं के एक घटक के रूप में पीजीडीएम पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, उनमें शामिल हैं:

आईआईएम बैंगलोर

प्रबंधन अध्ययन संकाय, दिल्ली

सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, पुणे

आईआईएम कलकत्ता

पीजीडीएम पाठ्यक्रमों के पूर्व छात्र तेल और गैस, फार्मास्यूटिकल्स, बैंकिंग और वित्त, एफएमसीजी, दूरसंचार, आदि सहित राष्ट्रीय और विश्वव्यापी संगठनों को चलाने में उपयोग किए जाने के योग्य हैं.

PGDM कोर्स में दाखिला कैसे लें ?

PGDM Course करवाने के लिए सभी Institutes ने अलग-अलग Requirements रखी होती है जैसे अधिकतर संस्थान PGDM Course करवाने के लिए Entrance exams करवाते हैं.

Entrance exams में पास होने के बाद एस्पीरेंटस को अगले राउंड के लिए बुलाया जाता है जिसमें उनको Writing test, Group Discussion और अंत में Interview राउंड क्लीयर करना होता है.

PGDM Course में एडमीशन लेने के लिए छात्र का ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य शर्त रखी हुई है. लेकिन अनुसूचित जाति/जनजाति कोटा वाले छात्रों को 45 प्रतिशत अंकों के साथ एडमीशन मिल जाती है.

CAT,MAT,XAT,GMAT,IBSAT जैसे entrance exams क्लीयर करने के बाद ही PGDM course में एडमीशन मिलता है.

यदि आप IIM, XLRIs जैसे इंस्टीच्यूट में दाखिला हासिल करना चाहते हैं तो स्टूडेंट को Writing test, Group Discussion और अंत में Interview राउंड में उनके बैस्ट परफॉमेंस के हिसाब से ही फाइनल एडमिशन दिया जाता है.

इन इंस्टीच्यूट में दाखिला लेना काफी कठिन होता है और आपको काफी तैयारी की जरूरत पड़ती है.

2020 और 2021 के दोनो सेशन में कोरोना के कारण मेरिट लिस्ट के हिसाब से PGDM Course में दाखिला दिया गया है.

PGDM के कोर्स में कैसे प्रवेश किया जाता है?

PGDM का कोर्स बाकी स्नातक के कोर्स की तरह ही है जिसमें एक एंट्रेंस एग्जाम दिया जाता है जो बहुत ही आसान होता है. PGDM के कोर्स में प्रवेश के लिए सबसे पहले 12वीं और स्नातक की पढ़ाई खत्म करनी होती है उसके बाद PGDM के लिए कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी द्वारा ली जा रही प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होना पड़ता है. उसके बाद अगले चरण में एक लेखन परीक्षा, साक्षात्कार और समूह चर्चा जैसे चरण होते हैं. इन सभी परीक्षा को पार कर छात्रों के प्रदर्शन और अंकों के अनुसार उनका एडमिशन लिया जाता है.

PGDM कोर्स करने में कितना खर्च होता है?

अलग-अलग कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कारण किसी कॉलेज में कम तो कहीं ज्यादा PGDM की फीस होती है. PGDM कोर्स को पूरा करने के लिए कम से कम एक लाख और अधिक से अधिक 15 लाख रुपए तक खर्च हो सकते हैं. कई ऐसे सरकारी कॉलेज हैं जहां PGDM कोर्स के लिए कम खर्च होता है.

PGDM के लोगों को कैसी नौकरी मिलती है?

PGDM के द्वारा कई छोटे-बड़े कम्पनी में लोगों को अच्छी खासी पोस्ट पर नौकरी मिल सकती है. किसी भी कंपनी के लिए वह व्यक्ति मैनेजर या अकाउंटेंट के तौर पर काम कर सकता है. पीजीडीएम विदेश कोर्स किए हुए लोगों को टूरिज्म मैनेजर को मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी भी मिलती है. एक पब्लिशर या पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के तौर पर PGDM कोर्स को पूरा किए हुए लोग अपना जॉब प्रोफाइल बना सकते हैं.

PGDM Full Time Management Course है, आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे इस कोर्स को विभिन्न संस्थाओं के द्वारा उनके पाठ्यक्रम के आधार पर 4 से 6 Semester में विभाजित किया गया है. दोस्तों हमारे भारत में जितने भी PGDM Courses चलाने वाले institute है. वे सब institute AICTE के द्वारा मान्यता प्राप्त होते है. PGDM के Course Structure और Subject लगभग MBA के समान है. ऐसा भारत की मानव institute विकास मंत्रालय का मानना है. इन दोनों के बीच सिर्फ एक छोटा सा अंतर यह है, की MBA डिग्री होती है, जबकि PGDM एक post graduation diploma होता है, आपको पता होगा PGDM के कार्यक्रम किसी भी university से संबंधित नही होते इसलिए इन्हें diploma courses के रूप में जाना जाता है.

PGDM Course कैसे करे ?

PGDM Course कैसे करे आइये जानते है, PGDM कोर्स में प्रवेश लेने के लिए Candidate का bachelor degree में कम से कम 50% Marks के साथ पास होना अनिवार्य है. एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटीज द्वारा post graduation program में admission के लिए मान्यता प्राप्त है. जैसा की आप जानते है, इस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवार द्वारा माध्यमिक शिक्षा यानि 10th+12th क्लास पूरी करने के बाद न्यूनतम 3 साल की bachelor degree करना अनिवार्य है. कार्यक्रम में आवेदकों को 10th, 12th और graduation में पिछले academic प्रदर्शन के आधार पर गणना की जाती है.

PGDM कोर्स के लिए कई Entrance Exam भी होती है, इस कोर्स में admission के लिए CAT, MAT, XAT, GMAT और IBSAT आदि के लिए आप भी आवेदन कर सकते है, दोस्तों IIM जैसे शीर्ष संस्थान केवल और केवल CAT स्कोर और GD, PI (Group Discussion और Personal Interview) के आधार पर PGDM पाठ्यक्रम में admission प्रदान करते है, अगर आप शीर्ष संस्थानों और कॉलेज में admission लेना चाहते है, तो इसके लिए आपको इन Entrance Exam को Qualify करना ही होगा तभी आपको ऐसी संस्थान में admission मिल सकता है.

Subjects in PGDM - विषय?

  • वित्त

  • विपणन

  • लेखा

  • मानव संसाधन

  • आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन आदि

  • संचालन प्रबंधन

  • सूचना प्रौद्योगिकी

पीजीडीएम किसे करना चाहिए?

जो छात्र प्रबंधन में अपना करियर बनाना चाहते हैं, वे पीजीडीएम कोर्स का विकल्प चुन सकते हैं. यह कोर्स उन व्यक्तियों के लिए उच्च वेतन का वादा करता है जो टीमों का नेतृत्व कर सकते हैं और उनका प्रबंधन कर सकते हैं. उच्च नेतृत्व क्षमता वाले व्यक्तियों को पीजीडीएम कोर्स में प्रयास करना चाहिए, चूंकि पीजीडीएम सभी पाठ्यक्रमों के छात्रों को स्वीकार करता है, यह छात्रों को अपने करियर को किसी ऐसी चीज में स्थानांतरित करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है जिसमें उनकी रुचि हो. कई छात्र प्रबंधकीय या प्रशासनिक स्थिति में आगे बढ़ने या अपने करियर को स्थानांतरित करने के लिए पीजीडीएम पाठ्यक्रम का विकल्प चुनते हैं. आपको दोनों एक साथ नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह बहुत पतला फैलाना संभव है - इसे वापस करने के लिए नई स्थिति में कार्य अनुभव न होना. लगभग कोई भी छात्र या कामकाजी पेशेवर पीजीडीएम ऑनलाइन और पीजीडीएम दूरस्थ शिक्षा कर सकता है. यह छात्रों या पेशेवरों को समय और वित्तीय बाधाओं के साथ मदद करता है. भारी कार्य अनुभव वाले पेशेवरों के पास सीढ़ी चढ़ने का अवसर है क्योंकि पीजीडीएम कॉलेज उम्र के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं.

पीजीडीएम क्यों चुनें?

प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पीजीडीएम पाठ्यक्रम बोर्ड के क्षेत्र में स्नातकोत्तर मान्यता पाठ्यक्रम है. PGDM पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्रबंधन में विश्वव्यापी स्थान प्राप्त करने के लिए कौशल और क्षमताओं से लैस करना है. पीजीडीएम पाठ्यक्रम आत्मनिर्भर है और संस्थान द्वारा दिया जाता है और एआईसीटीई, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सीधे पुष्टि की जाती है.

पीजीडीएम का फुल फॉर्म क्या है?

पीजीडीएम का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है. PGDM भारत में कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा पेश किया जाने वाला एक पूर्णकालिक दो वर्षीय पाठ्यक्रम है. विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के पाठ्यक्रम के आधार पर इस पाठ्यक्रम को चार या छह सेमेस्टर में विभाजित किया जा सकता है. पीजीडीएम प्रशिक्षण संचालित करने वाले संस्थानों को एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तहत अनुमोदित किया जाता है. PGDM की पाठ्यक्रम संरचना और विषय लगभग MBA (मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) पाठ्यक्रम से मिलते जुलते हैं. इनमें केवल इतना अंतर है कि PGDM एक पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स है, जबकि MBA एक डिग्री प्रदान करता है.

पीजीडीएम पाठ्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड -

पीजीडीएम पाठ्यक्रम के लिए पात्रता आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं जिन्हें आवेदकों को पूरा करना चाहिए,

एक आवेदक को एक प्रतिष्ठित कॉलेज या विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए.

आवेदकों के पास स्नातक स्कोर कम से कम 50 प्रतिशत होना चाहिए.

50 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले आवेदकों ने अपने पसंदीदा विश्वविद्यालय में सीट पाने के लिए कई प्रवेश परीक्षाओं में भाग लिया होगा.

भारत में PGDM पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले शीर्ष संस्थानों की सूची

भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर

भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता

जेवियर्स लेबर रिलेशन इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर

एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई

प्रबंधन विकास संस्थान, गुरुग्राम

प्रबंधन अध्ययन संकाय, नई दिल्ली

अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली

भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, दिल्ली

नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई

अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन अध्ययन, कोलकाता.

पीजीडीएम का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है. यह भारत में दो साल का पूर्णकालिक प्रबंधन पाठ्यक्रम है. पीजीडीएम पाठ्यक्रम अर्थशास्त्र, संगठन और व्यवहार, वित्त और लेखा, प्रबंधन नियंत्रण, विपणन, मानव संसाधन प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में आवश्यक कौशल और ज्ञान विकसित करने पर केंद्रित है. प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएम) पाठ्यक्रम को चार या छह सेमेस्टर में विभाजित किया जा सकता है. विभिन्न संस्थानों और उनके पाठ्यक्रम के आधार पर. भारत में पीजीडीएम पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित किया जाता है. पीजीडीएम की पाठ्यक्रम संरचना और विषय लगभग एमबीए के समान हैं. उनके बीच एकमात्र अंतर यह है कि MBA एक डिग्री प्रदान करता है जबकि PGDM एक पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा है. पीजीडीएम की तुलना में, आम तौर पर, एमबीए अधिक किफायती होते हैं क्योंकि फीस लगभग विश्वविद्यालय के मानक के समान होती है. MBA प्रबंधन के सैद्धांतिक पहलुओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है और अधिक परीक्षा-उन्मुख है, PGDM का फोकस सॉफ्ट स्किल्स के निर्माण पर है और यह उद्योग-उन्मुख है. यह आपको जॉब मार्केट के लिए तैयार करता है. एक एमबीए तकनीकी कौशल और व्यावसायिक ज्ञान विकसित करने में मदद करेगा जबकि एक पीजीडीएम उद्योग में वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए स्नातक तैयार करेगा और एक मजबूत कॉर्पोरेट कैरियर का मार्ग प्रशस्त करेगा.

"एमबीए और पीजीडीएम में क्या अंतर है?" शिक्षा कैफे में प्रबंधन के इच्छुक एक व्यक्ति से पूछा. प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएम) या प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपीएम) और व्यवसाय प्रशासन में परास्नातक (एमबीए) दोनों ही मास्टर स्तर पर प्रबंधन पाठ्यक्रम हैं. दोनों पाठ्यक्रमों में एक व्यावसायिक अभिविन्यास है और दोनों के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं है. “एमबीए और पीजीडीएम दोनों व्यवसाय-उन्मुख पाठ्यक्रम हैं. दोनों पाठ्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे व्यक्ति को तैयार करना है जो पदानुक्रम में आगे बढ़ना चाहता है या प्रबंधन क्षेत्र में प्रवेश करना चाहता है, ”विशेषज्ञ निखिलेश माथुर कहते हैं. जबकि रोजगार के दृष्टिकोण से दोनों पाठ्यक्रमों के परिणाम समान हैं, कुछ सूक्ष्म अंतर हैं. नीचे, हमने पीजीपी (एम)/पीजीडीएम और एमबीए के बीच पांच अंतरों को सूचीबद्ध किया है:

पीजीडीएम के स्कोप क्या हैं?

भविष्य के प्रयासों को प्राप्त करने के लिए पीजीडीएम पाठ्यक्रम में कई संभावनाएं हैं.

मार्केटिंग में पीजीडीएम-

पाठ्यक्रम किसी वस्तु के सभी प्रचार अभ्यासों या सौदों और संचलन, आइटम उन्नति, ब्रांड सुधार और सांख्यिकीय सर्वेक्षण जैसे प्रयासों को सीखने में मदद करता है.

वित्त में पीजीडीएम-

बैंकिंग, वित्तीय मामलों, लेखा और बाजार संरचना, आदि जैसे संघ की गतिशील व्यावसायिक आवश्यकताओं को प्रबंधित करने और समझने में मदद करता है.

आईटी में पीजीडीएम-

खाता प्रबंधन, सिस्टम कंसल्टेंसी, व्यवसाय सुधार, बिक्री और ईआरपी में कुशल छात्र, जबकि आईटी व्यवसाय अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर रहा है, इस पाठ्यक्रम का चयन करना एक पुरस्कृत निर्णय है.

एचआर में पीजीडीएम-

यह पाठ्यक्रम आपको औद्योगिक संबंधों और कर्मचारी प्रबंधन का प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करता है और अब से बड़े पैमाने पर संघों के साथ व्यवसाय करना और उनकी मानव संपत्ति की उन्नति पर निर्भर करता है.

आतिथ्य और पर्यटन में पीजीडीएम-

अनुभवी और योग्य विशेषज्ञों की कमी के साथ तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र. तेजी से बढ़ते उड्डयन उद्योग, आगामी होटल और पर्यटन विकास, और यात्रा उद्योग की उन्नति ने इस डिवीजन में नई स्थिति के उद्घाटन को प्रेरित किया है. यह देखा गया है कि एक पीजीडीएम पाठ्यक्रम के छात्र एमबीए पाठ्यक्रम के छात्र के विपरीत अपने कार्यकाल के दौरान प्रस्तुतीकरण और अनुभव के कारण एक ऊपरी बढ़त देते हैं. पीजीडीएम पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद, उम्मीदवार द्वारा डॉक्टरेट परियोजनाओं को चुना जा सकता है.

पीजीडीएम कोर्स की फीस हर संस्थान में अलग-अलग होती है. सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों सहित हर क्षेत्र में रोजगार के प्रचुर अवसर उपलब्ध हैं. प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा रखने वाले छात्रों को शीर्ष कंपनियों में प्रबंधकीय स्तर पर रखा जाता है. इसे MBA डिग्री के समकक्ष माना जाता है.

पीजीडीएम का फुल फॉर्म क्या है?

PGDM का फुल फॉर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट है. यह प्रबंधन से संबंधित स्नातकोत्तर विशेष डिग्री प्रोग्राम है. PGDM प्रवेश प्रक्रिया और फीस एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न होती है. कई कॉलेज प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जबकि अन्य 10 + 2 योग्यता-आधारित प्रणाली के आधार पर प्रवेश प्रदान करते हैं.

पीजीडीएम कोर्स क्यों चुनें?

प्रबंधन में एक पेशा रोजगार के अवसरों की एक श्रृंखला को जन्म दे सकता है. छात्र आजकल अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने में अधिक रुचि रखते हैं. प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, या पीजीडीएम, कई अवसरों के साथ एक उज्ज्वल भविष्य प्रदान करता है. नए औद्योगिक पैटर्न और व्यवसाय से जुड़े अन्य क्षेत्रों के संदर्भ में, इसके विस्तार के बहुत सारे अवसर हैं.

पीजीडीएम के लिए पात्रता मानदंड -

प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएम) कार्यक्रम के लिए प्रवेश मानक एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न होते हैं. छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री कार्यक्रम में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक प्राप्त करने चाहिए. छात्रों के पास किसी भी विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए. हालांकि बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) वाले स्नातकों को एक फायदा होता है, क्योंकि उन्हें बुनियादी समझ होती है. न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक की डिग्री आवश्यक है. हालांकि प्रतिशत एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न होता है. उम्मीदवारों को एक प्रवेश परीक्षा के साथ-साथ एक व्यक्तिगत साक्षात्कार के साथ-साथ संस्थान की आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.

पीजीडीएम के लिए आवश्यक कौशल?

प्रबंधन कार्यक्रम में स्नातकोत्तर डिप्लोमा का अध्ययन करने और अकादमिक और दैनिक जीवन दोनों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए, महत्वाकांक्षी युवा जो पीजीडीएम में अध्ययन करना चाहते हैं, उन्हें कई क्षमताओं का विकास करना चाहिए.

संचार: इच्छुक प्रबंधन पेशेवरों के लिए अच्छे संचार कौशल की आवश्यकता होती है. प्रभावी संचार में प्रबंधन पेशेवरों द्वारा महारत हासिल की जानी चाहिए, जिसमें आमने-सामने, छोटे समूह, बड़े समूह, ईमेल और सोशल नेटवर्किंग शामिल हैं. अच्छे प्रबंधकों के लिए सुनना संचार का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है.

सामरिक सोच: रणनीतिक सोच प्रबंधन के छात्रों में आवश्यक प्राथमिक कौशल में से एक है. रणनीतिक सोच एक व्यवस्थित और उचित विचार प्रक्रिया है जो महत्वपूर्ण कारकों और चर का विश्लेषण करने पर केंद्रित है जो किसी कंपनी, टीम या व्यक्ति के दीर्घकालिक प्रदर्शन को प्रभावित करेगा.

नेतृत्व कौशल: कर्मचारी के प्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है और अच्छे नेतृत्व कौशल से पेशेवर विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है. टीम के सदस्यों को प्रेरित रखने के लिए, प्रबंधन पेशेवरों को लक्ष्य विकसित करने में सक्षम होना चाहिए. आत्म-जागरूकता, आत्म-नियंत्रण, सामाजिक चेतना और पारस्परिक नियंत्रण सभी नेतृत्व कौशल का हिस्सा हैं.

पीजीडीएम बनाम एमबीए कोर्स ?

पीजीडीएम और एमबीए के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि एमबीए एक डिग्री प्रोग्राम है जो विश्वविद्यालयों द्वारा पेश किया जाता है जबकि पीजीडीएम स्वायत्त संस्थानों द्वारा पेश किया जाने वाला एक डिप्लोमा कोर्स है. प्रवेश, संबद्धता, शुल्क, अवधि, प्रभावशीलता और वास्तविक साधनों आदि जैसे विभिन्न मापदंडों पर महत्वपूर्ण अंतर को समझने के लिए इस लेख को पढ़ें और तय करें कि आपके लिए कौन सा बेहतर है.

पीजीडीएम कोर्स के बाद करियर के अवसर ?

पीजीडीएम पाठ्यक्रम वाले उम्मीदवार दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर काम पा सकते हैं. काम के कुछ सबसे लोकप्रिय क्षेत्र शिक्षा, बैंकिंग, वित्त और बीमा हैं.

मार्केटिंग मैनेजर: एक मार्केटिंग मैनेजर वह होता है जो किसी कंपनी या उत्पाद के मार्केटिंग का प्रबंधन करता है. वह कई कार्यक्रमों या उत्पादों, या सिर्फ एक के प्रभारी हो सकते हैं. एक विपणन प्रबंधक ऊर्जावान, सुव्यवस्थित और बजट प्रतिबंधों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है. अनधिकृत टिप्पणियों को एक विपणन प्रबंधक द्वारा रोका जाता है, जो जनता को सूचित करता है कि कंपनी जांच कर रही है और मुद्दों को हल कर रही है.

विज्ञापन प्रबंधक: विज्ञापन प्रबंधक विज्ञापन या प्रचार कंपनी के साथ ग्राहकों के संपर्क के बिंदु के रूप में कार्य करते हैं जो विज्ञापन उत्पन्न और रखता है. वे विभिन्न व्यवसायों के लिए प्रचार कार्यक्रम बनाने और प्रबंधित करने के प्रभारी हैं. उनका मुख्य लक्ष्य उत्पादों और सेवाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधक: आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधक कंपनी की मशीनरी, आपूर्ति और रसद के लिए जिम्मेदार होते हैं. कच्चे माल की खरीद, उन्हें संगठन के आसपास कई स्थानों पर पहुंचाना, यह सुनिश्चित करना कि व्यवसाय ग्राहक की मांग को पूरा करता है, और उत्पादों को उपयुक्त गंतव्यों तक पहुंचाना सभी रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन कैरियर का हिस्सा हैं.

सेल्स मैनेजर: सेल्स मैनेजर सेल्स स्टाफ की देखरेख का प्रभारी व्यक्ति होता है. सेल्स मैनेजर सीधे सेल्सपर्सन के साथ काम करते हैं, सेल्स एरिया असाइन करते हैं, कोटा सेट करते हैं, सेल्सपर्सन को सलाह देते हैं, सेल्स ट्रेनिंग देते हैं और सेल्स प्लान तैयार करते हैं. एक सेल्स मैनेजर को अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए सेल्सपर्सन को दिशा प्रदान करते हुए मल्टीटास्क करना चाहिए.

खाता प्रबंधक: खाता प्रबंधक बैंक और उसके ग्राहकों के बीच की खाई को पाटते हैं. वे एक एजेंसी-क्लाइंट कनेक्शन स्थापित करते हैं, क्लाइंट की आवश्यकताओं की पूरी तरह से समझ हासिल करते हैं, और यह सुनिश्चित करते हैं कि वित्तीय संस्थान उन्हें पूरा करता है. निवेश से अर्जित बजट, निवेश और राजस्व की निगरानी खाता प्रबंधकों द्वारा की जानी चाहिए. खाता प्रबंधक ग्राहकों को लागत कारक समझाते हैं.

पीजीडीएम पाठ्यक्रम विवरण -

PGDM फुल फॉर्म: पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट

पीजीडीएम कोर्स स्तर: स्नातकोत्तर

पीजीडीएम अवधि: 2 वर्ष

पीजीडीएम परीक्षा प्रकार: सेमेस्टर / त्रैमासिक प्रणाली

पीजीडीएम पात्रता: किसी भी स्ट्रीम में स्नातक

प्रवेश प्रक्रिया: कुछ निजी कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा, प्रत्यक्ष प्रवेश भी दिया जाता है.

पीजीडीएम औसत शुल्क: INR 3-12 लाख

PGDM टॉप कॉलेज: IIM कोलकाता, NMIMS, SPJIMR आदि.

दूरस्थ शिक्षा: एनएमआईएमएस, इग्नू, सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग (एससीडीएल), नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी

PGDM औसत वेतन: INR 4-10 LPA

पीजीडीएम शीर्ष भर्ती क्षेत्र: बैंक, विपणन एजेंसियां, बाजार अनुसंधान कंपनियां, शैक्षिक संस्थान, परामर्शदाता, कानून फर्म, मनोरंजन पोर्टल, होटल और रिसॉर्ट, आदि.

नौकरी की स्थिति: प्रशासनिक अधिकारी, व्यवसाय सलाहकार, वित्त प्रबंधक, मानव संसाधन प्रबंधक, जनसंपर्क अधिकारी, विपणन कार्यकारी, आदि.

शीर्ष कंपनियां: मैकिन्से एंड कंपनी, द बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, बैन एंड कंपनी, डेलॉइट कंसल्टिंग, बूज़ एलन हैमिल्टन, प्राइसवाटरहाउसकूपर्स एडवाइजरी सर्विसेज एलएलसी, ईवाई एलएलपी कंसल्टिंग प्रैक्टिस, एक्सेंचर, आदि.