SEBI Full Form in Hindi




SEBI Full Form in Hindi - SEBI की पूरी जानकारी?

SEBI Full Form in Hindi, SEBI Kya Hota Hai, SEBI का Full Form क्या हैं, SEBI का फुल फॉर्म क्या है, Full Form of SEBI in Hindi, SEBI किसे कहते है, SEBI का फुल फॉर्म इन हिंदी, SEBI का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, दोस्तों क्या आपको पता है SEBI की Full Form क्या है और SEBI होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस पोस्ट में आपको SEBI की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स SEBI Full Form in Hindi में और SEBI की पूरी इतिहास जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।

SEBI Full form in Hindi

SEBI की फुल फॉर्म “Securities and Exchange Board of India” होती है, SEBI को हिंदी में “भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड” कहते है, SEBI एक तरह का मार्केट रेग्यूलेटर है. SEBI यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

SEBI का मतलब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड होता है. इस बोर्ड को 12 अप्रैल 1992 को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया एक्ट के तहत स्थापीत किया गया था. SEBI का मुख्यालय मुंबई में है, जबकि इसके उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी तथा पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय क्रमशः नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में इयके वर्तमान चेयरमैन यू.के.सिन्हा हैं।

जिस समय SEBI को बनाया गया था उस समय शेयर बाजार में SEBI जैसी कोई नियामक संस्था मौजूद नहीं थी. तो उस समय ब्रोकर्स और शेयर बाजार के खिलाड़ी अपनी मनमानी किया करते थे, और इस तरह से उन लोगों ने काफी ब्लैक maney इकठा कर ली थी. उस समय बाजार में कब क्या होगा इसकी स्थिति के बारे कोई भी पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता था।

General investors को दलालों के चंगुल से बचाने के लिए एक किसी ऐसे संगठन की स्थापना की सिफारिश की गई. जो बाजार की सभी गतिविधियों पर नजर रखे और किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर गलती करने वाले व्यक्ति या कंपनी को दण्डात्मक कार्यवाही द्वारा Restricted करे और साथ ही साथ उसके ऊपर Penalty लगाए, जैसा की हम जानते है, वर्ष 1992 के अप्रैल माह में शेयर बाजार में एक भारी Crash हुआ था. आपको जानके हैरानी होगी इस Crash के पीछे शेयर दलाल हर्षद मेहता का हाथ पाया गया था. हालांकि यह वह समय था जब SEBI की स्थापना भी की जा चुकी थी. इस काण्ड के बाद भी कई अन्य घोटाले सामने आए जिन्हें रोकने के लिए आधुनिक प्रणालियां स्थापित की गयीं. इस तरह के अन्य किसी गड़बड़ी के दोहराव को रोकने के लिए SEBI को समय-समय पर मजबूत किया जाता रहा है, आज के समय यह संगठन पूरी मज़बूती के साथ अपना काम कर रहा है।

SEBI के गठन का मकसद Credit rating agencies जैसे क्रिसिल,इक्रा के लिए disclosure नियम तय करना, Stock exchange में Listed Companies के लिए नियम निर्धारित करना व इन Companies में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का ध्यान रखना है. SEBI संस्था का निर्माण वैसे तो 1988 में ही हो गया था लेकिन इसे वैधानिक मान्यता 12 अप्रैल 1992 को दी गयी थी, वर्त्तमान में दिनांक 01 मार्च 2017 से इसके चेयरमेन श्री अजय त्यागी हैं, SEBI का मुख्य कार्यालय मुम्बई में है।इसके अलावा SEBI के चार क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।

  • उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय - नई दिल्ली

  • पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय - कोलकाता

  • दक्षिणी क्षेत्रीय कार्यालय - चेन्नई

  • पश्चिम क्षेत्रीय कार्यालय - अहमदाबाद

SEBI संस्था 9 सदस्यों द्वारा संचालित होती है। जिसमें एक चेयरमेन जो भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है और दो सदस्य भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकारी,एक सदस्य रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से एवं 5 अन्य सदस्य जिनमें 2 अल्पकालिक और तीन पूर्णकालिक (whole time member) सदस्य भारत सरकार द्वारा नामित किये जाते हैं, भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कोई भी कंपनी के विरुद्ध यदि आप कोई शिकायत करना चाहते हैं तो आप SEBI के टोल फ्री नं 1800 266 7575 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।इसके अलावा SEBI की साइट www.sebi.gov.in पर भी शिकायत कर सकते हैं। SEBI सात दिन के अंदर आपकी शिकायतें संबंधित कंपनी को पहुंचा देती हैं।

SEBI History in Hindi

SEBI की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को भारत सरकार द्वारा की गई थी. इसे 1992 में SEBI अधिनियम 1992 के साथ भारत सरकार द्वारा पारित किया गया था. SEBI का प्रबंधन उसके सदस्यों द्वारा किया जाता है, वे सदस्य हैं, अध्यक्ष: उन्हें भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है, आठ सदस्य: आठ सदस्यों में से, दो सदस्य केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी होते हैं, एक सदस्य भारतीय रिज़र्व बैंक से और शेष पांच सदस्य केंद्रीय भारत सरकार द्वारा नामित होते हैं, नोट: इन आठ सदस्यों में से, तीन को पूर्णकालिक सदस्य होना चाहिए।