CSIR Full Form in Hindi




CSIR Full Form in Hindi - CSIR की पूरी जानकारी?

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CSIR Full form in Hindi

CSIR की फुल फॉर्म “Council of Scientific and Industrial Research” होती है, CSIR का हिंदी में मतलब “वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद” होता है. यह एक स्वायत्त संस्था है तथा भारत के प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं. CSIR 37 अत्याधुनिक संस्थान का ऐसा समूह है, जिसकी गिनती विश्व के अग्रणी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संगठनो में होती है. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), भारत, की स्थापना वर्ष 1942 में हुई, यह एक स्वायत्त संस्था है तथा भारत के प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं. CSIR 37 अत्याधुनिक संस्थान का ऐसा समूह है, जिसकी गिनती विश्व के अग्रणी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान संगठनो में होती है. CSIR को 8000 अनुसंधान विद्यार्थियों, 4600 वैज्ञानिक तथा 8000 वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मचारियों की Specialization और अनुभव प्राप्त है। अत्याधुनिक अवसंरचनात्मक सुविधाओं एवं वैज्ञानिक तथा तकनीकी कार्मिक-शक्ति के साथ CSIR वास्तव में राष्ट्रीय तथा International महत्व के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान एव विकास के सभी क्षेत्रों जैसे कि वांतरिक्ष से समुद्री अन्वेषण, Micro-electronics से संरचनात्मक और पर्यावरणीय अभियांत्रिकी, स्मार्ट मेटीरियल से मेकाट्रॉनिक्स, पेट्रोरसायन से संश्लेषित जीवविज्ञान तथा रोबोटिक्स और माइक्रो मशीन से औषधीय तथा कृषिरसायन तक, में कार्यरत है ।

What is CSIR in Hindi

CSIR का पूर्ण रूप वैज्ञानिक और Industrial research परिषद है. वैज्ञानिक और Industrial research परिषद (सीएसआईआर) भारत सरकार द्वारा सितंबर 1942 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया गया था जो कि विभिन्न एस एंड टी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक आर एंड डी ज्ञान आधार के लिए जाना जाता है. एक समकालीन आरएंडडी संगठन है। CSIR भारत में सबसे बड़ा research और विकास संगठन के रूप में उभरा है. पैन इंडिया की उपस्थिति के साथ, यह 38 प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच केंद्रों, 3 नवाचार केंद्रों और 5 इकाइयों को चलाता है, जिसमें 14,000 से अधिक के सामूहिक कर्मचारी हैं, जिसमें कुल 4600 सक्रिय वैज्ञानिक और 8000 वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारी शामिल हैं।

CSIR को मुख्य रूप से विज्ञान और Technology मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया गया है. यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के माध्यम से एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करता है. CSIR की research और विकास गतिविधियों में समुद्र विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, औषध, जीवन विज्ञान, धातु विज्ञान, रसायन शामिल हैं. खनन, भोजन, पेट्रोलियम, चमड़ा, वैमानिकी, उपकरण, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना Technology, यह सामाजिक प्रयासों के संबंध में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करता है. जिसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, खेत और गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं. 24 अगस्त, 2018 से प्रभावी, सीएसटीआई के महानिदेशक के रूप में डीएसटी के आशुतोष शर्मा ने अतिरिक्त प्रभार संभाला।

विज्ञान एवं Technology के विविध क्षेत्रों में अपने अग्रणी अनुसंधान एवं विकास ज्ञानाधार के लिए ज्ञात एक वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) समसामयिक अनुसंधान एवं विकास संगठन है. संपूर्ण भारत में मौजूदगी के चलते CSIR का 38 राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्‍थ केन्‍द्रों, 3 नवोन्‍मेषी कॉम्‍प्‍लेक्‍सों और 5 यूनिटों का सक्रिय नेटवर्क है. CSIR की अनुसंधान एवं विकास सुविज्ञता तथा अनुभव इसके लगभग 4600 सक्रिय वैज्ञानिकों में सन्निहित / समाविष्‍ट हैं जिन्‍हें लगभग 8000 वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्मिकों की सहायता प्राप्‍त है।

CSIR रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, औषध, जीनोमिकी, जैवप्रौद्योगिकी और नैनोप्रौद्योगिकी से खनन, वैमानिकी, उपकरणन, पर्यावरणीय इंजीनियरी तथा सूचना Technology तक के विज्ञान एवं Technology के व्‍यापक विषयों व क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। यह सामाजिक प्रयासों से जुड़े अनेक क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण प्रौद्योगिकीय अंतराक्षेपण उपलब्‍ध कराता है जिसमें पर्यावरण, स्‍वास्‍थ्‍य, पेयजल, खाद्य, आवास, ऊर्जा, कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्‍त, वैज्ञानिक एवं तकनीकी मानव संसाधन विकास में CSIR की भूमिका उल्‍लेखनीय है।

भारत के बौद्धिक संपदा आंदोलन का पथ प्रदर्शक CSIR वर्तमान में Technology के चयनित क्षेत्रों में देश को अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर नेतृत्‍व दिलवाने के लिए अपने Patent Portfolio को सुदृढ़ कर रहा है। CSIR को किसी भी भारतीय सार्वजनिक वित्‍तपोषित अनुसंधान एवं विकास संगठन को स्‍वीकृत अमरीकी पेटेंटों के 90 प्रतिशत Patent स्‍वीकृत किए गए हैं. CSIR प्रतिवर्ष औसतन लगभग 200 भारतीय Patent और 250 विदेशी Patent फाइल करता है. CSIR के लगभग 13.86% पेटेंटों को लाइसेंस प्राप्‍त है - यह संख्‍या वैश्विक औसत से अधिक है। विश्‍व में सार्वजनिक रूप से वित्‍तपोषित अपने पीयर अनुसंधान संगठनों में CSIR विश्‍वभर में Patent file और अर्जित करने में सबसे आगे है।

CSIR ने नवीन विज्ञान और उन्‍नत ज्ञान के क्षेत्रों में अग्रणी कार्य किया है. CSIR का वैज्ञानिक स्‍टाफ भारत की वैज्ञानिक जनशक्ति का लगभग 3-4 प्रतिशत है किंतु भारत के वैज्ञानिक निर्गत में उनका योगदान लगभग 10 प्रतिशत है. वर्ष 2012 में, CSIR ने प्रति शोधपत्र 2.673 के औसत प्रभाव घटक सहित साइंस जर्नलों में 5007 शोधपत्र प्रकाशित किए। वर्ष 2013 में, CSIR ने प्रति शोधपत्र 2.868 के औसत प्रभाव घटक सहित साइंस जर्नलों में 5086 शोधपत्र प्रकाCSIRशित किए, CSIR ने उद्यमशीलता को प्रोत्‍साहन देने के लिए वांछित क्रियाविधि तैयार की है जिससे नए आर्थिक क्षेत्रों के विकास को नया आधार बनाते हुए मूल और बृहत नवोन्‍मेषों के सृजन और वाणिज्यीकरण को प्रोत्‍साहन दिया जा सकेगा ।

CSIR ने CSIR 80 Vision एवं रणनीति 2022-नए भारत के लिए नया CSIR तैयार किया है. CSIR का मिशन है “नए भारत के लिए नए CSIR का निर्माण करना” और CSIR का विजन है “ऐसा विज्ञान करना जो वैश्विक प्रभाव के लिए प्रयास करे, ऐसी Technology तैयार करना जो Innovation आधारित उद्योग को सक्षम बनाए और पराविषयी नेतृत्‍व को पोषित करे जिसके द्वारा भारत की जनता के लिए समावेशी आर्थिक विकास को उत्‍प्रेरित किया जा सके. Shimago Institutions Ranking वर्ल्‍ड रिपोर्ट 2014 के अनुसार विश्‍वभर के 4851 संस्‍थानों में CSIR का स्‍थान 84वां है और यह शीर्षस्‍थ 100 अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थानों में अकेला भारतीय संगठन है। एशिया में CSIR 17वें और देश में पहले स्‍थान पर है।

CSIR अफ्रीका में अग्रणी वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान, विकास और कार्यान्वयन संगठनों में से एक है, और 1945 में दक्षिण अफ्रीका में संसद की एक विज्ञान परिषद अधिनियम में स्थापित किया गया था, प्रारंभ में, CSIR ने अपने प्रयासों को प्रत्यक्ष और बहु-विषयक अनुसंधान, तकनीकी में केंद्रित किया, नवाचार के साथ-साथ औद्योगिक और वैज्ञानिक विकास; ताकि देश की प्रतिस्पर्धा में सुधार हो सके।

CSIR मुख्य रूप से पीढ़ी और ज्ञान के अनुप्रयोग पर केंद्रित है, डोमेन पर विशेषज्ञता के उनके केंद्रित क्षेत्र इसलिए शामिल हैं. बायोसाइंसेज, निर्मित पर्यावरण, रक्षा, शांति, सुरक्षा और सुरक्षा, सामग्री विज्ञान और विनिर्माण; और प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण, CSIR द्वारा नए अनुसंधान क्षेत्रों का भी पता लगाया जा रहा है, जैसे: नैनो टेक्नोलॉजी, सिंथेटिक बायोलॉजी और मोबाइल स्वायत्त बुद्धिमान सिस्टम।