BPO Full Form in Hindi




BPO Full Form in Hindi - बी पी ओ की पूरी जानकारी हिंदी में

BPO Full Form in Hindi, BPO Full Form, बी पी ओ फुल फॉर्म इन हिंदी, दोस्तों क्या आपको पता है BPO की full form क्या है, BPO मे क्या काम होता है , और BPO का क्या मतलब होता है, और BPO का use कैसे लिए किया जाता है,अगर आपका answer नहीं है तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि आज हम इस post में आपको BPO की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है तो फ्रेंड्स BPO Full Form in Hindi में और BPO की पूरी history जानने के लिए इस post को लास्ट तक पढ़े.

दोस्तों, BPO full form और meaning यानी BPO क्या है? और इसका हिंदी अर्थ क्या होता है? सबसे पहले हम आपको बता दे की इस पोस्ट में इसके बारे में आज हम जानेंगे. आप BPO इंडस्ट्री में JOB करना चाहते है, तो इसके लिए आपको इसके बारे में जानना बेहद जरुरी है जैसे, यह Industry किस प्रकार की होती है. इसमें क्या-क्या काम करना पड़ता है, और इसमें कौन कौनसे role दिए जाते है आदि. वर्तमान की बात करे तो इस Industry में job करने के लिए कहीं Candidate उत्सुक होते है. इस क्षेत्र को part time और full time जॉब दोनों के रूप में देखा जाता है.

BPO Full Form in Hindi

BPO की फुल फॉर्म “Business Process Outsource” होती है, BPO एक ऐसी आउटसोर्स प्रक्रिया है, जिसमें थर्ड पार्टी provider को किसी भी प्रकार के contract के आधार पर business के संचालन में शामिल में किया जाता है.

बीपीओ क्या है और इसमें क्या काम होता है -

BPO एक तरह की आउट सोर्सिंग प्रक्रिया है, जो It सेक्टर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग होता है. BPO का मुख्य उद्देश्य कम वेतन में लोगों से काम से निकलवाना होता है, बाहर की बहुत सी बड़ी-बड़ी कंपनियां अपनी सेवाएं दूसरे देशों में आउट सोर्सिंग करती जहां पर बड़ी संख्या में कम वेतन में कर्मचारी मिल जाते है.

BPO आमतौर पर Back Office में classified आउटसोर्स है जिसमे internal business, जैसे accounting finance और human resource, शामिल है, BPO को आप it सेक्टर का बेहद महत्वपूर्ण अंग काह सकते है, क्योंकि आज के समय में बहुत सी बडी काम्पानिया कूच महत्वपूर्ण सेवाये आउटसोर्स करके पुरी करती है.

Business Process Outsource में front office आउटसोर्स में कस्टमर सर्विस जैसे call center शामिल होता है, आपको पता होना चाहिए BPO में अगर कोई भी company अपना contract देश से बाहर करती है तो उसे offshore आउटसोर्स कहा जाता है. और अगर company किसी पड़ोसी देश की company से contract करती है तो उसे nearshore आउटसोर्स कहा जाता है.

इस प्रकार की सभी कंपनियों का उद्देश्य कम लागत में आपको अच्छी सेवाएं देना होता है, उदाहरण के तौर पर United States of America में बहुत सारी ऐसी कंपनियां है जिनकी सेवाएं वहां के Hight Cost वाले employees के कारण India में आउटसोर्स करती है, और हमारे India में बहुत सारी सेवाएं आउटसोर्स की जाती है.

BPO Full Form In Hindi - BPO क्या होता है?

दोस्तों अपने कहीं ना कहीं तो जरूर सुना होगा कि BPO क्या है, क्योंकि आज के समय में शहरों में Outsourcing का काम काफी ज्यादा हो रहा है, पर यह खासकर IT companies द्वारा किया जाता है. इस Post के माध्यम से हम जानेंगे कि इस का Full form क्या है. इसमें कई नाम शामिल है जो दूसरी companies के लिए दिए गए काम को करते हैं. आपके नेटवर्क संबंधित जब कोई समस्या पैदा होती होगी, तो आप Customer Care को फोन लगाते हैं, और फिर कस्टमर केयर Executive हमारी मदद करते हैं और हमारे problems का समाधान भी करके देते हैं. इस तरह के कामों को भी BPO के अंतर्गत ही किया जाता है . आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि America के लोग कॉल संबंधित problems के लिए Customer Care Airtel से बात करते हैं, उसका सेंटर भी हमारे देश भारत में हीं होता है और यहां के लड़के ही Executive के रूप में उन्हीं के एक्सीडेंट यानी कि उनकी जुबान में बात करते हैं.

जिससे उनको पता नहीं चलता है, कि वह जो Customer Care बैठा हुआ है, America में है या फिर भारत में. इसका पता मुझे तब चला जब मैं एक Discovery का प्रोग्राम देख रहा था और जिसमें एक विदेशी बैठा हुआ था और कुछ लड़कों से बातचीत करते हुए पता चला कि वह लड़के अमेरिकन Customer Care एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करते हैं और वहां के Consumers की मदद करते हैं. इसके अलावा BPO में और भी कई तरह के कामों को लिया जाता है. जैसे की Designing के फील्ड में होने वाले रिवर्स Engineering वाले काम. मेरे कई दोस्त इसके अंतर्गत काम कर चुके हैं. जो Third party के रूप में काम करने के लिए BPO के अंतर्गत भेजे जाते हैं और उनसे रिवर्स Engineering के लिए काम किया जाता है. इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि BPO का जॉब कैसे पाए और इसके लिए कितनी qualification चाहिए. तो यह जानने के पहले चलिए पहले यह जान लेते हैं कि आखिर BPO क्या होता है.

भारत में Outsourcing के माध्यम से अपनी company का विस्तार देने के लिए अनुबंध किया जाता है. इस अनुबंध के आधार पर BPO और केपीओ अपनी सेवाएं company को प्रदान करती है. कम्पनी इस सर्विस का लाभ लेकर अपने Business को बढाती है, यह एक तीसरा पक्ष होता है , जो उत्पादन करने वाली कंपनियों को सहायता प्रदान करता है. BPO और केपीओ क्या है ? इससे सम्बंधित जानकारी आपको इस पेज पर विस्तार से दे रहे है.

BPO यानी Business Process Outsourcing ये एक ऐसा व्यापार व्यवहार की प्रक्रिया है जहाँ एक संघटन किसी अन्य Company को अपने task को पूरा करने के लिए hire करती है. किसी Company का जो मूल व्यवसाय है और इस मूल व्यवसाय के अलावा भी कोई अतिरिक्त काम जो उस Company की जरूरत है. लेकिन वह उस Company का हिस्सा नही है तो ऐसे में Company अपना यह अतिरिक्त काम किसी अन्य Company को सौप देती है इस सारी प्रक्रिया को BPO कहाँ जाता है. इसे हम आपको एक साधारण उदाहरण देकर समझाते है, बात करते है Vodafone Company की, Vodafone एक बहुराष्ट्रीय दूरसंचार Company है. जिसका मूल व्यवसाय है अपने ग्राहक को Mobile Network सेवा प्रदान करना जिससे ग्राहक calling, SMS जैसे आदि. सेवा का लाभ उठा सके लेकिन अपने ग्राहक को अन्य सेवाएं जैसे Mobile network संबंधी किसी समस्या का निवारण करना, Mobile डाटा को लेकर जानकारी देना, IT Infrastructure कैसे बनाये जाये आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करना भी जरुरी होता है और इसलिए ग्राहक सेवा के लिए Vodafone ने किसी अन्य Company को hire किया है. जो इस काम में विशेष जानकारी रखते है तथा इसी प्रकार की service देना उनका काम है. इसके कारण समय की बचत होती है, उन्हें अतिरिक्त employees की जरूरत नहीं पड़ती और Company को अपना जो मुख्य व्यवसाय है, उस पर और अच्छी तरह से focus करने का समय भी मिलता है.

बीपीओ क्या है ?

BPO का फुल फॉर्म है, यह तीसरे पक्ष के साथ किया गया वह Specific agreement है, जिसके आधार पर company अपने मूल्य-बचत उपाय के रूप में BPO द्वारा प्रदान की गयी सर्विस का उपयोग किया है. BPO को वह कार्य प्रदान किये जाते है, जिसकी कंपनी को आवश्यकता तो होती है, परन्तु company अपनी बाजार में शाख बनाने के लिए BPO सर्विस पर निर्भर नहीं रहती है.

बीपीओ (BPO) क्या है और इसमें क्या काम होता है.

दोस्तों अपने कहीं ना कहीं तो जरूर सुना होगा कि बीपीओ क्या है, क्योंकि आज के समय में शहरों में Outsourcing का काम काफी ज्यादा हो रहा है पर यह खासकर आईटी कंपनियों द्वारा किया जाता है. इस Post के माध्यम से हम जानेंगे कि इस का फुल फॉर्म क्या है. इसमें कई नाम शामिल है जो दूसरी कंपनियों के लिए दिए गए काम को करते हैं. आपके नेटवर्क संबंधित जब कोई समस्या पैदा होती होगी तो आप कस्टमर केयर को फोन लगाते हैं और फिर कस्टमर केयर Executive हमारी मदद करते हैं और हमारे problems का समाधान भी करके देते हैं. इस तरह के कामों को भी बीपीओ (BPO) के अंतर्गत ही किया जाता है. आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि अमेरिका के लोग कॉल संबंधित problems के लिए Customer केयर एयरटेल से बात करते हैं उसका सेंटर भी हमारे देश भारत में हीं होता है और यहां के लड़के ही Executive के रूप में उन्हीं के एक्सीडेंट यानी कि उनकी जुबान में बात करते हैं जिससे उनको पता नहीं चलता है कि वह जो Customer केयर बैठा हुआ है अमेरिका में है या फिर भारत में. इसका पता मुझे तब चला जब मैं एक डिस्कवरी का प्रोग्राम देख रहा था और जिसमें एक विदेशी बैठा हुआ था और कुछ लड़कों से बातचीत करते हुए पता चला कि वह लड़के अमेरिकन कस्टमर केयर Executive के रूप में काम करते हैं और वहां के Consumers की मदद करते हैं.

What is BPO in Hindi?

सबसे पहले हम यह जानते हैं, कि आखिर BPO Kya Hai? अगर बात करें BPO Full Form in Hindi की, तो Business Process Outsourcing है जिसका मतलब है दूसरी कंपनी के लिए अपनी सेवाएँ देना. इस सेक्टर में नौकरियां दी ही इसलिए जाती हैं कि आप दूसरी companies का काम कर सकें. अब काफी लोगों का सवाल यह भी हो सकता है कि BPO में क्या काम होता है ? तो ये कंपनियां content writing से जुडी हो सकती हैं, Medical transcription से, या फिर जो call centers होते हैं, वे भी BPO के अन्दर ही आते हैं. इस कंपनी के पास सॉफ्टवेर प्रोग्रामिंग का काम भी हो सकता है या फिर HR & Financial Services का. यहाँ तकनिकी या गैर-तकनिकी पेशेवर, देशी-विदेशी ग्राहकों की जरुरत के हिसाब से कंपनी को अपनी सेवाएँ देते हैं.

BPO Services में 50% की बढ़त America और ब्रिटेन जैसे देश, कुशल और Cheap workers की वजह से अपना ज्यादातर काम भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और एशिया के दुसरे देशों से करवाते हैं. दुनिया के कुल BPO बाजार का करीब 56 Percent भारत में है. निश्चित रूप से भारत में BPO Sector बढ़ रहा है. इससे मिलने वाले राजस्व में 54 Percent की बढ़त भी दर्ज की गई है. बीते वर्ष भारतीय BPO सेवाओं में 50 Percent की बढ़त दर्ज की गई है.

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ)

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, जब कोई कंपनी चाहती है कि एक विशेषज्ञ द्वारा उनके अनावश्यक काम को सस्ती कीमत पर किया जाए, तो वे अपने काम को दूसरे देश या तीसरे पक्ष के विक्रेता को आउटसोर्स करते हैं, जिसे बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कहा जाता है. आउटसोर्सिंग आम तौर पर दोनों देशों के बीच या दो कंपनियों के बीच बनाई जाती है. बीपीओ आमतौर पर व्यवसायों को परिचालन को गति देने के लिए लाभ देता है जो संगठनों को असंबद्ध प्राथमिक व्यापार रणनीति परिसंपत्तियों में निवेश से बचने में मदद करता है ताकि विशिष्ट दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित करने में बदलाव की सुविधा मिल सके.

बीपीओ उद्योग की श्रेणियाँ -

अब बीपीओ उद्योग की प्रमुख श्रेणियों को देखते हैं, बीपीओ उद्योग को तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो वेंडर व्यवसायों के स्थान के आधार पर तीन श्रेणियों के संयोजन से कुल प्रक्रिया अनुकूलन प्राप्त कर सकते हैं.

अपतटीय - विक्रेता कंपनी के अपने देश के बाहर स्थित हैं; उदाहरण के लिए, एक अमेरिकी कंपनी फिलीपींस या भारत में एक अपतटीय बीपीओ विक्रेता का उपयोग कर सकती है.

नियर-शोर - विक्रेता उन देशों में स्थित हैं, जो अनुबंधित कंपनी के देश के पड़ोसी हैं, उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में, मेक्सिको में एक बीपीओ, जिसे निकटवर्ती माना जाता है.

ऑन-शोर - विक्रेता एक ठेकेदार के रूप में एक ही देश के भीतर काम करते हैं, हालांकि वे अलग-अलग शहर या राज्य में स्थित हो सकते हैं, उदाहरण के लिए, सिएटल वाशिंगटन में कंपनी न्यूयॉर्क में कंपनी के कुछ कार्यों को आउटसोर्स कर सकती है.

बीपीओ का अर्थ क्या है?

बBusiness process outsourcing किसी तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाता को किया गया एक विशिष्ट business कार्य का अनुबंध है, जैसे पेरोल, मानव संसाधन, या अकॉउंटिंग( लेखा-जोखा). आमतौर पर, बीपीओ को वैसे काम जिनकी कंपनी को ज़रूरत तो होती है लेकिन बाजार पर अपनी पद बनाये रखने के लिए उनपे निर्भर नही करती उनके लिए मूल्य-बचत उपाय के रूप में लागू किया जाता है . बैक ऑफिस आउटसोर्सिंग जिसमें बिलिंग या क्रय जैसे आंतरिक Professional कार्यों और Front office outsourcing, जिसमें ग्राहक से संबंधित सेवाएं जैसे मार्केटिंग या टेक सपोर्ट (tech support)शामिल होता है.बैक ऑफिस आउटसोर्सिंग, डेटा प्रविष्टि, डेटा प्रबंधन, सर्वेक्षण, भुगतान प्रक्रिया, गुणवत्ता आश्वासन और अकाउंट लेख समर्थन जैसे कार्यों का प्रबंधन करने में संगठन सेवाएं प्रदान करती है. बैक ऑफिस कार्य कंपनी की मुख्य business प्रक्रिया के अभिन्न अंग हैं और business को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं.

BPO द्वारा प्रदान की जाने वाली प्राथमिक सेवाएं -

1. सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं को सक्षम बनाता है (आईटीईएस) बीपीओ का यह रूप इंटरनेट या डेटा नेटवर्क पर सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए सेवाएं प्रदान करता है आईटीईएस बीपीओ नौकरियों के कुछ उदाहरण सेवा सूची विश्लेषक, उत्पादन समर्थन विश्लेषक और आईटी विश्लेषक हैं.

2. ज्ञान प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (KPO) ने BPO उद्योग को बहुत बदल दिया है; कुछ KPO विक्रेता फ़ंक्शंस का समर्थन करते हैं जिन्होंने व्यवसाय में कोर पर विचार किया है, हालांकि वे उस विशेष कंपनी में कोर फ़ंक्शंस नहीं हो सकते हैं जो उन्हें काम पर रखता है. KPO फर्मों ने प्रक्रिया विशेषज्ञता से अधिक की पेशकश की. वे व्यवसाय और डोमेन आधार विशेषज्ञता भी प्रदान कर सकते हैं केपीओ सेवाओं के कुछ उदाहरणों में अनुसंधान विश्लेषण या माइक्रोसॉफ्ट वर्ड और एक्सेल काम शामिल हैं. केपीओ निम्न-स्तरीय व्यावसायिक निर्णय लेने में सक्षम हो सकता है यदि वे उच्च-स्तरीय व्यावसायिक नीतियों के साथ संघर्ष नहीं करते हैं, लेकिन वे निर्णय आसानी से पूर्ववत हो सकते हैं. KPO बिल्डरों को आमतौर पर व्यवसायों के मूल्य श्रृंखला से जोड़ा जाता है, और वे उन लोगों को किराए पर लेते हैं जो एक विशिष्ट क्षेत्र में सक्षम हैं.

3. कानूनी प्रक्रिया आउटसोर्सिंग (एलपीओ) केपीओ का एक सबसेट है, और यह उच्च-स्तरीय कानूनी कार्यों की एक विशाल श्रेणी को शामिल करता है, शायद निम्न-स्तरीय कानूनी प्रतिलेखन नहीं. एलपीओ फर्म पेटेंट आवेदनों और कानूनी समझौतों का मसौदा तैयार करने के साथ-साथ कानूनी अनुसंधान भी कर सकते हैं. कुछ एलपीओ फर्में भी क्लाइंट के इन-हाउस कानूनी विभागों को आमतौर पर एलपीओ लिखे जाने की सलाह देती हैं.

4. ग्राहक संपर्क सेवाएं बीपीओ कंपनी एक व्यवसाय की आवाज़, मेल सेवाओं, नियुक्ति शेड्यूल, ईमेल सेवाओं, मार्केटिंग कार्यक्रम, टेलीफ़ोन सेवा, भुगतान प्रसंस्करण, ऑर्डर प्रोसेसिंग, गुणवत्ता आश्वासन, ग्राहक सहायता और अन्य चीजें शामिल करेंगी जिनमें इस उद्योग को शामिल किया जाएगा.

5. बैक ऑफिस लेन-देन में चेक, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड प्रोसेसिंग, संग्रह, प्राप्य प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खरीद परिवहन और प्रशासन रसद और प्रेषण और गोदाम प्रबंधन शामिल हैं.

BPO उद्योग का भविष्य -

वर्तमान सीमा से पता चलता है कि आउटसोर्सिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक मंदी के कगार पर है. उपभेद हमें भविष्य के पहलुओं और बीपीओ उद्योग से जुड़े कुछ यथार्थवादी लक्ष्यों को दिखाने की नींव के रूप में काम करते हैं. प्रक्रियाओं की लागत-प्रभावशीलता के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों ने इसे और अधिक नवीनता और प्रौद्योगिकी के साथ सभी दिशाओं के लिए प्रमुख विकल्प बना दिया है, हर दिशा में विकास के लिए तत्परता और आवृत्ति पिछले कुछ दशकों में अधिकतम में वृद्धि हुई है. वैश्विक आईटीईएस कंपनियों ने भौगोलिक स्थिति के दूसरी तरफ अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए क्लाउड प्लेटफॉर्म का उपयोग करना शुरू कर दिया है. क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद से कई व्यवसाय अपने डेटा या डेटा स्टोरेज को दूसरे देशों में स्थानांतरित कर रहे हैं. वीडियो कंपनियों ने ब्रांड निर्माण, ग्राहक सहभागिता और ग्राहक सहायता के लिए सोशल मीडिया एनालिटिक्स का उपयोग करना शुरू कर दिया है. संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिकांश आउटसोर्सिंग कंपनियां अपने उपयोगकर्ता संतुष्टि और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इस सहयोगी मॉडल का पालन कर रही हैं.

बीपीओ का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

BPO प्रोसेस आउटसोर्सिंग यानी कि बीपीओ छोटे और मीडियम BPO के लिए बहुत अधिक लाभ दिलाती है. क्योंकि बड़े कॉरपोरेट अपने गैर प्रमुख BPO फंक्शन का मैनेजमेंट करने के लिए इफेक्टिव सॉल्यूशन की तलाश करते हैं. BPO बड़े BPO Organizations के लिए कम कीमत पर अधिक कुशलता से रोजमर्रा के BPO रिकॉर्ड का मैनेजमेंट करने के लिए मदद करता है. यह डाटा बैकलॉग बचाता है और उनकी decision लेने की प्रोसेस के अनुसार प्रभाव से बचने में मदद करता है.

बीपीओ के प्रकार –

पूरी दुनिया में BPO companies अपनी सेवाएं अलग-अलग संगठनों को देती है. इसलिए उनके Service provider location के अनुसार अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया. जिससे हम इस प्रकार से जानते हैं.

Offshore Outsourcing

ऑफ सोर्स आउटसोर्सिंग उसे कहते हैं, जब एक Organization किसी सेवा को प्राप्त करने के लिए किसी दूसरे देश की कंपनी के साथ में कॉन्ट्रैक्ट करती है.

Onshore Outsourcing

इससे हम Domestic outsourcing के नाम से भी जानते हैं, और यह तब कहलाता है, जब एक, Organization सेवा प्राप्त करने के लिए शामे कंट्री Organization को हायर करते हैं, या फिर उसके साथ Contract करती है.

Nearshore Outsourcing

जब किसी संगठन के द्वारा पड़ोसी देशों की companies से सेवा प्राप्त करने के लिए कांटेक्ट साइन, किया जाता है, तो उसे Nearshore outsourcing कहते हैं.

बीपीओ के फायदे

जो भी Organization BPO लेती है, वह नीचे दिए गए फायदे के लिए इनसे काम करवाती हैं. आमतौर पर बीपीओ के समर्थकों द्वारा यह फायदे शामिल है.

वित्तीय लाभ

Organizations अक्सर यह देखते हैं कि एक अवसर प्रोवाइडर कम लागत पर बिजनेस प्रोसेस को कर सकता है.

लचीलापन

बीपीओ (BPO) कॉन्ट्रैक्ट अनुमति देता है की Flexibility के साथ में बिजनेस प्रोसेस को पूरा करे, जिससे उन्हें बदलते बाजार की गतिशीलता पर बेहतर रिएक्शन मिल सके.

प्रतिस्पर्धात्मक लाभ-

BPO organizations को उन प्रोसेस को अवसर के रूप में use करने की अनुमति देता है जो उनकी बिजनेस और मिशन के लिए महत्वपूर्ण नहीं है.

इस Area में आसानी से employment प्राप्त हो जाता है, इस Area में विकल्प अधिक है, इसलिए आप को employment की पर्याप्त अवसर प्राप्त होते है. एशिया के कई देशों की आर्थिक स्थिति इस क्षेत्र के कारण सही हुई है. इस Area के कारण वर्षो से गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन-यापन करने वाले परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है

बीपीओ के नुकसान

कंपनी कुछ नियंत्रण खो देती है: जब बाहरी एजेंसियों या फ्रीलांसरों के साथ फर्म काम करते हैं, तो फर्म इस बात का नियंत्रण खो रहे हैं कि उन कार्यों को कैसे विनियमित और प्रदर्शन किया जा रहा है. जब तक फर्मों को पता है और भरोसा है, तब तक यह एक बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए, लेकिन उन्हें सावधानी से इसका इलाज करने की आवश्यकता है. सुरक्षा जोखिम हैं: डेटा सुरक्षा के युग में, यह आवश्यक है कि ग्राहक डेटा का उपयोग करते समय फर्म व्यायाम सावधानी बरतें. मान लीजिए कि व्यक्तिगत डेटा की आवश्यकता वाली प्रक्रियाओं को आउटसोर्स करने के लिए फर्म की योजना है. उस मामले में, जो अन्य लोगों की डेटा को पास करके दूसरों की गोपनीयता या व्यवसाय की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है.

अनुवाद में चीजें खो जाती हैं: इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फर्म किसी विदेशी फ्रीलांसर या कुछ प्रतिभाशाली विशेषज्ञ के साथ सड़क पर काम कर रही है- लेकिन यदि आप ईमेल या टेलीफोन के माध्यम से दूरस्थ कार्य को संभाल रहे हैं, तो आवश्यक निर्देश अक्सर अनुवाद में खो जाता है. जिससे गंभीर समय, धन और परेशानी हो सकती है. गुणवत्ता नियंत्रण को कम करें: आउटसोर्सिंग फर्म और कुछ फ्रीलांसर अक्सर अच्छी तरह से किए गए काम के बजाय लाभ से प्रेरित हो सकते हैं, लेकिन ग्राहक या उत्पाद से सेवाओं की अपेक्षा करने के लिए मानक और गुणवत्ता की कमी होगी. अलग-अलग समय क्षेत्र: ग्राहक और विक्रेता दो अलग-अलग समय क्षेत्रों में काम कर सकते हैं जो बहुत दूर हैं. समय का अंतर बहुत सारी समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे ऑनलाइन मीटिंग, संचार आदि.

BPO Me Job Kaise Kare - BPO में जॉब कैसे करे

BPO में जॉब कैसे करे आइये जानते है, दोस्तों BPO में जॉब करने के लिए आपको सबसे पहले interview देना होगा और उस interview को पास करने के बाद आप BPO में आराम से जॉब कर सकते है एक और बात जो आपको ध्यान रखनी चाहिए वो यह है की interview देने से पहले आप अपना एक resume बनाले जिसमें आपकी education qualification की पूरी जानकारी होनी चाहिए.

BPO में जॉब करने के लिए आपको हिंदी और इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना बहुत ही जरुरी है और साथ ही Computer work की knowledge हो होना भी बहुत जरुरी है, क्योंकि BPO मी ज्यादातर काम आपको कॉम्पुटर पर करना होता है, आज काल सबको Computer की knowledge होता है तो इसमे कोई बडी बात नहीं है.

BPO क्या है सम्पूर्ण जानकारी -

BPO एक कंपनी का contract है जो अपने संचालन और व्यावसायिक प्रक्रियाओं की जिम्मेदारियों के संबंध में तीसरे पक्ष या सेवाओं के बाहरी प्रदाता के साथ काम करता है. यह एक लागत-बचत उपाय है, जो कंपनियों को अपने व्यवसाय के गैर-प्रमुख कार्यों को outsource करने की अनुमति देता है. नियमित या परिधीय व्यावसायिक कार्यों की Outsourcing प्रचलन में है और वर्तमान में, शायद ही कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी है. जो अपने व्यवसाय के संचालन को outsource करने से अछूती है, समय के साथ, बिजनेस प्रोसेस Outsourcing (BPO) ने ग्राहक सहायता, तकनीकी सहायता, विपणन, मानव संसाधन आदि से संबंधित सेवाएं प्रदान करके पर्याप्त महत्व प्राप्त किया है.

BPO के तीन अलग-अलग प्रकार हैं जैसे:

ऑनशोर outsourcing (इसे घरेलू outsourcing के रूप में भी जाना जाता है) इसमें BPO सेवाएं उसी देश के किसी व्यक्ति से प्राप्त की जाती हैं.

निकटवर्ती outsourcing यह पड़ोसी देशों में किसी से BPO सेवाएं प्राप्त करने को संदर्भित करता है.

अपतटीय outsourcing यह पड़ोसी देशों को छोड़कर किसी अन्य देश में बाहरी संगठन से BPO सेवाएँ प्राप्त करने को संदर्भित करता है.

एक महत्वपूर्ण और बड़े पैमाने पर लागत में कमी प्रमुख और सबसे महत्वपूर्ण कारण है जिसके लिए outsourcing को लागू किया जाता है. यह उन कार्यों की लागत को कम करता है जो एक कंपनी की आवश्यकता होती है. बिजनेस outsourcing के कुछ लाभ हैं; कंपनी अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर सकती है, ओवरहेड खर्च कम किए जाते हैं, बाहरी विशेषज्ञता की उपलब्धता, कुशल और लागत में कमी, राजस्व में वृद्धि आदि.

BPO में जॉब के लिए कैसे अप्लाई करें -

आज के नए Job market में कॉल सेंटर या BPO बहुत से जॉब उपलब्ध कराते हैं. सबसे ख़ास बात ये है कि इन के साथ काम करने के लिए आपको ना तो किसी पूर्व-अनुभव की ही ज़्यादा आवश्यकता होती है, और ना ही किसी विशेष पढ़ाई की. बस आपको कुछ Simple skills की ज़रूरत होती है और इसी कौशल की जांच ये कंपनियाँ करती हैं.

अगर आप में ये कुछ Features हैं, तो आपको BPO में आसानी से जॉब मिल सकता है -

कम से कम 12th, Undergraduate, Graduate पास होना

एक अच्छा कम्युनिकेशन स्किल होना ( Need to have a good communication skill).

बेसिक कंप्यूटर का ज्ञान( Basic Computer knowledge)

किसी भी शिफ्ट दिन/रात या दोनों में काम करने के लिए रेडी होना( open to work in day/night or rotaional shift)

अगर आपको BPO में जॉब चाहिए तो आप को कुछ नीचे बताये हुए बिन्दुओं पर गौर करना होगा -

एक अच्छा Bio data तैयार करना जिसमें आपकी सारी Features बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से लिखी हुई हों.

Interview के लिए अच्छे से तैयारी करना.

जिस कंपनी में Interview देने जा रहे हैं उसके बारे में सब पता करना.

कंपनी के जरूरत के हिसाब से अपनी Interview की तैयारी करना.

अलग-अलग कंपनियों में अपनी Job application भेजना.

अगर ये आपका पहला इंटरब्यू होने वाला है, तो YouTube वीडियो का सहारा लें.

BPO और Call Center में क्या अंतर है?

आमतौर पर बहुत से लोगों का ये मानना होता है, कि, BPO और call center एक ही होता है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, दोस्तों आज भी बहुत से लोग तो यह भी मानते है, की इन दोनों का work process भी समान होता है लेकिन सच बात तो ये है call center एक तरह से BPO का ही एक हिस्सा है, पर ये दोनों पूरी तरह समान नही है और इनके work process भी कुछ हद तक अलग अलग होते है.

  • BPO ऑनलाइन और Offline दोनों तरीके से हो सकता है तो call center सिर्फ ऑनलाइन तरीके से होता है.

  • Call center में केवल कॉल करना और कॉल उठाना शामिल होता है तो BPO में मेल, मीटिंग, प्रिंटिंग, डॉक्यूमेंट, कॉल आदि. शामिल होते है.

  • BPO एक सिस्टम की तरह काम करता है जिसका उद्देश्य अपने business की productivity बढाने का होता है तो वहीँ BPO का हिस्सा होने के कारण call center में अपने ग्राहक की सहायता करना और product का प्रचार करना शामिल होता है.

  • BPO में जॉब पाने के लिए Computer की जानकारी और अच्छी English की जानकारी अनिवार्य होता है तो कॉल सेंटर में Basic Computer information और संचार कौशल होना जरुरी है.

  • BPO में आईटी, वित्त, बिलिंग, आदि जैसे अलग अलग डिपार्टमेंट होते है लेकिन कॉल सेंटर में सिर्फ calling डिपार्टमेंट होता है.

निष्कर्ष

तो ये Outsourcing industry के हिस्से के रूप में BPO उद्योग पर कुछ आवश्यक Point थे. ऐसे व्यवसाय जो लागत कम करना चाहते हैं, उन्हें एक प्रदाता की तलाश करनी चाहिए जो घर में उनके लिए आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया कर सकता है. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने अकाउंटिंग सिस्टम को Outsource करना चाहते हैं, तो आपको आउटसोर्सिंग कंपनी को ढूंढना होगा जो आपके लिए पूरी प्रक्रिया कर सके. आशा है कि आपको BPO, बीपीओ, BPO पूर्ण रूप और अर्थ, BPO उद्योग की विशिष्ट श्रेणियां क्या हैं, के बारे में विस्तार से सारी जानकारी प्राप्त होगी, जो प्राथमिक सेवाएं दी गई हैं और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि प्रौद्योगिकी भविष्य को कैसे बदलेगी BPO उद्योग की.