GPS Full Form in Hindi




GPS Full Form in Hindi - GPS की पूरी जानकारी?

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GPS Full form in Hindi

GPS की फुल फॉर्म “Global Positioning System” होती है, GPS का हिंदी में मतलब “ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम” होता है. GPS एक ऐसा सिस्टम है जिसके द्वारा आप दुनिया के किसी भी जगह का पोजीशन की जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं. ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम एक Satellite navigation system है, जिसका उपयोग किसी विशेष स्थान तक पहुंचने के लिए सटीक स्थान, Velocity और Time जानने के लिए किया जाता है. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बात दे की सबसे पहला GPS संयुक्त राज्य सरकार द्वारा बनाया गया था, और इस GPS मूल रूप से सैनिकों और सैन्य वाहनों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया था. दोस्तों उस समय हर व्यक्ति इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता था, लेकिन वर्तमान समय में यह GPS Receiver वाले किसी भी व्यक्ति के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, और सभी इसका उपयोग कर सकते हैं. उपग्रह सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं, लेकिन सौर ऊर्जा न होने पर उन्हें चालू रखने के लिए उनके पास Backup battery onboard भी होते हैं. जिसके कारन यह सभी समय पर काम कर रहा होता है. पहला GPS 1960 के दशक में अमेरिकी नौसेना के जहाजों को और अधिक सटीक रूप से Navigate करने में मदद करने के लिए विकसित किया गया था. First system पांच उपग्रहों के साथ शुरू हुई थी जो जहाजों को हर घंटे में एक बार अपने स्थान को Verified करने की अनुमति देते थे. और अब यह इतना विकाश कर चूका है Mobile, Rail, Bus, Car इत्यादि बहुत सारी पब्लिक चीजों में उपयोग की जाती है.

GPS एक ग्लोबल नेविगेशन सॅटॅलाइट सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल किसी भी चीज़ की Position को बताना होता है. आज के समय में हर किसी के पास एंड्राइड फ़ोन मौजूद है, दोस्तों आपने अक्सर अपने फ़ोन में GPS का इस्तेमाल किया होगा, आप ये भी जानते भी होंगे ये आपकी Position बताता है. पर क्या इसके अतिरिक्त आप इसके बारे में कुछ जानते हैं. आज हम आपको GPS के बारे में पूरी जानकारी देंगे, इसका सबसे पहला उपयोग अमेरिका की Defense Department ने सेना के लिए शुरू किया था. आप को बता दे कि उस समय GPS सिस्टम आम लोगों द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था. अगर कोई इसे इस्तेमाल करता तो यह गैर कानूनी कहलाता, लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे सन 1995 में Public उपयोग के लिए आज्ञा मिल गयी।

What is GPS in Hindi

GPS ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के लिए है, यह एक उपग्रह आधारित नेविगेशन प्रणाली है जो दुनिया भर में सभी मौसम की स्थिति में जमीनी Users को उनके सटीक स्थान, वेग और समय को 24 घंटे निर्धारित करने की अनुमति देता है. यह अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा बनाए रखा और विकसित किया गया है, और मूल रूप से Soldiers और सैन्य वाहनों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन कुछ दशकों के बाद यह GPS Receiver वाले किसी के लिए भी सुलभ हो गया, यह व्यापक रूप से वाहनों को ट्रैक करने और एयरलाइंस, शिपिंग फर्मों, कूरियर कंपनियों, ड्राइवरों आदि द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक सर्वोत्तम मार्ग का पालन करने के लिए उपयोग किया जाता है।

सबसे पहला GPS वर्ष 1960 के दशक में महासागरों को अधिक सटीक रूप से Navigate करने में अमेरिकी नौसेना के जहाजों की सहायता के लिए विकसित किया गया था, पहली प्रणाली पांच उपग्रहों के साथ शुरू हुई जो जहाजों को हर घंटे में एक बार उनके स्थान की जांच करने में सक्षम बनाती थी।

GPS के पार्ट्स

इसे तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित किया जा सकता है जो इस प्रकार हैं -

Space Segment − यह उपग्रहों को संदर्भित करता है, छह कक्षीय विमानों में लगभग 24 उपग्रह वितरित किए गए हैं।

Control Segment − यह उपग्रहों को बनाए रखने और निगरानी करने के लिए विकसित पृथ्वी के स्टेशनों को संदर्भित करता है।

User Segment − यह उन users को संदर्भित करता है जो स्थिति और समय की गणना करने के लिए GPS उपग्रहों से प्राप्त नेविगेशन संकेतों को संसाधित करते हैं।

GPS का काम करना

आपकी जानकारी के लिए बता दे की लगभग 11,500 miles की ऊँचाई पर १२ घंटे (प्रति दिन दो परिक्रमा) की अवधि में २४ उपग्रह और कुछ अतिरिक्त उपग्रह हैं, उपग्रहों को इस तरह रखा गया है कि चार उपग्रह पृथ्वी के किसी भी बिंदु से क्षितिज के ऊपर होंगे।

सूचना प्राप्त करने के लिए GPS उपकरण पहले 3 से 4 उपग्रहों के साथ संबंध स्थापित करेगा. GPS उपग्रह ने रिसीवर के स्थान सहित एक संदेश प्रसारित किया, GPS रिसीवर विभिन्न उपग्रहों से संदेश को जोड़कर त्रिकोणासन नामक प्रक्रिया का उपयोग करके सटीक स्थिति की गणना करता है।

GPS उपग्रहों को संचार के लिए एक निर्बाध रेखा की आवश्यकता होती है. इसलिए, यह तकनीक इनडोर उपयोग के लिए आदर्श नहीं है. वहाँ कुछ उपकरण पास के सेल टावरों और सार्वजनिक वाई-फाई सिग्नल का उपयोग करते हैं. इस तकनीक को LPS (लोकल पोजिशनिंग सिस्टम) कहा जाता है और यह GPS का विकल्प है।

GPS आविष्कार किसने किया था

GPS system का आविष्कार करने वालों कम से कम तीन नाम स्पष्ट रूप लिया जा सकता है. डॉ इवान गेटिंग, प्रोफेसर ब्रैडफोर्ड पार्किंसन और रोजर एल. ईस्टन मुख्य अविष्कारक माने जाते हैं. GPS system का उपयोग सिर्फ अमेरिकी सेना करता था. GPS प्रोजेक्ट को 1960 में यूएस Department ऑफ़ डिफेंस ने शुरू किया था. लेकिन सफलता 1973 में मिला था! शुरुआती दिनों में केवल 24 सैटेलाइट के मदद से इस सिस्टम को बनाया गया था।

GPS काम कैसे करता है?

GPS क्या है यह जानने के बाद आइये अब हम जानते है. GPS किसे काम करता है जीपीएस के काम करने के तरीके को समझने के लिए पहले आपको ये जानना जरुरी है की आपका फोन किन किन चीज़ों से जुड़ा होता है, आपका फोन तीन चीज़ों से जुड़ा होता है तभी वो आपकी लोकेशन को बता पाता है।

जीपीएस सॅटॅलाइट − एक GPS चार सॅटॅलाइट से ज़ुडा हुआ होता है, दोस्तों हम जानते है आपको यह जान कर थोड़ी हैरानी हुई होगी, और ये सॅटॅलाइट ही आपकी पोजीशन को बताने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है. दरअसल यह आप के फ़ोन से भेजे गए सिग्नल के Coordinate record कर लेती है।

ग्राउंड कण्ट्रोल स्टेशन − इसका उपयोग इसकी कार्यषाली को नियरिट या निगरानी के लिए किया जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि ऑर्बिट से सैटेलाईट्स के विचलन और साथ-साथ जीपीएस टाइमिंग टॉलरेंस लेवल के भीतर हैं।

जीपीएस रिसीवर − यह Receiver कुछ और नहीं बल्कि आप के फ़ोन और आपकी गाड़ियां होती है जहाँ से GPS का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसकी प्रक्रिया को समझने का प्रयास करतें है. हमारा फ़ोन या कोई भी गाडी जिससे आप GPS का प्रयोग करना चाहते हो वो रिसवीर की तरह काम करता है. दरअसल यह पहले अपनी नजदीकी 4 Satellite से जुड़ता है और जुड़ने के साथ ही Satellite इसके Coordinate को वापस फ़ोन तक भेज देती है, जिससे Location का पता चल जाता है।

GPS का उपयोग कहां पर होता है

GPS system बेहद बहुमुखी है और लगभग किसी भी उद्योग क्षेत्र में पाया जा सकता है. दोस्तों उनका उपयोग जंगलों का नक्शा बनाने, किसानों को अपने खेतों की कटाई करने और हवाई जहाज को जमीन पर या हवा में Navigate करने में मदद के लिए किया जा सकता है, जैसा की हम जानते है GPS system का उपयोग सैन्य Applications और आपातकालीन Employees द्वारा सहायता की आवश्यकता में लोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है. भारतीय सेना को कारगिल लड़ाई में GPS से बहुत फायदा मिला था।

GPS Tracking क्या है

GPS में सॅटॅलाइट से जुड़ कर काम करता है, इसके लिए अमेरिका ने 50 से ज्यादा GPS सॅटॅलाइट पृथ्वी से बहार भेजे है, और आपकी जानकारी के लिए बता दे की वो सभी सॅटॅलाइट हर समय पृथ्वी पर Signal भेजते रहते है .और उसे Receive करने के लिए लिए Receiver की जरूरत पड़ती है. अगर आपका फ़ोन वो Signal रिसीव करने लगता है तो आपको अपनी Location का पता आचे से लग जाता है. इसके लिए 4 सॅटॅलाइट आपकी Location को चेक करते है और आपकी Location एक दम सही बताते है. ये सिर्फ Location ही नहीं आपकी Speed, Distance, दूसरी जगह से आपकी जगह तक की दुरी सब कुछ बताते है।