NFC Full Form in Hindi




NFC Full Form in Hindi - एनऍफ़सी क्या होता है?

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NFC Full Form in Hindi

NFC की full form "Near Field Communication" होती है, और इसका हिंदी में मतलब होता है नजदी की Field में Communication करना, मतलब की उन चीजों का आपस में कम्यूनिकेट करना जो ज्यादा दूर ना हो, आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे NFC भी हमारे mobile में उपलब्ध Bluetooth और WiFi की तरह communication का एक जरिया होता है, लेकिन इसका use इन दोनों से बिलकुल अलग कामो के लिए किया जाता है. NFC की range भी इन दोनों से कम होती है, इसकी range 4-5 सेंटीमीटर ही होती है, अगर आप आपने mobile को इसके जरिये कम्युनिकेट करवाने चाहतें है तो आपको आपने mobile को दुसरे NFC device के एक दम करीब रखना होगा तभी यह संभव है की आप इसका उपयोग कर पाएंगे.

NFC क्या होता है?

NFC क्या है और इसका क्या उपयोग है, NFC एक Near field communicate करने वाला system है. इसकी मदद से हम किसी भी दूसरी device से बड़ी आसानी के साथ communicate कर सकते है. NFC को Secure बनाने के लिए इसमें electromagnetic रेडियो फील्ड का उपयोग किया गया है. जिसकी वजह से communicate करते समय device को बहुत ज्यादा नजदीक रखना पड़ता है. ताकि device उसके electromagnetic फील्ड के अंदर आ जाए और कम्युनिकेशन किया जा सके. यह एक कम्युनिकेशन का बहुत ही secure system होता है.

NFC का फुल फॉर्म नियर फील्ड कम्युनिकेशन है. एनएफसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच संचार को संदर्भित करता है जो कम दूरी के लिए संगत हैं. इसमें एक डिवाइस एनएफसी के ट्रांसमिटिंग डिवाइस के रूप में और दूसरा रिसीविंग डिवाइस के रूप में कार्य करता है. इन उपकरणों की सीमा 10 सेमी के भीतर होनी चाहिए. एनएफसी प्रौद्योगिकी की अंतर्निहित परतों में ईटीएसआई, आईएसओ और ईसीएमए मानक शामिल हैं. सरल शब्दों में, एनएफसी संचार के लिए एक छोटी दूरी और उच्च आवृत्ति वाली वायरलेस तकनीक है जिसे उपकरणों के बीच डेटा के आदान-प्रदान के लिए विकसित किया गया है. इसे मौजूदा प्रॉक्सिमिटी कार्ड मानक का अपग्रेड माना जाता है. यह उपयोगकर्ता को वायरलेस तरीके से बिलों का भुगतान करने, डिजिटल उपकरणों के बीच सामग्री साझा करने की अनुमति देता है, या वह संपर्क रहित बुनियादी ढांचे का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक यात्रा टिकट के रूप में सार्वजनिक परिवहन के लिए सेल फोन का उपयोग भी कर सकता है. एनएफसी के अनुप्रयोगों को चार बुनियादी श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: टच एंड गो, टच एंड कन्फर्म, टच एंड कनेक्ट, और टच एंड एक्सप्लोर. एनएफसी विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करने वाली सूचना प्रसारित करने के लिए पुराने रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) विचारों पर आधारित है. एनएफसी की बिजली की खपत ब्लूटूथ से कम है, जो इसे निष्क्रिय उपकरणों जैसे प्रतिरोधक, इंडक्टर्स, कैपेसिटर इत्यादि के लिए अनुकूल बनाती है, क्योंकि यह निष्क्रिय घटकों में विद्युत धाराओं को प्रेरित कर सकती है और डेटा भेज सकती है.

NFC क्या है और NFC कैसे काम करता है?

दोस्तों क्या आपने कभी NFC क्या है, के विषय में सुना है? जब कहीं बात ऑनलाइन भुगतान की आती है वहां NFC के विषय में चर्चा जरुर होती है. जी हाँ दोस्तों में उसी NFC के विषय में बात कर रहा हूँ जिसे की सैमसंग पे औरएंड्रॉइड पे जैसे systems में use किया जाता है. इस विशेषता का use अक्सर उच्च अंत डिवाइस में किया जाता था लेकिन अभी येमध्य स्तर में भी उपलब्ध है. शायद आपने इस परिवर्णी शब्द को सुना भी होगा लेकिन क्या आप जानते है की आखिर ये है क्या, कैसे काम करता है और इसका use कहाँ किया जाता है. शायद आप NFC का use भी कर चुके हों क्यूंकि आजकल के प्राय सभी नए smartphones में आप इसे देख सकते हैं. लेकिन इसका use करने के बाद भी बहुत ही कम ऐसे लोग है जिन्हें की इसके विषय में पूरा ज्ञान है. सुनने में भले ही ये थोडा डरावना लग रहा हो लेकिन असल में इसे Understand बहुत ही आसान है और ये बड़े काम की भी चीज़ है. जहाँ पहले ये केवल कुछ हीमहंगे फोन में मेह्जुद था वहीँ आज ये प्राय सभी smartphone में मेह्जुद होने लगा है. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को NFC क्या है के विषय में पूरी Information प्रदान की जाये जिससे आप लोगों को इस technology के विषय में Information प्राप्त हो और इसे बेहतर रूप से समझने और use करने में आपको आसानी हो. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते है की आखिर ये NFC क्या होता है और ये Smartphones में कैसे काम करता है.

स्मार्टफोन तो हम सभी के पास होता है और उसमें ढेर सारे अलग-अलग फीचर भी होते हैं. अगर आपने गौर किया हो तो किसी-किसी के स्मार्टफोन में NFC नाम का एक फीचर होता है. काफी कम लोग NFC के बारे में जानते हैं. NFC क्या है और NFC कैसे उपयोग किया जाता है? ये सारी बाते हर उस व्यक्ति को पता होना चाहिए जिसके पास स्मार्टफोन है और स्मार्टफोन में NFC फीचर है.

अक्सर लोग NFC क्‍या है व नफ़्स फुल फॉर्म क्या होता है? के बारे में सोंचने लगते है तो आपको बता दें कि NFC का मतलब या NFC का फुल फॉर्म “Near Field कम्युनिकेशन ” होता है. आपने फ़ोन में WiFi का Use तो किया ही होगा. यह भी WiFi की तरह ही काम करता है. जिस तरह हमारे फ़ोन में ब्लूटूथ को कनेक्ट करने के लिये हमे दोनों डिवाइस को Paired करना पड़ता है जिसमे हमे कभी-कभी काफी समय लग जाता है और फिर भी हम अपने Phone में ब्लूटूथ को कनेक्ट नही कर पाते. NFC ब्लूटूथ से बहुत ही अच्छा है NFC तभी काम करता है जब आपके फ़ोन में NFC होता है और अगर आप किसी दूसरे डिवाइस से एनएफसी कनेक्ट करना चाहते है तो इसके लिए सामने वाले के Mobile में भी NFC होना चाहिए. यह ‘वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी’ है जिसमें आप 4-5 सेमी तक की दूरी से दो डिवाइस के बीच डाटा Transfer कर सकते है. NFC की Help से आप डाटा को सिर्फ Touch करने से ही तेज़ गति से भेज सकते है. एनएफसी डिवाइस टच करने पर ही कनेक्ट हो जाता है और काम पूरा होने के बाद स्वचालित रूप से बंद हो जाता है. यह ब्लूटूथ की तुलना में 106-424 Kbps की Speed से Data Transfer कर सकता है. NFC में आप Data Transfer करने के साथ ही बहुत कुछ कर सकते है जैसे- पैसे Transfer करना, Shopping करने के बाद बिल का Payment करना और भी बहुत कुछ कर सकते है. जब यह कम्युनिकेशन करती है तो इसमे Battery Consumption भी कम होती है.

NFC क्या है?

NFC एक वायरलेस technology है जिसका पूरा नाम है Near Field Communication, जिसमे आप दो Device को पास में लाके कनेक्शन बना सकते है बिना किसी वायर के और डेटा हो शेयर यानि सेंड कर सकते है या फिर रिसीव कर सकते है NFC आपके Mobile के बेक कवर , बैटरी या Mobile के टॉप पे लगाया जाता है NFC को आप अपने Mobile के सेटिंग में जाके activate कर सकते है. एनऍफ़सी में electromagnetic रेडियो फील्ड, का यूज़ किया जाता है इशलिये आपको Device के बीच में कनेक्शन बनाने के लिए आपको Device को एक दुसरे से टच करना होता है इसकी रेंज 3-4cm तक ही होती है इससे दूर अगर आप Device को ले जायेंगे तो Device के बीच में कनेक्शन नहीं बन पायेगा और न ही आप किसी तरह का डेटा शेयर कर पाएंगे ,NFC 106kbps से लेकर 424kbps तक का स्पीड सपोर्ट करता है यानि की इसमें जो भी डाटा सेंड या रिसीव होगा वो इसी स्पीड से होगा. जब भी हम अपने Mobile में NFC को activate करते है तो एक कम्युनिकेशन फिल्ड बनता है Device के आस पास और जैसे ही आप कोई दूसरा NFC Device इसके पास लाते है तो और इससे टच करते है तो दोनों के बीच कनेक्शन बनता जाता है उसके बाद जो भी डाटा होता है वो सेंड या फिर रिसीव हो जाता है लेकिन इसके लिए दोनों Device में NFC इनेबल यानि activate होना चाहिए आप नीचे डायग्राम से समझ सकते है एनऍफ़सी कैसे काम करता है मोबाइल Device

NFC का अर्थ है नजदीक फील्ड संचार अर्थात् निकट क्षेत्र Communication. यह दरअसल एक कम दूरी की Communication सुविधा है, जो Radio Frequency (रेडियो फ्रिक्वेंसी) की मदद से काम करती है. इसके जरिए आप किन्हीं दो Devices को आपस में टच करके या बिल्कुल पास-पास रखकर उनके बीच communicate करवा सकते हैं. अर्थात् Data का आदान-प्रदान कर सकते हैं. मतलब यह कि यह बहुत ही कम दूरी की Communication सुविधा है. इसमें आपको communicate करवाने के लिए या तो दोनों Devices को आपस में टच करना पड़ता है या फिर बिल्कुल सटाकर रखना पड़ता है, तभी उनके बीच Communication स्थापित हो पाता है. वरना दोनों डिवाइस आपस में कनेक्ट नहीं होते. क्योंकि इसकी रेंज बहुत ही कम (सिर्फ 10 सेमी.) होती है.

NFC काम कैसे करता है?

दरअसल एनएफसी, RFID का ही एक उन्नत संस्करण है, जो स्मार्टफोन्स के लिए डेवलप किया गया है. यह रेडियो तरंगों की मदद से काम करता है. जब आप इसे ON करते हैं तो आपके फोन के आस-पास एक Electromagnatic Field यानि कि विद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण होता है, जिसकी पहुँच 10 सेमी. होती है. अब दूसरा डिवाइस, जो इस रेंज के दायरे में होता है, वह आपके फोन से कनेक्ट हो जाता है और आप उस डिवाइस के साथ कम्यूनिकेट कर सकते हैं. आमतौर पर इसकी स्पीड 106 kbps से लेकर 424 kbps तक होती है.

अब तक हम ये तो जान ही चुके हैं की NFC क्या है? लेकिन ये नहीं जानते हैं की ये आखिर काम कैसे करता है. ब्लूटूथ और WiFi और दुसरे वायरलेस सिग्नल के तरह ही, NFC भी अपने data को रेडियो तरंगें के जरिये भेजता है. नजदीक फील्ड संचार एक अलग ही स्टैण्डर्ड है वायरलेस डेटा संक्रमण के लिए. इसका अर्थ ये है की devices को कुछ विशेष विवरण का पालन करना होता एक दुसरे के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए. NFC में जो टेक्नोलॉजी का इस्तमाल होता है उसे older RFID के ideas से लिया गया है, जो की पहले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का इस्तमाल करते थे सूचना प्रसारण करने के लिए. इससे और एक बात पता चलती है जो की NFC और ब्लूटूथ/वाईफाई के बिच रहे डिफरेंस की और इशारा करती है वो ये की NFC का इस्तमाल निष्क्रिय घटक में विद्युत प्रवाह प्रेरित करने और data को send करने के लिए किया जाता है. जिससे ये पता चलता है की passive device को operate करने के लिए अपनी power supply की जरुरत नहीं होती है. इन्हें power तब मिलती है जब एक सक्रिय एनएफसी घटक इनके पास से गुजरता है या उनके range के भीतर आता है तब स्वचालित रूप से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का उत्पादन होता है जो की power उत्पन्न करती है. लेकिन दुखद की बात यह है की NFC टेक्नोलॉजी की मदद से उतनी भी inductance नहीं पैदा होती है जो की आपके smartphones को charge कर सकें.

NFC का काम क्या है?

NFC का काम क्या है वैसा देखा जाए तो NFC का मुख्य काम डाटा को Read, Write और Process करना है. लेकिन यह सुनने में जितना आसान लग रहा है, असल में उतना आसान है नहीं. क्योंकि हर Sector के हिसाब से Data का प्रकार और प्रारूप अलग होता है. इसलिए NFC का काम बहुत ही जटिल है. और आज-कल तो NFC का उपयोग काफी ज्यादा बढ़ गया है. आज यह कम रेंज वाली तकनीकी बहुत-सी जगहों पर use हो रही है और हमारा काम आसान कर रही है. कैसे? आइए, विस्तार से जानते हैं…

एनएफसी क्या है और यह कैसे काम करता है

सैमसंग पे और गूगल पे जैसी ऑनलाइन भुगतान प्रणालियों के विकास के कारण एनएफसी एक मुख्यधारा की वायरलेस तकनीक है. खासकर जब बात हाई-एंड डिवाइसेज और यहां तक ​​कि कई मिड-रेंजर्स की हो. आपने शायद पहले इस शब्द को सुना होगा, लेकिन वास्तव में एनएफसी क्या है? इस लेख में हम बताएंगे कि यह क्या है, यह कैसे काम करता है और इसका उपयोग किस लिए किया जा सकता है. एनएफसी का अर्थ है "नियर फील्ड कम्युनिकेशन" और, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह संगत उपकरणों के बीच कम दूरी के संचार को सक्षम बनाता है. इसके लिए कम से कम एक संचारण उपकरण की आवश्यकता होती है, और दूसरे को संकेत प्राप्त करने के लिए. उपकरणों की एक श्रृंखला एनएफसी मानक का उपयोग कर सकती है और इसे निष्क्रिय या सक्रिय माना जाएगा. निष्क्रिय एनएफसी उपकरणों में टैग और अन्य छोटे ट्रांसमीटर शामिल हैं, जो अन्य एनएफसी उपकरणों को अपने स्वयं के शक्ति स्रोत की आवश्यकता के बिना जानकारी भेज सकते हैं. हालांकि, वे अन्य स्रोतों से भेजी गई किसी भी जानकारी को संसाधित नहीं करते हैं, और अन्य निष्क्रिय घटकों से कनेक्ट नहीं हो सकते हैं. ये अक्सर दीवारों या विज्ञापनों पर संवादात्मक संकेतों का रूप ले लेते हैं. सक्रिय उपकरण डेटा भेजने और प्राप्त करने दोनों में सक्षम हैं, और एक दूसरे के साथ-साथ निष्क्रिय उपकरणों के साथ संचार कर सकते हैं. स्मार्टफोन अब तक सक्रिय एनएफसी डिवाइस का सबसे सामान्य रूप है. सार्वजनिक परिवहन कार्ड रीडर और टच पेमेंट टर्मिनल भी प्रौद्योगिकी के अच्छे उदाहरण हैं.

अब जब हम जानते हैं कि एनएफसी क्या है, यह कैसे काम करता है? ब्लूटूथ और वाई-फाई और अन्य सभी प्रकार के वायरलेस सिग्नल की तरह, एनएफसी रेडियो तरंगों पर सूचना भेजने के सिद्धांत पर काम करता है. नियर फील्ड कम्युनिकेशन वायरलेस डेटा ट्रांज़िशन के लिए एक और मानक है. इसका मतलब है कि एक दूसरे के साथ ठीक से संवाद करने के लिए उपकरणों को कुछ विशिष्टताओं का पालन करना चाहिए. एनएफसी में उपयोग की जाने वाली तकनीक पुराने आरएफआईडी (रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) विचारों पर आधारित है, जो सूचना प्रसारित करने के लिए विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का उपयोग करती थी. यह एनएफसी और ब्लूटूथ/वाईफाई के बीच एक बड़ा अंतर है. पूर्व का उपयोग निष्क्रिय घटकों के भीतर विद्युत धाराओं को प्रेरित करने के साथ-साथ केवल डेटा भेजने के लिए किया जा सकता है. इसका मतलब है कि निष्क्रिय उपकरणों को अपनी बिजली की आपूर्ति की आवश्यकता नहीं होती है. इसके बजाय उन्हें एक सक्रिय एनएफसी घटक द्वारा उत्पादित विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा संचालित किया जा सकता है जब यह सीमा में आता है. दुर्भाग्य से, एनएफसी तकनीक हमारे स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए पर्याप्त इंडक्शन का आदेश नहीं देती है, लेकिन क्यूआई वायरलेस चार्जिंग उसी सिद्धांत पर आधारित है.

विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का उपयोग डेटा संचारित करने या प्राप्त करने वाले उपकरण में विद्युत धाराओं को प्रेरित करने के लिए किया जा सकता है. निष्क्रिय एनएफसी उपकरण सक्रिय उपकरणों द्वारा उत्पादित क्षेत्रों से शक्ति प्राप्त करते हैं, लेकिन सीमा कम है. एनएफसी में डेटा के लिए संचरण आवृत्ति 13.56 मेगाहर्ट्ज है. आप 106, 212 या 424 किलोबिट प्रति सेकंड पर डेटा भेज सकते हैं. संपर्क विवरण से लेकर चित्रों और संगीत की अदला-बदली तक - डेटा स्थानान्तरण की एक श्रृंखला के लिए यह काफी तेज़ है. यह निर्धारित करने के लिए कि उपकरणों के बीच किस प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा, एनएफसी मानक में वर्तमान में संचालन के तीन अलग-अलग तरीके हैं. स्मार्टफोन में शायद सबसे आम उपयोग पीयर-टू-पीयर मोड है. यह दो एनएफसी-सक्षम उपकरणों को एक दूसरे के बीच सूचनाओं के विभिन्न टुकड़ों का आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है. इस मोड में, दोनों डिवाइस डेटा भेजते समय सक्रिय और प्राप्त करते समय निष्क्रिय के बीच स्विच करते हैं.

दूसरी ओर, रीड / राइट मोड, एक तरफ़ा डेटा ट्रांसमिशन है. सक्रिय डिवाइस, संभवत: आपका स्मार्टफोन, किसी अन्य डिवाइस से लिंक करता है ताकि उससे जानकारी पढ़ी जा सके. NFC विज्ञापन टैग इस मोड का उपयोग करते हैं. ऑपरेशन का अंतिम तरीका कार्ड इम्यूलेशन है. एनएफसी डिवाइस एक स्मार्ट या संपर्क रहित क्रेडिट कार्ड के रूप में कार्य कर सकता है और भुगतान कर सकता है या सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में टैप कर सकता है.

ब्लूटूथ के साथ तुलना -

तो एनएफसी अन्य वायरलेस तकनीकों के साथ तुलना कैसे करता है? आप सोच सकते हैं कि एनएफसी थोड़ा अनावश्यक है, यह देखते हुए कि ब्लूटूथ कई वर्षों से अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध है. हालांकि, दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण तकनीकी अंतर हैं जो कुछ परिस्थितियों में एनएफसी को कुछ महत्वपूर्ण लाभ देते हैं. एनएफसी के पक्ष में प्रमुख तर्क यह है कि इसमें ब्लूटूथ की तुलना में बहुत कम बिजली की खपत की आवश्यकता होती है. यह निष्क्रिय उपकरणों के लिए NFC को एकदम सही बनाता है, जैसे कि पहले बताए गए विज्ञापन टैग, क्योंकि वे एक प्रमुख शक्ति स्रोत के बिना काम कर सकते हैं. हालाँकि, इस बिजली-बचत में कुछ बड़ी कमियाँ हैं. सबसे विशेष रूप से, संचरण की सीमा ब्लूटूथ की तुलना में बहुत कम है. जबकि एनएफसी की रेंज लगभग 10 सेमी है, बस कुछ इंच, ब्लूटूथ कनेक्शन स्रोत से 10 मीटर या उससे अधिक तक डेटा संचारित कर सकते हैं. एक और कमी यह है कि ब्लूटूथ की तुलना में एनएफसी काफी धीमा है. यह ब्लूटूथ 2.1 के साथ 2.1 Mbit/s या ब्लूटूथ कम ऊर्जा के साथ लगभग 1 Mbit/s की तुलना में केवल 424 kbit/s की अधिकतम गति से डेटा संचारित करता है.

लेकिन एनएफसी का एक बड़ा फायदा है: तेज कनेक्टिविटी. आगमनात्मक युग्मन के उपयोग और मैन्युअल युग्मन के अभाव के कारण, दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने में एक सेकंड के दसवें हिस्से से भी कम समय लगता है. जबकि आधुनिक ब्लूटूथ बहुत तेजी से जुड़ता है, एनएफसी अभी भी कुछ परिदृश्यों के लिए बहुत आसान है. अर्थात् मोबाइल भुगतान. सैमसंग पे, एंड्रॉइड पे और यहां तक ​​कि ऐप्पल पे भी एनएफसी तकनीक का उपयोग करते हैं - हालांकि सैमसंग पे दूसरों की तुलना में थोड़ा अलग काम करता है. जबकि ब्लूटूथ फ़ाइल स्थानांतरण के लिए उपकरणों को एक साथ जोड़ने, स्पीकर से कनेक्शन साझा करने, और बहुत कुछ करने के लिए बेहतर काम करता है, हम उम्मीद करते हैं कि मोबाइल भुगतान के लिए एनएफसी हमेशा इस दुनिया में एक जगह होगी - एक तेजी से विस्तार करने वाली तकनीक. अब जबकि हमने इस प्रश्न का उत्तर दे दिया है कि "एनएफसी क्या है?", हम इस वायरलेस तकनीक पर आपके किसी अन्य प्रश्न के बारे में आपसे सुनना चाहते हैं. हमें अपने प्रश्न टिप्पणियों में बताएं!

मोबाइल में NFC क्या है? कैसे जांचें कि आपके स्मार्टफोन में एनएफसी है या नहीं? विवरण जानें

एनएफसी एक छोटी दूरी की उच्च आवृत्ति वाली वायरलेस संचार तकनीक है जो लगभग 10 सेमी की दूरी पर उपकरणों के बीच डेटा के आदान-प्रदान को सक्षम बनाती है. एनएफसी मौजूदा प्रॉक्सिमिटी कार्ड स्टैंडर्ड (आरएफआईडी) का अपग्रेड है जो स्मार्टकार्ड और रीडर के इंटरफेस को एक डिवाइस में जोड़ता है. यह उपयोगकर्ताओं को डिजिटल उपकरणों के बीच सामग्री साझा करने, वायरलेस तरीके से बिलों का भुगतान करने या यहां तक ​​कि सार्वजनिक परिवहन के लिए पहले से उपयोग में आने वाले मौजूदा संपर्क रहित बुनियादी ढांचे पर इलेक्ट्रॉनिक यात्रा टिकट के रूप में अपने सेलफोन का उपयोग करने की अनुमति देता है. ब्लूटूथ पर एनएफसी का महत्वपूर्ण लाभ कम सेट-अप समय है. ब्लूटूथ डिवाइस की पहचान करने के लिए मैन्युअल कॉन्फ़िगरेशन करने के बजाय, दो एनएफसी डिवाइसों के बीच कनेक्शन एक बार (1/10 सेकंड के तहत) स्थापित किया जाता है. इसकी छोटी रेंज के कारण, एनएफसी ब्लूटूथ की तुलना में उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है और एनएफसी को भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाता है जहां इसके ट्रांसमिटिंग भौतिक उपकरण (और विस्तार से, इसके उपयोगकर्ता) के साथ एक सिग्नल को सहसंबंधित करना अन्यथा असंभव साबित हो सकता है. NFC तब भी काम कर सकता है जब कोई एक डिवाइस बैटरी द्वारा संचालित न हो (उदाहरण के लिए एक फोन पर जिसे बंद किया जा सकता है, एक संपर्क रहित स्मार्ट क्रेडिट कार्ड, आदि).

मोबाइल में NFC क्या है? यहां मोबाइल फोन में एनएफसी के अर्थ के बारे में सब कुछ है, यह कैसे विकसित हो रहा है और इसका उपयोग क्या है. जानें कि कैसे जांचें कि आपके स्मार्टफोन में एनएफसी है या नहीं, इंटरनेट और तकनीक का युग बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. 5जी नेटवर्क और समर्थन के आने के साथ, लोग गति और उत्पादकता के चरण में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. जबकि ये सभी सुधार काफी पेचीदा हैं, बहुत से लोग इस उलझन में हैं कि "मोबाइल में NFC क्या है?" अगर आप भी इसके बारे में सोच रहे हैं, तो चिंता न करें, यहां आपको इसके बारे में जानने की जरूरत है.

मोबाइल में NFC क्या है?

NFC का मतलब नियर फील्ड कम्युनिकेशन है और यह एक ऐसी तकनीक है जो कई सालों से विकसित हो रही है. यह एक आवश्यक उपकरण है जो उपयोगकर्ताओं को अपने स्मार्टफोन उपकरणों से डेटा का आदान-प्रदान करने में मदद करता है. मोबाइल में एनएफसी का फुल फॉर्म बताता है कि यह तकनीक अधिकतम चार इंच की छोटी दूरी के साथ काम करती है, इसलिए आपको डेटा ट्रांसफर करने के लिए किसी अन्य एनएफसी सक्षम डिवाइस के बहुत करीब होना चाहिए. यह तकनीक महत्वपूर्ण रूप से बढ़ रही है क्योंकि कई तकनीकी दिग्गज और लोकप्रिय ऐप आसान भुगतान और अधिक सक्षम करने के लिए इस सुविधा का परीक्षण कर रहे हैं. Google पे ने हाल ही में घोषणा की है कि वह एक्सिस वीज़ा कार्ड और एसबीआई वीज़ा क्रेडिट कार्ड (अभी के लिए) के लिए एनएफसी (टैप एंड पे फीचर) का परीक्षण करने जा रहा है. ऐप्पल ने आईओएस 14 अपडेट में एक नया एनएफसी टैग रीडर भी पेश किया है, जो उस उत्पाद या सेवा के पूर्ण एप्लिकेशन को डाउनलोड किए बिना उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी तक पहुंच जाएगा. एक उपयोगकर्ता ऐप्पल पे फीचर से एनएफसी का उपयोग करके उत्पादों और सेवाओं के लिए भी भुगतान कर सकता है. एनएफसी आपके होटल के कमरे के कार्ड के विवरण या आपके बस पास को भी सहेज सकता है और आपके पास ऐसे सभी आवश्यक उपकरण आपके भरोसेमंद स्मार्टफोन डेटा में सुरक्षित रहेंगे. नियर फील्ड टेक्नोलॉजी उपयोगकर्ताओं को तेजी से डेटा ट्रांसफर, मनी ट्रांसफर, भुगतान करने में मदद करेगी या इसे कई दैनिक गतिविधियों के लिए कार्ड के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, यह केवल कम दूरी पर काम करता है, इसलिए इसे दूर के लेन-देन या एनएफसी की पहुंच से बाहर किसी अन्य उपयोग के लिए उपयोग करना बिल्कुल भी काम नहीं करेगा.

कैसे जांचें कि आपके स्मार्टफोन में एनएफसी है या नहीं?

अपने स्मार्टफोन डिवाइस पर "सेटिंग ऐप" खोलें.

खोज विकल्प पर जाएं और "NFC" या "नियर फील्ड कम्युनिकेशन" टाइप करें

यदि आप ऐप को परिणाम दिखाते हुए देखते हैं, तो आपका स्मार्टफोन एनएफसी तकनीक का समर्थन करता है.

एनएफसी का इतिहास ?

एनएफसी प्रौद्योगिकी का इतिहास 2004 में नोकिया, फिलिप्स और सोनी द्वारा एनएफसी फोरम के साथ शुरू हुआ था. इस संगठन के गठन का उद्देश्य निकट क्षेत्र संचार की सुविधा और सुरक्षा को

बढ़ावा देना है.

रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) के साथ प्रौद्योगिकी का आधार बहुत पहले शुरू हो गया था.

2006 में फोरम ने एनएफसी टैग के विनिर्देश के साथ एनएफसी प्रौद्योगिकी की संरचना का पहला कदम सफलतापूर्वक रखा, इस क्षेत्र में काम करने के लिए विभिन्न कंपनियों के भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार किया.

एनएफसी केवल पढ़ने के लिए स्टिकर को सूचना के साथ टैग करता है, जिसे स्मार्टफोन द्वारा पढ़ा जा सकता है.

Nokia ने 2007 में पहला NFC सक्षम फोन Nokia 6131 लॉन्च किया.

वर्ष 2011 तक, कई कंपनियों ने अपनी लोकप्रियता का परीक्षण करने के लिए एनएफसी संगत उपकरणों को बाजार में लॉन्च किया.

2011-2016 से

मोबाइल फोन एप के माध्यम से स्मार्ट पोस्टर के माध्यम से भुगतान प्रणाली का विकास.

सैमसंग और वीज़ा जैसी कई कंपनियों की साझेदारी के माध्यम से विकसित भुगतान प्रक्रिया भुगतान प्रणाली को विकसित करने का निर्णय लेती है.

एनएफसी डिवाइस की सुरक्षा प्रणाली में विकास आईबीएम ने प्रमाणीकरण तकनीक विकसित की.

कंपनियों द्वारा मोबाइल कंपनियों और बैंकों के साथ गठजोड़ के माध्यम से भुगतान प्रणाली शुरू की गई.

2016 के बाद गूगल पे, ऐप्पल पे जैसी सेवाओं ने ग्राहकों को हैंडहेल्ड डिवाइस या वियरेबल्स के माध्यम से भुगतान में आसानी की पेशकश की.

एनएफसी की विशेषताएं -

सिंगल टच: नियर फील्ड, डेटा ट्रांसफर, पेमेंट, बैंकिंग और इंफॉर्मेशन ट्रांसफर की प्रक्रिया में समय बचाने के लिए डिवाइसेज वन सिंगल टच के साथ काम करता है.

बहुमुखी: एनएफसी तकनीक डेटा सुरक्षा बनाए रखने के लिए कर्मचारियों और छात्रों पर नज़र रखने के लिए कार्यालयों, कैफे और रेस्तरां, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों जैसे विभिन्न क्षेत्रों के साथ काम करती है. साथ ही सोशल नेटवर्किंग, गेमिंग, वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से कूपन का संग्रह व्यक्तियों के लिए आसान है.

प्रौद्योगिकी: उपकरणों के माध्यम से वायरलेस तकनीक के लिए त्वरित और आसान सेटअप.

शॉर्ट-रेंज: एनएफसी डिवाइस आमतौर पर 10 सेमी तक की छोटी दूरी के साथ काम करते हैं, क्योंकि यह रेडियो क्षेत्रों के माध्यम से सिग्नल प्राप्त करने के लिए बिजली के उपयोग के साथ एक चुंबकीय क्षेत्र के निर्माण के माध्यम से काम करता है.

NFC के फायदे और नुकसान -

फायदे और नुकसान की व्याख्या करने के लिए नीचे दिए गए बिंदु हैं:-

लाभ

उपयोग में आसानी: मोबाइल वॉलेट के विकास के बाद से, ग्राहक स्मार्टफोन या वियरेबल्स के माध्यम से त्वरित भुगतान कर सकते हैं. वन-टच भुगतान के साथ, उपभोक्ताओं को अपने साथ नकद या भारी वॉलेट ले जाने की आवश्यकता नहीं है.

बहुमुखी: एनएफसी भुगतान, बैंकिंग, फिल्मों या रेस्तरां के आरक्षण जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है और कूपन एकत्र करना इसे एक डिवाइस के साथ आपकी जेब में कई सेवाओं का एक आकर्षक पैकेज बनाता है.

उपयोगकर्ता अनुभव: त्वरित और वायरलेस तकनीक में विकास कई व्यवसायों और उपभोक्ताओं को उत्पादकता बढ़ाने और समय लेने वाली प्रक्रियाओं से बचने में मदद करता है.

सुचारू कामकाज: कई कार्यालय, कॉलेज, विश्वविद्यालय अपने मोबाइल डिवाइस के माध्यम से प्रवेश और निकास के लिए सुरक्षा प्रणालियों का उपयोग करते हैं. कई नियोक्ता कार्यालय में एनएफसी के माध्यम से डेटा सुरक्षा उपयोग सूचना साझाकरण बनाए रखते हैं.

सुरक्षा: मोबाइल वॉलेट जैसी सेवाएं क्रेडिट कार्ड की तुलना में खुद को अधिक सुरक्षित साबित कर रही हैं, जहां मोबाइल चोरी के मामले में भी डिवाइस कार्ड विवरण और भुगतान विवरण पासवर्ड से सुरक्षित हैं. एनएफसी सक्षम कार्ड चुंबकीय पट्टी वाले कार्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि यह ग्राहक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की भौतिक पहुंच से बचा जाता है.

नुकसान

कम दूरी: NFC तभी काम करता है जब दो डिवाइस बहुत करीब हों, जो तुलनात्मक रूप से लंबी दूरी पर लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है क्योंकि वे डिवाइस को तभी कनेक्ट कर सकते हैं जब वे एक-दूसरे के करीब हों.

कम गति: डेटा ट्रांसफर दर अभी भी 100kb/s से 424kb/s तक बहुत कम है, जिससे बड़े डेटा को स्थानांतरित करना मुश्किल और समय लेने वाला हो जाता है.

महंगा: छोटे व्यवसाय क्षेत्र के लिए एनएफसी तकनीक को अपनाना मुश्किल है क्योंकि स्थापना और रखरखाव की लागत से पर्याप्त लाभ कम हो सकता है.

कम लाभ: एनएफसी प्रणाली के माध्यम से भुगतान की तलाश करने वाले कई ग्राहक बड़ी कंपनियों, छोटी कंपनियों की ओर जाते हैं जिनके लिए एनएफसी महंगा है अपने ग्राहकों को खोना.

सुरक्षा मुद्दे: क्रेडिट कार्ड के साथ सुरक्षा तुलना साबित होने के बाद भी, एनएफसी सिस्टम को अभी भी सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बड़ी प्रौद्योगिकी विकास धोखाधड़ी अभी भी हुई है.

मोबाइल हैकिंग से पूरा डेटा और एनएफसी सिस्टम सवालों के घेरे में आ जाते हैं. व्यक्तिगत डेटा के प्रति सुरक्षा मुद्दों के मामले में भेद्यता इस तकनीक में एक सतत चुनौती के रूप में कार्य करती है.

बिजली की खपत: यह देखा गया है कि एनएफसी संगत उपकरणों में बिजली की खपत दर दूसरों की तुलना में थोड़ी अधिक है.

जैसा की आप जानते है, data transfer एक कॉमन होती है. जिसको हम WiFi या bluetooth का use करके भी कर सकते हैं, आपको पता ही है, NFC भी दो devices के बीच data transfer करने का काम करता. बो भी बड़े ही आराम से और इस बीच यह आपको लगभग 220 से 424 Kbit/s की speed तो दे ही देता है. लेकिन क्या आपको लगता है की WiFi या bluetooth को छोड़कर सच में आपको NFC का use data tranfer करने के लिए करना चाहिए. इसका जवाब है हाँ लेकिन कुछ cases में जैसे अगर आपका data बहुत ही ज्यादा कीमती हो तब खैर ये इतना बड़ा reason भी नहीं है पर हां NFC का use करके हम data भी transfer कर सकते है.

NFC कैसे काम करता है?

NFC कैसे काम करता है आइये जानते है, अगर आप NFC के द्वारा कम्युनिकेट करना चाहते है, तो आपके डिवाइस में NFC antenna का होना बहुत ही जरुरी है. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे यह एक normal antenna नहीं होता है, यह एक chip के रूप में डिजाइन किया हुआ antenna होता है, और इस antenna को mobile के बैक कवर या mobile के टॉप में लगाया जाता है, इसकी खास बात यह है की ये NFC 106, 212, 424 kbits/s डाटा transfer रेट को सपोर्ट करता है. आप NFC डिवाइस को अलग-अलग तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका use आप स्मार्ट फोन में भी कर सकते हैं.

  • Data Send

  • Peer To Peer Mode

  • Information Exchange