SLR Full Form in Hindi




SLR Full Form in Hindi - SLR की पूरी जानकारी?

SLR Full Form in Hindi, SLR Kya Hota Hai, SLR का Full Form क्या हैं, SLR का फुल फॉर्म क्या है, Full Form of SLR in Hindi, SLR किसे कहते है, SLR का फुल फॉर्म इन हिंदी, SLR का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, दोस्तों क्या आपको पता है SLR की Full Form क्या है और SLR होता क्या है, अगर आपका Answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस पोस्ट में आपको SLR की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स SLR Full Form in Hindi में और SLR की पूरी इतिहास जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े।

SLR की मुख्य रूप से दो फुल फॉर्म होती है जो निम्न है -

  • SLR - Statutory Liquidity Ratio,

  • SLR - Single Lens Reflex

दोस्तों भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार में तरलता(Liquidity) की मात्रा नियंत्रित करने में रिजर्व बैंक जिन उपायों या उपकरणों का सहारा या इस्तेमाल करता है, उनमें SLR एक महत्वपूर्ण उपकरण है, आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि SLR क्या है? यह कैसे निर्धारित होता है? और Reserve Bank इसका प्रयोग किस उददेश्य के लिए और किस प्रकार करता है, और यह भी कि SLR और सीआरआर में क्या अंतर होता है?

SLR - Statutory Liquidity Ratio

SLR की फुल फॉर्म “Statutory Liquidity Ratio” होती है, SLR को हिंदी में “वैधानिक तरलता अनुपात” कहते है. SLR बैंकों के पास उपलब्ध जमाओं का वह हिस्सा होता है, जो कि उन्हें अपनी जमाओं(deposits) पर लोन जारी करने के पहले अपने पास रख लेना mandatory होता है. यह नकदी, स्वर्ण भंडार, सरकारी प्रतिभूतियों, वगैरह वगैरह किसी भी रूप में हो सकता है. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

दोस्तों जब कोई बैंक इस अनुपात को सुरक्षित रख लेते हैं, उसके बाद ही उन बैंकों को अपनी जमाओं पर लोन जारी करने की अनुमति होती है. यहाँ पर हम आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे की यह अनुपात कितना होगा, इसका निर्धारण Reserve Bank करता है, भारत में SLR की अधिकतम सीमा 40 प्रतिशत तक रह चुकी है. उल्लेखनीय है कि Reserve Bank को बैंकों के लिए SLR की सीमा 40 प्रतिशत तक करने का अधिकार भी है. और न्यूनतम 0 प्रतिशत तक भी SLR घोषित किया जा सकता है. अंतिम रूप से यह Reserve Bank of India पर निर्भर करता है, कि वह अर्थव्यवस्था(Economy) व बाजार की स्थितियों के मुताबिक इसे 0 से लेकर 40 प्रतिशत के बीच में किस सीमा तक रखना चाहता है।

हालांकि, एक अच्छी बात यह है वर्तमान समय में ज्यादातर Commercial bank अपना SLR रिजर्व बैंक की ओर से तय किए गए अनुपात से अधिक ही रखते हैं. आइये इसे हम एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते है, दोस्तों अक्टूबर 2018 में Reserve Bank की और से SLR का तय प्रतिशत 19.5 प्रतिशत था. जबकि Commercial banks की ओर से जो SLR बनाकर रखा गया था, वह 26 प्रतिशत से भी ज्यादा था. रिजर्व बैंक के प्रावधानों के मुताबिक, हर Commercial bank को अपने रोजाना का कारोबार बंद होने के बाद अपनी शुद्ध मांग जमाओं और Timely liability का एक निश्चित हिस्सा liquid assets के रूप में secure कर लेना अनिवार्य होता है. यह तरल Assets cash, gold and un-encumbered approved securities के रूप में हो सकती हैं. तो बैंक की कुल demand and time liabilities के प्रति इन सुरक्षित रखे जाने वाले liquid assets का जो भी अनुपात होता है. उसे SLR या वैधानिक तरलता अनुपात कहते हैं।

Net Demand Liabilities − यह ऐसे बैंक खाते होते है, जिनसे लोग जब मन चाहे अपना पैसा निकाल सकते हैं, जैसे कि savings accounts और चालू खाते current account।

Time Liabilities − यह ऐसे बैंक खाते होते है, ​जिनसे आप तुरंत पैसा नहीं निकाल सकते, इन बैंक खाते से आपको पैसा निकालने के लिए कुछ समय तक इंतजार करना होता है, जैसे कि सावधि जमा खाते फिक्स्ड डिपाजिट एकाउंट्स, इस प्रकार की देयताएं liabilities भी. जिनको कि maturity period पूरा होने के कारण अगले 1 महीने की अवधि के भीतर भुगतान करना होता है, उनको भी time liabilities के अंतर्गत गिना जाता है।

किस प्रकार तय होता है एसएलआर

बैंकों को अपनी जमाओं (deposits) का कुछ हिस्सा विशेष वित्तीय प्रतिभूतियों (securities) जैसे कि केंद्र सरकार के बांडों (Central Government securities) या राज्य सरकार के बांडों (State Government securities) में निवेश कर देना होता है। एसएलआर में नकदी के अलावा सोना और government securities (या gilts) भी शामिल किए जाते हैं, क्योंकि ये भी उच्च स्तरीय तरल और सुरखित संपत्ति माने जाते हैं. उदाहरण के लिए आपने 1000 रुपए बैंक में जमा किया। अब बैंक को इसमें से कुछ हिस्सा रिजर्व बैंक के पास एसएलआर के रूप में रख देना होगा। मान लिया उस समय एसएलआर 20 प्रतिशत है तो उस बैंक को इस 1000 में से 200 रुपए रिजर्व बैंक के पास निवेश कर देना होगा।

SLR की एक और खासियत यह भी है कि SLR के रूप में रिजर्व बैंक के पास रखी गई रकम पर ब्याज भी मिलता है. जो कि CRR के साथ नहीं होता, SLR Rate तय करने का फॉर्मूला इस प्रकार है −

SLR rate = (liquid assets / (demand + time liabilities) × 100%

SLR - Single Lens Reflex

SLR की फुल फॉर्म “Single Lens Reflex” होती है, SLR को हिंदी में “सिंगल लेन्स रीफ़्लेक्स” कहते है. एसएलआर का मतलब सिंगल लेंस रिफ्लेक्स है, इसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले कैमरों में किया जाता है, एसएलआर एक स्वचालित मूविंग मिरर सिस्टम का उपयोग करता है जो फोटोग्राफरों को यह देखने की सुविधा देता है कि फिल्म या डिजिटल इमेजिंग सिस्टम द्वारा क्या कैप्चर किया जाएगा। यह वास्तव में देखने के लिए एक दर्पण और प्रिज्म प्रणाली का उपयोग करता है जिसे कैप्चर किया जाएगा. आइये अब इसके बारे में अन्य सामान्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

इसे आमतौर पर DSLR (डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लेक्स) कैमरे के रूप में जाना जाता है।

SLR Advantage in Hindi

SLR कैमरे का मुख्य लाभ यह है कि वांछित चित्र प्राप्त करने के लिए लेंस को बदला जा सकता है।

SLR Disadvantage in Hindi

SLR कैमरे का मुख्य नुकसान यह है कि यह भारी और महंगा है. यह बिंदु और शॉट्स कैमरे की तुलना में बहुत अधिक लागत।