DNS Full Form in Hindi




DNS Full Form in Hindi - डीएनएस क्या है?

DNS Full Form in Hindi, DNS की Full Form क्या हैं, डीएनएस की फुल फॉर्म क्या है, Full Form of DNS in Hindi, DNS किसे कहते है, DNS Form in Hindi, DNS का पूरा नाम क्या है, डीएनएस क्या होता है, DNS का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, DNS कैसे काम करता है. दोस्तों क्या आपको पता है DNS की Full Form क्या है, और DNS होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस post में आपको DNS की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स DNS Full Form in Hindi में और DNS की पूरी history जानने के लिए इस post को लास्ट तक पढ़े।

DNS की फुल फॉर्म "Domain Name System" होती है, DNS standard set का एक प्रोटोकॉल हैं, इसका काम इंटरनेट और अन्‍य प्राइवेट नेटवर्क पर डेटा का एक्‍सचेंज करना हैं, दोस्तों इसे TCP/IP प्रोटोकॉल सूट के रूप में जाना जाता है, जैसा की आप जानते है, किसी भी वेब साइट का URL www.google.com जैसे होता हैं, लेकिन इस URL के पिछे हर एक domain name को एक IP Address असाइन होता हैं।

दोस्तों इसका बेसिक सा काम है यह किसी भी यूजर-फ्रैंडली डोमेन नेम जैसे www.youtube.com का Internet Protocol एड्रेस 199.223.232.0 है, इसे नेटवर्क पर एक-दूसरे की पहचान करने के लिए computer द्वारा उपयोग किया जाता हैं, आपको पता होगा Internet पर computer और अन्य नेटवर्क डिवाइसेस Ip address का उपयोग करके user द्वारा दि गई request को Root करते हैं, जिससे वह Website ओपन हो सके।

DNS का मुख्य काम क्या है आइये जानते है, दोस्तों वर्तमान समय में Internet पर लाखों करोड़ों websites मौजूद है, और उन सबका एक unique name होता है, जिसे हम Domain Name कहते हैं. आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे user किसी भी websites को उसके domain name से access करता हैं. Internet पर सभी websites किसी न किसी servers पर host की जाती हैं. अगर कोई Internet users आपकी website access करना चाहता है, तो सबसे पहले उसको उस server तक पहुंचना होगा है, जहाँ पर आपकी website host की गयी हैं।

कोई भी Internet users किसी भी Server को domain name से नही IP Address के through access करता हैं. दोस्तों अगर आप दुनिया के किसी भी server से connect होना चाहते है. Connect होने के लिए आपको उसका IP Address मालूम होना चाइये. IP address कुछ इस तरह का होता है, 126.53.101.20 आप हर website का IP Address याद नहीं रख सकते ये, बहुत ही मुस्किल है, इसलिए हम किसी भी websites open करने के लिए IP Addresses की जगह Domain Names का use करते हैं, और इससे हमारा काम आसान हो जाता है, जो सिर्फ और सिर्फ DNS की सहायता से पॉसिबल हो पता है।

डीएनएस एक तरह से Internet की नंबर तालिका है, इसका काम ऑनलाइन Information को संभाल के रखना है, डीएनएस Internet user को आईपी एड्रैस की मदद से डोमैन का नाम बताता है, जिससे की Internet की मदद से उसे ब्राउज़र में चलाया जा सके, दोस्तों हर उपकरण जो Internet से जुड़ा हुआ है उसका का एक यूनिक आईपी एड्रैस होता है, ये आईपी एड्रैस उस उपकरण को ढूंढने में मदद करता है, हमे हर Ip address याद नहीं रखना पड़े इसलिए हमें DNS Server की जरूरत पड़ती है।

डीएनएस का कार्य ?

  • किसी भी website को browser में चलाने के लिए हमें डीएनएस सर्वर की जरूरत पड़ती है।

  • डीएनएस में difficulties को पूरा करने के लिए, डीएनएस का रूट नेमसर्वर हमारी मदद करता है।

  • जैसा की आप जानते है, रूट सर्वर उसके बाद टॉप लेवल Domaine पर काम करता है, और ये Domaine की जानकारी को अपने पास संग्रहीत रखता है।

  • Resolver उसके बाद Website को चलाने में user मदद करता है।

  • टीएलडी सर्वर उसके बाद Domaine Ip address को बताने का काम करता है।

  • अंत में Recursive Resolver की मदद से जो भी user उसको जिस भी तरह की Command देगा उसको वह चलाने के लिए संकेत देगा।

  • नेमसर्वर की मदद Ip address जो भी होगा वह Resolver के पास वापस आ जाएगा।

  • डीएनएस सर्वर फिर वेब ब्राउज़र और Ip address की सहायता से Domaine को चालू कर देगा और यूजर उसका परिणाम आसानी से देख पाएंगे।

  • इस बार ब्राउज़र एचटीटीपी की मदद से Ip address के द्वारा जो भी Website होगी उसको चलाने में मदद करेगा।

  • और उसके बाद ब्राउज़र में user आसानी से जो भी Website होगी उसे देख पाएंगे।