WBC Full Form in Hindi




WBC Full Form in Hindi - डब्लू.बी.सी क्या है?

WBC Full Form in Hindi, WBC का Full Form क्या हैं, डब्लू.बी.सी का फुल फॉर्म क्या है, Full Form of WBC in Hindi, WBC किसे कहते है, डब्लू.बी.सी क्या होता है, WBC का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, दोस्तों क्या आपको पता है WBC की Full Form क्या है, और WBC होता क्या है, अगर आपका answer नहीं है, तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम इस post में आपको WBC की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है. तो फ्रेंड्स WBC Full Form in Hindi में और WBC की पूरी history जानने के लिए इस post को लास्ट तक पढ़े।

WBC की फुल फॉर्म “White Blood Cell” होती है, और इसका हिंदी में अर्थ "श्वेत रक्त कोशिका" होता है, इसे leukocyte या white blood corpuscle भी कहते है, आइये अब इसके बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

WBC शरीर के immune system का हिस्सा होती हैं, वे शरीर को संक्रमण और अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं, WBC रक्त का एक cellular component है. इसमें एक nucleus है, लेकिन इसमें RBCs जैसे हीमोग्लोबिन नहीं होते है. जैसा की आप जानते है इसकी मुख्य भूमिका शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाने के लिए है, उदाहरण के लिए यह बैक्टीरिया, वायरस, रोगाणुओं आदि जैसे Infectious Agents को नष्ट करने के लिए Antibody का उत्पादन करता है।

WBC bone marrow में produced होते हैं, और रक्त और लिम्फैटिक ऊतक में संग्रहित होते हैं. उन्हें दो मुख्य समूहों में वर्गीकृत किया जाता है: Granulocytes और Agranulocytes. जैसा कि नाम से ही पता चलता है, Granulocytes में उनके सेल साइटप्लाज्म में ग्रेन्युल होते हैं और उनमें बहु-लोबयुक्त Nucleus होता है, दोस्तों वे तीन प्रकार के होते हैं: न्यूट्रोफिल, ईसीनोफिल, और बेसोफिल. Non-granulocytes में उनके सेल साइटप्लाज्म में ग्रेन्युल नहीं होते हैं और गैर-लॉबुलर नाभिक होते हैं. वे दो प्रकार के होते हैं: लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स।

What is WBC in Hindi

मानव शरीर के लिए जितनी आवश्यक लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं, उतनी ही ज़रूरी होती हैं स़फेद रक्त कोशिकाएं. शरीर में मौजूद स़फेद रक्त कोशिकाएं यानी व्हाइट ब्लड सेल्स न स़िर्फ हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती हैं, बल्कि ये गंभीर संक्रमण से भी शरीर की रक्षा करती हैं. ज़रा सोचिए, अगर शरीर में इन कोशिकाओं की कमी हो जाए तो फिर क्या होगा? ज़ाहिर है इन कोशिकाओं की कमी के चलते शरीर रोगों से लड़ नहीं पाएगा और कई बीमारियां व्यक्ति के शरीर को अपने कब्ज़े में ले लेंगी. ऐसे में इस बात का ख़्याल रखना बेहद ज़रूरी है कि शरीर के भीतर स़फेद रक्त कोशिकाओं की संतुलित मात्रा कम न होने पाए।

किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या 4,000 से 11,000 प्रति Microliter होती हैं. ये कोशिकाएं बाहरी संक्रमण से हमारे शरीर की रक्षा करती हैं. इसके साथ ही ये एंटीबॉडी के उत्पादन को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ संक्रामक एजेंटों और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में भी मदद करती हैं. हालांकि कई कारणों से इन कोशिकाओं की संख्या में उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन जब संक्रमण से बचाव करने वाली स़फेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा में कमी आने लगती है तो शरीर में कई गंभीर बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है।

WBC रक्त में मौजूद होती हैं, इनको Leukocytes भी कहा जाता है. श्वेत रक्त कोशिका मुख्यतः पांच प्रकार की होती हैं, जिनकी निर्माण अस्थि मज्जा में होता है. यह कोशिकाएं लगातार बनती और नष्ट होती रहती हैं, सफेद रक्त कोशिकाएं आपके रक्त में थक्का नहीं बनने देती हैं, और Antibodies का निर्माण कर रोग के जीवाणुओं को नष्ट करने का काम करती हैं. इसके अलावा यह कोशिकाएं संक्रमण को दूर करने व प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने का कार्य करती हैं. एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या 4000 से 11000 प्रति Microliter होती है. अगर रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाए तो इसको Leukemia या ब्लड कैंसर कहा जाता है. इसके अलावा सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी से आपको AIDS और Hepatitis होने का भी खतरा बना रहता है. लेकिन कुछ घरेलू उपायों की मदद से आप सफेद रक्त कोशिकाओं के स्तर को बढ़ा सकते है, बल्कि इसको सामान्य भी रख सकते हैं।

ऐसे करें संतुलित

Copper - शरीर में कॉपर की कमी होने पर स़फेद रक्त कोशिकाओं का संतुलन बिगड़ सकता है और इनकी संख्या में गिरावट आ सकती है. इसे संतुलित करने के लिए Copper supplements के साथ-साथ मांस, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और अनाज का सेवन फ़ायदेमंद रहेगा. ज़िंक- शरीर में इसकी संतुलित मात्रा स़फेद रक्त कोशिकाओं के कामकाज को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है. शरीर में ज़िंक की कमी को पूरा करने के लिए Oyster मछली, रेड मीट, सी फूड, सेम और नट्स का सेवन करना चाहिए. विटामिन्स- विटामिन ए, सी और ई स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने में Assistant होते हैं. ये शरीर की Immunity क्षमता को बढ़ाने में मदद भी करते हैं. इसके लिए गाजर, टमाटर, ऑलिव ऑयल, बादाम, रसीले व खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों आदि का सेवन करें।

Kiwi - इसमें शक्तिशाली Antioxidants के साथ पोटैशियम, विटामिन सी और ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये सभी पोषक तत्व रोग-प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ स़फेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाते हैं. लहसुन- इसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्व इंफेक्शन और बैक्टीरिया से लड़ने में शरीर की मदद करता है. हर रोज़ खाने में लहसुन का इस्तेमाल करने से पेट के अल्सर और कैंसर से बचाव होता है. लहसुन शरीर में स़फेद रक्त कोशिकाओं की कमी को दूर करने में भी मदद करता है. दही- इसमेंें मौजूद प्रोबायोटिक्स व पोषक तत्व शरीर के लिए एंटीबायोटिक की तरह काम करते हैं और शरीर की Immunity क्षमता को बढ़ाते हैं. इसमें Stimulating quality भी होता है, जो स़फेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है. ग्रीन टी- इसमें भरपूर मात्रा में Anti-oxidant पाए जाते हैं, जो शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करके इम्यून System को मज़बूत बनाते हैं. इसके साथ ही ग्रीन टी स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को संतुलित बनाए रखने में मदद करती है. हल्दी- इसका उपयोग लगभग सभी भारतीय घरों में किया जाता है. हल्दी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों के कारण इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है. इसमें करक्यूमिन की उच्च मात्रा होती है और पर्याप्त मात्रा में इसका सेवन शरीर में स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को संतुलित बनाने में मदद करता है।

Vegetables - हरी व पत्तेदार सब्ज़ियों में आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, Calcium और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इनमें मौजूद शक्तिशाली Antioxidants रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने के साथ-साथ स़फेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को भी बढ़ाते हैं, इसलिए अपने आहार में हरी व पत्तेदार सब्ज़ियों को ज़रूर शामिल करें. न करें नशा- शराब, सिगरेट, गुटखा या तंबाकू जैसी चीज़ें सेहत के लिए Harmful होती हैं, इसलिए बेहतर यही होगा कि आप ख़ुद को नशे की लत से दूर रखें. इन चीज़ों में मौजूद हानिकारक रसायन स़फेद रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने का कारण बन सकते हैं।