NRI Full Form in Hindi, NRI का फुल फॉर्म क्या होता है, एनआरआई की फुल फॉर्म क्या है, NRI का पूरा नाम क्या है, Full Form of NRI in Hindi, एनआरआई क्या है, NRI होता क्या है, एनआरआई से सम्बंधित जानकारी, NRI किसे कहते है, एनआरआई कैसे बने, दोस्तों क्या आपको पता है NRI की Full Form क्या है, अगर आपका answer नहीं है तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं क्योंकि आज हम इस article के माध्यम से ये जानेंगे की NRI क्या होता है? और इसकी Full Form क्या होती है? चलिए NRI के बारे में सभी प्रकार की सामान्य information आसान भाषा में इस article की मदद से प्राप्त करते हैं।
NRI की full form "Non- Resident Indian" होती है, NRI को हिंदी में “प्रवासी भारतीय” कहते है, इसका मतलब यह हुआ वो भारतीय जो की indian है मगर वो india को छोड़ कर किसी और देश में रहते है उनको NRI कहा जाता है।
NRI ज्यादातर अपने बिज़नस या जॉब के सिलसिले से ही बाहर जाते है, और जब उनको अच्छी जॉब मिल जाती है, या फिर उनका कारोबार बहुत बड़ा हो जाता है, तब वो वहा पर सेट हो जाते है, आज कल ज्यादातर भारतीय NRI अमेरिका और कनाडा जैसे देसों में ज्यादा रहते है, ये देश भारतीय लोगो की पहली पसंद में से एक है. दोस्तों आप यह जानकर हैरान रह जाओगे आज के समय में भारत के वो लोग जो NRI बन चुके है इन की all world में तादात दो करोड़ से भी ज्यादा है, और ये उन country की जनसंख्या को भी represent करने लगे है।
तो जैसा अब आपको पता है NRI वो लोग है तो जो भारत को छोड़ के किसी और देश में जा के बस जाता है. और आज के समय में ये विश्व के अनेको देश में बसे हुए है. NRI जिस भी देश में रहते है वो वहा पर राजनितिक की दशा के साथ साथ आर्थिक दिशा को भी निर्धारित करने का काम करते है, और ये लोग आपने आपने अस्तर पर उस देश के विकाश में अहम योगदान देते है. इन सभी के साथ ये विदेशो में अपनी भारतीये संस्कृति की अहमियत को बनाए रखते है इसके लिए इन्हें विदेशो में एक अलग अपनी पहचान बनाए रखे हुए है, NRI विभिन्न country में रहते है और साथ ही अलग अलग भाषा के जानकर होते है।
जब कोई व्यक्ति एक देश में जन्म लेने के उपरांत किसी कारण वश दूसरे देश में चले जाने के बाद उसी देश को अपना निवास स्थान बनाकर रहने लगता है, तो उसे NRI (Non Resident Indians ) कहा जाता है. भारत के ऐसे बहुत से नागरिक है जो किसी कारण से विदेश जाकर रह रहे है. दोस्तों आज के समय में भारत के कई ऐसे मूल निवासी है, जो अब विदेशों में रह रहे है, उन्होंने अब वहीं की नागरिकता प्राप्त कर ली है. यह लोग दूसरे देश में भी रह कर अपने देश की सभ्यता और संस्कृति का विस्तार करने का प्रयास करते रहते है, और यह लोग वहां पर भी रहकर अपने देश के विकास में सहयोग करने का प्रयास करते है, इसी लगाव के कारण मूल देश में इन्हें अधिक सम्मान प्राप्त होता है. ज्यादातर भारतीय नागरिक नौकरी करने के उद्देश्य से या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश जाते है और बहुत से भारतीय लोग विदेश में ही बस जाते है जिन्हें NRI कहते है।
आज हम जानते है कि ऐसे बहुत से indians है जो india के भर रहते है. वह काम की तलाश में out of country जाते है, और उनकी नौकरी के लिए उन्हें वही रहना पड़ता है, आज विदेशों में अध्ययन करने के लिए भारत के छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है, या फिर कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी education के चलते उन्हें out of india जाना पड़ता है, या किसी training के चलते उन्हें दूसरी country में जाना पड़ता है. NRI शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों के लिए किया जाता है जो भारत में छ: महीने या इससे अधिक समय से विदेश में रह रहे होते है, यह भारत के नागरिक तो होते है, लेकिन किसी कारण से वह फॉरेन कंट्री में रहने के लिए चले जाते है, इस शब्द का प्रयोग ऐसे लोगों के लिए भी किया जाता है, जिनके माता- पिता भारतीय है, लेकिन उनका जन्म भारत के बाहर किसी अन्य देश में हुआ है, और उन्हें उसी देश की नागरिकता मिल गयी है, अधिकांशतः देखा गया है, कि इसमें अक्सर ऐसी व्यक्ति शामिल होते है, जो होते है भारतीय लेकिन उन्होंने अन्य देशों की नागरिकता ले रखी है।
एक देश में जन्म लेने के After किसी कारण वश दूसरे देश में चले जाने के बाद वही पर अपना residence स्थान बनाकर रहने वाले व्यक्ति को NRI कहा जाता है. भारत के कई ऐसे मूल निवासी है, जो अब विदेशों में रह रहे है, उन्होंने अब वहीं की Citizenship प्राप्त कर ली है. यह लोग दूसरे देश में भी रह कर अपने देश की सभ्यता और संस्कृति का विस्तार करने का प्रयास करते रहते है, और यह लोग वहां पर भी रहकर अपने देश के development में सहयोग करने का प्रयास करते है, इसी लगाव के कारण मूल देश में इन्हें अधिक सम्मान प्राप्त होता है. NRI का अर्थ और इसके फुल फॉर्म के विषय में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है.
NRI का मतलब “अनिवासी या अप्रवासी भारतीय” होता है, ऐसे Indian citizen जो पहले भारत में ही रहते थे लेकिन किसी कारणवश उन्हें विदेश में जाकर रहना पड़ा हो, ऐसे लोगो को ही NRI कहते है। वर्तमान समय में बहुत से भारतीय छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए विदेश में जैसे – अमेरिका, कनाडा, दुबई जैसे अन्य देशों में जाकर रहने लगते है, इसके अलावा कुछ लोग नौकरी अथवा बिजनेस के लिए भी Overseas में जाकर रहने लगते हैं जबकि मूलतः वे भारतीय ही होते हैं। मशहूर अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला भी NRI थी।
किसी Person के द्वारा अपने देश को किसी कारण वश छोड़ कर किसी दूसरे देश में बसने तथा वही पर अपना residence स्थान बना लेने वाले लोगो को NRI कहते है. भारत देश के अनेको Person दूसरे देश में अपना जीवन Past कर रहे है. भारत के मूल निवासी होने के बाद भी अपना residence स्थान विदेश में बना चुके है तथा वहा की नागरिकता भी प्राप्त कर चुके है.
भारत के कई नागरिक विदेश में रह रहे है. अधिकांश Indian employment और शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से विदेश में जाते है. कुछ समय के बाद कुछ भारतीय विदेश में अनिश्चित काल के लिए बस जाते है या भारत से ज्यादा बाहरी देश में अपना समय ज्यादा बिताते है. इन्हें एनआरआई (NRI) कहा जाता है, वर्तमान समय में Overseas में अध्ययन करने के लिए भारत के छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है. कई अन्य कारणों से भी Indians को विदेश जाना पड़ता है. वहां पर वह विदेश की ही नागरिकता प्राप्त कर लेते है. एक रिपोर्ट के अनुसार विदेशो से विदेशी मुद्रा Indians द्वारा सबसे ज्यादा भेजी जाती है.
बहुत से देशो में भारतीय आबादी NRI के रूप में बहुत ज्यादा है जैसे Canada, America, England आदि, लेकिन इसके जरिये हम यह भी कह सकते है कि भारतीयों द्वारा बहुत देशो के हित और निर्माण में काफी योगदान है. भारतीय होनहार छात्र जो देश के सर्वोपरी यूनिवर्सिटी और संस्थाए जैसे IIT, IIM, NIT आदि से अपनी शिक्षा पूरी करके विदेशो में बड़े पद पर नौकरियां करते है और उस देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देते है. आज हम NRI के बारे में विस्तार से जानेगे और साथ ही वे देश के बहार रहकर भी कैसे देश के विकास हित में कार्य करते है, इस पर भी प्रकाश डालेंगे.
NRI को फेमा (FEMA) के प्रावधानों के अंतर्गत टैक्स में छूट प्रदान की जाती है. प्रत्येक NRI को भारत में प्राप्त आय पर टैक्स चुकाना होता है. इसके अतिरिक्त उसे जो foreign से वेतन प्राप्त होता है, उसका टैक्स केवल foreign में ही जमा होता है. उस person द्वारा भेजा गया धन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जोड़ा जाता है.
NRI Status income tax department के द्वारा प्रदान किया जाता है. इसका निर्धारण भारत में रहने के समय के अनुसार निर्धारित किया जाता है. इससे person के foreign में रहने के उद्देश्य के बारे में जानकारी प्राप्त होती है.
यदि आप एक गैर-आवासीय भारतीय (NRI) या भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) हैं, तो आपके पास विभिन्न बैंकिंग और निवेश की आवश्यकताएं होंगी, चूंकि आप विदेश में रह रहे हैं, इसलिए आपकी अधिकांश आय और बचत विदेशी संप्रदायों में होगी, उदा। अमेरिकी डॉलर, यूरो, आदि, जैसे कि, आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप एक खाते की आवश्यकता हो सकती है।
भारत में कई प्रमुख बैंक और वित्तीय संस्थान एक NRI खाता खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं। ये खाते मुद्रा संप्रदाय, राशि के हस्तांतरण, कर, आदि के संबंध में कई सुविधाएं प्रदान करते हैं, लेकिन क्या आप NRI खातों के बारे में सब कुछ जानते हैं? आइए विस्तार से जानें कि NRI खाता क्या है और विभिन्न प्रकार के NRI खाते क्या हैं।
आम बोलचाल में, विदेशों में रहने वाले किसी भी भारतीय को NRI के रूप में जाना जाता है. यह वीज़ा स्थिति के बजाय कर वर्गीकरण से अधिक है. NRI शब्द को आयकर अधिनियम 1961 के तहत परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन अधिनियम की धारा 6 में विस्तृत मानदंड हैं, जिन्हें भारत का निवासी माना जा सकता है, और कहा गया है कि जो कोई भी मापदंड से मेल नहीं खाता है वह एक गैर-निवासी है।
यदि कोई व्यक्ति पिछले वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 182 दिनों के लिए भारत में रहा है या किसी विशेष वर्ष में 60 दिनों के लिए भारत में रहा है और पिछले चार वर्षों में न्यूनतम 365 दिनों के लिए भारत में रहा है, तो इसे रेजिडेंट माना जाता है. भारत की, जो कोई भी कम से कम दो शर्तों को पूरा नहीं करता है, उसे पिछले वित्तीय वर्ष के लिए NRI माना जाएगा।
सरल शब्दों में, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 183 दिनों के संयुक्त कुल के लिए भारत से बाहर रहने वाले एक भारतीय नागरिक को एक NRI माना जाता है. NRI वोट देने के योग्य हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल भारत में उन्होंने जो आय अर्जित की है, वह भारत में कर योग्य है. इसलिए, भारत के बाहर अर्जित की गई कोई भी आय भारत में कर योग्य नहीं है, बशर्ते कि जिस देश में NRI रहता है, उस पर उचित कर लगाया जाए।
Hashim Amla
Sundramoorthy
Anand Satyanand
Lilly Singh
Kalpana Chawla
Waheed Alli
Manoj Punjabi
Sri Prakash Lohia
नौकरी और रोजगार
यात्रा और अवकाश
भारत के बाहर उच्च शिक्षा
प्रशिक्षण के लिए चला गया
मेडिकल कारण
व्यावसायिक उद्देश्य के लिए
एक व्यक्ति जो जन्म से या वंश से भारतीय है, जो भारत से बाहर रहता है, एक पीआईओ है. PIO, जिनके पास बांग्लादेश, चीन, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य देश का पासपोर्ट था, को पहले एक पहचान पत्र जारी किया गया था. हालाँकि, 15 जनवरी, 2015 को, भारत सरकार ने PIO कार्ड योजना को वापस ले लिया और इसे OCI कार्ड योजना के साथ मिला दिया गया।
दोहरी नागरिकता की बढ़ती मांग के कारण, भारत सरकार ने एक OCI कार्ड पेश किया, जो भारतीय मूल के एक विदेशी नागरिक को अनिश्चित काल के लिए भारत में रहने और काम करने के लिए अधिकृत करता है. इसमें एक व्यक्ति शामिल है जो पहले एक भारतीय नागरिक था या जिनके माता-पिता, दादा-दादी, या महान दादा-दादी / एक भारतीय नागरिक थे या वह जो भारतीय नागरिक या मौजूदा OCI से कम से कम दो निरंतर वर्षों के लिए विवाहित है. कोई भी जो कभी पाकिस्तान या बांग्लादेश का नागरिक रहा हो या जिसने विदेशी सेना में काम किया हो उसे OCI नहीं माना जा सकता. OCI कार्ड आजीवन अवधि के लिए कई बार भारत आने की अनुमति देता है. NCI के रूप में OCI समान आर्थिक, वित्तीय और शिक्षा लाभों का आनंद लेते हैं। पांच से अधिक वर्षों के लिए कार्ड रखने वाले OCI और जो कम से कम एक वर्ष से भारत में रह रहे हैं वे भारतीय नागरिकता के पात्र हैं।