ISI Full Form in Hindi




ISI Full Form in Hindi - आई.एस.आई की पूरी जानकारी हिंदी में

ISI Full Form in Hindi, ISI Full Form, आई.एस.आई की फुल फॉर्म इन हिंदी, दोस्तों क्या आपको पता है ISI की full form क्या है, और ISI का क्या मतलब होता है, ISI का क्या Use है, अगर आपका answer नहीं है तो आपको उदास होने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि आज हम इस post में आपको ISI की पूरी जानकारी हिंदी भाषा में देने जा रहे है तो फ्रेंड्स ISI Full Form in Hindi में और ISI की पूरी history जानने के लिए इस post को लास्ट तक पढ़े.

ISI Mark क्या है, दोस्तों आये दिन इस चीज के बारे में आपको काफी सुने को मिला होगा, आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिर ये ISI Mark क्या होता है जब भी आप market में कोई घर का सामान या Electronic सामान खरीदने जाते है जैसे Gas चूल्हा या Gas regulator बगेरह या इस तरह के और भी सामान तो वहां आपको ISI Mark देखने को मिलता है दुकानदार आपसे कहता है कि आप इस सामान को लीजिये इसमें ISI Mark लगा हुआ है अगर आपको इसके बारे में पता नहीं है ISI Mark क्या है तो आप यहीं सोचेंगे की ये ISI Mark वाला सामान बाकियों से काफी अच्छा होगा तो आज हम आपको इसी Subject के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको भी इसकी Information हो जाए, तो आइये जानते है.

ISI Full Form in Hindi

ISI की फुल फॉर्म “Indian Standards Institute” होती है, हिंदी भाषा में इसका अर्थ “भारतीय मानक संस्था” होता है, दोस्तों ISI एक ऐसा Certification Mark होता है, जिसको बाज़ार में बेचे जा रहे product के ऊपर लगाया जाता है. चलिए अब आगे बढ़ते है और आपको इसके बारे में थोडा और विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाते है.

ISI Mark क्या है दोस्तों यह एक certificate जो product के लिए किसी भी कंपनी को दिया जाता है, जैसा की आप जानते है ISI का फुल फॉर्म Indian Standards Institute होता है, भारत में कई ऐसे सरकारी standard संस्थान हैं जो इस तरह के कई product को सही तरीके से टेस्ट करते हैं. दोस्तों अगर आप भी इस तरह के कोई भी product बना रहे हो या बनाना चाहते हो तो और आप यह दिखाना चाहते हो कि आपका product 100% सेफ और Quality product है तो इसे साबित करने के लिए आपको भी indian standard संस्थान में application करना होगा इसके बाद वहां पर आपको अपना product सबमिट करना होगा. दोस्तों अगर किसी भी प्रोडक्ट को बाजार में सेल किया जा रहा है और उस प्रोडक्ट के ऊपर ISI का कोई logo नही है तो इसका मतलब यह हुआ है की वह प्रोडक्ट भारत सरकार की अनुमति के बिना बाजार में सेल किया जा रहा है, जो गैर कानूनी है और वह प्रोडक्ट नकली भी हो सकता है. जब भी आप कुछ भी सामान ख़रीदे तो उस पर ISI की मुहर जरुर देखे.

What is ISI in Hindi

यह एक सर्टिफिकेट जो Product के लिए कंपनी को दिया जाता है ISI का फुल फॉर्म या पूरा नाम Indian Standards Institute होता है जिसका हिंदी भाषा में अर्थ भारतीय मानक संस्थान होता है. इसकी स्थापना 1955 में हुई थी. यह भारत का सबसे बड़ा मान्यता प्राप्त चिह्न (mark) है. जैसा की हम जानते है, भारत में कई ऐसे सरकारी मानक संस्थान हैं जो इस तरह के कई Product को सही तरीके से टेस्ट करते हैं. अगर आप इस तरह के कोई भी Product बना रहे हैं और आप दिखाना चाहते है कि आपका Product 100% सेफ है और 100% क्वालिटी Product है, तो इसे साबित करने के लिए आपको Indian Institute of Standards में आवेदन करना होगा इसके बाद वहां पर आपको अपना Product सबमिट करना होगा.

ISI की स्थापना 6 जनवरी 1947 को हुई थी और डॉ. लाल सी. वर्मन जून 1947 में ISI के पहले निदेशक बने. आज, ISI को अब BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) के रूप में जाना जाता है. यह उपभोक्ता और औद्योगिक वस्तुओं के लिए Quality मानकों को पूरा करता है. यह हर उत्पाद की Quality और मानक की जाँच करता है और उन्हें प्रमाणन चिह्न प्रदान करता है. बीआईएस 1986 के कानून द्वारा प्रमाणीकरण की पेशकश करने के लिए अधिकृत है. ISI मार्क भारत में बेचे जाने वाले उत्पादों को Certified करने के लिए अनिवार्य है. कोई भी निर्माता, जिसका उत्पाद बीआईएस मानक को पूरा करता है, ISI उत्पाद प्रमाणन के लिए आवेदन कर सकता है.

अगर आप कोई प्रोडक्ट बाना रहे है तो आपको पता होना चाहिए की आपके प्रोडक्ट को मार्कीट में आने से पहले भारतीय मानक संस्थान में हर तरह के स्टैण्डर्ड से होकर गुजरेना होता है, यानी आपके प्रोडक्ट को काफी बारीकी से जांच की जाएगी अगर आपका प्रोडक्ट भारतीय मानक संस्थान के द्वारा पास हो जाता है तो आपके प्रोडक्ट के लिए ISI Mark का Certificate दे दिया जाता है, और यदि आपका प्रोडक्ट भारतीय मानक संस्थान द्वारा पास नहीं होता है, उसको मार्कीट में अच्छी रेस्पॉन्स नहीं दी जाती है, मेरा मतलब आपका प्रोडक्ट हमेशा जांच के घरे में रहता है, एक बार भारतीय मानक संस्थान के द्वारा आपका प्रोडक्ट पास हो जाये तो इसके बाद आप अपने प्रोडक्ट को बाजार में ISI Mark के Certificate के साथ बेच सकते हैं. ऐसा ही कुछ कंपनी करती हैं वह जब भी कोई प्रोडक्ट बनाती है तो अपने प्रोडक्ट को क्वालिटी टेस्ट के लिए भारतीय मानक संस्थान में भेज देती हैं. इसके बाद उस Product की गहराई से जांच होने के बाद कंपनी को उस Product के लिए ISI Mark का Certificate दे दिया जाता है. तो कुछ इस तरह से ISI मार्क का Certificate product को दिया जाता है. जब भी कोई व्यक्ति किसी भी तरह का प्रोडक्ट लेने जाता है, और अगर उस प्रोडक्ट पर वह देखते है ISI mark उस पर मौजूद है, तो वह व्यक्ति यह मान सकता है की वह product अच्छा Quality का है.

ISI मार्क्स का मतलब है कि उत्पादों को उनकी गुणवत्ता के लिए जांचा जाता है. आईएसओ एक वैश्विक संगठन है जिसने कुछ मानक स्थापित किए हैं. यदि कोई भी संगठन इन मानकों को अपनी दिन-प्रतिदिन की प्रक्रिया में लागू करता है, तो उन्हें बेहतर गुणवत्ता के साथ उत्पादन प्राप्त करना चाहिए. ISI मार्क केवल एक उत्पाद को दिया जा सकता है, जहां आईएसओ मानक को किसी भी प्रकार के संगठन में लागू किया जा सकता है, चाहे वह विनिर्माण हो या सेवाएं प्रदान करना हो

ISI Mark क्या है जानिए पूरी जानकारी ?

ISI मार्क के बारे में पता करने के पहले ISI फुल फॉर्म क्या होता है यह जानना बहोत जरूरी है क्यों की ISI Full Form में भी Isi mark की पूरी जानकारी छुपी हुई है जैसे की Indian Standard Institute (भारतीय मानक संस्थान) ISI एक Indian Institute Standards है, जहां पर सामान्य उत्पाद को प्रॉपर तरीके से टेस्ट किया जाता है, याने उन्हें इंजीनियरिंग स्तर पर जाँच किया जाता है यदि आप निर्माता हो याने अगर आप के कंपनी में किसी Product का उत्पादन होता है और आपने ग्राहकों को दिखाया चाहते है की आप के कंपनी में बना Product सुरक्षित है और उसकी गुणवत्ता भी 100% है तो आप को उन Product के सैंपल को भारतीय मानक संस्थान में भेजना होगा जिसके बाद संस्थान में हर मानक तरीके से आप के Product को टेस्ट किया जाएगा और अगर आप का Product सभी टेस्ट में पास होता है तो भारतीय मानक संस्थान के और से आप को आईएसआई मानक प्रमाणीकरण प्रदान किया जाएगा

ISI एक तरह का Certificate है, जो Product के लिए कंपनी को प्रदान किया जाता है. भारत में ऐसी कई सरकारी मानक संस्थान है जो इन Product को सही तरीके से टेस्ट करते हैं.अगर आप इस तरह की कोई भी Product बना रहे हैं और आप दिखाना चाहते हैं कि आपका Product हंड्रेड परसेंट सेफ है तो इसे साबित करने के लिए आपको भारत मानक संस्थान में आवेदन करना होगा इसके बाद वहां पर आपको अपना Product को सबमिट कर देना होगा. भारत मानक संस्थान में आपका Product हर तरह के स्टैंडर्ड से होकर गुजरती है यानी आपके Product को काफीबारीकी से जांचा जाता है और आप का Product भारतीय मानक संस्थान के द्वारा पास हो जाता है और आपके Product के लिए ISI Mark दे दिया जाता है इसी तरह से कुछ कंपनियां करती हैं वह जब भी कोई प्रोडक्ट बनाती है तो अपने Product को क्वालिटी टेस्ट के लिए भारतीय मानक संस्थान में बेच देती हैं और इसके बाद उस प्रोडक्ट की गहराई के जांच होने के बाद कंपनी को इस प्रोडक्ट के लिए ISI MARK का Certificate दे दिया जाता है.

ISI Mark क्या है ?

ISI भारतीय मानक संस्थान के लिए खड़ा है, जब कोई उत्पाद को कोई भी Company production करती है, बनाती है या निर्माण करती है, तो उस प्रोडूक्ट को ISI Mark के लैब में भेजा जाता है और ISI संस्था उस प्रोडक्ट को अच्छी तरह से जाँच कर रही है कि प्रोडूक्ट को उसकी Quality के अनुसार ISIS Mark करें सत्यापित किया जाता है. ISI Mark Verified से लोगों को समान की क्वालिटी पर Self reliance और विश्वास बढ़ता है. लोग बिना सोचे उस समान को use कर सकते हैं. क्योंकि उस तेजू को पहले ही समीक्षा की जा चुकी है. ISI मार्क को आसान शब्दो में ये कहा जा सकता है कि ISI Mark का प्रयोग बेहतर सामानों पर किया जाता है. जो और इसी तरह होता है उसे ISI Mark दिया जाता है. आपको बता दे ISI मार्क अकसार बिजली उपकरण जैसे कि तार (केबल), स्विच, केबल, मोटर, टायर और गैस इत्यादि समान में use किया जाता है. अभी हम हमनें सिखा है ISI Mark क्या है. अब बात करते हैं ISI संस्था के बारे में पूरी जानकारी के बारे में.

ISI चिन्ह भारत की एक विस्वाशियता और प्रमाणीकरण प्रतीक है. ISI का पूरा नाम Indian Standard Instute होता है. जिसे हम हिंदी में भारतीय मानक संस्थान कहते हैं. आपको बता दे कि ISI Mark मतलब प्रोडूक्ट 100% बटल है जो इस्तेमाल के लायक होता है. ऐसी ही एक और क्वालिटी जाँच संस्था है आईएसओ मार्क इसके बारे में भी आपको जल्द ही बताया जाएगा. एक निकाय की स्थापना की गई जब भारत ने Industrial उत्पादन में Quality के विकास और Quality बनाए रखने के लिए आवश्यक मानक बनाने के लिए स्वतंत्रता प्राप्त की, BIS एक महीने के भीतर रिपोर्ट की सत्यता की जांच करने और ISI Mark के उपयोग के लिए लाइसेंस प्रदान करने वाला है.

ISI का इतिहास ?

  • ISI की स्थापना 6 जनवरी, 1947 को हुई थी और जून 1947 में डॉ. लाल सी. वर्मन पहले ISI निदेशक थे.

  • BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) अब ISI के रूप में जाना जाता है. यह उपभोक्ता वस्तुओं और Industrial वस्तुओं के लिए गुणवत्ता का मानक निर्धारित करता है. यह प्रत्येक उत्पाद की गुणवत्ता और standard की पुष्टि करता है और उन्हें प्रमाणन चिह्न देता है.

  • 1986 के कानून द्वारा, BIS को प्रमाणन प्रदान करने की अनुमति है.

  • भारत में बिक्री के लिए Certified वस्तुओं के लिए ISI लेबल अनिवार्य है. कोई भी निर्माण कंपनी जो अपने उत्पाद या सेवा के लिए BIS criteria को पूरा करती है, ISI प्रमाणीकरण के लिए अर्हता प्राप्त कर सकती है.

पाकिस्तान में, आजादी के बाद दो खुफिया सेवाओं को विकसित किया गया था, अर्थात् आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और एमआई (सैन्य खुफिया). इन दो एजेंसियों के निराशाजनक परिणामों के बाद, आईएसआई की स्थापना 1948 में की गई थी ताकि सूचना एकत्र करने और इसे नौसेना, सेना और वायु सेना की सैन्य सेवाओं के बीच आदान-प्रदान किया जा सके. 1950 में ISI ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को सुरक्षित करने और देश के भीतर और बाहर देश की सुरक्षा का काम सौंपा.

नकली आईएसआई मार्क की विशेषताएं ?

कई नकली ISI लेबल वाले आइटम बाजार में उपलब्ध हैं. वे Certified किए बिना उत्पाद पर ISI लेबल का उपयोग करते हैं. इसलिए, सामानों का चयन बहुत सावधान रहना चाहिए. नकली ISI लेबल की अन्य विशेषताएं हैं, जैसे ISI मार्क में अनिवार्य सात अंकों की लाइसेंस संख्या नहीं है. ISI के शीर्ष पर, लेबल एक आईएस नंबर है जो विशिष्ट उत्पाद के लिए भारतीय मानक की संख्या को दर्शाता है.

ISI का एक और पूर्ण रूप भारतीय सांख्यिकी संस्थान है. ISI कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित एक निजी कॉलेज है. मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, तेजपुर में इसकी अन्य शाखाएँ हैं. इसकी स्थापना कोलकाता में प्रोफेसर पी.सी. 17 दिसंबर 1931 को महालनोबिस. ISI ने संसद के 1959 के अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त किया.

आईएसआई मार्क क्या है?

  • ISI का मतलब भारतीय मानक संस्थान है.

  • भारतीय मानक संस्थान भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय था, जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में काम करता था.

  • यह भारत में उपभोक्ता और औद्योगिक वस्तुओं के लिए गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए तैयार था.

  • ISI की स्थापना 6 जनवरी 1947 को हुई थी, जिसे 3 सितंबर 1946 को उद्योग विभाग और आपूर्ति नंबर 1 Std (4) / 45 के संकल्प के तहत स्थापित किया गया था. ISI को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था.

  • यह ISI मार्क नामक एक चिह्न प्रदान करता है जो 1955 से भारत में उत्पादों के लिए एक मानक-अनुपालन चिह्न है.

  • ISI चिह्न उपभोक्ता को एक आश्वासन है कि उत्पाद ISI द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुरूप है.

  • 1 जनवरी 1987 को, भारतीय मानक संस्थान का नाम बदलकर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) कर दिया गया.

  • भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 द्वारा बीआईएस की स्थापना की गई थी, जो 23 दिसंबर 1986 को लागू हुई और भारत की वर्तमान राष्ट्रीय मानक संस्था है.

  • भारत में बिकने वाले कुछ उत्पादों जैसे स्विच, वायरिंग केबल, इलेक्ट्रिक मोटर्स, रसोई के उपकरण आदि और सीमेंट, एलपीजी सिलेंडर, ऑटोमोटिव टायर आदि जैसे अन्य उत्पादों के लिए ISI मार्क अनिवार्य है.

  • हालांकि अधिकांश उत्पादों के लिए, ISI मार्क वैकल्पिक है और अनिवार्य नहीं है.

आईएसआई मार्क और उपभोक्ता शिकायतों का दुरुपयोग -

आईएसआई मार्क वाले उत्पादों की गुणवत्ता के संबंध में किसी भी शिकायत के मामले में, उपभोक्ता बीआईएस के निकटतम कार्यालय से संपर्क कर सकता है. शिकायत प्राप्त होने के बाद, बीआईएस शिकायत के वास्तविक होने की स्थिति में उत्पाद के प्रतिस्थापन / मरम्मत के माध्यम से निवारण प्रदान करता है. उपभोक्ताओं को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए निर्माताओं द्वारा गलत उपायों का पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं. बीआईएस अधिनियम की धारा 33, बीआईएस अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में आईएसआई चिह्न का उपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए दंड का प्रावधान करती है. ऐसा व्यक्ति या तो एक वर्ष के कारावास या रुपये के जुर्माना के साथ दंडनीय होगा. 50,000 या दोनों के साथ.

What is ISI Mark registration?

भारत में बेचे जाने वाले सभी पCertified products के लिए ISI मार्क पंजीकरण अनिवार्य है. यह चिह्न बेहतर गुणवत्ता और उत्पादों की सुरक्षा के लिए है. ISI वाले उत्पादों से संकेत मिलता है कि उत्पाद भारतीय मानक गुणवत्ता के अनुपालन में हैं. अपने उत्पादों पर ISI प्रमाणन प्राप्त करने के माध्यम से, आप अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए पात्र हैं. यदि भारत में बेचे जाने वाले उत्पादों में ISI नहीं है, तो उन उत्पादों को भारत के क्षेत्र में नहीं बेचा जा सकता है.

ISI पंजीकरण का उद्देश्य ?

ISI पंजीकरण का उद्देश्य है निम्न है -

  • किसी भी उत्पाद की गुणवत्ता आश्वासन या अच्छा प्रदान करें;

  • अच्छा खरीदते समय ग्राहक का विश्वास बढ़ाएं;

  • ग्राहक के स्वास्थ्य के लिए एक सुरक्षा प्रदान करें.

Products में ISI mark की value

Products में ISI mark की value क्या है आइये जानते है, अगर कोई भी Company अपने product बाजार में सेल करना चाहती है तो उसे सबसे पहले भारतीय standard संस्थान के द्वारा अपने सभी products की जांच करवानी होती है जिसमे ISI के द्वारा products की quality को चेक किया जाता है, सभी तरीके की जांच के बाद ही products को सेल करने के लिए उस पर ISI का mark लगाया जाता है और उस Company को isi certificate दिया जाता है.

क्या ISI मार्क प्राप्त करना अनिवार्य है?

भारत सरकार, साथ ही भारतीय मानक ब्यूरो, भारत में बेचे जाने वाले कुछ उत्पादों पर ISI प्राप्त करना अनिवार्य बनाता है. उन उत्पादों में विद्युत उपकरण के साथ-साथ औद्योगिक वस्तुएं भी शामिल हैं. हालांकि, सितंबर 2012 से ISI प्रमाणित स्टील उत्पादों और स्टील वस्तुओं के लिए अनिवार्य है.

ISI mark के लाभ ?

ISI मार्क के कई फायदे हैं, ISI के लाभों की सूची नीचे वर्णित है:

  • यह ग्राहक की संतुष्टि को बढ़ाने में मदद करता है.

  • यह उत्पाद के निर्माताओं और मालिकों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है.

  • यदि कोई भी ग्राहक पाता है कि आईएसआई वाला उत्पाद खराब गुणवत्ता का है, तो ग्राहक उत्पाद के निर्माता के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.

  • प्रत्येक ग्राहक के लिए, यह उत्पाद की सर्वोत्तम गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए संभव बनाता है.

  • जहां ग्राहक उत्पाद की गुणवत्ता से असंतुष्ट है, तो उत्पाद बेचने वाली कंपनी एक नए उत्पाद के साथ विनिमय करेगी.

ISI अंकों के साथ सामान्य उत्पाद

  • रसोई गैस सिलेंडर

  • विद्युत उपकरण

  • पैकेज्ड फूड और पीने का पानी

  • थर्मामीटर

  • रसोई के उपकरण और उपकरण

आईएसआई पंजीकरण प्रक्रिया ?

जैसा कि हमने ऊपर भी चर्चा की है, आईएसआई पंजीकरण अनिवार्य है. यदि आप आईएसआई पंजीकरण प्राप्त करने की सोच रहे हैं, तो आपको निम्न चरणों का पालन करना होगा -

उत्पाद कोड चुनें -

सबसे पहले, आपको भारतीय मानक संस्थान में निर्धारित उत्पाद की गुणवत्ता का चयन करना होगा.

अपने उत्पाद के लिए एक ISI मानक कोड की पहचान करें.

आवेदन पत्र भरना -

उत्पाद कोड चुनने के बाद, अगले चरण में, आपको फ़ाइल को पंजीकरण आवेदन पत्र दर्ज करना होगा. (फॉर्म-वी).

आवेदन पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को भरें.

इस चरण में, आपको अपने कारखाने के आधार के प्रमाणीकरण और निरीक्षण के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता है.

कारखाने के निरीक्षण का आधार है -

आवेदन के सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने पर, निरीक्षण दल और सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति कारखाने के परिसर का दौरा करेंगे.

निरीक्षण दल और अधिकृत व्यक्ति कारखाने के आधार और गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे.

निरीक्षण दल आपके उत्पाद के कुछ नमूने लेगा और बीआईएस अनुमोदित प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए अच्छा होगा.

टेस्ट रिपोर्ट लीजिए -

निरीक्षण द्वारा किए गए नमूने की प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करें.

लैप रिपोर्ट बीआईएस को जमा करें.

ISI अंकों का गलत इस्तेमाल

ISI अंकों का गलत इस्तेमाल, भी किया जा सकता है दोस्तों आज के समय में बाजार में नकली ISI निशान के साथ कई उत्पाद पाए जाते हैं. बाजारों में प्रमाणित किए बिना उत्पाद पर ISI के निशान का उपयोग करते हैं. इसलिए, यदि आप products को चुनने के लिए के बाजारों में जाते है, तो वहां पर आप सावधानी रखते हुए products का चुनाव करें.

आईएसआई पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना -

बीआईएस, परीक्षण रिपोर्ट और आवेदन पत्र के उचित सत्यापन के बाद, एक पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करेगा.

RAW और ISI क्या है?

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) भारत की प्राथमिक विदेशी बुद्धिमत्ता है. खुफिया "> इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस निदेशालय (ISI) पाकिस्तान में एक खुफिया एजेंसी है.

ISI का मतलब क्या है?

ISI का मतलब भारतीय मानक संस्थान है ISI चिह्न भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए एक प्रमाणीकरण चिह्न हो सकता है. यह भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे लोकप्रिय और मान्यताप्राप्त प्रमाणन चिह्न है. यह चिह्न यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय मानक संस्थान द्वारा उल्लिखित भारतीय मानकों के अनुरूप माल का कारोबार होता है.

कौन सा बेहतर है आईएसआई या आईएसओ?

मुख्य अंतर: मानकीकरण के लिए विश्व संगठन के लिए लघु आईएसओ, को दुनिया के सबसे बड़े स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के सबसे बड़े डेवलपर के कारण ध्यान में रखा जाता है. भारतीय मानक संस्थान के लिए संक्षिप्त ISI, शायद एक प्रमाणन चिह्न है जो कई भारतीय उत्पादों पर पाया जाता है.

ISI एगमार्क क्या है?

AGMARK का अर्थ कृषि मार्क है. AGMARK चिन्ह सरकार द्वारा जारी और प्रमाणित किया जाता है. भारत का विपणन और निरीक्षण निदेशालय यह कृषि उत्पादों के लिए प्रामाणिक मानकों को प्रमाणित करने के लिए अभ्यस्त है. ISI मार्क का उपयोग यह प्रमाणित करने के लिए किया जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद भारतीय मानकों का पालन करते हैं.

कौन देता है ISI मार्क?

ISI मार्क 1955 के बाद से भारत में औद्योगिक उत्पादों के लिए एक मानक-अनुपालन चिह्न हो सकता है. यह चिह्न प्रमाणित करता है कि एक उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय द्वारा विकसित एक भारतीय मानक (आईएस) के अनुरूप है.